3. उद्देश्य
• ितपन की क्षितत कत विकत करनत .
• ितपन की इकतईयों के म्बन्ध िें र्तनकतरी देनत .
• दैतनक र्ीिन िें उपयोग आने ितिी िस्तुओिं के क्षेत्रफि ,आयतन
आदद ज्ञतत करनत.
4. क्षेत्रमितत कत अर्ा यत पररचय
क्षेत्रमितत दो िब्दों े मििकर बनत है –क्षेत्र +मितत .क्षेत्र कत अर्ा है
र्गह यत तह तर्त मितत कत अर्ा है ितप .अर्तात क्षेत्रमितत गणित की
िह ितखत है जर् के अिंतगात हि ज्यतमितीय आकृ ततयों के क्षेत्रफि एििं
आयतन आदद कत अध्ययन करते हैं .क्षेत्रमितत को र्ू-मितत,नतप विद्यत
पैितइि आदद नतिो े र्ी र्तनते हैं .
5. क्षेत्रमितत कत अध्ययन करने े पूिा उ े र्ुड़े हुए िहत्िपूिा विन्दुओिं को
िझ िेनत आिश्यक है .
कक ी ज्यतमितीय आकृ तत िें कि े कि एक और अधधकति तीन विितएिं
होती हैं जर्न्हें िम्बतई चौड़तई ि ् उचतई के नति े र्तनत र्ततत है .
िक्रपृष्ठ –र्ो पृष्ठ यत तहें िुड़ी हुई होती हैं उन्हें िक्रपृष्ठ कहते हैं .
म्पूिा पृष्ठ –यदद कक ी ज्यतमितीय आकृ तत िें एक े अधधक तहें हैं तो
उनकत कु ि योग म्पूिा पृष्ठ कहिततत है .
क्षेत्रफि – कोई पृष्ठ कक ी िति पर रखने पर र्ो स्र्तन घेरती है उ की
ितप को क्षेत्रफि कहते हैं .
आयतन – कक ी िस्तु यत आकृ तत दितरत त्रत्रविि िें घेरे गए स्र्तन को उ
िस्तु कत आयतन कहते हैं .
6. बेिन
• कक ी आयत को िति पर उध्िताधर रखकर एक िीषा और र्ुर्त
को तनयत रखते हुए इ र्ुर्त के पररतः पूरत एक चक्कर घुित देने
े र्ो ठो आकृ तत बनती है उ े िेिन यत िम्ब िृत्तीय बेिन कहते हैं
.
7. बेिन कत िक्रपृष्ठ , म्पूिा पृष्ठ एििं आयतन
ज्ञतत करनत
• यदद कक ी आयततकतर िीट को िोड़कर बेिन कत आकतर देते हैं तो उ िीट की एक र्ुर्त
बेिन के आधतर पर िृत्त तनमिात करती है जर् की पररधध िीट की इ र्ुर्त की िम्बतई के
बरतबर होती है तर्त िीट की दू री र्ुर्त बेिन के ऊँ चतई के बरतबर हो र्तती है .
बेिन के आधतर की पररधध = आयततकतर िीट की िम्बतई
2𝜋r =l
तर्त बेिन की ऊँ चतई = िीट की चौड़तई
h=b
अब , बेिन कत िक्र पृष्ठ = िीट कत क्षेत्रफि
=l . b
= 2𝜋rh िगा इकतई
म्पूिा पृष्ठ= बेिन कत िक्र पृष्ठ +दो िृत्ततकतर तहों कत क्षेत्रफि
= 2𝜋rh +2𝜋r2 = 2𝜋r (r+h ) िगा इकतई
बेिन कत आयतन = आधतर कत क्षेत्रफि x ऊँ चतई = 𝜋r2 h घन इकतई
9. ििंकु
कक ी िकोि त्रत्रर्ुर् को िति पर ऊध्िताधर रखकर िकोि
बनतने ितिी र्ुर्तओिं िें े ऊध्िताधरर्ुर्त को तनयत रखकरआधतर र्ुर्त
के पररतः पूिातः एक चक्कर घुितने े र्ो आकृ तत तनमिात होती है
उ े ििंकु कहते हैं .
