2. नई शिक्षा नीति 2020
भारि द्वारा 2015 में अपनाए गए सिि ववकास एजेंडा 2030 क
े लक्ष्य
(एसडीजी (सिि ववकास लक्ष्य)) में पररलक्षक्षि वैश्ववक शिक्षा ववकास
एजेंडा क
े अनुसार वववव में 2030 िक ‘’सभी क
े शिए समावेिी और
समान गुणवत्तायुक्ि शिक्षा सुतनश्विि करने और जीवन-पयंि शिक्षा क
े
अवसरों को बढावा दिए जाने का लक्ष्य है।
2
RST
3. ववषयवस्िु को बढाने की जगह जोर इस बाि पर अधिक होने की ज़रूरि है कक बच्िे
समस्या-समािान और िक
क िश्क्ि एवं रिनात्मक रूप से सोिना सीखें, ववववि ववषयों क
े
बीि अंिसंबंिों को िेख पायें, क
ु छ नया सोि पायें और नयी जानकारी को नए और बिली
पररश्स्ितियों या क्षेत्रों में उपयोग में कर पायें। जरूरि है कक शिक्षा प्रकिया शिक्षािी क
े श्रिि
हो, श्जज्ञासा, खोज, अनुभव और संवाि क
े आिार पर संिाशलि हो, लिीली हो और समग्रिा
और समेककि रूप से िेखने-समझने में सक्षम बनाने वाली और, अववय ही, रुधिपूणक हो।
शिक्षा शिक्षाधिकयों क
े जीवन क
े सभी पक्षों और क्षमिाओं का संिुशलि ववकास करे इसक
े शलए
पाठ्यिम में ववज्ञान और गणणि क
े अलावा बुतनयािी शिक्षा, शिल्प, मानववकी, खेल और
किटनेस, भाषाओं, सादहत्य, संस्कृ ति और मूल्य को अववय ही समावेि ककया जाये। शिक्षा से
िररत्र तनमाकण होना िादहए, शिक्षाधिकयों में नैतिकिा, िाकक
क किा, करुणा और संवेिनिीलिा
ववकशसि करनी िादहए और साि ही रोज़गार क
े शलए सक्षम बनाना िादहए।
3
RST
4. • 2040 िक भारि क
े शलए एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य होना
िादहए जो कक ककसी से पीछे नहीं है, एक ऐसी शिक्षा व्यवस्िा जहां
ककसी भी सामाश्जक और आधिकक पृष्ठभूशम से संबंि रखने वाले
शिक्षाधिकयों को समान रूप से सवोच्ि गुणवत्ता की शिक्षा उपल्ि हो।
• यह नीति इस शसद्िारि पर आिाररि है कक शिक्षा से न क
े वल साक्षरिा
और संख्याज्ञान जैसी बुतनयािी क्षमिाओं क
े साि-साि उच्ििर स्िर की
िाकक
क क और समस्या-समािान संबंिी संज्ञानात्मक क्षमिाओं का ववकास
होना िादहए बश्ल्क नैतिक, सामाश्जक और भावनात्मक स्िर पर भी
व्यश्क्ि का ववकास होना आववयक है।
4
RST
5. पिछली नीतिय ाँ
शिक्षा पर वपछली नीतियों का जोर मुख्य रूप से शिक्षा िक पहुुँि क
े
मुद्िों पर िा। 1986 की राष्रीय शिक्षा नीति, श्जसे 1992 (एनपीई
1986/92) में संिोधिि ककया गया िा, क
े अिूरे काम को इस नीति
क
े द्वारा पूरा करने का भरपूर प्रयास ककया गया है। 1986/92 की
वपछली नीति क
े बाि से एक बडा किम तनिःिुल्क और अतनवायक शिक्षा
अधितनयम 2009 रहा है श्जसने सावकभौशमक प्रारश्भभक शिक्षा सुलभ
कराने हेिु कानूनी आिार उपल्ि करवाया।
5
RST
6. इस नीति क
े आध र ससद्ध न्ि
िैक्षक्षक प्रणाली का उद्िेवय अच्छे इंसानों का ववकास करना है - जो
िक
क संगि वविार और कायक करने में सक्षम हो, श्जसमें करुणा और
सहानुभूति, साहस और लधिलापन, वैज्ञातनक धिंिन और रिनात्मक
कल्पनािश्क्ि , नैतिक मूल्य और आिार हों। इसका उद्िेवय ऐसे
उत्पािक लोगों को िैयार करना है जो कक अपने संवविान द्वारा
पररकश्ल्पि – समावेिी, और बहुलिावािी समाज क
े तनमाकण में बेहिर
िरीक
े से योगिान करे।
6
RST
7. इस नीति क
े आध र ससद्ध न्ि मूलभूि शसद्िारि
हर बच्चे की पिसिष्ट क्षमि ओं की स्िीकृ ति, िहच न और उनक
े पिक स हेिु प्रय स
करन – शिक्षकों और अशभभावकों को इन क्षमिाओं क
े प्रति संवेिनिील बनाना श्जससे
वे बच्िे की अकािशमक और अरय क्षमिाओं में उसक
