Ayurvedic Pharmaceutical’s - Challenges And Opportunities
Ayurveda recipes.pptx
1.
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विभागाध्यक्ष प्रस्तुतकताा
प्रो. अिधेश क
ु मार भट्ट डॉ. आनंद क
ं िर
पी.जी. अध्येता
स्नातकोत्तर रसशास्त्र एिं भैषज्य कल्पना
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3. आहार संरक्षण एिं संिधान का
महत्व
संिधान - संवर्धन एक ऐसी प्रक्रिया है क्रिसमें क
ृ क्रि से प्राप्त कच्चे उत्पाद को
रसायक्रनक, भौक्रिक िथा िैक्रवक क्रियाओं क
े , द्वारा उनका मूल्य ओर गुण
वर्धन क्रकया िािा है क्रिससे उनक
े िीवन काल में वृद्धि हो िािी है और
उनको खाने योग्य बनाया िािा है।
आहार संरक्षण :- भोिन को सूक्ष्मिैक्रवक वृद्धि रोकने का एक िरीका है,
क्रिसमें हम आहार को इस प्रकार से िैयार करिे हैं क्रक उसमें क्रकसी भी िरह
का क्रविाक्तिा ना आए और वह लंबे समय िक उपयोगी रहे। हम भोिन को
िीवाणुओं द्वारा क्रकसी भी संभाक्रवि संिमण से बचािे हैं क्रिससे क्रक आहार
4. 4. संरवक्षत भोजन को उन स्थानोंपर भेजना जहााँ इन्हें उगाया/ बनाया जाना
संभि नहींजाता हो ।
2. अवतररक्त उत्पादन की व्यिस्था करना :- िैसे आम िो की गक्रमधयों
का फल है और गक्रमधयों क
े अलावा आम को प्रयोग मे लेने क
े क्रलए आम
क
े बने क्रवक्रभन्न भोज्य पदाथों का क्रनमाधण क्रकया िािा है और संरक्रिि
क्रकया िािा है िैसे – िूस, मुरब्बा , चटनी , कच्चे आम का पाउडर आक्रद
3. हमारे भोजन में विविधता आती है :- एक ही मौसम में हम उस मौसम की
सद्धियां खा खा कर बोर हो िािे हैं िो इसमे क्रवक्रवर्िा लाने क
े क्रलए ऐसे पदाथों
का संवर्धन करना िो की भोिन मे क्रवक्रवर्िा ला दे िैसे – मटर , अचार , पापड़
आक्रद
1. सभी पोिक पदाथों एक ही कल्पना में समाक्रहि हो
िाना ।
5. मोदक कल्पना
• भारि क
े अलावा यह ओर कई देशों में भी बनाया और पसन्द क्रकया िािा है। प्राचीन
काल में लड्ड
ू क्रकसी भी उत्सव में भोिन क
े आयोिन में क्रवशेि प्रकार का महत्व
रखिा था।
• लड्ड
ू सैंकड़ो प्रकार क
े होिे हैं और बनाये िा सकिे हैं। हर िगहों क
े लड्डुओं की
पररचय :- सामान्य भािा मे इसे लड्ड
ू क
े
नाम से िानिे हैं लड्ड
ू एक प्रकार की
भारिीय क्रमठाई है िो कई िरह से बनाई
िािी है।
यह बेसन, मोिीचूर, गोंद इत्याक्रद कई
अलग-अलग चीिों से िैयार क्रकया िािा
है।
6. उपयोग समयािवध :- सामान्यिः सभी प्रकार क
े
लड्ड
ू 2-3 महीनों िक संवक्रर्धि रह सकिे है
लंबे समय तक संरवक्षत रहने मे कारण :-
• आटे का उपयोग करिे है , आटे को घृि मे
भूनिे है
• िल का उपयोग नहीं करिे क्रिसक
े कारण नमी
पूरी िरह से हट िािी एवं इनक
