2. वैसी संस्क
ृ ति तिसमे ि ंबे क
े उपकरण क
े स थ स थ पत्थर क
े उपकरण ं क भी
प्रचलन तमलि है, उन्हें ि म्रपष तनक संस्क
ृ ति क न म तिय हैं भ रिीय
ि म्रपष तनक संस्क
ृ ति ग्र म्य – संस्क
ृ ति थी, तिसकी अपनी तवतिष्ट प त्र – परम्पर थी
1. क यथ –
DIS.- V.S.VAKANKAR 1964
EXC.- V.S.VAKANKAR 1965-67
क ली तसन्धु न मक निी क
े ि तहने िट पर स्थथि
क यथ क कतपत्थ्क न म से भी ि न ि ि है
क यथ से प्र प्त िीन मृद् ंड परम्पर च क तनतमिि है
1. ल ल अथव भूरे रंग क गध प्रलेप
२. प ंड
ू रंग
3. ल ल रंग मृद् ंड परम्पर
3. क यथ से मृद् ंड पर क
ं घी क तचत्रण तमलि है
यह ाँ से घड़े में ि ि ंबे की क
ु ल्ह ड़ी तमली है
NOTE – अह ड़ की भ ंति क यथ क
े िुसरे संस्क
ृ ति क ल क
े स्तर ं से क ले िथ ल ल
मृद् ंड क
े उपर श्वेि रंग क
े तचत्रण तमलिे है
क यथ की अह ड़ संस्क
ृ ति क
े ऊपरी स्तर ं से अतिक ंड क
े स क्ष्य तमले है
उपकरण – ि ंबे िथ क ंसे से पूणििय पररतचि
एक मक न में से पिले प त्र में रखी 29 ि म्र चूड़ी और ि तवतिष्ट आक र
की क
ु ल्ह ड़ी तमली हैं
तनम िि – स क्ष्य क
े आध र पर यह कह ि ि है की क यथ िथ म लव क
े तनव सी एक
ही थे
तितथ क्रम – 2000 – 1800 ई.पू.
4.
5. * न गि (चंबल निी क
े तकन रे स्थथि) से क यथ प्रक र की प त्र प्र प्त हुए है िथ कच्ची ईट से
बने मक न क
े अविेष
* एरन (तबन निी क
े तकन रे स गर तिले में स्थथि) यह पुर थथल घ ड़े की न ल क
े आक रमें बस
हुआ है और तटन ओर से निी द्व र सुरतिि तघर है
प त्र – क ले रंग से तचतत्रि ल ल प त्र
धूसर प त्र
सफ़
े ि रंग से तचतत्रि क
ृ ष्ण-ल तहि प त्र
चमकीली गहरी ल ल ओपि र प त्र
तचपटी ट ंटी व क
े घड़े
6. 2. अह ड़ –
ितिण पूवि र िथथ न में अर वली पविि श्रंखल क
े पतिम में स्थथि
EXC. – रिन चन्द्र अग्रव ल 1952-53 िथ 1953-54 ईस्वी
बन स निी क
े तकन रे स्थथि ह ने क
े क रण इसे बन स संस्क
ृ ति भी कह ि ि है
अह ड़ क धुलक ट क
े न म से भी ि न ि ि है
ि म्रविी अह ड़ क िू सर न म
तगलुण्ड इसक एक प्रमुख थथल है, 1959-60 में B.B.LAL ने यह ाँ उत्खनन कर य थ
म चि 1993 में V.N.MISHRA क
े द्व र ब ल थल न मक पुर थथल की ख ि हुई
7. श्वेि रंग से तचतत्रि क
ृ षण ल तहि प त्र परम्पर अह ड़ की तवतिष्ट प त्र परम्पर है
ब ल थल से तमले प त्र खण्ड ल ल रंग पर सफ
े ि रंग से तचत्रण तमल है
ि ंबे गल ने क स क्ष्य ब ल थल से तमल है
लम्बे तसंग व ले बैल की मृन्मुिीय ाँ अह ड़ िथ ब ल थल से तमली है
अह ड़ िथ ब ल थल में मक न क
े अन्दर से चूल्ह ं क
े स क्ष्य तमले है
अह ड़ से एक म कन क
े भीिर कि र में छः चूल्हे क स क्ष्य तमल है
तगलुण्ड से मक न ं क
े तनम िण में पक्की ईंट क
े प्रय ग क
े स क्ष्य तमले है
अह ड़ क
े प त्र-खंड पर भुंसी एवं पुआल की छपे तमलिी है
तितथ-क्रम – 2100-1500 ई.पू.
8.
9.
10. 3. म लव –
म लव संस्क
ृ ति क न वि ट ली की ि म्र – प ष तनक संक
ृ ति भी कह ि ि है क्युकी अतधकिर
पुर थथल यही से तमले है I
- न वि ट ली (न तवक की ट ली) िथ महेश्वर न मक थथल नमिि क
े ितिणी िथ उिरी तकन रे बसे है
और यही क रण है की इनक
े तवन ि क क रण ब ढ़ बन I
- न वि ट ली क उत्खनन 1953-54 एवं 1957-59 में स ंकतलय िथ म हेश्वर अथव
मतहष्मिी क उत्खनन 1953-54 में स ंकतलय क
े द्व र तकय गय I
- मध्य-प्रिेि क
े न गि ,क यथ ,एरन,मन िी,िंगव ड िथ मह र ष्टर में स्थथि
बहल,स नग ंव,च न्द ली,प्रक ि,इन मग वं और ियम ब ि से भी इसक
े अविेष तमले है I
- म लव से ि वे संस्क
ृ ति क
े प त्र भी तमले है I
- क ले रंग से तचतत्रि ल ल रंग की प त्र म लव प त्र परम्पर क
े न म से अतभतहि तकय गय है I
11. *म लव से च र प्रक र क
े मृभ ंड तमली है –
- क
ृ ष्ण ल तहि, िुतधय ओपि र क
ृ ष्ण ल तहि, ल ल य गुल बी, खुरिुरे ल ल मृिभ ंड
- इन मग ाँव िथ ि यम ब ि से गिियुक्ततनव स क
े प्रम ण भी तमले है
- इन मग ाँव से 23 िथ ि यम ब ि से 16 ि व धन तमले है, बच्च क िफन ने हेिु कलि
क प्रय ग तकय ि ि थ
तितथक्रम- 1700-1200 ई.पू.
