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भारतीय संविधान(Constitution of India)
• भारतीय संविधान दुवनया का सबसे लंबा वलखित संविधान है विसमें 25 भाग ं
और 12 अनुसूविय ं में 449 अनुच्छे द शावमल हैं और क
ु ल 101 बार संश वधत
वकया गया है। यह देश का सिोच्च कानून है और यह मौवलक अवधकार,
वनदेश वसद्ांत, नागररक ं क
े मौवलक कततव् ं क स्थावित करते समय मौवलक
रािनीवतक संवहता, संरिना, प्रवियाओं, शखिय ं और सरकारी संस्थान ं क
े
कततव् ं का वनधातरण करने िाले ढांिे क प्रस्तुत करता है।
•
संविधान क्या है?
• संविधान एक वलखित दस्तािेि है विसमें सरकार क
े वलए वनयम ं का एक सेट
ह ता है। यह सरकार क
े ढांिे, प्रवियाओं, शखिय ं और कततव् ं की स्थािना
क
े मौवलक रािनीवतक वसद्ांत ं क िररभावित करता है। यह श िण क
र कने और ल ग ं क
े क
ु छ अवधकार ं की गारंटी क
े वलए सरकार की शखि क
सीवमत करता है। संविधान शब्द वकसी भी समग्र कानून िर लागू वकया िा
सकता है ि सरकार क
े कामकाि क िररभावित करता है।
ऐवतहावसक पृष्ठभूवि -
• डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान क तैयार करने क
े वलए 29
अगस्त 1947 क संविधान सभा द्वारा एक आलेिन सवमवत की स्थािना की गई थी। 165
वदन ं की अिवध में ग्यारह सत्र आय वित संविधान क
े आलेिन क
े वलए लगभग तीन साल
लग गए। भारत का संविधान उदार ल कतंत्र क
े वसद्ांत ं की रूिरेिा में िविमी कानूनी
िरंिराओं से बडे िैमाने िर आकवितत है। यह एक वनिले और ऊिरी सदन क
े साथ एक
विवटश संसदीय िैटनत का िालन करता है। यह क
ु छ मौवलक अवधकार ं का प्रतीक है ि
संयुि राज्य संविधान द्वारा घ वित विधेयक क
े समान हैं। यह संयुि राज्य अमेररका से
सुप्रीम क टत की अिधारणा का भी सन्दभत लेता है।
भारतीय संविधान क 26 निंबर 1949 क भारत की संविधान सभा द्वारा अिनाया गया था
और इसे 26 िनिरी 1950 क प्रभािी बनाया गया था विसे गणतंत्र वदिस क
े रूि में
मनाया िाता है। संविधान ने भारत सरकार क
े अवधवनयम, 1935 क देश क
े मौवलक
शासी दस्तािेि क
े रूि में बदल वदया, और भारत का ड वमवनयन भारत गणराज्य बन
गया। संिैधावनक स्वायत्तता (बाहरी कानूनी या रािनीवतक शखि से संिैधावनक राष्ट्र िाद
क लागू करने की प्रविया) सुवनवित करने क
े वलए, इसक
े वनमातताओं ने भारतीय संविधान
क
े अनुच्छे द 395 क लागू करक
े विवटश संसद क
े िूित कानून ं क वनरस्त कर वदया।
अन्य संविधान से संदभभ-
• अन्य संविधान ं क
े संदभत भारतीय संविधान क
े वनमातताओं ने विवभन्न देश ं क
े
संविधान ं से संदभत वलया है। उन देश ं से वलए गए संदभों की एक सूिी नीिे दी गई
है:
• विवटश संविधान
• सरकार का संसदीय रूि
• एकल नागररकता का वििार
• कानून क
े वनयम का वििार
• अध्यक्ष और उनकी भूवमका संस्थान
• कानून बनाने की प्रविया
यूनाइटेड स्टेट्स संविधान-
•मौवलक अवधकार ं का िाटतर, ि संयुि राज्य विधेयक क
े अवधकार क
े समान है
•सरकार की संघीय संरिना
•न्यावयक समीक्षा की शखि और न्यायिावलका की स्वतंत्रता
आयररश संविधान-
• राज्य नीवत क
े वनदेश वसद्ांत ं का संिैधावनक घ िणा