े सवांगीण ववकास पर भी पूरा
ध्यान िें।
बुतनय दी स क्ष रि और संख्य ज्ञ न को सि ाधधक प्र थसमकि देन – श्जससे सभी
बच्िे कक्षा 3 िक साक्षरिा और संख्याज्ञान जैसे सीखने क
े मूलभूि कौिल को हाशसल
कर सक
ें ।
लचील िन, िाकक शिक्षाधिकयों में उनक
े सीखने क
े िौर-िरीक
े और कायकिमों को िुनने
की क्षमिा हो, और इस िरह वे अपनी प्रतिभा और रुधियों क
े अनुसार जीवन में अपना
रास्िा िुन सक
ें ;
7
RST
8. मूलभूि शसद्िारि – िमििः
कला और ववज्ञान क
े बीि, पाठ्यिम और पाठ्येत्तर गतिववधियों क
े बीि,
व्यावसातयक और िैक्षणणक िाराओं, आदि क
े बीि कोई स्िष्् अलग ि न हो, श्जससे
ज्ञान क्षेत्रो क
े बीि हातनकारक ऊ
ं ि-नीि और परस्पर िूरी एवं असंबद्ििा को िूर
ककया जा सक
े ;
सभी ज्ञ न की एकि और अखंडि को सुतनश्चचि करने क
े सलए एक बहु-पिषयक
दुतनय क
े सलए पिज्ञ न, सामाश्जक ववज्ञान, कला, मानववकी और खेल क
े बीि एक
बहु-पिषयक (multi-disciplinary) और समग्र सिक्ष का ववकास ।
8
RST
9. मूलभूि शसद्िारि – िमििः
अिध रण त्मक समझ िर ज़ोर, न कक रटंि पद्िति और क
े वल
परीक्षा क
े शलए पढाई;
रचन त्मकि और ि र्क
ा क सोच िाकक
क क तनणकय लेने और नवािार
को प्रोत्सादहि करने क
े शलए;
नैतिकि , म निीय और संिैध तनक मूल्य जैसे, सहानुभूति, िूसरों क
े
शलए सभमान, स्वच्छिा, शिष्टािार, लोकिाश्रत्रक भावना, सेवा की
भावना, सावकजतनक संपवत्त क
े शिए सभमान, वैज्ञातनक धिंिन,
स्विरत्रिा, श्ज़भमेिारी, बहुलिावाि, समानिा और रयाय;
9
RST
10. मूलभूि शसद्िारि – िमििः
बहु-भ पषकि और अध्ययन-अध्यापन क
े कायक में भ ष की िश्ति को
प्रोत्साहन
जीिन कौिल जैसे, आपसी संवाि, सहयोग, सामूदहक कायक, और
लधिलापन;
सीखने क
े सलए सिि मूल्य ंकन िर ज़ोर, इसक
े बजाय कक साल क
े अंि
में होने वाली परीक्षा को क
ें ि में रखकर शिक्षा हो श्जससे कक आज की
‘कोधिंग संस्कृ ति’ को ही बढावा शमलिा है;
10
RST
11. मूलभूि शसद्िारि – िमििः
िकनीकी क
े यथ संभि उियोग िर ज़ोर – अध्ययन-अध्यापन कायक में, भाषा संबंिी
बािाओं को िूर करने में, दिव्याङ्ग बच्िों क
े शिए शिक्षा को सुलभ बनाने में और
िैक्षणणक तनयोजन और प्रबंिन में;
सभी पाठ्यिम, शिक्षण िास्त्र और नीति में स्िानीय संिभक की पिपिधि और
स्थ नीय िररिेि क
े सलए एक सम्म न, हमेिा ध्यान में रखिे हुए कक शिक्षा एक
समविी ववषय है;
सभी िैक्षक्षक तनणायों की आध रसिल क
े रूि में िूणा समि और सम िेिन, साि
ही शिक्षा को लोगों की पहुुँि और सामिक क
े िायरे में रखना – यह सुतनश्विि करने क
े
शलए कक सभी छात्र शिक्षा प्रणाली में सिलिा हाशसल कर सक
ें ;
11
RST
12. मूलभूि शसद्िारि – िमििः
गुवकत्तापूणक शिक्षा और ववकास क
े शिए उत्कृ ष्् स्िर क िोध;
िैक्षक्षक वविेषज्ञों द्वारा तनरंिर अनुसंिान और तनयशमि मूल्यांकन
क
े आिार पर प्रगति की सिि समीक्षा;
भ रिीय जड़ों और गौरि से बंधे रहन , और जहां प्रासंधगक लगे वहाुँ
भारि की समृद्ि और ववववि प्रािीन और आिुतनक संस्कृ ति और ज्ञान
प्रणाशलयों और परंपराओं को िाशमल करना और उससे प्रेरणा पाना;
12
RST
13. इस नीति क पिज़न
इस राष्रीय शिक्षा का ववज़न भारिीय मूल्यों से
ववकशसि शिक्षा प्रणाली है जो सभी को उच्ििर
गुणवत्ता शिक्षा उपल्ि कराक
े और भारि को
वैश्ववक ज्ञान महािश्क्ि बनाकर भारि को एक
जीवंि और रयाय संगि ज्ञान समाज में बिलने क
े
शलए प्रत्यक्ष रूप से योगिान करेगी। ...
