2. वर्णमाला को निम्िाककत ववभागों में ववभाजित ककया िा सकता है।
• स्वर- स्वर (vowel) उि ध्वनियों को कहते हैं िो बििा ककसी अन्य वर्ों की सहायता के उच्चाररत ककये िाते हैं।
• व्यंिि-जिि वर्ों के पूर्ण उच्चारर् के ललए स्वरों की सहायता ली िाती है वे व्यंिि कहलाते हैं।
• संयुक्त स्वर-लभन्ि-लभन्ि स्वरों के मेल से िो स्वर उत्पन्ि होता है, उसे संयुक्त स्वर कहते हैं।
• अिुस्वार- अिुस्वार और अिुिालसक व्यंििों के समाि चंद्रबिंदु कोई स्वतंत्रा वर्ण िहीं है; वह के वल अिुिालसक स्वर
• का चचद्द है। अिुिालसक व्यंििों को कोई कोई िालसक्य और अिुिालसक स्वरों को के वल ‘अिुिालसक’ कहते हैं।
• ववसगण (ः ) कं ठ्य वर्ण है। इसके उच्चारर् में ह के उच्चारर् को एक झटका सा देकर श्वास को मुुँह से एकदम छोड़ते
• हैं। अिुस्वार वा अिुिालसक के समाि ववसगण का उच्चारर् भी ककसी स्वर के पश्चात ् होता है। यह हकार की अपेक्षा कु छ धीमा िोला िाता है;
• िैसे दु ख, अंत करर् ।
• चंद्रबिंदु - अिुस्वार और अिुिालसक व्यंििों के समाि चंद्रबिंदु कोई स्वतंत्रा वर्ण िहीं है; वह के वल अिुिालसक स्वर का चचद्द है। अिुिालसक व्यंििों को कोई कोई
िालसक्य और अिुिालसक स्वरों को के वल ‘अिुिालसक’ कहते हैं। कभी कभी यह शब्द चंद्रबिंदु का पयाणयवाचक भी होता है।
• अधणचंद्र - उदूण और अुँगरेिी के कु छ अक्षरों का उच्चारर् ददखािे के ललए, अ, आ, इ, उ आदद स्वरों के साथ बिंदी और अधणचंद्र लगाते हैं; िैसेμइल्म, उम्र, लॉर्ण।
• हल चचन्ह - ˎ दहंदी में अंत्य का उच्चारर् प्राय हल के समाि होता है ।
• आगत व्यंिि - िुक्ते वाले वर्ण