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sanvidhan kise
kahate hain? संविधान
किसे कहते है ?
sachinjattpapa@gmail.com October 15, 2022 1 min read
sanvidhan kise
kahate hain?
संविधान किसे कहते
है………. ?
संविधान वह वैधानिक दस्तावेज है जो उस देश की जनता का विश्वास व उसकी आकांक्षाओं को
प्रतिबिम्बित करती है । आपको बता दूँ भारतीय संविधान क
े निर्माण की पृष्ठ भूमि ब्रिटिश शासन काल
में ही हो चुकी थी परन्तु इसक
े विकास की गति इस काल में बहुत ही धीमी रही थी ।
भारत क
े संवैधानिक विकास को हम दो भागो में
विभक्त करते है :-
1. ईंस्ट इंण्डिया क
ं म्पनी क
े शासन क
े अन्तर्गत
2. ब्रिटेंन की सरकार क
े शासन क
े अन्तर्गत ।
जिस समय ब्रिटिश कम्पनीं का शासन रही ( सन 1858 ई0) ब्रिटेन की संसद द्वारा अलग अलग
अवसरों पर अलग अलग कानून व आदेश पत्र जारी किया करती थी इन्हीं कानून व आदेश पत्रों क
े जरिये
वे भारत पर शासन कर पाते और शासन को अपने हाथ में रखते थे उन सभी आदेश पत्रों और कानून को
हम भारत क
े संवैधानिक विकास में शामिल करते है जिससे हमारे देश का संवैधानिक विकास हो सका
और एक अंशतः कठोर व अंशतः लचीले संविधान का निर्माण हो सका ।
भारत का संवैधानिक विकास : एक नजर में ——-
● ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी क
े अन्तर्गत भारत
(1773-1853)– (जारी आदेश पत्र व कानून )
● रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773
● पिटस इंडिया एक्ट 1784
● चार्टर एक्ट 1793
● चार्टर एक्ट 1813
● चार्टर एक्ट 1833
● चार्टर एक्ट 1853
● ब्रिटिश क्राउन क
े अन्तर्गत भारत ( 1858-1947 ) — (जारी
आदेश पत्र व कानून )
● गवर्मेंन्ट आफ इंडिया एक्ट -1858
● इंडिया काउसिंल एक्ट-1861
● इंडिया काउसिंल एक्ट- 1892
● भारत परिषद अधिनियम – 1909
● भारत सरकार अधिनियम- 1919
● भारत सरकार अधिनियम – 1936
● अगस्त प्रस्ताव – 1940
● क्रिप्स प्रस्ताव – 1942
● क
ै बिनेट मिशन – 1946
● माऊ
ं टबेटन योजना -1947
उपरोक्त जारी कियें गये आदेश पत्र व कानून क
े द्वारा हमारे देश क
े संविधान क
े विकास की नींव रखी
गयीं जो आगे चलकर विश्व का सबसे बडा संविधान बना ।
sanvidhan /संविधान क
े निर्माण क
े लिये ,
sanvidhan संविधान सभा का गठन ———
संविधान सभा क
े विचार का प्रतिपादन सर्वप्रथम इंग्लैड क
े समानतावादियों और सर हेनरी मेन ने किया
था परन्तु इसको व्यहवारिक रूप से सर्वप्रथम अमेरिका और फ्रांस में अपनाया गया था भारत में
संविधान सभा क
े निर्माण का दर्शन सबसे पहले बालगंगाधर तिलक क
े निर्देशन में सन 1895 में स्वराज
विधेयक में होता है सन 1922 में महात्मा गांधी ने कहाँ थी की भारतीयों का संविधान भारतीयों क
े
अनुसार होगा । सन 1924 मोती लाल नेहरू ने संविधान सभा क
े निर्माण की माँग को ब्रिटिश शासन क
े
सामने सर्वप्रथम रखा था ।मगर औपचारिक रूप से संविधान सभा क
े विचार का प्रतिपादन सर्वप्रथम
एम.एन. राय ने रखा था जिसे लोकप्रिय बनाने और मूर्त रूप देने का कार्य जवाहर लाल नेहरु ने किया था
तथा समय समय पर काँग्रेस ने भी इस मांग को उठाया था मगर 1942 में क्रिप्स मिशन क
े आगमन ने
संविधान सभी क
े गठन की बात को स्पष्ट स्वीकार कर लिया था मगर 1946 में क
े बिनेट मिशन क
े
आगमन पर इसे व्यवहारिक रूप प्रदान किया जा सका था …………
sanvidhan / संविधान सभा क
े लिए चुनाव
……………………
जुलाई 1946 में, क
े बिनेट मिशन योजना क
े अनुसार संविधान सभा क
े लिए चुनाव हुआ संविधान सभा
क
े सदस्यों क
े चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से प्रान्तीय विधान सभा क
े सदस्यों क
े द्वारा किया गया संविधान
सभा क
े क
ु ल सदस्यों की सं0 389 थी इसमें से 292 प्रतिनिधि भारत क
े 11 प्रांतो से 4 चीफ कमिशनरी
से तथा 93 प्रतिनिधि देशी रियासतों से चुने जाने थे ।
जुलाई – अगस्त 1946 में ब्रिटिश भारत प्रांतो क
े लिये आबंटित 296 (292+4) स्थानों क
े लिए चुनाव
सम्पन्न हुये कांग्रेस ने 210 स्थानों पर अपने सदस्य खडे तिये हुए थे जिसमे उसे 199 स्थानों पर उसे
विजय प्राप्त हुई तथा 9 स्थानों पर काग्रेस क
े समर्थित सदस्यों को सफलता मिली थी इस प्रकार कांग्रेस
को 296 सीटो में से 208 सीटे प्राप्त हुई मुस्लिम लींग को 73 सींटे प्राप्त हुई ज क
ु ल स्थानों का 25
प्रतिशत से भी कम थी एक – एक सीट यूनियनिस्ट , यूनियनिस्ट मुस्लिम , यूनियनिस्ट शिडयूल
कास्ट , कृ षक प्रज्ञा पार्टी अनुसूचित जाति संघ सिक्ख (गैर काग्रेसी) और साम्यवादी को प्राप्त हुए 8
स्थानों पर निर्दलिय प्रत्याशी निर्वाचित हुए ।
संविधान सभा क
े सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य—–
● क
ु ल सदस्यों की सं0 389
● ब्रिटिश प्रान्तों की सं0 292
● देशी रियासतों की सं0 93
● कमिशनरी क्षेत्रों की सं0 4
● सम्प्रदाय क
े आधार पर सदस्यों की सं0
● सामान्य की सं0 213
● मुस्लिम की सं0 79
● सिक्खों की सं0 4
● विभिन्न वर्गों क
े प्रतिनिधित्व
● महिला सदस्यों की सं0 15
● अनुसूचित जाति की सं0 26
● अनुसूचित जनजाति की सं0 33
● चुनाव परिणाम की स्थिति
● काग्रेंस की सं0 208
● मुस्लिम लीग की सं0 73
● निर्दल की सं0 8
sanvidhan / संविधान सभा क
े लिए सर्वप्रथम मांग
……….