फ्र
ें च संविधान-
• वलबटी, समानता, और बंधुता क
े आदशत
क
ै नेवडयन संविधान-
•सरकार का एक अधत-संघीय रूि (एक मिबूत क
ें द्र सरकार क
े साथ एक संघीय प्रणाली)
•अिवशष्ट् शखिय ं का वििार
ऑस्टरेवियाई संविधान-
•समिती सूिी का वििार
•देश क
े भीतर और राज्य ं क
े बीि व्ािार और िावणज्य की स्वतंत्रता
सोवियत संविधान-
•य िना आय ग और िांि साल की य िनाएं
•मौवलक कततव् ं
िौविक कतभव्ों-
उद्देवशका में क
ु छ मौवलक मूल् ं और मागतदशतक वसद्ांत ं िर प्रकाश डाला गया है विन िर भारत का संविधान
आधाररत है। यह संविधान क
े साथ-साथ न्यायाधीश ं क
े वलए मागतदशतक प्रकाश क
े रूि में कायत करता है ि
संविधान की व्ाख्या अिने प्रकाश में करते हैं। उद्देवशका क
े शुरुआती क
ु छ शब्द - "हम, ल ग" - यह दशातता है
वक सत्ता भारत क
े ल ग ं क
े हाथ ं में वनवहत है। उद्देवशका वनम्नानुसार है:
“हम, भारत क
े ल ग, भारत क एक संिूणत प्रभुत्वसंिन्न समाििादी िंथवनरिेक्ष ल कतंत्रात्मक गणराज्य बनाने क
े
वलए, तथा उसक
े समस्त नागररक ं क :
सामाविक, आवथतक और रािनैवतक न्याय, वििार, अवभव्खि, विश्वास, धमत और उिासना की स्वतंत्रता, प्रवतष्ठा
और अिसर की समता, प्राप्त कराने क
े वलए,
तथा उन सबमें,
व्खि की गररमा और राष्ट्र की एकता और अिंडता सुवनवित कराने िाली, बंधुता बढाने क
े वलए,
दृढ संकल्प ह कर अिनी संविधानसभा में आि तारीि 26 निम्बर 1949 ईस्वी (वमवत मागतशीित शुक्ल सप्तमी,
संित द हिार छह वििमी) क एतद् द्वारा इस संविधान क अंगीक
ृ त, अवधवनयवमत और आत्मावितत करते हैं।
प्रारंभ में, प्रस्ताि भारत क
े संविधान का वहस्सा नहीं था, लेवकन सिोच्च न्यायालय, क
े रलिन भारती बनाम क
े रल
राज्य क
े मामले में यह संविधान का अस्पष्ट् क्षेत्र ं की व्ाख्या करने क
े वलए आिश्यक संविधान का वहस्सा बन
गया।“
उद्देवशका क
े क
ु छ शब्ों का अर्भ-
• संप्रभु – इसका मतलब सिोच्च या स्वतंत्र है। प्रस्तािना भारत गणराज्य क आंतररक रूि से और बाहरी
रूि से द न ं क
े रूि में घ वित करता है। बाहरी रूि से यह वकसी भी विदेशी शखि से मुि है और
आंतररक रूि से यह ल ग ं द्वारा सीधे िुने गए स्वतंत्र सरकार का उिय ग करता है और ल ग ं क वनयंवत्रत
करने िाले कानून बनाता है।
सिाजिादी – शब्द 1976 क
े 42िें संश धन अवधवनयम द्वारा ि डा गया था। इसका अथत सामाविक और
आवथतक समानता है। सामाविक समानता का मतलब िावत, रंग, िंथ, वलंग, धमत, भािा इत्यावद क
े आधार िर
क ई भेदभाि नहीं है। प्रत्येक व्खि क समान खस्थवत और अिसर वमलते हैं। आवथतक समानता से इसका
मतलब है वक सरकार धन क
े समान वितरण क
े वलए प्रयास करेगी और सभी क
े वलए एक सभ्य मानक प्रदान
करेगी, इसवलए कल्ाणकारी राज्य बनाने में प्रवतबद्ता ह गी। अस्पृश्यता और ज़वमंदारी क
े उन्मूलन, समान
मिदू री अवधवनयम और बाल श्रम वनिेध अवधवनयम इस संदभत में सरकार द्वारा उठाए गए क
ु छ कदम थे।
धिभवनरपेक्ष – शब्द 1976 क
े 42िें संश धन अवधवनयम द्वारा डाला गया था। धमतवनरिेक्ष सभी धमों और धावमतक
सवहष्णुता की समानता का तात्पयत है। भारत में वकसी भी राज्य का आवधकाररक राज्य धमत नहीं है। क ई भी