13
RST
15. 1. प्र रश्म्भक ब ल्य िस्थ देखभ ल और सिक्ष : सीखने की नीि
बच्िो क
े मश्स्िष्क का 85 % ववकास 6 वषक की अवस्िा से पूवक ही हो जािा है।
बच्िो क
े मश्स्िष्क का उधिि ववकास और िारीररक वृद्धि को सुतनश्विि करने
क
े शलए उसक
े आरंशभक 6 वषों को महत्वपूणक माना जािा है।
प्रारश्भभक बाल्यावस्िा ववकास , िेखभाल क
े शलए गुणवििापूणक शिक्षा क
े
सावकभौशमक प्राविान को जल्ि से जल्ि, तनविय ही वषक 2030 स पूवक उपल्ि
ककया जाना िादहए, िाकक यह सुतनश्विि ककया जा सक
े कक पहली कक्षा में प्रवेि
पाने वाले सभी बच्िे स्क
ू ली शिक्षा क
े शलए पूरी िरह से ियार हो ।
15
RST
16. प्र रश्म्भक ब ल्य िस्थ देखभ ल और सिक्ष : सीखने की नीि
ईसीसीई में मुख्य रूप से लिीली, बहुआयामी, बहु-स्िरीय, खेल-आिाररि, गतिववधि –
आिाररि और खोज-आिाररि शिक्षा को िाशमल ककया गया है। जैसे - अक्षर , भाषा,
संख्या, धगनिी, रंग, आकार, इंडोर एव आउटडोर खेल, पहेशलयाुँ और िाकक
क क सोि,
समस्या सुलझाने की कला, इसक
े साि अरय कायक जैसे सामाश्जक कायक, मानवीय
संवेिना आदि पर ध्यान क
े श्रिि ककया गया है।
16
RST
17. प्र रश्म्भक ब ल्य िस्थ देखभ ल और सिक्ष : सीखने की नीि
एनसीईआरटी द्वारा 8 वषक की आयु िक क
े सभी बच्िों क
े शलए िो भागो में
प्रारश्भभक बाल्यावस्िा की शिक्षा क
े शलए एक उत्कृ ष्ट पाठ्यिम और िैक्षणणक
ढांिा (एनसीपीएिईसीसीई) ववकशसि ककया जाएगा, अिाकि 0-3 वषक क
े बच्िो क
े
शलए एक सब-फ्र
े मवक
क और 3-8 साल क
े शलए एक अरय सब-फ्र
े मवक
क का ववकास
ककया जाएगा।
17
RST
18. बुतनय दी स क्ष रि एिं संख्य ज्ञ न : सीखने क
े सलए एक
ि त्क सलक आिचयकि और िूिा ििा
विकमान में प्रािशमक ववद्यालय में बड़ी संख्या में बच्िे श्जनकी अनुमातनि संख्या 5
करोड़ से अधिक है बुतनयािी साक्षरिा और सख्या-ज्ञान भी नही सीखा है ; अिाकि
ऐस बच्िो को सामारय शलखे को पढने, समझने और अंको क
े साि बुतनयािी जोड़
और घटाव करने की क्षमिा भी नही है ।
बुतनयािी साक्षरिा और संख्या ज्ञान क
े कौिलों को प्राप्ि करने क
े शलए एक
अशभयान िलाया जाएगा श्जसे 2025 िक प्राप्ि करना होगा।
इसक
े शलए MHRD द्वारा एक राष्रीय शमिन की स्िापना की जाएगी।
18
RST
19. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए
िैक्षणणक ढांिा
19
RST
20. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए
• शिक्षा ववधि का समग्र क
ें ि बबरिु – रटने क
े स्िान पर वास्िववक समझ और ज्ञान
होगा ।
• शिक्षा का उद्िेवय क
े वल संज्ञानात्मक समझ न होकर िररत्र तनमाकण और 21वीं
ििा्िी क
े कौिलों को बढ़ाना होगा।
• ववषयवस्िु को कम करक
े उसे आलोिनात्मक धिंिन, खोज आिाररि, वववलेषण
आिाररि अधिगम पर ज़ोर दिया जाएगा।
• इसमे मुख्य अविारणाओं वविारों, अनुप्रयोगों और समस्या समािान पर िोकस होगा।
20
RST
21. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
• प्रयौधगक आिाररि अधिगम अिाकि करक
े सीखना पर ज़ोर दिया जाएगा।
• कहानी – आिाररि शिक्षण िास्त्र को प्रत्येक ववषय में मानक शिक्षण िास्त्र क
े रूप में
िेखा जाएगा।
• कला समश्रवि शिक्षण से भारिीय कला एवं संस्कृ ति को स्िान दिया जाएगा।
• खेल समरवय शिक्षण से परस्पर सहयोग, स्वििः पहल करना, स्व अनुिासन, टीम
भावना श्ज़भमेिारी आदि गुणों का ववकास करािे हुए बच्िों क
े िारीररक और
मनोवैज्ञातनक ववकास को बल िेना होगा।
• माध्यशमक ववद्यालय में अध्ययन करने क
े शलए अधिक लिीलापन और ववषयों क
े
िुनाव क
े ववकल्प दिए जाएुँगे। (िारीररक शिक्षा, कला, शिल्प कला आदि)
21
RST
22. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
22
RST
• 'पाठ्यिम', अतिररक्ि-पाठ्यिम' या 'सह-पाठ्यिम', कला', ‘मानववकी' और ‘ववज्ञान',
अिवा ‘व्यावसातयक' या ‘अकािशमक' िारा जैसी कोई श्रेणणयाुँ नहीं होंगी। ववज्ञान,
मानववकी और गणणि क
े अलावा भौतिक शिक्षा, कला और शिल्प, और व्यावसातयक