सर्वप्रथम स्वराज पार्टी क
े द्वारा सन 1924 में संविधान सभा क
े निर्माण की मांग की गई थी कांग्रेस ने
अपने 1937 क
े फ
ै जपुर(महाराष्ट्र )क
े अधिवेशन में उक्त मांग को स्वीकार किया गया था 1939 में
त्रिपुरी ( म.प्र.) अधिवेशन में इस मांग को द्वारा दोहराते हुए इस आशय से इस प्रस्ताव को पारित किया
गया कि एक स्वतंत्र देश में संविधान निर्माण का एकमात्र तरीका संविधान सभा ही होगी ।
sanvidhan / संविधान सभा क
े सम्बन्ध में ………
संविधान सभा एक बहुदलीय निकाय थी जिसमें फ्र
ैं क एंथेनी ने ऐंग्लो इंडियन तथा पीएच मोदी ने
पारसी समुदाय को प्रतिनिधित्व किया था डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर पहलाी बार 1946 क
े चुनाव मेंं पूर्वी
बंगाल से चुने गये किन्तु भारत पाकिस्तान क
े विभाजन क
े बाद पूर्वी बंगाल पाकिस्तान में चला गया
जिसक
े बाद डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर को संविधान सभा में शामिल करने क
े लिए मुम्बई प्रेसीडेंसी की
पूना संसदीय सीट से काँग्रेस क
े एम0 आर0 जयकर से त्यागपत्र दिलाकर रिक्त करायी गयी थी जहाँ से
पुनः उपचुनाव में निर्वाचित होकर पुनः संविधान सभा में शामिल हुए महात्मा गांधी व मोहम्मद अली
जिन्ना दो ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जो संविधान सभा की सभा में शामिल नहीं हुए ।
संविधान सभा में अपनी स्थिति कमजोर देखकर मुस्लिम लीग ने अलग संविधान सभा की माँग की
और निर्वाचित संविधान सभा क
े बहिष्कार का निश्चय किया 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा क
े
प्रथम अधिवेशन में लीग क
े प्रतिनिधि नही हुए अतः संविधान सभा की प्रथम बैठक में क
ु ल 208 सदस्य
ही उपस्थित हुए ध्यान रहे संविधान सभा की उक्त बैठक दिल्ली में हुई थी इसक
े अध्यक्ष डा0
सच्चिदानन्द सिन्हा थे 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की दूसरी बैठक भी दिल्ली में ही हुई थी
जिसमें संविधान सभा क
े स्थायी अध्यक्ष डा0 राजेद्र प्रसाद का निर्वाचन हुआ था संविधान सभा क
े
प्रारूप समिति क
े अध्यक्ष श्री डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर को 24 अगस्त 1947 को हुआ था संविधान क
े
प्रारूप समिति क
े अध्यक्ष होने क
े कारण ही इन्हे संविधान निर्माता कहा जाता है
sanvidhan / संविधान सभा क
े प्रमुख
सदस्य……………………..
● डा0 राजेन्द्र प्रसाद
● पं0 जवाहर लाल नेहरू
● सरदार पटेल
● मौलाना आजाद
● गोपाल स्वामी आयंगर
● गोविन्द वल्लभ पंन्त
● अब्दुल गफ्फार खा
● पुरूषोत्तम दास टंडन
● क
े 0 एम0 मुंशी
● डा0 सर्वपल्ली राधा कृ ष्णन
● जे0बी0 कृ पलानी
● श्याम प्रसाद मुखर्जी
● डा0 भीमराव अम्बेडकर
● सच्चिदानंद सिन्हा
● सी0 राजगोपालचारी
● पंडित ह्रदयनाथ क
ुं जरू
● प्रो0 क
े 0टी0 शाह
● डॉ जयशंकर
● टेकचन्द्र बख्शी
● टी0 कृ ष्णामचारी
● सर अल्लादि कृ ष्णास्वामी अय्यर
● एन0 गोपाल स्वामी अय्यर
● मसानी
● एचएम0 गौड
● सर फिरोज खान
● नूर सुहरावर्दी
● ख्वाजा नजीमुद्दीन
● लियाकत अली खां
● जफरूल्ला खां
● वी0एल0 मिश्रा
● डी0 पी0 खेतान
● मौहम्मद सादुल्ला
● एन0 माधवन राय
sanvidhan / संविधान सभा में शामिल
महिलाएँ……………………..
