1. Coffin, Walter, and Brisebois 1
BIT MORE, KEDAL, RANCHI
SUBJECT- E.P.C-3
P.P.T ON- Satellite Communication
SUBJECTED TO:-
ASS. PROF. VINITA KONGARI
M.M. B.E.d. COLLEGE
KEDAL, RANCHI
SUBJECTED BY:-
Name :- Anita Kumari
Roll No :- 49
Session :- 2016 - 18
2. सम्प्रेषण शिक्षा की रीढ की हडडी है शिना
सम्प्रेषण क
े शिक्षा और शिक्षण दोनोों की
सम्प्रेषण िब्द अोंग्रेजी क
े communication
का शहन्दी रूपान्तर है
इस िब्द की उत्पशि लैशिन भाषा क
े िब्द
कम्युनीस से मानी जािी है कम्युनीस िब्द
का अशभप्राय है – ‘ कामन या सामान्य अि:
कहा जा सकिा है की सम्प्रेषणएक ऐसी
प्रशकया है शजसमें व्यक्ति परस्पर सामान्य
अविोध (ज्ञान) क
े माध्यम से आदान – प्रदान
करने का प्रयास करिे हैं I
3. सम्प्रेषण का अर्थ है परस्पर सूचनाओों िर्ा
शवचारोों का आदान- प्रदान करना दुसरे िब्दोों
में, सम्प्रेषण एक ऐसी प्रशकया हैं शजसमें
व्यशकि अपने ज्ञान, हाव – भाव मुख- प्रदान
करिे हैं िर्ा इस प्रकार से प्राप्त शवचारोों
अर्वा सोंदेिोों को समान िर्ा सही अर्थ में
समझने और प्रेषण करने में उपयोग करिे हैं
I
4. 1. सम्प्रेषण एक गत्यात्मक प्रशकया है
शजसमें व्यक्ति चेिन िर्ा अर्वा अचेिन
िर्ा दू सरोों क
े सोंज्ञानात्मक ढााँचे को
सोंक
े शिक रूप में उपकरणोों या साधनोों
द्रारा प्रभाशवि करिा है
2. एडगर डेल क
े अनुसार:-
“सम्प्रेषण शवचार – शवशनमय क
े मूड में
शवचारोों िर्ा भावनाओों को परस्पर
जानने िर्ा समझने की प्रशिया हैं “
Communication is the sharing of
ideas and feelings in a mood of
mutuality
5. 1. सम्प्रेषण एक पारस्पररक सोंिोंध स्र्ाशपि करने की एक
प्रशकया है I
2. इसमें शवचार- शवमिथ िर्ा शवचार- शवशनमय पर शविेष ध्यान
शदया जािा है
3. यह शदद्वाही (Two- way) प्रशिया है अर्ाथि् इसमें दो पक्ष
होिे है एक सन्देि देने वाला िर्ा दू सरा सोंदेि ग्रहण करने
वाला
4. सम्प्रेषण प्रशिया एक उद्देश्य युि प्रशिया होिी है
5. सम्प्रेषण में मनोवैज्ञाशनक – सामशजक पक्ष (जैसे – शवचार
सोंवेदनाएाँ भावनाएाँ िर्ा सोंवेि) समावेंशिि होिे है I
6. 1. सूचना प्रदान करना
2. शनदेि अर्वा आदेि या
सोंदेि प्रसाररि करना
3. परस्पर शवश्वास जाग्रि
करना
4. समन्वय स्र्ाशपि करना
7. सम्प्रेषण एक सामशजक प्रशिया है शजसक
े द्रारा मानवीय
सोंिोंध स्र्ाशपि होिे है द्दढ होिे है िर्ा शवकशसि होिे है
8. 1. िाक्तब्दक सम्प्रेषण (Verbal Communication)
िाक्तब्दक सम्प्रेषण में सदैव भाषा का प्रयोग शकया जािा है यह
सम्प्रेषण मौक्तखक रूप में वाणी द्रारा िर्ा दू सरोों क
े समक्ष प्रस्तुि
शकया जािा हैं
2. अिाक्तब्दक सम्प्रेषण (Non – Verbal Communication)
अिाक्तब्दक सम्प्रेषण में भाषा का प्रयोग नहीों शकया जािा हैं इसमें
वाणी सोंक
े ि चक्षु सम्पक
थ िर्ा मुख मुद्राओों क
े प्रयोग एों व स्पिथ
सोंपक
थ आशद प्रमुख प्रकार क
े सम्प्रेषण होिे है
3. शैक्षिक सम्प्रेषण (Educational Communication)
िैशक्षक सम्प्रेषण से िात्पयथ िैशक्षक उद्देश्योों की प्राक्तप्त क
े शलए
शकये गए सम्प्रेषण से होिा है
शिक्षक – छात्र – पाठय वस्तु
सोंदेि वाहक सोंदेि ग्रहण करने वाला सोंदेि
9. 1.िोर
2.भाषा
3.पूवथ अनुभव
4.सोंवेि िर्ा भावनाएाँ
5.पाररक्तस्र्शिक सोंदभथ
सम्प्रेषण में बाधाओं पर क्षिजय
Overcoming barriers in communication
1. यर्ासम्भव सरल, सुिोध िर्ा स्पष्ट भाषा का प्रयोग करना
चाशहए
2. एक सार् अनेक चैनलोों का प्रयोग शकया जा सकिा है I
3. प्रशिपुष्ठी की सही व्यवस्र्ा की जानी चाशहए I
4. सुनने की अच्छी आदि डालनी चाशहए I
10. दी सैिेलाइि अनुदेिन िेलीशवजन एक्सपेरीमेंि (SITE)
भारि सरकार द्रारा शकया गया एक िड़े स्तर का
प्रयोग र्ा शजसका उद्देश्य र्ा सैिेलाइि को अनुदेशिक
उद्देश्योों की प्राक्तप्त से जोड़ना. अगस्त 1975-76 िक
दू रदिथन इक्तिया िेलीशवजन अर्ोररिी क
े सार्
शमलकर इक्तिया स्पेि ररसचथ सोंगठन (ISRO) ने एक
सैिेलाइि क
े माध्यम से अनुदेिन िेलीशवजन प्रोग्राम
प्रसाररि शकया I
पहला क
ृ शत्रम उपग्रह सोशवयि स्पुिशनक 1(1957
ई.) र्ा I