1. 1 अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
रामचरण पटले न करकन अवलोकन
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वरदाक्षहनी माय लक दुआ पायकन!
अठारह पुराण को करीसेव अवलोकन।
प्रासंक्षिक मायबोली मा सारांशीकरण!
साक्षहत्यिक शब्दावली मा सुदृढ़ क्षववेचन।।
क्रमशः सबको होय रही से क्षलखान!
संिेपण मा क्षलखकन सि बखान।
पुराण मा क्षमलसे ब्रम्हाण्ड समाधान!
सन्दर्भ व्याख्या लक करकन ऐलान।
माक
े ण्डेय पुराण मा सुख अिय प्रदान!
माय र्वानी को से सहयोि प्रदान।
पद्मपुराण मा से सुक्षवक्षशष्ट क्षवधान!
समस्त र्ू र्ाि खंड को तत्वाधान।
तीसरो क्षवष्णु पुराण मा से उल्लेखन;
आधार स्तम्भ राजा ईनको िुणिान!
र्ारत देश मा पहले जन्म लेयकन;
जनमानस मा वीरतापूणभ पक्षहचान।
2. 2 अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
चौथो क्षशव पुराण मा मुख्य क्षवश्लेषण;
र्िवान क्षशवलक क्षमलेव सबला वरदान!
सब जीव जन्तु ला जीवन ला देयकन;
क्षशव को वायु लक जीवधारी का प्राण।
सौरमंडल को र्यो पररिण;
समस्त जि को र्यो कल्याण!
ब्रम्हा क्षवष्णु जी ला देयकन वचन;
क्षशव जी र्ोला र्ंडारी दयावान।
पांचवीं र्ािवत पुराण मा र्यी िणना;
र्त्यि र्ावना मा सब रमकन र्िवान!
माय र्िवती की र्यी से मनोकामना;
ऋक्षष मुक्षन संत लक र्यो िुणिान।
छटवो नारद पुराण मा से प्रवचन;
नारद की कला को क्षदव्य प्रसारण!
अचत्यम्भत अवतार प्रर्ू लेयकन;
देव -दानव मा करसे सुसमन्वयण।
सातवो माक
े ण्डेय पुराण मा विीकरण;
र्यो देव अना दानव मा वाताभलाप संवाद!
र्िवती र्वानी दुिाभ शत्यि अवतारकन;
क्षववाद को कारण दानव र्या बबाभद।
3. 3 अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अक्षि पुराण मा क्षबष्णू जी मत्स्य अवतार!
सृक्षष्ट को करनला कल्याण उध्दार।
र्िवान न करीसेस र्व्यतम चमत्कार!
सकल संसार को र्यो अदर्ुत सुधार।
नौवमो र्क्षवष्य पुराण मा अवलोकन;
र्क्षवष्यित कथा कहानी को से क्षवधान!
पौराक्षणक राज्य वंशज को से क्षचत्रीकरण;
सि नारायण कथा को र्यी से िुणिान।
दसवो ब्रह्मावैवतभ पुराण मा से वक्षणभत!
देवी -देवता ईनको कथानक आहवान।
श्री क
ृ ष्ण र्िवान लक ज्ञान से संकक्षलत!
पथ प्रदशभक बनकन क्षदव्य र्व्य रुपवान।
ग्यारहवो क्षलंि पुराण मा क्षकक्षतभ क्षचत्रीत;
र्िवान सूयभदेव की वशंज खानदान!
राजा अम्बरीष लक र्यी सम्पाक्षदत;
तंत्र मंत्र यंत्र लक घोर क्षवद्या क्षवज्ञान।
बारहवो वराह पुराण मा से क्षवमोचन!
तीन लोक को र्यो सुक्षवस्तारीकरण।
सूयभ उत्तरायण दक्षिणायन आिमण!
सूयभ को शत्यि लक सब होसे संश्लेषण।
4. 4 अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
तेरहवो स्कन्द पुराण मा क्षनदीष्टीकरण;
प्राक
ृ क्षतक सम्पदा को मनोहारी सुसृज्जन!
बारह ज्योक्षतक्षलिंि मा से क्षशव जी अवतरण;
िंिा जी अवतारकन करीसेस संतुलन।
चौदहवो वामन पुराण मा प्रासंिीकीकरण;
र्ौिौक्षलक संरचनात्मक र्यी से िणना!
र्ारत को हर िेत्र को रोचक संस्मरण;
प्राचीनतम सभ्यता की र्यी से क्षववेचना।
पन्द्रहवो क
ु मभ पुराण मा से सजीव क्षचत्रण!
नैक्षतकता दाशभक्षनकता को र्यो अलंकरण।
सब चारी युि उत्पक्षत्त को सन्दर्ीकरण!
सब देवी देवता को र्यो क्षवस्तारीकरण।
सोलहवो मत्स्य पुराण मा क्षबष्णू अवतरण!
अनेकों श्लोक लक र्यी से संस्क
ृ क्षतकरण।
महक्षषभ वेद व्यास जी लक प्रस्तुतीकरण!
शंकर र्िवान जी लक वरदान पायकन।
सत्रहवो िरुड़ पुराण मा र्यो संस्करण!
लख चौरासी यौनी को समाक्षवष्टकरण।
अठारहवो ब्रम्हाण्ड पुराण मा क्षवक्षशष्टीकरण!
धरनी अना अम्बर तल को समाक्षवष्टीकरण।
5. 5 अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
महक्षषभ वेद व्यास जी न करीस स्पष्टीकरण!
सनातनी क्षसध्दांत लक र्यी से सुक्षचत्रण।
र्ि अना र्िवान की मक्षहमा को िायण!
र्ि ला र्िवान न सािात दशभन देयकन।
माय िढ़काली र्वानी को नाव लेयकन!
मायबोली मा करीसेव सुिक्षठत क्षववरण।
संिेपणकताभ रामचरण पटले लक संशोधन!
आमरो समाज ला से हाथ जोड़कन नमन।।
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देवी िीतकार-रामचरण हरचंद पटले
महाकाली निर नािपुर मोबाइल नं.९८२३९३४६५
मु.पोष्ट:-कटेरा ; तहसील -कटंिी क्षजला बालाघाट (म.प्र.)