अिनी िसंद क
े वकसी भी धमत का प्रिार, अभ्यास और प्रसार कर सकता है। कानून की आंि ं में, सभी नागररक
अिनी धावमतक मान्यताओं क
े बाििूद बराबर हैं। सरकारी स्क
ू ल ं या सरकारी सहायता प्राप्त स्क
ू ल ं में क ई
धावमतक वनदेश नहीं वदया िाता है।
डेिोक्र
े वटक – इसका मतलब है वक सभी स्तर ं की सरकार साितभौवमक ियस्क फ्र
ें िाइिी की प्रणाली क
े माध्यम
से ल ग ं द्वारा िुने िाते हैं। िावत, िंथ, रंग, वलंग, धमत या वशक्षा क
े बाििूद हर नागररक 18 साल की आयु और
उससे अवधक उम्र क
े ल ग ही ि ट क
े हकदार है, अगर िह कानून द्वारा िंवित नहीं वकया गए हैं त ।
गणतंत्र – शब्द का अथत है वक एक वनवित कायतकाल क
े वलए राज्य का मुखिया प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूि से
वनिातवित ह ता है। भारत क
े राष्ट्र िवत क िुनािी कॉलेि द्वारा िांि साल की वनवित अिवध क
े वलए िुना िाता है।
भारतीय संविधान क
े तहत अनुच्छे द-
भारतीय संविधान क
े तहत 449 अनुच्छे द हैं विन्हें 25 भाग ं में बांटा गया है। प्रारंभ में, संविधान में 8 अनुसूविय ं क
े साथ क
े िल 22 भाग
और 395 अनुच्छे द शावमल थे। हालांवक, इसकी स्थािना क
े बाद से संविधान में कई संश धन वकए गए हैं। अक्टू बर 2018 तक, क
ु ल
123 संश धन वबल िेश वकए गए हैं, विनमें से 102 संश धन अवधवनयम लागू वकए गए हैं।
संविधान क
े क
ु छ अनुच्छे द ं का सारांश
भाग II (अनुच्छेद 5 से 11): नागररकता
यह आलेि तय करता है वक क ई व्खि ब्लू इंवडयन िासि टत ले सकता है या नहीं। इसमें 7 अनुच्छे द हैं ि नीिे वदए गए हैं:
•संविधान क
े प्रारंभ में नागररकता।
•िावकस्तान से भारत आने िाले क
ु छ ल ग ं की नागररकता क
े अवधकार।
•िावकस्तान में क
ु छ प्रिावसय ं की नागररकता क
े अवधकार।
•भारत क
े बाहर रहने िाले भारतीय मूल क
े क
ु छ ल ग ं की नागररकता क
े अवधकार।
•व्खि स्वेच्छा से एक विदेशी राज्य की नागररकता प्राप्त करना नागररक नहीं ह ना िावहए।
•नागररकता क
े अवधकार ं क िारी रिना।
•कानून द्वारा नागररकता क
े अवधकार क वनयंवत्रत करने क
े वलए संसद।
भाग III (अनुच्छे द 12 से 35): मौवलक अवधकार
संविधान का सबसे महत्विूणत वहस्सा। मौवलक अवधकार नागररक क
े मूल अवधकार हैं और उनक
े खिलाफ सभी कानून सीधे
या अप्रत्यक्ष रूि से उनकी रक्षा क
े वलए बनाये िाते हैं। यद्यवि यह वहस्सा विवभन्न विर धाभास ं, संश धन ं और रािनीवतक
बहस ं क
े वलए प्रिण रहा है, लेवकन यह क
े शिनंद भारती मामले में यह कहा गया था वक यह वहस्सा संविधान क
े "मूल
संरिना" में शावमल है और इसे क
े िल सकारात्मक और प्रगवतशील कारण ं से संश वधत वकया िा सकता है। हालांवक, ये
अवधकार कानून द्वारा लगाए गए उवित प्रवतबंध ं क
े अधीन हैं। आिातकाल क
े मामले में क
ु छ अवधकार ं क दू र वकया िा
सकता है। क
ु छ अवधकार वनम्न प्रकार है|
1.कानून से िहले समानता
2.धमत, िावत, िावत, वलंग या िन्म स्थान क
े आधार िर भेदभाि का वनिेध
3.साितिवनक र िगार क
े मामल ं में अिसर की समानता
4.अस्पृश्यता का उन्मूलन