यदद ििंकु के आधतर की त्रत्रज्यत r,ऊँ चतई h तर्त ततयाक ऊँ चतई l हो तो
ििंकु कत िक्र पृष्ठ =𝜋rl
ििंकु कत म्पूिा पृष्ठ =𝜋r l + 𝑟
ििंकु कत आयतन =
1
3
𝜋𝑟2ℎ
10. ििंकु कत िक्र पृष्ठ ( ूत्र की व्युत्पवत्त )
यदद कक ी ििंकु को उ की ततयाक ऊँ चतई के अनुदद कतटकर कक ी िति पर रखते हैं तो l त्रत्रज्यत
ितिे िृत्त कत एक त्रत्रज्य खिंड तनमिात हो र्ततत है जर् कत क्षेत्रफि ििंकु के िक्र पृष्ठ के बरतबर होगत तर्त
ििंकु के आधतर की पररधध इ त्रत्रज्य खिंड के चतप के िम्बतई के बरतबर होगी
अतः त्रत्रज्य खण्ड के चतप की िम्बतई =ििंकु के आधतर की पररधध = 2𝜋r
l त्रत्रज्यत ितिे म्पूिा िृत्त की पररधध = 2𝜋𝑙
l त्रत्रज्यत ितिे म्पूिा िृत्त कत क्षेत्रफि = 𝜋𝑙2
ितनत कक ििंकु कत िक्र पृष्ठ A है तो यह, त्रत्रज्य खण्ड के क्षेत्रफि के बरतबर होगत .
हि र्तनते हैं कक.
त्रत्रज्य खिंड कत क्षेत्रफि
िृत्त कत क्षेत्रफि
=
त्रत्रज्य खिंड के चतप की िम्बतई
िृत्त की पररधध
𝐴
𝜋𝑙2 =
2 𝜋r
2 𝜋𝑙
=> A = 𝜋rl
11. प्रश्नतििी
कक ी िेिन के आधतर की त्रत्रज्यत 7 cm.तर्त ऊँ चतई 10 cm .है तो
बेिन कत िक्र पृष्ठ एििं आयतन ज्ञतत करो .
हि –ददयत है ,r=7 cm तर्त h= 10 cm
तब ,बेिन कत िक्र पृष्ठ = 2𝜋rh
=2 x
22
7
x 7 x 10 =440 िगा े .िी .
अब बेिन कत आयतन = 𝜋r2 h
=
22
7
x 7 X 7 x 10 =1540 घन े .िी .
12. प्रश्नोत्तरी
1. बेिन के आधतर कत क्षेत्रफि 154 िगा े.िी.है तो आधतर की
त्रत्रज्यत होगी –
(1) 7 े.िी. (2)6 े.िी. (3)9 े.िी. (4) 10 े.िी.
उत्तर – (1) 7 े.िी.
2.ििंकु के िक्र पृष्ठ कत ूत्र है –
1. 2𝜋rh 2. 2𝜋ℎ(r1 + r2) 3. 𝜋rl 4.
1
3
𝜋𝑟2
ℎ
उत्तर - 3. 𝜋rl
13. गृहकतया
1. ििंकु एििं बेिन के िक्र पृष्ठ कत ूत्र मिणखए .
2. कक ी बेिन के आधतर कत व्यत 14 ेिी.और ऊँ चतई 20 ेिी. है तो
बेिन कत म्पूिा पृष्ठ एििं आयतन ज्ञतत करो .
3. एक ही त्रत्रज्यत और एक ही ऊँ चतई ितिे बेिन एििं ििंकु के आयतनों
कत अनुपतत ज्ञतत करो .