● सुचेता कृ पलानी- उत्तर प्रदेश
● विजय लक्ष्मी पंडित-उत्तर प्रदेश
● पूर्णिमा बनर्जी-उत्तर प्रदेश
● कमला चौधरी-उत्तर प्रदेश
● बेगम एजाईज रसूल -उत्तर प्रदेश
● राजक
ु मार अमृता कौर -मध्य प्रान्त
● सरोजनी नायडू-बिहार
● हंसा मेहता- बम्बई
● जी0 दुर्गा बाई- मद्रास
● दक्षयानी बेलायदुन- मद्रास
● अम्मु स्वामिनाथन-मद्रास
● मालती चौधरी-उडिसा
● रेणुका राय- प0 बंगाल
● लीला राय-पं0 बंगाल
● ऐनी मस्करीनी -ट्रावनकोर
भारतीय संविधान sanvidhan का निर्माण
————–
भारतीय संविधान क
े निर्माण हेतु संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली क
े
संविधान हाल में हुई थी जिसे अब संसद भवन का क
ें द्रीय कक्ष कहा जाता है सभा क
े सबसे वरिष्ठ
सदस्य सच्चिदान्नद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया था तथा एचसी0 मुखर्जी को
उपाध्यक्ष चुना गया था 11 दिसम्बर 1946 को डा0 राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष सभी सदस्यों की
सहमति से चुना गया तथा वेनेगल नर सिंह राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्ति किया गया जो आगे
चलकर अंतराष्ट्रीय न्यायालय क
े में पहले भारतीय न्यायधीश बने थे ।
उद्देश्य प्रस्ताव पारित …………….
संविधान सभा की कार्यवाही जवहार लाल नेहरू द्वारा 13 दिसम्बर 1946 को प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव
क
े साथ प्रारम्भ हुई थी तथी उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकृ ति प्राप्त हुई थी ।
इस प्रस्ताव में कहा गया था कि भारत एक पूर्णतया स्वतंन्त्रता एव सम्पूर्ण प्रभुत्तासम्पन्न गणराज्य
होगा तथा वह अपने संविधान का स्वयं निर्माण करेगा भारती गणराज्य प्रान्तों और देशी राज्यों का संघ
होगा भारतीय संघ और उसक
े राज्यों की सम्पूर्ण शक्ति उसकी जनता में निहित होगी । उद्देश्य
प्रस्ताव को अनुमति मिलने क
े बाद से ही अनेक समितियों का गठन किया गया संविधान सभा क
े
द्वारा बनायी गयी समितियों को दो भागों में विभाजित किया गया ……….
1. प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ- प्रक्रिया नियम समिति ,अधिकार समिति , सभा समिति ,
परिचालन समिति ,हिन्दी व उर्दू अनुवाद समिति आदि
प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ प्रमुख समितियाँ था ।
2. विषय सम्बन्धी समिति – (प्रारुप समिति) ,—-– संघ शक्ति समिति , संघीय सविंधान
समिति , प्रांतीय संविधान समिति , मूल अधिकार संविधान समिति . रियासत समझौता
समिति , अल्पसंख्य समिति , झंडा समिति , परामर्श समिति आदि प्रमुख समितियाँ थी ।
● प्रारूप समिति —–
प्रारूप समिति मे क
ु ल 7 सदस्य थे ।
1. डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर (अध्यक्ष)
2. एन0 गोपाल स्वामी आयंगर
3. क
े 0एम0 मुंशी
4. अल्लादी कृ ष्णा स्वामी अयंग्गर
5. सैय्यद मौ0 सादुल्ला
6. वी0 एल मित्रा ( थोडे समय बाद स्वंय हट गये थे इनक
े बाद एन0 माधव राव सदस्य बने थे )
7. डी0पी0 खेतान ( मृत्यु क
े बाद टी0 कृ ष्णामाचारी सदस्य बने थे )
आपकों बता दूँ की प्रक्रिया सम्बन्थित समितियाँ संविधान निर्माण की प्रक्रियाँ को हल करने क
े लिए
गठित की गयी थी जबकि विषय से सम्बन्थित समितियां संविधान निर्माण करने वाली समितियां थी।
संविधान निर्माण क
े लिये संविधान सभा की परामर्श समिति ने सर्वप्रथम 17 मार्च 1947 को क
े न्द्रीय
तथा प्रान्तीय विधान मंडल क
े सदस्यों को संविधान की प्रमुख विषेताओं क
े सम्बन्ध में उनक
े विचार
जानने क
े लिए प्रश्नों की सूची भेजा तथा संविधान सभा क
े सदस्यों को संवौधानिक पूर्व दृष्टान्त क
े नाम
से विश्व क
े विभिन्न देशों क
े पूर्व दृष्टान्त तीन प्रतियाँ प्रदान किया गया इसमे लगभग 60 देशो क
े
संविधान क
े मुख्य अंशो को उदभुत किया गया था क
े न्द्रीय व प्रान्तीय विधान मंडल सदस्यों क
े द्वारा
भेजे गये उत्तर क
े आधार पर परामर्श समिति ने एक रिपोर्ट तैयार कर इस रिपोर्ट क
े आधार पर
संविधानिक सलाहकार वी0एन0 राव ने अक्टूबर 1947 में संविधान क
े प्रथम प्रारूप को तैयार किया
गया जिसमें क
ु ल 243 अनुच्छेद और 13 अनुसूचियाँ थी वीएन राव क
े द्वारा तैयार किये गये संविधान
क
े मूल पाठ पर विचार करने क
े लिए डा0 भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय
प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था । प्रारूप समिति ने संविधान क
े मूल पाठ
पर विचार क
े बाद उसे 1 फरवरी 1948 को संविधान सभा क
े समक्ष विचार क
े लिए रखा गया था जिसमे
क
ु ल 315 अनु0 8 अनुसूचियाँ थी ।
संविधान सभा क
े इस प्रारूप पर विचार क
े लिए तीन विचार चले गये थे
प्रथम वाचन …………….