5.भािण की स्वतंत्रता का अवधकार
6.मानि तस्करीऔर िबरन श्रम का वनिेध
7.धमत की स्वतंत्रता का अवधकार
8.संिैधावनक उििार का अवधकार
और भी कई वभन्न वभन्न अवधकार िोविक अवधकारोंक
े तहत साविि वकये गये
है|

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  • 3. संविधान क्या है? • संविधान एक वलखित दस्तािेि है विसमें सरकार क े वलए वनयम ं का एक सेट ह ता है। यह सरकार क े ढांिे, प्रवियाओं, शखिय ं और कततव् ं की स्थािना क े मौवलक रािनीवतक वसद्ांत ं क िररभावित करता है। यह श िण क र कने और ल ग ं क े क ु छ अवधकार ं की गारंटी क े वलए सरकार की शखि क सीवमत करता है। संविधान शब्द वकसी भी समग्र कानून िर लागू वकया िा सकता है ि सरकार क े कामकाि क िररभावित करता है।
  • 4. ऐवतहावसक पृष्ठभूवि - • डॉ. बी.आर. अम्बेडकर की अध्यक्षता में भारतीय संविधान क तैयार करने क े वलए 29 अगस्त 1947 क संविधान सभा द्वारा एक आलेिन सवमवत की स्थािना की गई थी। 165 वदन ं की अिवध में ग्यारह सत्र आय वित संविधान क े आलेिन क े वलए लगभग तीन साल लग गए। भारत का संविधान उदार ल कतंत्र क े वसद्ांत ं की रूिरेिा में िविमी कानूनी िरंिराओं से बडे िैमाने िर आकवितत है। यह एक वनिले और ऊिरी सदन क े साथ एक विवटश संसदीय िैटनत का िालन करता है। यह क ु छ मौवलक अवधकार ं का प्रतीक है ि संयुि राज्य संविधान द्वारा घ वित विधेयक क े समान हैं। यह संयुि राज्य अमेररका से सुप्रीम क टत की अिधारणा का भी सन्दभत लेता है। भारतीय संविधान क 26 निंबर 1949 क भारत की संविधान सभा द्वारा अिनाया गया था और इसे 26 िनिरी 1950 क प्रभािी बनाया गया था विसे गणतंत्र वदिस क े रूि में मनाया िाता है। संविधान ने भारत सरकार क े अवधवनयम, 1935 क देश क े मौवलक शासी दस्तािेि क े रूि में बदल वदया, और भारत का ड वमवनयन भारत गणराज्य बन गया। संिैधावनक स्वायत्तता (बाहरी कानूनी या रािनीवतक शखि से संिैधावनक राष्ट्र िाद क लागू करने की प्रविया) सुवनवित करने क े वलए, इसक े वनमातताओं ने भारतीय संविधान क े अनुच्छे द 395 क लागू करक े विवटश संसद क े िूित कानून ं क वनरस्त कर वदया।
  • 5. अन्य संविधान से संदभभ- • अन्य संविधान ं क े संदभत भारतीय संविधान क े वनमातताओं ने विवभन्न देश ं क े संविधान ं से संदभत वलया है। उन देश ं से वलए गए संदभों की एक सूिी नीिे दी गई है: • विवटश संविधान • सरकार का संसदीय रूि • एकल नागररकता का वििार • कानून क े वनयम का वििार • अध्यक्ष और उनकी भूवमका संस्थान • कानून बनाने की प्रविया
  • 6. यूनाइटेड स्टेट्स संविधान- •मौवलक अवधकार ं का िाटतर, ि संयुि राज्य विधेयक क े अवधकार क े समान है •सरकार की संघीय संरिना •न्यावयक समीक्षा की शखि और न्यायिावलका की स्वतंत्रता आयररश संविधान- • राज्य नीवत क े वनदेश वसद्ांत ं का संिैधावनक घ िणा फ्र ें च संविधान- • वलबटी, समानता, और बंधुता क े आदशत क ै नेवडयन संविधान- •सरकार का एक अधत-संघीय रूि (एक मिबूत क ें द्र सरकार क े साथ एक संघीय प्रणाली) •अिवशष्ट् शखिय ं का वििार ऑस्टरेवियाई संविधान- •समिती सूिी का वििार •देश क े भीतर और राज्य ं क े बीि व्ािार और िावणज्य की स्वतंत्रता सोवियत संविधान- •य िना आय ग और िांि साल की य िनाएं •मौवलक कततव् ं