कौिलों जैसे ववषयों को, यह वविार करिे हए कक उम्र क
े प्रत्येक पडाव पर ववद्याधिकयों
क
े शलए क्या रुधिपूणक और सुरश्क्िि है और क्या नहीं, स्क
ू ल क
े पूरे पाठ्यिम में
िाशमल ककया जाएगा।
23. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
बहु भाषावाि और भाषा की िश्क्ि –
• घरेलू भाषा / मािृ भाषा पर ज़ोर (कक्षा 5 िक या 8 िक भी उपयोग)
• ववज्ञान सदहि सभी ववषयों में पाठ्यपुस्िकों को घरेलू / मािृ भाषा में उपल्ि कराया
जाएगा।
• फ़ाउंडेिन स्टेज की िुरुआि और इसक
े बाि से ही बच्िों को ववशभरन भाषाओं में
(लेककन मािृभाषा पर वविेष जोर िेने क
े साि) एक्सपोज़र दिए जाएंगे। सभी भाषाओं
को एक मनोरंजक और संवािात्मक िैली में पढाया जाएगा, श्जसमे बहि सारी
संवािात्मक बाििीि होगी।
• राष्रीय एकिा को बढावा िेने की ज़रूरि का ध्यान रखिे हए बत्र-भाषा िामूकले को लागू ककया जाना
जारी रहेगा।
23
RST
24. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
• ववज्ञान और गणणि में द्ववभाषा पाठ्यपुस्िकों और शिक्षण अधिगम सामाग्री को िैयार
करने क
े सभी प्रयास ककए जाएंगे िाकक ववद्यािी िोनों ववषयों पर सोिने और बोलने
क
े शलए अपने घर की भाषा/मािृभाषा और अंग्रेजी िोनों में सक्षम हो सक
ें ।
• िेि में प्रत्येक ववद्यािी पढाई क
े िौरान 'ि लेंगवेज़ ऑि इंडडया' पर एक मजेिार
प्रोजेक्ट / गतिववधि में भाग लेगा; उिाहरण क
े शलए, ग्रेड 6-8 में ‘एक भारि श्रेष्ठ
भारि’ पहल।
• संस्कृ ि को, बत्र-भाषा क
े मुख्यिारा ववकल्प क
े साि, स्क
ू ली और उच्ििर शिक्षा क
े
सभी स्िरों पर छत्रों क
े शलए एक महत्वपूणक, समृद्ि ववकल्प क
े रूप में पेि ककया
जाएगा।
24
RST
25. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
• भारिीय भाषाओं और अंग्रेजी में उच्ििर गुणवत्ता वाले कोसक क
े अलावा, वविेिी
भाषाएं, जैसे कोरयाई, जापानी, िाई, फ्र
ें ि, जमकन, स्पेतनि, पुिकगाली और रूसी भी
माध्यशमक स्िर पर व्यापक रूप से अध्ययन हेिु उपल्ि करवाई जाएंगी, िाकक
ववद्यािी सभी संस्कृ तियों क
े बारे में जाने।
• भारिीय साइन लेंगवेज़ (आईएसएल) को िेि भर में मानकीकृ ि ककया जाएगा।
25
RST
26. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
अ
अतनि या पिषयों, कौिलों और क्षमि ओं क सिक्ष क्रमीय एकीकरण
• भाषाओं में प्रवीणिा क
े अलावा, अरय महत्वपूणक कौिल जैसे: वैज्ञातनक स्वभाव और
साक्ष्य आिाररि सोि; रिनात्मकिा और नवीनिा; सौंियक िास्त्र और कला की भावना;
मौणखक और शलणखि अशभव्यश्क्ि और संवाि; ... (िेखें 4.23)
• आदटककफ़शियली इंटेशलजेंस, मिीन लतनंग, और डेटा साइंस नए क्षेत्रों और व्यवसायों में
गणणि और गणीिीय सोि बहुि महत्वपूणक है। (िेखें 4.25)
• माध्यशमक स्िर पर कोडडंग संबंिी गतिववधियां िुरू की जाएगी।
• प्रत्येक ववद्यािी कक्षा 6 से 8 क
े बीि व्यावसातयक शिल्प जैसे – बढ़ई धगरर, बबजली
का काम, िािु का काम, बागवानी, शमट्टी क
े बिकनों का तनमाकण, आदि हािों से काम
का अनुभव प्राप्ि करेगा। 26
RST
27. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
• कक्षा 6 से 8 में पढने क
े िौरान सभी ववद्यािी एक िस दिन क
े बस्िा-रदहि पीरयड
में भाग लेंगे जब वे स्िानीय व्यावसातयक वविेषज्ञों, जैसे बढई, माली, क
ु भहार,
कलाकार आदि क
े साि प्रशिक्षु क
े रूप में काम करेंगे। इसी िजक पर कक्षा 6 से 12
िक छ
ु ट्दटयों क
े िौरान भी, ववशभरन व्यावसातयक ववषय समझने क
े शलए अवसर
उपल्ि कराये जा सकिे हैं।
• "भारि का ज्ञान" में आिुतनक भारि और उसकी सिलिाओं और िुनौतियों क
े प्रति
प्रािीन भारि का ज्ञान और उसका योगिान िाशमल होगा, और शिक्षा, स्वास््य,
पयाकवरण, आदि क
े संबंि में भारि की भववष्य की आकांक्षाओं की स्पष्ट् भावना
िाशमल होगी। (िेखें – 4.27)
27
RST
28. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
• भारिीय संवविान क