प्रथम वाचन – 4 नवम्बर 1948 से 9 नवम्बर 1948 तक चला था
दूसरा वाचन………………………..
दूसरा वाचन – 18 नवम्बर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक चला था जिसमें संविधान क
े प्रत्येक खंड
पर व्यापक रूप से विचार विमर्श चला था जिसक
े बाद क
ु ल 7635 संशोधन प्रस्तुत कियें गये थे जिसमें
से 2437 को स्वीकार कर लिया गया था इस वाचन की प्रमुख विशेषता यह थी की सभी विषयों पर
निर्णय पूर्ण सहमित क
े साथ लियेे गये थे यह वाचन संविधान क
े 7 वे से 10 वे अधिवेशन तक चला था ।
तीसरा वाचन……………………………………………
14 से 26 नवम्बर 1949 तक चला था ।
भारतीय संविधान sanvidhan का निर्माण का
अंतिम पडाव………………….
डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर ने संविधान सभा क
े द्वारा निर्मित संविधान को पारित करने का प्रस्ताव रखा
था 26 नवम्बर 1949 को यह प्रस्ताव पारित हुआ था इस दिन संविधान सभा क
े द्वारा संविधान को
अंगिकार कर लिया गया और संविधान सभा क
े 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर कर दिये थे
इसमें महिला सदस्यों की सं0 8 थी जिन्हने संविधान पर हस्ताक्षर किये थे इस प्रकार भारतीय
संविधान का निर्माण हुआ इसक
े निर्माण में क
ु ल 11 अधिवेशन हुए जिनमें क
ु ल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन
लगे थे तथा संविधान क
े प्रारूप पर क
ु ल 114 दिन बहस चली थी ।
संविधान को पारित करने की अंतिम तिथि 26 नवम्बर 1949 है इस दिन संविधान में क
ु ल 395 अनु0
तथा 8 अनुसूचियाँ तथा 22 भाग थे संविधान अन्तिम बैठक 11 वी बैठक थी 24 जनवरी 1950 को हुई
थी इसी दिन डा0 राजेन्द्र प्रसाद को भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया था संविधान सभा को भंग
करक
े उसे अन्तरिम संसद क
े रूप में परिवर्तित कर दिया था ।
संविधान निर्माता समिति व उनक
े
अध्यक्ष…………………………
1. प्रारूप समिति -डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर
2. संघ संविधान समिति – जवाहर लाल नेहरू
3. प्रांतीय संविधान समिति- सरदार वल्लभ भाई पटेल
4. मूल अधिकार एवं अल्पसंख्य समिति – सरदाल वल्लभ भाई पटेल
5. झंडा समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद
6. रियासत समिति -डा0 राजेन्द्र प्रसाद
7. देशी रियासत समझौता समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद
8. संचालन समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद
9. नियम समिति -डा0 राजेन्द्र प्रसाद
10.संघ शक्ति समिति- जवाहर लाल नेहरू
11.कार्य संचालन समिति- क
े 0 एम0 मुंशी
12.मूल अधिकार उपसमिति -जे0बी0 कृ पलानी
13.अल्पसंख्य उपसमिति -एचसी मुखर्जी
14.सर्वोच्च न्यायालय समिति – एस0 वारादाचारियार
15.राज्य समिति – जवाहर लाल नेहरू
16.संविधान सभा की कार्यकारिणी संबंधी समिति – जी0 वी0मावलंकर
17. आवास समिति – बी0 पट्टाभि सीतारम्मैया
18.प्रत्यय पत्र समिति – अलदि कृ ष्णस्वामी अय्यर
19.अल्पसंख्य उपसमिति – एच0सी0 मुखर्जी
20.अपवर्जित और आंशिक रूप से अपवर्जित क्षेत्रों – ए0वी0 ठक्कर
संविधान का लागू होना
————————————–
भारतीय संविधान का संक्षिप्त नाम अनु0 393 क
े तहत दिया गया है इसक
े अनुसार इस संविधान का
संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है अनु0 394 इस संविधान क
े लागू होने क
े बारे में है जो लागू होने की
तिथि 26 जनवरी 1950 घोषित की गयी है तथा क
ु छ अनु0 को अंगिकार करने की तिथि 26 नवम्बर
1949 दी गयी है अनुच्छेद 5,6,7,8,9,60,324,366,364,379,380,388,391,392,393,394 इस प्रकार
26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकार करने तथा 26 जनवरी 1950 उसे लागू करने क
तिथि है ।
परिवहन विभाग से सम्बन्धित भर्ती जानने क
े लिए यहाँ पर क्लिक करे ।
उत्तर प्रदेश पुलिस से सम्बन्धित भर्ती क
े सम्बन्ध में जानकारी लिये यहाँ पर क्लिक करें ।
Tags: sanvidhan संविधान सभा का गठन sanvidhan / संविधान सभा क
े प्रमुख सदस्य sanvidhan /संविधान क
े
निर्माण क
े लिये sanvidhan kise kahate hain प्रारूप समिति ----- भारत का संवैधानिक विकास : एक नजर में भारतीय
संविधान sanvidhan का निर्माण भारतीय संविधान की विशेषता संविधान का लागू होना संविधान निर्माता समिति व उनक
े
अध्यक्ष
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Palak paneer kaise banta hai in hindi । पालक पनीर क
