1. महात्मा गाांधी अांतरराष्ट्रीय् हहांदी हिश््िहि्ायय, िधाा
(महाराष्टर)
MAHATMA GANDHI ANTARRASHTRIYA HINDI VISHWAVIDYALAYA
WARDHA, MAHARASHTRA
सांचार्एिां्मीहिया्अध््यय ्ेंद ्र
CENTRE FOR COMMUNICATION & MEDIA
STUDIES
सत्र ्
2014-15
संगोष्ठी पत्र
विषय:- मात्रात्मक एिं गुणात्मक शोध
मार्ग दर्गक प्रस्तुतत
डॉ अख्तर आलम अतमत तमश्रा
सांचार्एिां्मीहिया्अध्यय ्ेंद ्र््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््््एमएससी॰इयेक्ट्रॉह ें्मीहिया
तृतीय्छमाही
2. मात्रात्मक शोध
मात्रात्मक शोध आदेशात्मक होता है। इसमें अभिकल्प प्रारूप
शोध के पहले ही निधाारित हो जाता है तथा इसमें भसद्धान्त
िी पहले ही निधाारित िहते है। मात्रात्मक शोध में परिवताि
शील तत्वों का या चािों का संख्या या मात्रा के आधाि पि
ववश्लेषण ककया जाता है। मात्रात्मक शोध निगमि पद्धनत पि
आधारित होती है यह शोध आंकड़ों पि आधारित होता है औि
इसका निष्कषा िी आंकड़ों द्वािा ही निधाारित होता है। आंकड़ों
के आधाि पि एक िए आंकड़ें को निकालिा ही मात्रात्मक
शोध का उद्देश्य होता है। मात्रात्मक शोध ककसी प्रकाि के
पक्ष या िाव से िहहत िहता है। यह अपेक्षाकृत घटिा औि
परिणाम या प्रिाव के बीच संबन्धों पि केंहित होता है औि
किया औि प्रनतकिया,घटिा औि परिणाम या प्रयोजि औि
प्रिाव से जुड़ा हुआ होता है ।
निगमिात्मक ससद्धान्त:- यह पूवा निभमात भसद्धान्त
होता है। सामान्य सत्य से तका द्वािा अज्ञात सत्य को
प्रामाणणत ककया जाता है प्रायः ज्ञात सत्यों के आधाि पि
अज्ञात सत्य का निगमि होता है (अिस्तू)
3. गुणात्मक शोध
गुणात्मक शोध का उद्देश्य मािवीय व्यवहाि औि ऐसे
व्यवहाि को शाभसत कििे वाले कािणों को गहिाई से समझिा
है। गुणात्मक ववधध केवल क्या, कहां, कब की छािबीि किती
है, बल्ल्क क्यों और कैसे को िी खोजती है। इसभलए, बड़े िमूिों
की बजाय अक्सि छोटे पि संकेंहित िमूिों की ज़रूित होती
है। गुणात्मक शोध निदेशि से काया किता है। गुणात्मक शोध
में आमतौि पि अभिकल्प का प्रयोग िहीं किते , यह ववकल्प
खुले िखते है। गुणात्मक शोध बहुत लचीला होता है तथा
चयि में अधधक स्वतंत्र िहता है इस शोध में चिों का उिकें
गुणों के आधाि पि ववशलेषण होता है। गुणात्मक शोध,
मात्रात्मकता के स्थाि पि व्यल्क्तगत अिुिवों औि ववशलेषण
पि जोि देता है गुणात्मक शोध में शोध के निष्कषा में िाव
एवं पक्ष को स्थाि हदया जाता है यह कािण का ववश्लेषण
औि सत्यापि किता है, गुणात्मक पक्ष को िापिे के भलए
मुख्य िीनतयों, व्यवल्स्थत शखंृला संबंध प्रमापि औि संकेतकों
के आधाि पि वगीकिण किते है। मािव व्यवहाि को गणणत
के सूत्रों में िहीं बााँधा जा सकता। इस मत के अिुसाि,
प्राकृनतक ववज्ञािों के ववकास में इतिा महत्वपूणा योगदाि
देिेवाला गणणत, सामाल्जक अिुसंधाि में आवश्यक िूभमका
िहीं िखता। सिल शब्दों में - गुणात्मक से तात्पया है गैि
संख्यात्मक डेटा संग्रहण या ग्राफ़ या डेटा स्रोत की ववशेषताओं
4. पि आधारित स्पष्टीकिण. उदाहिण के भलए, यहद आपसे
ववववध िंगों में प्रदभशात थमाल छवव को गुणात्मक दृल्ष्ट से
समझािे के भलए कहा जाता है, तो आप ताप के संख्यात्मक
माि के बजाय िंगों के िेदों की व्याख्या कििे लगेंगे.)