े अंि भी सभी छात्रों क
े शलए पढ़ना आववयक माना जाएगा।
• िाउंडेिनल स्िर से िुरू करक
े बाकी सभी स्िरों िक, पाठ्यियाक और शिक्षण िास्त्र
को एक मजबूि भारिीय और स्िानीय संिभक िेने की दृश्ष्ट से पुनगकदठि ककया
जायेगा।
• जहां िक संभव हो, शिक्षकों क
े पास भी िय पाठ्यपुस्िकों में अनेक ववकल्प होंगे।
उनक
े पास अब ऐसी पाठ्यपुस्िकों क
े अनेक सेट होंगे श्जसमें अपेक्षक्षि राष्रीय और
स्िानीय सामग्री िाशमल होगी। इसक
े िलिे वे ऐसे िरीक
े से पढा सक
ें जो उनकी
अपनी शिक्षण िास्त्रीय िैली और उनक
े छात्रों की एवं समुिायों की ज़रूरि क
े मुिाबबक
हो।
28
RST
29. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
पिद्य धथायों क
े पिक स क
े सलए आकलन में आमूल-चूल िररििान –
• योगात्मक आकलन - जो मुख्य रूप से रटकर याि करने क
े कौिल को ही जांििा है-
से हटाकर तनयशमि रिनात्मक आकलन की ओर ले जाना - जो िक्षिा-आिाररि है,
जो उनकी उच्ि-स्िरीय िक्षिाओं जैसे वववलेषण, िक
क िश्क्ि, धिंिन और
अविारणात्मक स्पष्ट्िा को जांििा है।
• आकलन का प्रािशमक उद्िेवय वास्िव में सीखने क
े शलए होगा।
• प्रस्िाववि राष्रीय आकलन क
ें ि, एनसीईआरटी और एससीईआरटी क
े मागकििकन में
राज्यों/क
ें ि िाशसि प्रिेिों द्वारा प्रगति काडक को पूरी िरह से नया स्वरुप दिया
जायेगा।
29
RST
30. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
पिद्य धथायों क
े पिक स क
े सलए आकलन में आमूल-चूल िररििान –
• यह प्रगति काडक एक समग्र, 360 डडग्री, बहु -आयामी काडक होगा श्जसमे प्रत्येक
ववद्यािी क
े संज्ञानात्मक, भावात्मक, साइकोमोटर डोमेन में ववकास का बारीकी से
ककए गए वववलेषण का ववस्िृि वववरण, ववसयारिी की ववशिष्टिा समेि दिया जायेगा।
• प्रगति काडक में स्व-मूल्यांकन, सहपाठी मूल्यांकन, प्रोजेक्ट कायक और खोज-आिाररि
अध्ययन में प्रििकन, श्क्वज, रोल प्ले, समूह कायक, पोटकिोशलयो आदि शिक्षक मूल्यांकन
िाशमल होगा।
• 10 और 12 क
े शलए बोडक परीक्षाएं जारी रहेंगी, कोधिंग कक्षाओं की आववयकिा को समाप्ि करने क
े
शिए बोडक और प्रवेि परीक्षाओं की मौजूिा प्रणाली में सुिार ककया जाएगा।
30
RST
31. स्क
ू लों में ि ठ्यक्रम और सिक्षण ि स्र: अधधगम समग्र, एकीकृ ि, आनंदद यी
और रुधचकर होन च हहए – क्रमिः
पिद्य धथायों क
े पिक स क
े सलए आकलन में आमूल-चूल िररििान –
• सभी छत्रों को ककसी भी स्क
ू ल वषक क
े िौरान िो बार बोडक परीक्षा िेने की अनुमति
होगी। एक मुख्य परीक्षा और यदि वांतछि हो िो एक सुिार क
े शलए।
• सभी ववद्याधिकयों को, एक उपयुक्ि प्राधिकरण द्वारा संिाशलि ग्रेड 3, 5 और 8 में
स्क
ू ल की परीक्षा िेनी होगी।
• ग्रेड 3 की परीक्षा बुतनयािी साक्षरिा, संख्या-ज्ञान और अरय मूलभूि कौिलों का
परीक्षण करेगी।
• एक राष्रीय मूल्यांकन क
ें ि होगा जो स्टेट अधिवमेंट सवे का मागकििकन एवं नेिनल
अधिवमेंट सवे का संिालन करेगा। (4.41)
31
RST
32. सिक्षक
(5.2)
• 4-वषीय एकीकृ ि बी. एड. कायकिम में अध्ययन क
े शलए बडी संख्या में मेररट
आिाररि छात्रवृवत्त िेिभर में स्िावपि की जाएगी। ग्रामीण क्षेत्र में, क
ु छ वविेष
मेररट आिाररि छात्रवृवत्त को स्िावपि ककया जाएगा श्जसक
े िहि िार वषीय बी. एड.
डडग्री सिलिा पूवकक पूरा करने क
े बाि स्िानीय इलाकों में तनश्विि रोजगार भी
िाशमल होगा।
• ग्रामीण स्क
ू लों में पढाने क
े शलए ग्रामीण क्षेत्रों में स्िानीय आवास का प्राविान होगा
या आवास भत्ते में वृद्धि होगी।
•
32
RST
33. सिक्षक
• राज्य / क
ें ि िाशसि प्रिेि सरकारों द्वारा तनिाकररि िरीक
े से स्िांिरण बहुि ही वविेष
पररश्स्ितियों में ककए जाएंगे। इसक
े अलावा पारिशिकिा बनाये रखने क
े शलए स्िांिरण
एक ऑनलाइन सॉफ्टवेयर आिाररि व्यवस्िा क
े द्वारा ककए जायेंगे।
• स्क
ू ली शिक्षा क
े सभी स्िरों (बुतनयािी, प्रारश्भभक, शमडडल और माध्यशमक) क
े शिक्षकों