ै से बनाते है इन हिंदी …………………
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sanvidhan kise kahate hain_.pdf

  • 1. sanvidhan kise kahate hain? संविधान किसे कहते है ? sachinjattpapa@gmail.com October 15, 2022 1 min read sanvidhan kise kahate hain? संविधान किसे कहते है………. ? संविधान वह वैधानिक दस्तावेज है जो उस देश की जनता का विश्वास व उसकी आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करती है । आपको बता दूँ भारतीय संविधान क े निर्माण की पृष्ठ भूमि ब्रिटिश शासन काल में ही हो चुकी थी परन्तु इसक े विकास की गति इस काल में बहुत ही धीमी रही थी ।
  • 2. भारत क े संवैधानिक विकास को हम दो भागो में विभक्त करते है :- 1. ईंस्ट इंण्डिया क ं म्पनी क े शासन क े अन्तर्गत 2. ब्रिटेंन की सरकार क े शासन क े अन्तर्गत । जिस समय ब्रिटिश कम्पनीं का शासन रही ( सन 1858 ई0) ब्रिटेन की संसद द्वारा अलग अलग अवसरों पर अलग अलग कानून व आदेश पत्र जारी किया करती थी इन्हीं कानून व आदेश पत्रों क े जरिये वे भारत पर शासन कर पाते और शासन को अपने हाथ में रखते थे उन सभी आदेश पत्रों और कानून को हम भारत क े संवैधानिक विकास में शामिल करते है जिससे हमारे देश का संवैधानिक विकास हो सका और एक अंशतः कठोर व अंशतः लचीले संविधान का निर्माण हो सका । भारत का संवैधानिक विकास : एक नजर में ——- ● ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी क े अन्तर्गत भारत (1773-1853)– (जारी आदेश पत्र व कानून ) ● रेग्यूलेटिंग एक्ट 1773 ● पिटस इंडिया एक्ट 1784 ● चार्टर एक्ट 1793 ● चार्टर एक्ट 1813 ● चार्टर एक्ट 1833 ● चार्टर एक्ट 1853 ● ब्रिटिश क्राउन क े अन्तर्गत भारत ( 1858-1947 ) — (जारी आदेश पत्र व कानून )
  • 3. ● गवर्मेंन्ट आफ इंडिया एक्ट -1858 ● इंडिया काउसिंल एक्ट-1861 ● इंडिया काउसिंल एक्ट- 1892 ● भारत परिषद अधिनियम – 1909 ● भारत सरकार अधिनियम- 1919 ● भारत सरकार अधिनियम – 1936 ● अगस्त प्रस्ताव – 1940 ● क्रिप्स प्रस्ताव – 1942 ● क ै बिनेट मिशन – 1946 ● माऊ ं टबेटन योजना -1947 उपरोक्त जारी कियें गये आदेश पत्र व कानून क े द्वारा हमारे देश क े संविधान क े विकास की नींव रखी गयीं जो आगे चलकर विश्व का सबसे बडा संविधान बना ।
  • 4. sanvidhan /संविधान क े निर्माण क े लिये , sanvidhan संविधान सभा का गठन ——— संविधान सभा क े विचार का प्रतिपादन सर्वप्रथम इंग्लैड क े समानतावादियों और सर हेनरी मेन ने किया था परन्तु इसको व्यहवारिक रूप से सर्वप्रथम अमेरिका और फ्रांस में अपनाया गया था भारत में संविधान सभा क े निर्माण का दर्शन सबसे पहले बालगंगाधर तिलक क े निर्देशन में सन 1895 में स्वराज विधेयक में होता है सन 1922 में महात्मा गांधी ने कहाँ थी की भारतीयों का संविधान भारतीयों क े अनुसार होगा । सन 1924 मोती लाल नेहरू ने संविधान सभा क े निर्माण की माँग को ब्रिटिश शासन क े सामने सर्वप्रथम रखा था ।मगर औपचारिक रूप से संविधान सभा क े विचार का प्रतिपादन सर्वप्रथम एम.एन. राय ने रखा था जिसे लोकप्रिय बनाने और मूर्त रूप देने का कार्य जवाहर लाल नेहरु ने किया था तथा समय समय पर काँग्रेस ने भी इस मांग को उठाया था मगर 1942 में क्रिप्स मिशन क े आगमन ने संविधान सभी क े गठन की बात को स्पष्ट स्वीकार कर लिया था मगर 1946 में क े बिनेट मिशन क े आगमन पर इसे व्यवहारिक रूप प्रदान किया जा सका था ………… sanvidhan / संविधान सभा क े लिए चुनाव …………………… जुलाई 1946 में, क े बिनेट मिशन योजना क े अनुसार संविधान सभा क े लिए चुनाव हुआ संविधान सभा क े सदस्यों क े चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से प्रान्तीय विधान सभा क े सदस्यों क े द्वारा किया गया संविधान सभा क े क ु ल सदस्यों की सं0 389 थी इसमें से 292 प्रतिनिधि भारत क े 11 प्रांतो से 4 चीफ कमिशनरी से तथा 93 प्रतिनिधि देशी रियासतों से चुने जाने थे । जुलाई – अगस्त 1946 में ब्रिटिश भारत प्रांतो क े लिये आबंटित 296 (292+4) स्थानों क े लिए चुनाव सम्पन्न हुये कांग्रेस ने 210 स्थानों पर अपने सदस्य खडे तिये हुए थे जिसमे उसे 199 स्थानों पर उसे विजय प्राप्त हुई तथा 9 स्थानों पर काग्रेस क े समर्थित सदस्यों को सफलता मिली थी इस प्रकार कांग्रेस को 296 सीटो में से 208 सीटे प्राप्त हुई मुस्लिम लींग को 73 सींटे प्राप्त हुई ज क ु ल स्थानों का 25 प्रतिशत से भी कम थी एक – एक सीट यूनियनिस्ट , यूनियनिस्ट मुस्लिम , यूनियनिस्ट शिडयूल कास्ट , कृ षक प्रज्ञा पार्टी अनुसूचित जाति संघ सिक्ख (गैर काग्रेसी) और साम्यवादी को प्राप्त हुए 8 स्थानों पर निर्दलिय प्रत्याशी निर्वाचित हुए । संविधान सभा क े सम्बन्ध में महत्वपूर्ण तथ्य—– ● क ु ल सदस्यों की सं0 389