  • 7. िौविक कतभव्ों- उद्देवशका में क ु छ मौवलक मूल् ं और मागतदशतक वसद्ांत ं िर प्रकाश डाला गया है विन िर भारत का संविधान आधाररत है। यह संविधान क े साथ-साथ न्यायाधीश ं क े वलए मागतदशतक प्रकाश क े रूि में कायत करता है ि संविधान की व्ाख्या अिने प्रकाश में करते हैं। उद्देवशका क े शुरुआती क ु छ शब्द - "हम, ल ग" - यह दशातता है वक सत्ता भारत क े ल ग ं क े हाथ ं में वनवहत है। उद्देवशका वनम्नानुसार है: “हम, भारत क े ल ग, भारत क एक संिूणत प्रभुत्वसंिन्न समाििादी िंथवनरिेक्ष ल कतंत्रात्मक गणराज्य बनाने क े वलए, तथा उसक े समस्त नागररक ं क : सामाविक, आवथतक और रािनैवतक न्याय, वििार, अवभव्खि, विश्वास, धमत और उिासना की स्वतंत्रता, प्रवतष्ठा और अिसर की समता, प्राप्त कराने क े वलए, तथा उन सबमें, व्खि की गररमा और राष्ट्र की एकता और अिंडता सुवनवित कराने िाली, बंधुता बढाने क े वलए, दृढ संकल्प ह कर अिनी संविधानसभा में आि तारीि 26 निम्बर 1949 ईस्वी (वमवत मागतशीित शुक्ल सप्तमी, संित द हिार छह वििमी) क एतद् द्वारा इस संविधान क अंगीक ृ त, अवधवनयवमत और आत्मावितत करते हैं। प्रारंभ में, प्रस्ताि भारत क े संविधान का वहस्सा नहीं था, लेवकन सिोच्च न्यायालय, क े रलिन भारती बनाम क े रल राज्य क े मामले में यह संविधान का अस्पष्ट् क्षेत्र ं की व्ाख्या करने क े वलए आिश्यक संविधान का वहस्सा बन गया।“
  • 8. उद्देवशका क े क ु छ शब्ों का अर्भ- • संप्रभु – इसका मतलब सिोच्च या स्वतंत्र है। प्रस्तािना भारत गणराज्य क आंतररक रूि से और बाहरी रूि से द न ं क े रूि में घ वित करता है। बाहरी रूि से यह वकसी भी विदेशी शखि से मुि है और आंतररक रूि से यह ल ग ं द्वारा सीधे िुने गए स्वतंत्र सरकार का उिय ग करता है और ल ग ं क वनयंवत्रत करने िाले कानून बनाता है। सिाजिादी – शब्द 1976 क े 42िें संश धन अवधवनयम द्वारा ि डा गया था। इसका अथत सामाविक और आवथतक समानता है। सामाविक समानता का मतलब िावत, रंग, िंथ, वलंग, धमत, भािा इत्यावद क े आधार िर क ई भेदभाि नहीं है। प्रत्येक व्खि क समान खस्थवत और अिसर वमलते हैं। आवथतक समानता से इसका मतलब है वक सरकार धन क े समान वितरण क े वलए प्रयास करेगी और सभी क े वलए एक सभ्य मानक प्रदान करेगी, इसवलए कल्ाणकारी राज्य बनाने में प्रवतबद्ता ह गी। अस्पृश्यता और ज़वमंदारी क े उन्मूलन, समान मिदू री अवधवनयम और बाल श्रम वनिेध अवधवनयम इस संदभत में सरकार द्वारा उठाए गए क ु छ कदम थे।