को िाशमल करिे हए भी टीईटी को ववस्िृि ककया जाएगा। ववषय शिक्षकों की भिी
प्रकिया में उनक
े संबश्रिि ववषय में प्राप्ि टीईटी या एनटीए परीक्षा क
े अंको को भी
िाशमल ककया जाएगा।
• शिक्षा क
े प्रति जोि और उत्साह को जाुँिने क
े शलए साक्षात्कार या कक्षा में पढाने का
प्रििकन करना, स्क
ू ल या स्क
ू ल कामप्लेक्स में शिक्षक भिी प्रकिया का एक अशभरन
अंग होगा। 33
RST
34. सिक्षक
• ववषयों में शिक्षकों की पयाकप्ि संख्या सुतनश्विि करने क
े शलए – वविेष रूप से कला,
िारीररक शिक्षा, व्यावसातयक शिक्षा और भाषाओं जैसे ववषयों में - शिक्षकों को एक
स्क
ू ल या स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स में भिी ककया जा सकिा है।
• स्क
ू ल या स्क
ू ल काभप्लेक्स में ववषयों जैसे पारंपररक स्िानीय कला, व्यावसातयक
शिल्प, उद्यशमिा, कृ वष, या कोई अरय ववषयों क
े शलए वविेष प्रशिक्षक क
े रूप में
रखने क
े शलए प्रोत्सादहि ककया जाएगा।
34
RST
35. सिक्षक
• सेि क ल क
े दौर न क या संस्कृ ति और ि ि िरण
• स्क
ू लों में पयाकप्ि और सुरक्षक्षि भौतिक संसािन, िौिालय, स्वच्छ पेयजल, सीखने क
े
शलए स्वच्छ और आकषकक स्िान, बबजली, कभप्यूदटंग उपकरण, इंटरनेट, पुस्िकालय
और खेल और मनोरंजन क
े सािन मुहैया करवाने होंगे िाकक स्क
ू लों क
े शिक्षक और
छात्र, सभी जेंडर क
े छात्राओं और दिव्यांग बच्िों सदहि, एक सुरक्षक्षि, समावेिी और
प्रभावी शिक्षण वािावरण प्राप्ि कर सक
े ।
• शिक्षकों को पाठ्यिम और शिक्षण क
े उन पहलुओं को ियतनि करने क
े शलए ज्यािा
स्वायत्तिा िी जाएगी, श्जससे वे उन िरीकों से पढा सक
ें जो उनकी कक्षाओं और
समुिाय क
े ववद्याधिकयों क
े शलए अधिक प्रभावी हों।
35
RST
36. सिक्षक
• सेि क ल क
े दौर न क या संस्कृ ति और ि ि िरण
• शिक्षकों को ऐसी शिक्षा ववधि अपनाने क
े शलए सभमातनि ककया जाएगा श्जससे कक्षा
में ववद्याधिकयों क
े सीखने क
े प्रगति में वृद्धि हो।
• शिक्षकों क
े क्षमिाविकन क
े शलए ऑनलाइन प्लेटिामक होंगे।
• प्रत्येक शिक्षक से अपेक्षक्षि होगा कक वे स्वयं क
े व्यावसातयक ववकास क
े शलए स्वेच्छा
से प्रत्येक वषक लगभग 50 घंटों क
े सीपीडी कायकिम में दहस्सा लेंगे।
• सीपीडी में बुतनयािी साक्षरिा और संख्यात्मक ज्ञान क
े नवीनिम शिक्षण िास्त्र,
रिनात्मक और अनुक
ू ल आकलन, अनुभवात्मक शिक्षण, और कहानी-आिाररि
दृश्ष्टकोण िाशमल होगा।
36
RST
37. सिक्षक
• स्क
ू ल क
े प्रिान पाठक और स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स क
े प्रमुखों क
े शलए लीडरशिप और
मैनेजमेंट कौिलों को ववकशसि करने क
े शलए कायकिालाएुँ होंगी इसक
े शलए ऑनलाइन
की भी व्यवस्िा होगी। इरहें भी प्रत्येक वषक 50 घंटे क
े क्षमिा ववकास कायकिम में
िाशमल होना होगा।
क
ै ररयर मैनेजमेंट और प्रगति (सीएमिी)
• उत्कृ ष्ट् प्रििकन कर रहे शिक्षकों की पहिान कर उरहें पिोरनति और वेिन वृद्धि िी
जानी िादहए श्जससे कक सभी शिक्षकों को अपना बेहिरीन कायक करने क
े शलए
प्रोत्साहन शमले।
• मेररट आिाररि कायककाल, पिोरनति, और वेिन व्यवस्िा का तनमाकण ककया जाएगा।
37
RST
38. सिक्षक
क
ै ररयर मैनेजमेंट और प्रगति (सीएमिी)
• शिक्षकों का प्रत्येक स्िर बहस्िरीय होगा श्जससे बेहिरीन शिक्षकों को प्रोत्साहन और
पहिान शमलेगी।
• शिक्षकों क
े सही आकलन क
े शलए राज्य/ क
ें ि िाशसि प्रिेिों की सरकार द्वारा
मल्टीपल पैरामीटर की व्यवस्िा होगी श्जसमे सह कशमकयों द्वारा की गयी समीक्षा,
उपश्स्ििी, समपकण, सीपीडी क
े घंटे और स्क
ू ल और समुिाय में की गयी अरय सेवा
िाशमल होगी।
38
RST
39. सिक्षक
क
ै ररयर मैनेजमेंट और प्रगति (सीएमिी)
• योग्यिा क
े आिार पर शिक्षकों की वरदटकल मोबबशलटी भी सवकश्रेष्ठ होगी; उत्कृ ष्ट्
शिक्षक श्जरहोंने लीडरशिप और मैनेजमेंट क
े कौिलों को ििाकया होगा, उनको समय क
े
साि प्रशिक्षक्षि ककया जाएगा श्जससे वे आगे िलकर स्क