  • 5. ● ब्रिटिश प्रान्तों की सं0 292 ● देशी रियासतों की सं0 93 ● कमिशनरी क्षेत्रों की सं0 4 ● सम्प्रदाय क े आधार पर सदस्यों की सं0 ● सामान्य की सं0 213 ● मुस्लिम की सं0 79 ● सिक्खों की सं0 4 ● विभिन्न वर्गों क े प्रतिनिधित्व ● महिला सदस्यों की सं0 15 ● अनुसूचित जाति की सं0 26 ● अनुसूचित जनजाति की सं0 33 ● चुनाव परिणाम की स्थिति ● काग्रेंस की सं0 208 ● मुस्लिम लीग की सं0 73 ● निर्दल की सं0 8 sanvidhan / संविधान सभा क े लिए सर्वप्रथम मांग ………. सर्वप्रथम स्वराज पार्टी क े द्वारा सन 1924 में संविधान सभा क े निर्माण की मांग की गई थी कांग्रेस ने अपने 1937 क े फ ै जपुर(महाराष्ट्र )क े अधिवेशन में उक्त मांग को स्वीकार किया गया था 1939 में त्रिपुरी ( म.प्र.) अधिवेशन में इस मांग को द्वारा दोहराते हुए इस आशय से इस प्रस्ताव को पारित किया गया कि एक स्वतंत्र देश में संविधान निर्माण का एकमात्र तरीका संविधान सभा ही होगी । sanvidhan / संविधान सभा क े सम्बन्ध में ……… संविधान सभा एक बहुदलीय निकाय थी जिसमें फ्र ैं क एंथेनी ने ऐंग्लो इंडियन तथा पीएच मोदी ने पारसी समुदाय को प्रतिनिधित्व किया था डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर पहलाी बार 1946 क े चुनाव मेंं पूर्वी
  • 6. बंगाल से चुने गये किन्तु भारत पाकिस्तान क े विभाजन क े बाद पूर्वी बंगाल पाकिस्तान में चला गया जिसक े बाद डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर को संविधान सभा में शामिल करने क े लिए मुम्बई प्रेसीडेंसी की पूना संसदीय सीट से काँग्रेस क े एम0 आर0 जयकर से त्यागपत्र दिलाकर रिक्त करायी गयी थी जहाँ से पुनः उपचुनाव में निर्वाचित होकर पुनः संविधान सभा में शामिल हुए महात्मा गांधी व मोहम्मद अली जिन्ना दो ऐसे राष्ट्रीय नेता थे जो संविधान सभा की सभा में शामिल नहीं हुए । संविधान सभा में अपनी स्थिति कमजोर देखकर मुस्लिम लीग ने अलग संविधान सभा की माँग की और निर्वाचित संविधान सभा क े बहिष्कार का निश्चय किया 9 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा क े प्रथम अधिवेशन में लीग क े प्रतिनिधि नही हुए अतः संविधान सभा की प्रथम बैठक में क ु ल 208 सदस्य ही उपस्थित हुए ध्यान रहे संविधान सभा की उक्त बैठक दिल्ली में हुई थी इसक े अध्यक्ष डा0 सच्चिदानन्द सिन्हा थे 11 दिसम्बर 1946 को संविधान सभा की दूसरी बैठक भी दिल्ली में ही हुई थी जिसमें संविधान सभा क े स्थायी अध्यक्ष डा0 राजेद्र प्रसाद का निर्वाचन हुआ था संविधान सभा क े प्रारूप समिति क े अध्यक्ष श्री डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर को 24 अगस्त 1947 को हुआ था संविधान क े प्रारूप समिति क े अध्यक्ष होने क े कारण ही इन्हे संविधान निर्माता कहा जाता है sanvidhan / संविधान सभा क े प्रमुख सदस्य…………………….. ● डा0 राजेन्द्र प्रसाद ● पं0 जवाहर लाल नेहरू ● सरदार पटेल ● मौलाना आजाद ● गोपाल स्वामी आयंगर ● गोविन्द वल्लभ पंन्त ● अब्दुल गफ्फार खा ● पुरूषोत्तम दास टंडन ● क े 0 एम0 मुंशी ● डा0 सर्वपल्ली राधा कृ ष्णन ● जे0बी0 कृ पलानी
  • 7. ● श्याम प्रसाद मुखर्जी ● डा0 भीमराव अम्बेडकर ● सच्चिदानंद सिन्हा ● सी0 राजगोपालचारी ● पंडित ह्रदयनाथ क ुं जरू ● प्रो0 क े 0टी0 शाह ● डॉ जयशंकर ● टेकचन्द्र बख्शी ● टी0 कृ ष्णामचारी ● सर अल्लादि कृ ष्णास्वामी अय्यर ● एन0 गोपाल स्वामी अय्यर ● मसानी ● एचएम0 गौड ● सर फिरोज खान ● नूर सुहरावर्दी ● ख्वाजा नजीमुद्दीन ● लियाकत अली खां ● जफरूल्ला खां ● वी0एल0 मिश्रा ● डी0 पी0 खेतान ● मौहम्मद सादुल्ला ● एन0 माधवन राय
  • 8. sanvidhan / संविधान सभा में शामिल महिलाएँ…………………….. ● सुचेता कृ पलानी- उत्तर प्रदेश ● विजय लक्ष्मी पंडित-उत्तर प्रदेश ● पूर्णिमा बनर्जी-उत्तर प्रदेश ● कमला चौधरी-उत्तर प्रदेश ● बेगम एजाईज रसूल -उत्तर प्रदेश ● राजक ु मार अमृता कौर -मध्य प्रान्त ● सरोजनी नायडू-बिहार ● हंसा मेहता- बम्बई ● जी0 दुर्गा बाई- मद्रास ● दक्षयानी बेलायदुन- मद्रास ● अम्मु स्वामिनाथन-मद्रास ● मालती चौधरी-उडिसा
