8. इष् (चाहना) धातु रूप
संस्क
ृ त व्याकरण में वियाओं (verbs) क
े मूल रूि को धातु क ते ैं। धातु
ी संस्क
ृ त शब्ों क
े वनमााण क
े वलए मूल तत्त्व (कच्चा माल) ै। इनकी संख्या
लगभग 2012 ै। धातुओं क
े साथ उिसगा, प्रत्यय वमलकर तथा सामावसक
वियाओं क
े द्वारा सभी शब् (संज्ञा, सिानाम, विया आवद) बनते ैं। दू सरे शब् में
क ें तो संस्क
ृ त का लगभग र शब् अन्ततः धातुओं क
े रूि में तोडा जा सकता
ै। क
ृ , भू, स्था, अन्, ज्ञा, युज्, गम्, मन्, जन्, दृश् आवद क
ु छ प्रमुख धातुएँ ैं।
'धातु' शब् स्वयं 'धा' में 'वतन्' प्रत्यय जोडने से बना ै।
9. इष् धातु रूि: एक मनोिृवि जो वकसी ऐसी िस्तु की प्राप्ति की ओर
ध्यान ले जाती ै वजससे वकसी प्रकार क
े सुख की संभािना ोती ै ।
कामना । लालसा । अवभलाषा । चा । ख्वाव श । विषेष—िेदांत
और सांख्य में इच्छा को मन का धमा माना ै । िर न्याय और
िैशेवषक में इसे आत्मा (गुण) धमा या व्यािार माना गया ै ।