आगमि ससद्धान्त:- ककसी वस्तु या प्रकिया में जो वस्तु
या प्रमाण भमलते है, उिका नििीक्षण ककया जाता है औि इस
तिह अिेक सामाि वस्तुओं औि प्रकियाओं (प्रोसेस) में
परिलक्षक्षत ववशेष तत्वों के आधाि पि समान्य भसद्धान्त
बिाये जाते है।
मात्रात्मक डेटा संग्रहण:-
मात्रात्मक शोध में मात्रा या सांख्यकीय में सूचिा होती है। यह
सवेक्षण, स्रक्चडा इंटिव्यु, ऑब्जिवेशि, रिकार्डास औि रिपोर्टास के
रिव्यु का डेटा संग्रहण होता हैं ।
गुणात्मक डेटा संग्रहण:-
गुणात्मक शोधकताा डेटा संग्रहण के भलए कई अलग दृल्ष्टकोण
अपिा सकते हैं, जैसे कक बुनियादी भसद्धांत अभ्यास, आख्याि,
कहािी सुिािा, शास्त्रीय िृवंशववज्ञाि या प्रनतच्छाया. काया-
अिुसंधाि या कायाकताा-िेटवका भसद्धांत जैसे अन्य
सुव्यवल्स्थत दृल्ष्टकोण में िी गुणात्मक ववधधयां भशधथल रूप
से मौजूद िहती हैं। संग्रहहत डेटा प्रारूप में साक्षात्काि औि
5. सामूहहक चचााएं, प्रेक्षण औि प्रनतबबबंबत फील्ड िोर्टस, ववभिन्ि
पाठ, धचत्र औि अन्य सामग्री शाभमल कि सकते हैं।
निगमि
आगमि
निगमि पद्धनत ससद्धांत केन्द्न्ित है आगमि पद्धनत िास्तु केन्द्न्ित है
निगमि पद्धनत में सामान्य ससद्धांत से विशेष तथ्य
की ओर जाकर उसके गुणों का पररक्षण ककया जाता है
आगमि पद्धनत में विशेष िस्तुओं के गुणों के आधार
पर सामान्य ससद्धांत बिाये जाते हैं
निगमि पद्धनत में कुछ अिुमाि से काम सिया जाता
है
आगमि पद्धनत में केिि तथ्यों को आधार बिाया
जाता है
निगमि पद्धनत में सैद्धांनतक कथि के रूप को
आधार माि कर अन्य तत्िों की सत्यता को प्रमाणणत
या अप्रमाणण ककया जाता है
आगमि पद्धनत में िस्तुओं का पररक्षण कर निणणयों
पर पहुुँचा जाता है
मात्रातमक एिं गुणात्मक शोध का महत्ि
पररमाणात्मक या मात्रात्मक शोध गुणात्मक शोध
मात्रात्मक शोध मात्रात्मक या सांख्यकीय सूचिाओं पर
आधाररत होता है। यह सिेक्षण, स्रक्चडण इंटरव्यु, ऑब्जरिेशि,
ररकार्डणस और ररपोर्टणस के ररव्यु पर आधाररत होता है।
गुणात्मक शोध फोकस ग्रुप, गहि साक्षात्कार, इंटरव्यु
और डाक्यूमेंर्टस के ररव्यु पर आधाररत होता है।
मात्रात्मक शोध के अंतगणत मुख्यतः डडडकटटि मेथड (प्रकिया)
का प्रयोग ककया जाता है।
इसका उपयोग पूिण निधाणररत या पूिण स्थावपत कांसेप्ट या
कंस्रक्ट, या हाइपोथथससस के पररक्षण के सिए ककया जाता है,
न्द्जससे स्पेससफाइड थ्योरी (ससद्धांतों) का निमाणण होता है।
गुणात्मक शोध के अंतगणत मुख्यतः इन्डकटटभ मेथड
(प्रकिया) का प्रयोग ककया जाता है।
इसका उपयोग थ्योरी और हाइपोथथससस (ससद्धांतों और
प्राक्कथि) के निमाणण के सिए ककया जाता है।
6. मात्रात्मक शोध ज्यादातर ऑब्जेन्द्क्टि (िस्तुनिष्ठ) होता है। यह
ककसी भी न्द्स्थनत या समस्या के स्पष्ट टदखिे िािे प्रभाि या
पररणाम का िणणि होता है।
इसके अंतगणत शोध से सम्बद्ध समस्या या न्द्स्थनत के प्रभाि
या पररणाम स्पष्ट दृन्द्ष्टगत होते हैं।
गुणात्मक शोध ज्यादातर सब्जेन्द्क्टि (विषयनिष्ठ) होता