  • 9. ● रेणुका राय- प0 बंगाल ● लीला राय-पं0 बंगाल ● ऐनी मस्करीनी -ट्रावनकोर भारतीय संविधान sanvidhan का निर्माण ————– भारतीय संविधान क े निर्माण हेतु संविधान सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 को नई दिल्ली क े संविधान हाल में हुई थी जिसे अब संसद भवन का क ें द्रीय कक्ष कहा जाता है सभा क े सबसे वरिष्ठ सदस्य सच्चिदान्नद सिन्हा को सभा का अस्थायी अध्यक्ष चुना गया था तथा एचसी0 मुखर्जी को उपाध्यक्ष चुना गया था 11 दिसम्बर 1946 को डा0 राजेन्द्र प्रसाद को स्थायी अध्यक्ष सभी सदस्यों की सहमति से चुना गया तथा वेनेगल नर सिंह राव को संवैधानिक सलाहकार नियुक्ति किया गया जो आगे चलकर अंतराष्ट्रीय न्यायालय क े में पहले भारतीय न्यायधीश बने थे । उद्देश्य प्रस्ताव पारित ……………. संविधान सभा की कार्यवाही जवहार लाल नेहरू द्वारा 13 दिसम्बर 1946 को प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव क े साथ प्रारम्भ हुई थी तथी उद्देश्य प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकृ ति प्राप्त हुई थी । इस प्रस्ताव में कहा गया था कि भारत एक पूर्णतया स्वतंन्त्रता एव सम्पूर्ण प्रभुत्तासम्पन्न गणराज्य होगा तथा वह अपने संविधान का स्वयं निर्माण करेगा भारती गणराज्य प्रान्तों और देशी राज्यों का संघ होगा भारतीय संघ और उसक े राज्यों की सम्पूर्ण शक्ति उसकी जनता में निहित होगी । उद्देश्य प्रस्ताव को अनुमति मिलने क े बाद से ही अनेक समितियों का गठन किया गया संविधान सभा क े द्वारा बनायी गयी समितियों को दो भागों में विभाजित किया गया ………. 1. प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ- प्रक्रिया नियम समिति ,अधिकार समिति , सभा समिति , परिचालन समिति ,हिन्दी व उर्दू अनुवाद समिति आदि प्रक्रिया सम्बन्धी समितियाँ प्रमुख समितियाँ था । 2. विषय सम्बन्धी समिति – (प्रारुप समिति) ,—-– संघ शक्ति समिति , संघीय सविंधान समिति , प्रांतीय संविधान समिति , मूल अधिकार संविधान समिति . रियासत समझौता समिति , अल्पसंख्य समिति , झंडा समिति , परामर्श समिति आदि प्रमुख समितियाँ थी ।
  • 10. ● प्रारूप समिति —– प्रारूप समिति मे क ु ल 7 सदस्य थे । 1. डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर (अध्यक्ष) 2. एन0 गोपाल स्वामी आयंगर 3. क े 0एम0 मुंशी 4. अल्लादी कृ ष्णा स्वामी अयंग्गर 5. सैय्यद मौ0 सादुल्ला 6. वी0 एल मित्रा ( थोडे समय बाद स्वंय हट गये थे इनक े बाद एन0 माधव राव सदस्य बने थे ) 7. डी0पी0 खेतान ( मृत्यु क े बाद टी0 कृ ष्णामाचारी सदस्य बने थे ) आपकों बता दूँ की प्रक्रिया सम्बन्थित समितियाँ संविधान निर्माण की प्रक्रियाँ को हल करने क े लिए गठित की गयी थी जबकि विषय से सम्बन्थित समितियां संविधान निर्माण करने वाली समितियां थी। संविधान निर्माण क े लिये संविधान सभा की परामर्श समिति ने सर्वप्रथम 17 मार्च 1947 को क े न्द्रीय तथा प्रान्तीय विधान मंडल क े सदस्यों को संविधान की प्रमुख विषेताओं क े सम्बन्ध में उनक े विचार जानने क े लिए प्रश्नों की सूची भेजा तथा संविधान सभा क े सदस्यों को संवौधानिक पूर्व दृष्टान्त क े नाम से विश्व क े विभिन्न देशों क े पूर्व दृष्टान्त तीन प्रतियाँ प्रदान किया गया इसमे लगभग 60 देशो क े संविधान क े मुख्य अंशो को उदभुत किया गया था क े न्द्रीय व प्रान्तीय विधान मंडल सदस्यों क े द्वारा भेजे गये उत्तर क े आधार पर परामर्श समिति ने एक रिपोर्ट तैयार कर इस रिपोर्ट क े आधार पर संविधानिक सलाहकार वी0एन0 राव ने अक्टूबर 1947 में संविधान क े प्रथम प्रारूप को तैयार किया गया जिसमें क ु ल 243 अनुच्छेद और 13 अनुसूचियाँ थी वीएन राव क े द्वारा तैयार किये गये संविधान क े मूल पाठ पर विचार करने क े लिए डा0 भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में एक सात सदस्यीय प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को किया गया था । प्रारूप समिति ने संविधान क े मूल पाठ पर विचार क े बाद उसे 1 फरवरी 1948 को संविधान सभा क े समक्ष विचार क े लिए रखा गया था जिसमे क ु ल 315 अनु0 8 अनुसूचियाँ थी । संविधान सभा क े इस प्रारूप पर विचार क े लिए तीन विचार चले गये थे