े खराब होने की
संभावनाये कम हो िािी है |
उदाहरण :- घृि क
ु मारी क
े लड्ड
ू , गोंद क
े लड्ड
ू , क्रिल
क
े लड्ड
ू Multigrain आटा लड्ड
ू , र्क्रनया क
े लड्ड
ू ,
7. घृतक
ु मारी क
े लड्ड
ू :- इसका मुख्य घटक घृि क
ु मारी होिा है
सामग्री :- 1 कप एलोवेरा रस, 2 कप गेहं का आटा
1 कप बेसन, 1 1/2 कप घी, 2 कप गुड़
1 चम्मच काली क्रमचध दरदरी क
ु टी हुई, 1/4 कप कटा बादाम
बनाने की विवध :-
• सबसे पहले एलोवेरा को अच्छे से र्ो लें और क्रिलका क्रनकाल लें
• एलोवेरा का गूदा अलग करक
े टुकड़ों में काटकर र्ो लें क्रिससे एलोवेरा का
कड़वापन क्रनकल िाएगा, क्रफर इसे क्रमक्सर िार में डालें और क्रचकना पीस लें
8. • एक कड़ाही में घी गरम करें और आटा और बेसन डालकर घी अलग होने िक भून
|
• िब आटा अच्छे से भून िाए िब उसमें पीसा हुआ ऐलोवेरा को क्रमलाकर थोड़ा भून
ले ।
• बादाम और काली क्रमचध क्रमलाएं ,अब इसे पूरी िरह ठं डा होने दें।
• क्रफर गुड़ या चीनी क्रमलाकर लड्ड
ू बनाएं और इसे डब्बे में भरकर रखें।
घृतक
ु मारी लड्ड
ू क
े फायदे :-
• क्रिदोि शामक
• रसायन, बल्य, वृष्य, नेत्र्य
• त्वचा एवं बालों क
े क्रलए फायदेमंद
• पोिक ित्वों से भरपूर
9. पापड़ :-
पररचय :-
• भावप्रकाश क्रनघण्टु क
े क
ृ िान्न वगध मे इसका वणधन क्रकया गया है
• पापड़ भारिीय खाने क
े साथ-साथ प्रयुक्त होिा है। पापड़ कई िरह
क
े अनािों क
े आटे से बनिा है और कई प्रकार से बनिा है।
10. • इसमें मुख्य गेहूँ चावल मक्का मूूँग इन अनािों का उपयोग
अक्रर्क क्रकया िािा है ओर अनेक प्रकार क
े फलों को भी पापड़
बनाने क
े क्रलए उपयोग मे लेिे है।
• सदा आग पर पर भूंि कर खाने से अत्यन्त रोचक, अक्रिदीपक,
पाचक, रूि, होिे हैं।
उपयोग समयािवध :- सामान्यिः सभी प्रकार क
े पापड़ 2-3
महीने िक संवक्रर्धि रह सकिे है।
11. लंबे समय तक संरवक्षत रहने मे कारण :-
• पापड़ को आिप शुष्क क्रकया िािा है , क्रिसक
े कारण इसका िलयांश समाप्त हो
िािा है ।
• इसको एयर टाइट डब्बों मे पैक करक
े रखा िािा है । अिः नमी न रहने क
े
कारण ये लंबे समय िक संरक्रिि रहिे है ।
उदाहरण :- सामान्यिः उड़द मूंग, सूिी, बेसन, चने, चावल, मक्का इनक
े पापड़
बनिे है ।
आंिला पापड़ :- पोिण व औिर्ीय महत्व से भरपूर आंवले क
े पापड़ अक्रि
महत्वपूणध है
सामग्री :- 500 ग्राम आंवला, 50 ग्राम चीनी , 10 ग्राम काला नमक , 10 ग्राम
काली क्रमचध , 10 ग्राम सेंर्व नमक
12. विवध:-
• सवधप्रथम आंवले को द्धिन्न ( steam ) लें।
उसक
े बाद गुठली क्रनकाल कर कपड़े पर
फ
े ला दें । और हल्का शुष्क होने दें।
• अब इसकी क्रपष्टी बना लें िथा उसमे चीनी,
सेंर्ा, नमक, काली क्रमचध पाउडर, काला नमक