ू ल, स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स,
बीआरसी, सीआरसी, बीआईटीई, डीआईईटी क
े साि-साि संबश्रिि सरकारी ववभाग
और मंत्रालय में अकािशमक नेिृत्व कर सक
ें गे।
• कायककाल अवधि या वररष्ठिा क
े बजाय शसि
क तनिाकररि मानकों क
े आिार पर
पिोरनति और वेिन में वृद्धि होगी। (5.20)
39
RST
40. 5. सिक्षक
सिक्षकों क
े सलए व्य िस तयक म नक –
• शिक्षकों क
े शिए राष्रीय व्यावसातयक मानकों (एनपीएसटी) का एक सामारय
मागकिशिकका सेट 2022 िक ववकशसि ककया जाएगा।
• इन मानकों क
े आिार पर शिक्षकों का क
ॅ ररयर मैनेजमेंट होगा श्जसमें कायककाल,
व्यावसातयक ववकास क
े प्रयास, वेिन वृद्धि, पिोरनति, और अरय पहिान िाशमल
होंगे। कायककाल अवधि या वररष्ठिा क
े बजाय शसि
क तनिाकररि मानकों क
े आिार पर
पिोरनति और वेिन में वृद्धि होगी।
• 2030 में राष्रीय स्िर पर व्यावसातयक मानकों की समीक्षा और संिोिन ककया जाएगा और उसक
े बाि
हर िस वषों में व्यवस्िा वववलेषण ककया जाएगा।
40
RST
41. 5. सिक्षक
पिसिष्् सिक्षक–
• ववकलांग/दिव्याङ्ग बच्िों, ऐसे छात्रों सदहि श्जसे सीखने में कदठनाई (लतनंग
डडषेबबशलटी) होिी है, क
े शिक्षा हेिु ववशिष्ट शिक्षक होंगे। इन शिक्षकों को शसि
क ववषय
शिक्षण ज्ञान और ववषय संबश्रिि शिक्षा क
े उद्िेवयों की समझ ही नहीं, बश्ल्क
ववद्याधिकयों की वविेष आववयकिाओं को समझने क
े शलए उपायुक्ि कौिल भी होने
िादहए।
41
RST
42. 5. सिक्षक
सिक्षक सिक्ष क दृश्ष्टकोण –
• शिक्षक-शिक्षा को 2030 िक बहू-ववषयक कालेजों और ववववववद्यालयों में िाशमल
ककया जाएगा। जहां उत्कृ ष्ट् शिक्षा ववभाग स्िावपि होगा जो शिक्षा में बीएड, एमएड
और पीएिडी की डडग्री प्रिान करेंगे।
• वषक 2030 िक शिक्षण क
े शलए रयूनिम योग्यिा 4 वषीय एकीकृ ि बी.एड. डडग्री
होगी श्जसमें ववस्िृि ज्ञान सामग्री और अध्यापन सामग्री से शिक्षण कराया जाएगा।
• ववशिष्ट ववषयों में स्नािक प्राप्ि छात्रों क
े शलए 2 वषीय ििा बहु ववषयक 4 वषीय
स्नािक या परा-स्नािक डडग्री वालों क
े शलए 1 वषीय बी॰ एड॰ डडग्री होगी जो ववशिष्ट
ववषय में शिक्षक बनना िाहिे हों।
• सभी बी.एड. डडधग्रयाुँ क
े वल िार वषीय एकीकृ ि बी.एड. उपाधि वाले मारयिा प्राप्ि बहु-ववषयक उच्ििर शिक्षा
संस्िानों द्वारा ही प्रिान की जा सकिी हैं ।
42
RST
43. 5. सिक्षक
सिक्षक सिक्ष क दृश्ष्टकोण –
• बह-ववषयक उच्ििर शिक्षा संस्िान, श्जनक
े पास मुक्ि िूरस्ि शिक्षण (ओडीएल) की
मारयिा भी है, िूर-िराज और िुगकम भौगोशलक स्िानों क
े ववद्याधिकयों और अपनी
योग्यिा को बढाने की इच्छा रखने वाले सेवारि शिक्षकों क
े शलए ओडीएल मोड से भी
बी. एड. कायकिम प्रिान कर सकिे हैं।
• सभी बी.एड. कायकिम में ककसी भी ववषय को पढ़ाने या ककसी भी गतिववधि को करने
क
े िौरान भारिीय संवविान क
े मौशलक किकव्यों (अनुच्िेि 51 A) और अरय संवैिातनक
प्राविानों का पालन करने पर बल दिया जाएगा।
• इसमे पयाकवरण क
े प्रति जागरूकिा, संरक्षण ििा संवेिनिीलिा का भी ध्यान रखा
जाएगा। 43
RST
44. 5. सिक्षक
सिक्षक सिक्ष क दृश्ष्टकोण –
• अल्प-अवधि क
े स्िानीय शिक्षक-शिक्षा कायकिम बीआईटीई,डीआईईटी उपल्ि होंगे,
श्जससे कक स्िानीय व्यवसाय, ज्ञान और कौिलों जैसे; स्िानीय कला, संगीि, कृ वष,
व्यवसाय, खेल, बढईगीरी और अरय व्यावसातयक शिल्प को बढावा िेने क
े उद्िेवय से
प्रख्याि स्िानीय व्यश्क्ियों को स्क
ू ल या स्क
ू ल पररसरों में 'मास्टर प्रशिक्षक' क
े रूप
में पढाने क
े शलए तनयुक्ि ककया जाएगा।
• बहु-ववषयक कालेजों और ववववववद्यालयों में उन शिक्षकों को बी.एड. क
े बाि क
ु छ अल्प-अवधि क
े
सदटककिक
े ट कोसक भी होंगे जो शिक्षण क
े ववशिष्ट क्षेत्रों जैसे कक वविेष - जरुरि वाले ववद्याधिकयों
क
े शिक्षण या स्क
ू ली शिक्षा प्रणाली में नेिृत्व और प्रबंिन क
े पिो पर, या बुतनयािी, प्रारश्भभक,
उच्ििर प्रािशमक और माध्यशमक स्िरों क