  • 11. प्रथम वाचन ……………. प्रथम वाचन – 4 नवम्बर 1948 से 9 नवम्बर 1948 तक चला था दूसरा वाचन……………………….. दूसरा वाचन – 18 नवम्बर 1948 से 17 अक्टूबर 1949 तक चला था जिसमें संविधान क े प्रत्येक खंड पर व्यापक रूप से विचार विमर्श चला था जिसक े बाद क ु ल 7635 संशोधन प्रस्तुत कियें गये थे जिसमें से 2437 को स्वीकार कर लिया गया था इस वाचन की प्रमुख विशेषता यह थी की सभी विषयों पर निर्णय पूर्ण सहमित क े साथ लियेे गये थे यह वाचन संविधान क े 7 वे से 10 वे अधिवेशन तक चला था । तीसरा वाचन…………………………………………… 14 से 26 नवम्बर 1949 तक चला था । भारतीय संविधान sanvidhan का निर्माण का अंतिम पडाव…………………. डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर ने संविधान सभा क े द्वारा निर्मित संविधान को पारित करने का प्रस्ताव रखा था 26 नवम्बर 1949 को यह प्रस्ताव पारित हुआ था इस दिन संविधान सभा क े द्वारा संविधान को अंगिकार कर लिया गया और संविधान सभा क े 284 सदस्यों ने संविधान पर हस्ताक्षर कर दिये थे इसमें महिला सदस्यों की सं0 8 थी जिन्हने संविधान पर हस्ताक्षर किये थे इस प्रकार भारतीय संविधान का निर्माण हुआ इसक े निर्माण में क ु ल 11 अधिवेशन हुए जिनमें क ु ल 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे थे तथा संविधान क े प्रारूप पर क ु ल 114 दिन बहस चली थी । संविधान को पारित करने की अंतिम तिथि 26 नवम्बर 1949 है इस दिन संविधान में क ु ल 395 अनु0 तथा 8 अनुसूचियाँ तथा 22 भाग थे संविधान अन्तिम बैठक 11 वी बैठक थी 24 जनवरी 1950 को हुई थी इसी दिन डा0 राजेन्द्र प्रसाद को भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया था संविधान सभा को भंग करक े उसे अन्तरिम संसद क े रूप में परिवर्तित कर दिया था ।
  • 12. संविधान निर्माता समिति व उनक े अध्यक्ष………………………… 1. प्रारूप समिति -डा0 बी0 आर0 अम्बेडकर 2. संघ संविधान समिति – जवाहर लाल नेहरू 3. प्रांतीय संविधान समिति- सरदार वल्लभ भाई पटेल 4. मूल अधिकार एवं अल्पसंख्य समिति – सरदाल वल्लभ भाई पटेल 5. झंडा समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद 6. रियासत समिति -डा0 राजेन्द्र प्रसाद 7. देशी रियासत समझौता समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद 8. संचालन समिति – डा0 राजेन्द्र प्रसाद 9. नियम समिति -डा0 राजेन्द्र प्रसाद 10.संघ शक्ति समिति- जवाहर लाल नेहरू 11.कार्य संचालन समिति- क े 0 एम0 मुंशी 12.मूल अधिकार उपसमिति -जे0बी0 कृ पलानी
  • 13. 13.अल्पसंख्य उपसमिति -एचसी मुखर्जी 14.सर्वोच्च न्यायालय समिति – एस0 वारादाचारियार 15.राज्य समिति – जवाहर लाल नेहरू 16.संविधान सभा की कार्यकारिणी संबंधी समिति – जी0 वी0मावलंकर 17. आवास समिति – बी0 पट्टाभि सीतारम्मैया 18.प्रत्यय पत्र समिति – अलदि कृ ष्णस्वामी अय्यर 19.अल्पसंख्य उपसमिति – एच0सी0 मुखर्जी 20.अपवर्जित और आंशिक रूप से अपवर्जित क्षेत्रों – ए0वी0 ठक्कर संविधान का लागू होना ————————————– भारतीय संविधान का संक्षिप्त नाम अनु0 393 क े तहत दिया गया है इसक े अनुसार इस संविधान का संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है अनु0 394 इस संविधान क े लागू होने क े बारे में है जो लागू होने की तिथि 26 जनवरी 1950 घोषित की गयी है तथा क ु छ अनु0 को अंगिकार करने की तिथि 26 नवम्बर 1949 दी गयी है अनुच्छेद 5,6,7,8,9,60,324,366,364,379,380,388,391,392,393,394 इस प्रकार 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान को अंगीकार करने तथा 26 जनवरी 1950 उसे लागू करने क तिथि है । परिवहन विभाग से सम्बन्धित भर्ती जानने क े लिए यहाँ पर क्लिक करे । उत्तर प्रदेश पुलिस से सम्बन्धित भर्ती क े सम्बन्ध में जानकारी लिये यहाँ पर क्लिक करें । Tags: sanvidhan संविधान सभा का गठन sanvidhan / संविधान सभा क े प्रमुख सदस्य sanvidhan /संविधान क े निर्माण क े लिये sanvidhan kise kahate hain प्रारूप समिति ----- भारत का संवैधानिक विकास : एक नजर में भारतीय संविधान sanvidhan का निर्माण भारतीय संविधान की विशेषता संविधान का लागू होना संविधान निर्माता समिति व उनक े अध्यक्ष Edit Previous Palak paneer kaise banta hai in hindi । पालक पनीर क ै से बनाते है इन हिंदी …………………
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