है।
इसके अंतगणत ककसी समस्या या न्द्स्थनत का िणणि
करिा शोधकताण (जो इि समस्याओं से सम्बद्ध हो) के
दृन्द्ष्टकोण पर निभणर करता है।
मात्रात्मक शोध संख्यात्मक (संख्या आधाररत) होता है।
गुणात्मक शोध गुणात्मक या िणणिात्मक (िणणि
आधाररत) होता है।
मात्रात्मक शोध में प्रयोग के सांख्यकीय पररक्षण (स्टैटटन्द्स्टकि
टेस्ट) और सांख्यकीय विश्िेषण की सम्भाििा होती है।
गुणात्मक शोध में ककसी भी सांख्यकीय पररक्षण की
सम्भाििा िहीं होती है।
मात्रात्मक शोध के अंतगणत गहि या कम गहि परन्तु
अथधकाथधक विषयों से सम्बंथधत अथधक विस्तृत जािकारी
प्राप्त होती है।
गुणात्मक शोध के अंतगणत कुछ विषयों पर ज्यादा
विस्तृत जािकारी प्राप्त होती है।(विशद ज्ञाि)
मात्रात्मक शोध के अंतगणत निन्द्श्चत प्रनतउत्तर का विकल्प होता
है।
गुणात्मक शोध के अंतगणत अि-स्रक्चडण और सेमी-
स्रक्चडण ररस्पांस के कारण उत्तर के बबविध विकल्प
होते हैं।
मात्रात्मक शोध के अंतगणत शोध के पररणाम की िैधता और
विश्िसिीयता प्रयुक्त तकनिक (यंत्रों और मापक) पर निभणर
करता है।
गुणात्मक शोध के अंतगणत शोध के पररणाम की िैधता
और विश्िसिीयता शोधकताण के प्रयास और पररश्रम पर
निभणर करती है।
मात्रात्मक शोध में पररयोजिा के स्तर पर अथधक समय की
आिश्यकता होती है परन्तु विश्िेषण में कम समय की
आिश्यकता होती है।
गुणात्मक शोध में पररयोजिा के स्तर पर कम समय
की आिश्यकता होती है परन्तु विश्िेषण में अथधक
समय की आिश्यकता होती है।
मात्रात्मक शोध में सामान्यीकरण की सम्भाििा अथधक होती
है।
गुणात्मक शोध में सामान्यीकरण की सम्भाििा कम है
होती है।
7. निष्कषण
मात्रात्मक शोध एक प्रकाि से समस्या को बाह्य दृल्ष्ट से हमािे
सामिे लाता है तो वही गुणात्मक शोध उसी समस्या को ववस्ताि
से जाििे में मदत किता है। मात्रात्मक शोध में समस्या को
संक्षक्षप्त औि आंकड़ों में पता लगाते है गुणात्मक शोध में उसी
समस्या को ववस्ताि से हम जािते है। अधधकांश जो मात्रात्मक
अध्ययि होते है उिका एक ही प्रश्ि होता है ऐसा क्यूाँ है। काया
कािण का संबंध स्थावपत कििा। मगि गुणात्मक अध्ययि का
उद्देशय होता है। क्या, कब औि कैसे गुणात्मक शोध में एक
पूिी प्रकिया का अध्ययि ककया जाता है,गुणात्मक एक
आपेक्षाकृत, अधधक व्यापक, अधधक संवेदिा वाली दृल्ष्ट है इसमें
पूिी घटिा का िम पता चलता है, औि िये ज्ञाि की प्राल्प्त
होती है। मगि मात्रात्मक शोध में हम प्राप्त ज्ञाि की जांच किते
है। इसमें प्राक्कल्पिा का निमााण पहले ही बिा होता है। दोिों
का अपिे-अपिे क्षेत्र में अपिा अलग-अलग महत्व होता है
मात्रात्मक शोध समस्या को उजागि किती है तथा गुणात्मक
शोध में समस्या का ववस्ताि से अध्ययि होता है।
8. संदभण ग्रंथ
{राम आहूजा} सामान्द्जक अिुसंधाि से .....
{इं॰गां॰रा॰मु॰वि॰} शोध पध्दनतयाुँ और विथधयाुँ....
प्रो॰थगरीश्िर समश्र(कुिपनत) के व्याखाि से ......
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