  • 9. धिभवनरपेक्ष – शब्द 1976 क े 42िें संश धन अवधवनयम द्वारा डाला गया था। धमतवनरिेक्ष सभी धमों और धावमतक सवहष्णुता की समानता का तात्पयत है। भारत में वकसी भी राज्य का आवधकाररक राज्य धमत नहीं है। क ई भी अिनी िसंद क े वकसी भी धमत का प्रिार, अभ्यास और प्रसार कर सकता है। कानून की आंि ं में, सभी नागररक अिनी धावमतक मान्यताओं क े बाििूद बराबर हैं। सरकारी स्क ू ल ं या सरकारी सहायता प्राप्त स्क ू ल ं में क ई धावमतक वनदेश नहीं वदया िाता है। डेिोक्र े वटक – इसका मतलब है वक सभी स्तर ं की सरकार साितभौवमक ियस्क फ्र ें िाइिी की प्रणाली क े माध्यम से ल ग ं द्वारा िुने िाते हैं। िावत, िंथ, रंग, वलंग, धमत या वशक्षा क े बाििूद हर नागररक 18 साल की आयु और उससे अवधक उम्र क े ल ग ही ि ट क े हकदार है, अगर िह कानून द्वारा िंवित नहीं वकया गए हैं त । गणतंत्र – शब्द का अथत है वक एक वनवित कायतकाल क े वलए राज्य का मुखिया प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूि से वनिातवित ह ता है। भारत क े राष्ट्र िवत क िुनािी कॉलेि द्वारा िांि साल की वनवित अिवध क े वलए िुना िाता है।
  • 10. भारतीय संविधान क े तहत अनुच्छे द- भारतीय संविधान क े तहत 449 अनुच्छे द हैं विन्हें 25 भाग ं में बांटा गया है। प्रारंभ में, संविधान में 8 अनुसूविय ं क े साथ क े िल 22 भाग और 395 अनुच्छे द शावमल थे। हालांवक, इसकी स्थािना क े बाद से संविधान में कई संश धन वकए गए हैं। अक्टू बर 2018 तक, क ु ल 123 संश धन वबल िेश वकए गए हैं, विनमें से 102 संश धन अवधवनयम लागू वकए गए हैं। संविधान क े क ु छ अनुच्छे द ं का सारांश भाग II (अनुच्छेद 5 से 11): नागररकता यह आलेि तय करता है वक क ई व्खि ब्लू इंवडयन िासि टत ले सकता है या नहीं। इसमें 7 अनुच्छे द हैं ि नीिे वदए गए हैं: •संविधान क े प्रारंभ में नागररकता। •िावकस्तान से भारत आने िाले क ु छ ल ग ं की नागररकता क े अवधकार। •िावकस्तान में क ु छ प्रिावसय ं की नागररकता क े अवधकार। •भारत क े बाहर रहने िाले भारतीय मूल क े क ु छ ल ग ं की नागररकता क े अवधकार। •व्खि स्वेच्छा से एक विदेशी राज्य की नागररकता प्राप्त करना नागररक नहीं ह ना िावहए। •नागररकता क े अवधकार ं क िारी रिना। •कानून द्वारा नागररकता क े अवधकार क वनयंवत्रत करने क े वलए संसद।
  • 11. भाग III (अनुच्छे द 12 से 35): मौवलक अवधकार संविधान का सबसे महत्विूणत वहस्सा। मौवलक अवधकार नागररक क े मूल अवधकार हैं और उनक े खिलाफ सभी कानून सीधे या अप्रत्यक्ष रूि से उनकी रक्षा क े वलए बनाये िाते हैं। यद्यवि यह वहस्सा विवभन्न विर धाभास ं, संश धन ं और रािनीवतक बहस ं क े वलए प्रिण रहा है, लेवकन यह क े शिनंद भारती मामले में यह कहा गया था वक यह वहस्सा संविधान क े "मूल संरिना" में शावमल है और इसे क े िल सकारात्मक और प्रगवतशील कारण ं से संश वधत वकया िा सकता है। हालांवक, ये अवधकार कानून द्वारा लगाए गए उवित प्रवतबंध ं क े अधीन हैं। आिातकाल क े मामले में क ु छ अवधकार ं क दू र वकया िा सकता है। क ु छ अवधकार वनम्न प्रकार है| 1.कानून से िहले समानता 2.धमत, िावत, िावत, वलंग या िन्म स्थान क े आधार िर भेदभाि का वनिेध 3.साितिवनक र िगार क े मामल ं में अिसर की समानता 4.अस्पृश्यता का उन्मूलन 5.भािण की स्वतंत्रता का अवधकार 6.मानि तस्करीऔर िबरन श्रम का वनिेध 7.धमत की स्वतंत्रता का अवधकार 8.संिैधावनक उििार का अवधकार और भी कई वभन्न वभन्न अवधकार िोविक अवधकारोंक े तहत साविि वकये गये है|