Rashtriya Bhasya gaurav purasakaar : Ananda hi Ananda
Nav durga wishes - Vivek ji
1. ११ अक्टूबर
आप सभी को नवरात्र की शुभकामना।
नवरात्र के नव सम्पूणर् िदवस और राित्रयाँ है माँ दुगार् और देवी के नौ रूपों की उपासना के िलए। यह
आराधना है अिस्तत्व की उन नौ प्रेरक शिक्त स्वरूपों का िजनसे यह जीवन चलायमान होता है, नौ
िदवस नवरात्र के वो साधना प्रेरक समय है जहाँ से मनुष्य जीवन की नौ गितयों से अपना सम्बन्ध
जोड़ता है। और इस नौ गितयों में समत्वभाव से स्वयं को अिस्तत्व के गभर् में छोड़ देता है एक नए जन्म
के िलए, नूतन जन्म के िलए । ( नौ गितयाँ है - ब्रम्हाचरण, देवगमन, सृजन, मनआँतरण, स्व-प्रसवन,
तप आचरण,स्व उद्दीपन, आत्मसंरक्षण, साधनागमन )
भारतीय दशर्न ने जीवन की समस्त गितयों और रूपों पर गहरा अध्ययन िवकिसत िकया था, इसका
सबसे बड़ा कारण था िक भारतीय अचार िवचार और दशर्न को गढ़ने वाले लोगों ने जीवन में अिस्तत्व
की इन समस्त शिक्तयों से कै से हमारा सम्बन्ध जुड़े और जीवन अलौिकक सत्य को प्राप्त हो इस बारे
में गहरा िचं तन िकया था ।
माँ दुगार् अिस्तत्व की वह शिक्त है िजसे इस राष्ट्र ने अिस्तत्व की समस्त गितयों और शिक्तयों,
अलौिलकता एवं देवत्व का बीज माना, उसे आिद शिक्त कहा, िजससे समस्त अिस्तत्व गितमान् होता
है।माँ दुगार् के नौ स्वरूपों में अिस्तत्व खेलता है और इस अिस्तत्व की समस्त ऊजार् भी, मैं आशा करता
हूँ इस नव-दुगार् उत्सव में हम भी शिक्त के इन नव रूपों से स्वयं का सम्बन्ध जोड़ते हुए अिस्तत्व की
आराधना कर सकें गे ।
मैं आनंद ही आनंद की राष्ट्रीय सलाहकार पिरषद, समस्त कें द्र संयोजकों , सदस्यों एवं समस्त
देशवािसयों को एक बार िफर नव-दुगार् उत्सव की शुभकामनाएँ
आपका
िववेक जी
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53 BD DE LA TOUR D’AUVERGNE, RENNES, FRANCE, 35000