आदरणीय भाइयों एवं बहनों! श्री रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कहा था ‘यदि भारत को समझना है तो स्वामी विवेकानंद को समझना होगा|’ ऐसा मैंने अपने जीवन में अनुभव भी किया | जो स्वामी विवेकानंदजी के जीवन को समझ गया वह उच्च कोटी के व्यक्तित्व के सूत्रों को समझ जायेगा, विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त करना सीख जायेगा, भारत की दशा–दिशा को समझ जायेगा तथा गुरु को समझ जायेगा | ऐसे महान व्यक्तित्व की जीवन-तत्व मीमांसा जब आप सुनेंगे तो आपको अपने जीवन के उद्देश्य को समझ जायेंगे| अतः मेरा व्यक्तिगत निमंत्रण स्वीकार करें और इस कार्यक्रम में अवश्य पधारें| “एक स्वामी की कहानी”, दिनांक: 4 जुलाई2015 || दोपहर 2.30 || स्थान: प्यारेलाल भवन, आई.टी.ओ, नई दिल्ली | *आप 4 जुलाई 2015 अपने पूरे जीवन भर भूल नहीं पायेंगे |