12. 4. ि वे –
इस संस्क
ृ ति की ि नक री सविप्रथम मह र ष्टर क
े अहमिनगर तिले में स्थथि
ि वे न मक पुर थथल से हुई है
- सव ितधक पुर थथल ि पी(ि प्ती) निी क
े तकन रे स्थथि है
- अतधकिर पुर थथल मह र ष्टर की क ली तमट्टी क
े उपर स्थथि है
- प्रक ि,स्वल्द ,क
ु ठे ,बहल,टेकव ड ,नेव स ,स नग ंव,चन्दौली आति से इस संस्क
ृ ति क
े
अविेष तमले है
- ियम ब ि में एक टीले पर स्थथि पेड़ की िड़ ख ििे समय एक गैंड ,एक ह थी,एक
भैंस िथ एक रथ तिसमे ि बैल िुटे है एवं एक खड़ी मुद्र में व्यस्क्त स्वर है ये सभी
ि ंबे की बनी है ि स ंचे में ढ लकर ठ स बन ई गयी है
- इन मग ाँव से स्त्री िथ वृषभ की मूतिि तमली है
- नेव स में एक बच्चे क
े क
ं क ल क
े गले में ि म्र क
े बने मनक
े प्र प्त हुए है िथ एक क
े
गले में ि म्र क
े मनक से तनरतमत्र ह र पड़ तमल है
- नेव स क
े उत्खनन से कप स की खेिी क
े प्रम ण तमले है
- इन मग ाँव से िौ,गेंहू,मटर,मसूर,मुंग,ि मुन आति क
े स क्ष्य तमले है
13. - ि वे में ल ग क िफन ने से पहले उनकी ट ंगे क ट डी ि िी थी
- बच्च क िफ़न ने हेिु अंत्येष्ठी कलि क प्रय ग
- ि वे क अंि सूखे की स्थथति ह ने क
े क रण हुआ है
14. 5. चन्दौली-
- प्र प्त स क्ष्य क
े आध र पर चन्दौली की तितथ 1500 ई.पू. मतण ि िी है
- यह ाँ िव क घर में ही िफन य ि ि थ
- चुने से लेतपि फिि, ि मुाँह व ले चूल्हे
- वग िक र,आयि क र,अंड क र तमट्टी की िीपक तमली है
15. 6. इन मग ाँव –
- घ ड़ निी क
े उत्तरी तकन रे पुणे तिले में स्थथि
- बड़े संग्रहप त्र, प नी क घड आति तमली है
- ग बर,तमट्टी,चुने से लेतपि फिि
- आवे य भट्टी की प्र स्प्त
- िव क घर क
े भीिर ही िफन य ि ि थ
- च र पैर व ली तमट्टी की तबन पकी अस्थथ कलि की प्र स्प्त हुई है
- सविप्रथम इन मग ाँव क
े उत्खनन से ही ि म्र प ष तणक मनव की ध तमिक म न्यि य
पर प्रक ि पड़
- सूिी, रेिमी कपड़ क
े प्रम ण भी तमले है
- अलंक
ृ ि प त्र, ल ट , गहरे कट रे, संकरी लम्बी गििन व ले घड़े आति तमली है
- रेतडय क बिन तवतध क
े अनुस र तितथ 1400 – 1100 ई.पू. मतण ि िी है
- संभविः मह र ष्टर में भीषण सुख पड़ने क
े क रण इस संस्क
ृ ति क अंि हुआ है
16. 7. ियम ब ि –
- प्रवर निी की ब ये िट पर स्थथि
- 1958 में BOPRIDIKAR क
े द्व र इसे ख ि गय थ
- 1958-59 में िेिप ंडे, 1974-75 में र व िथ 1978-79 में एस. ए. स ली क
े द्व र यह
उत्खनन कर य गय थ
- यह ाँ से तमट्टी की तिव ल व ली 11 घर क
े अविेष तमले है
- िौ, मसूर, चन आति क
े स क्ष्य तमले है
- तघसे उए धूसर प त्र िथ ह थ से बने म टे भद्दे ल ल प त्र तमले है
17. 8. प्रक ि –
- धुतलय तिले क
े िहि ि लुक में स्थथि
- ि प्ती और ग मई निी क
े संगम पर स्थथि
- तकसी भी पिु की हतिय न तमलने क
े क रण कह ि ि है की यह ाँ क
े ल ग
ि यि म ंस ह री नही थे
9. सव ल्द –
- 1958 में स ली द्व र उत्खनन करक
े यह ाँ से तवतिष्ट प्रक र क
े प त्र ख िे गये थे
तिसे सव ल्द प त्र क
े न म से अतभतहि तकय गय है
- इन प त्र क म ध्यम गति क
े च क पर बन य गय है
- प त्र हल्क भूर , चॉकलेट, ल ल, न रंगी, गुल बी िथ पंड
ू रंग क
े है