ये सब क्रमक्स कर दें ।
• अब इस लुगदी को दो प्लाद्धिक पन्नी क
े बीच मे रखकर बेलन से पापड़ की
िरह बेल लें । िथा आिप शुष्क करलें ।
• पूरी िरह सुख िाने क
े बाद भोिन क
े अंि मे इसका पाचक की िरह प्रयोग
14. अचार :-
पररचय :-
• अचार बहुि से फलों एवं मसालों से बना एक
िाक्रदष्ट चटपटा व्यंिन है िो प्राय: दू सरे
पकवानों क
े साथ खाया िािा है।
• अचार क
े अनेकानेक प्रकार फलों एवं सद्धियों
से बनाए िािे है।
उपयोग समयािवध :- 2-3 साल िक अचार खराब नही होिे है।
15. उदाहरण अचार – कटहल का अचार, गािर-गोभी- शलिम अचार, क्रमक्स
अचार, क
े री का अचार, आवले का अचार, नींबू हरी क्रमचध का अचार, गोभी का
अचार
प्याि का अचार , खीरे का अचार
लंबे समय तक संरवक्षत रहने मे कारण :-
• इसमें प्रयुक्त होने वाले गमध िेल, चीनी, नमक और क्रसरका नेचुरल क्रप्रिवेक्रटव
होिे है िो चीिों को खराब नहींहोने देिे।
• इसक
े अक्रिररक्त हल्दी अपने ऐंक्रटमािोक्रबयल गुणों क
े कारण इनमें माइिोब्स
को पनपने नहींदेिी।
• सामान्य मािा से अक्रर्क नमक की मािा डालना ।
16. • इन्ीं कारणो से अचार, मुरब्बे आक्रद सामान्य िापमान पर भी लंबे
समय िक खराब नहीं होिे ।
आंिले का अचार :-
आिश्यक सामग्री :- आंवला 2 क्रकलो, राई 2 बड़े चम्मच, मेथी दाने 2 बड़े
चम्मच, िीरा 1 चम्मच, सौंफ 1 चम्मच, सरसों का िेल 500 ग्राम, हल्दी पाउडर
1 बड़ा चम्मच, लाल क्रमचध पाउडर 2 बड़े चम्मच नमक 1 कटोरी ।
17. विवध :-
• आंवले का अचार बनाने क
े क्रलए सबसे पहले आंवले को पानी से अच्छी
िरह र्ो लें। अब एक बिधन में आंवले और पानी डालें और मध्यम आंच
पर 10 क्रमनट उबालें।
• 10 क्रमनट उबलने क
े बाद आंवले अच्छी िरह नरम हो िाए और हाथ से
18. • क्रफर क्रमक्सर िार में डालकर दरदरा पीस लें। अब आंवले क
े टुकड़ों
को बिधन में डालें और इसमें दरदरा क्रपसा हुआ मसाला, नमक,हल्दी,
क्रमचध पाउडर डालकर अच्छी िरह चम्मच से क्रमला लें।
• अब एक पैन में सरसों का िेल को गमध करें क्रफर ठं डा होने दें। िेल
थोड़ा ठं डा होने पर, आंवले में िेल डालकर अच्छी िरह चम्मच से
क्रमला लें। अब इसे साफ सुथरी कांच की बरनी में डालकर िोड़ दे।
अचार क
े गुण :-
• अचार में हल्दी भी होिी है िो Curcumin से भरपूर होिी है। इसमें एं टी-
इंफ्लेमेटरीगुण होिे हैं िो शरीर को बैक्टीररया और वायरस से लड़ने में मदद
19. • आचार का सेवन आंि क
े
िास्थ्य में सुर्ार करिा
है। आंवला वाले अचार में
हेपेटोप्रोटेद्धक्टव (
hepatoprotective ) गुण
होिे हैं िो लीवर मिबूि
बनािे हैं ।
• यह अच्छे बैक्टीररया क
े क्रवकास को बढावा देिा है और पाचन समस्याओं
से क्रनपटने में मदद करिा है।