2. Means ‘to wash’
मुखद्वार से मलद्वार
(संपूर्ण पचन मार्ण)
Alimentary canal,
inner walls of
stomach, intestines
and bowel
Ears, forehead and
teeth
3. प्र ार उपप्र ार
• आं र धौत १. वा सार २. वाररसार ३. वतहिसार (अतननसार )
४. बतिस् ृ म्
• दं धौत १.दं मूल २. तिव्िामूल
३. र्णरंध्र ४. पालरंध्र
• हृद धौत १. वमन २. वस्त्र ३. दंड ४. व्याघ्र रर्ी
५. र्ि रर्ी
• मूलशोधन / र्र्ेशतिया
अह धौत दणह धौत हृणद्धौत मूणलशोधनम्
धौत ं च ुतवणधां ृ त्वा घटं ु वणह ु तनमणलम् घे.सं.१.१३
4. फ़ – पचन – उत्सिणन
१. ा ी मुद्रा २. वायु भक्षर् – ३० से ३५ बार
३. नौली चालन ४. तवसिणन (मुख से या र्ुदा द्वार से)
लाभ –
१. दूति वायुओं ा तवसिणन, hyperacidity, heartburn
२. पचन और उत्सिणन तिया में सुधार
३. फ़ और तपत्त े रोर्ों ा तनवारर्
४. आलस्य में मी, उत्साि बढ़ ा िै
Contra: Heart attack in the past २-३ years, or surgery
5. आं रधौत : २. वाररसार (शंख प्रक्षालन)
ाया ल्प
वारर = पानी, सार = आर्े सर ाना
शुतद्ध – मुखमार्ण से मलमार्ण
र्ुनर्ुना पानी – २ तर्लास – नौलीचालन / मयूरासन
तव ल्प: ाड़ासन, त यण ाड़ासन, टी चिासन,
त यण भुिंर्ासन, उदरा िणर् ( ौआचाल)
वर्जयण
ह्रदय और त डनी दोि
उच्च रक्तचाप
मेडी ल ं डीशन
र्भाणवस्था
6. आं रधौत : २. वाररसार (शंख प्रक्षालन)
ाया ल्प
लाभ
१. अपचन, ब्ज़, मलावरोध, र्ैस से छुट ारा
२. बवासीर, नासूर, अं तडयों ी शुतद्ध े तलए उपयुक्त
३. मधुमेि पर उपचार
४. आं े में मौिूद वर्मसण से छुट ारा
५. प्रसहन आत्मेंतद्रय मन:
६. शरीर - तदव्य प्रत भावान ेिस्वी िल ा बन ा िै
7. ेि त्त्व (Usage of Fire Element). Practice after
mastering Uddiyan
Technique: Flapping of Abdominal muscles 10-15 to
100times after exhalation and holding breath
Benefits (लाभ):
Gives nice massage to Liver, Spleen, Pancreas,
Stomach
Improves Appetite, Digestion, Excretion, Constipated
state, Weight management and Reproductive
functions
Contra-indications (वर्जयण) :
High BP, Hernia, Pregnancy, Menstruation, Cronic
Ailments
8. वा सार िैसी ृ त
कृति: मुख से वायु का उदर में पान करे, तिर उस वायु को डेढ़ घंटे िक पेट मे
धारण तकये रहे । ित्पश्चाि् गुदामागग द्वारा बाहर तनका दे ।
लाभ:
◦ वा सार और वाररसार े िैसे िी त ं ु अतध मा्र में
अतननसार / वतहिसार धौत
9. सामग्री - खैर का रस, वस्त्र से छन्नी तमट्टी / राख / मंजन, दािून (नीम या बबू
का), तिि ा चूणग, टूथपेस्ट
तिया – १. दााँिों को तघसना - दााँिों की सिाई
२. दोहन – िजगनी या अंगूठे की मदद से मसूड़ों की मात करना
ाभ:
१. दांि और मसूड़े साि और सुदृढ़ बनिे हैं
२. मसूड़ों में रक्तातभसरण सुधरिा है
३. अन्नपचन में मददगार
४. दााँिो में जंिुओ का प्रभाव / िै ाव कम होिा है
10. जीभ और इसकी जड़ की सिाई
तिया – १. मातलश - िजगनी, मध्यमा और अनातमका की मदद से
जीभ की जड़ िक मात करे
२. दोिन – अंर्ूठे और िणनी ी मदद से
लाभ
१. िीभ लचीली बन ी िै
२. पचन में सुधार
३. खेचरी मुद्रा ी ैयारी
४. अलंबुधा और सरस्व ी नातड़यों ी शुतद्ध
11. िणनी और तनष्ठ ी मदद से
लाभ
१. बािरी ानों ी शुतद्ध
२. नादानुसंधान
३. यशतस्वनी और पूिा नातड़यों ी शुतद्ध
12. पाल = forehead / ललाट, रंध्र = र्ुिा
ृ त – मृदु ालु ा अंर्ठे से मदणन / मातलश
लाभ –
१. फ़दोि से मुतक्त
२. ज्ञान ं ु उत्तेति
३. अलंबुधा और सरस्व ी नातड़यों ी शुतद्ध
13. वमन
नैसतर्ण
आपोआप
प्रयत्नपूवण
वायु िल
(ANS) अनैतच्छ मर्जिासंस्था पर तनयं्र र्
नैसतर्ण वमन: संवेदना मतत स् से
आं्र लिर: Peristaltic Movement
प्रत आं्र लिर: Anti Peristaltic Movement
14. वर्जयण:
◦ उच्च रक्तचाप (उतच देखभाल र े )
◦ हृदयरोर्, टी.बी.
◦ ितनणया
◦आंखों ी लीफ े साथ मधुमेि
लाभ
◦ मनोतनयं्र र्
◦ तपत्त और फ़ दोि से मुतक्त
◦ पचन में सुधार, बद्ध ोष्ट ा में मी
15. अल्पश्रमी सायफन े त्त्व
पारर्मपरर पद्धत : े ल, बे , िल्दी े दण्ड, वट वृक्ष ी िटा
ृ त : १ से.मी. मोटी, और ८० से.मी. लंबी रबर नली
लाभ:
१. वमन धौत े सभी लाभ
२. दमा िैसे रोर्ों पर उपचार
16. मलमल ा वस्त्र ४ उंर्ली (८ से.मी.) चौड़ा , १५
िाथ (७ मीटर) लंबा
३ सोपान में ृ त रें |
◦ वस्त्र तनर्लना
◦ नौली, उड्तडयान तिया
◦ वस्त्र धीरे धीरे बािर तन ालना