े बीि एक स्िर से िूसरे स्िर में जाना िाहिे हैं ।
44
RST
45. 5. सिक्षक
सिक्षक सिक्ष क दृश्ष्टकोण –
• अंिििः, अध्यापक शिक्षा प्रणाली की प्रामाणणकिा को पूणकिया बनाए रखने क
े शिए िेि
में िलाये जा रहे अवमानक स्टैंड अलोन अध्यापक शिक्षा संस्िानों (टीईआई) क
े
ववरुद्ि कड़ी कायकवाही की जाएगी श्जसमे यदि ज़रूरी हो िो उरहें बंि ककया जाना
िाशमल है।
45
RST
46. 6. समि मूलक और सम िेिी सिक्ष : सभी क
े सलए अधधगम
• शिक्षा, सामाश्जक रयाय और समानिा प्राप्ि करने का एकमात्र और सबसे प्रभावी
सािन है।
• यह नीति इस बाि की पुनिः पुष्ट करिी है कक स्क
ू ली शिक्षा में पहुुँि, सहभाधगिा और
अधिगम पररणामों में सामाश्जक श्रेणी क
े अंिरालों को िूर करना सभी शिक्षा क्षेत्र
ववकास कायकिमों का मुख्य लक्ष्य होगा।
• यह नीति वविेष आववयकिाओं वाले बच्िों या दिव्याङ्ग बच्िों को अरय बच्िों क
े
साि सीखने की व्यवस्िा करिी है।
• आरपीडबल्यूडी अधितनयम 2016 क
े अनुसार, मूल दिवयांगिा वाले बच्िों क
े पास
तनयशमि या वविेष स्क
ू ली शिक्षा का ववकल्प होगा ।
46
RST
47. 7. स्क
ू ल कॉम््लेतस/कलस्टर क
े म ध्यम से क
ु िल संस धन और
प्रभ िी गिनेंस
• यू-डाइज, 2016-17 क
े आंकडे क
े अनुसार, भारि क
े 28% सरकारी प्रािशमक स्क
ू लों
और 14.8% उच्ििर प्रािशमक स्क
ू लों में 30 से भी कम छात्र पढिे हैं। कक्षा 1 से 8
िक क
े स्क
ू लों में प्रति कक्षा औसिन 14 छात्र हैं जबकक बहुि से स्क
ू लों में िो यह
औसि मात्र 6 से कम है।
• इन कम संख्या वाले स्क
ू लों क
े िलिे शिक्षकों क
े तनयोजन क
े साि-साि महत्वपूणक
भौतिक संसािनों क
े उपल्ििा की दृश्ष्ट से अच्छे स्क
ू लों का संिालन जदटल होने क
े
साि-साि व्यावहाररक नहीं है।
• इन िुनौतियों को राज्य/क
ें ि िाशसि प्रिेि की सरकारों द्वारा 2025 िक स्क
ू लों क
े
समूह बनाने या उनकी संख्या को समुधिि रूप िेने क
े शलए नवीन प्रकिया अपनाकर
समािान ककया जाएगा। 47
RST
48. 7. स्क
ू ल कॉम््लेतस/कलस्टर क
े म ध्यम से क
ु िल संस धन और
प्रभ िी गिनेंस – क्रमिः
• इस नवीन प्रकिया में अब सभी स्क
ू लों क
े शलए सभी ववषयों क
े शिक्षक, पयाकप्ि
संसािन पुस्िकालय, ववज्ञान प्रयोगिाला, क
ं प्यूटर लैब, खेल क
े मैिान, खेल उपकरण
जैसी सुवविाएं आदि होंगे।
• उपरोक्ि को पूरा करने क
े शिए एक िंत्र स्क
ू ल पररसर (काभप्लेक्स) नामक एक
समूहन संरिना की स्िापना होगी, श्जसमें एक माध्यशमक ववद्यालय होगा श्जसमें पांि
से िस ककलोमीटर क
े िायरे में आंगनवाडी क
े रिों सदहि अपने पडोस में तनिले ग्रेड की
अरय सभी ववद्यालय होंगे।
• स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स/क्लस्टर व्यवस्िा से ववद्यालयों का गवनेंस भी सुिरेगा।
• यह काभप्लेक्स एक इकाई क
े रूप में कायक करेगा।
48
RST
49. 7. स्क
ू ल कॉम््लेतस/कलस्टर क
े म ध्यम से क
ु िल संस धन और
प्रभ िी गिनेंस – क्रमिः
• डीएसई (स्क
ू ल शिक्षा तनिेिालय) द्वारा स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स/क्लस्टर को कािी स्वायत्तिा
प्रिान की जाएगी श्जससे वे पाठ्यिम स्िर पर रिनात्मक कायक कर सक
ें गे।
• स्क
ू ल एसएमसी की मिि से अपनी योजनायें (एसडीपी) बनायेंगे। स्क
ू लों क
े प्लान क
े
आिार पर स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स/क्लस्टर ववकास योजना (एससीडीपी) बनाये जायेंगे।
• इस योजना में िाशमल होंगे – मानव संसािन, शिक्षण अधिगम संसािन, भौतिक
संसािन और इंफ्रास्टरक्िर, सुिार क
े शलए ली जाने वाली पहलें, ववत्तीय संसािन,
स्क
ू ल संस्कृ ति सभबरिी पहलें, शिक्षक क्षमिा संविकन योजना और िैक्षणणक पररणामों
सभबरिी लक्ष्य।
• एसडीपी और एससीडीपी वे माध्यम होंगे श्जनसे डीएसई समेि सभी दहििारक परस्पर
जुडाव बनाये रखेंगे। 49
RST
50. 7. स्क
ू ल कॉम््लेतस/कलस्टर क
े म ध्यम से क
ु िल संस धन और
प्रभ िी गिनेंस – क्रमिः
• डीएसई इन योजनाओं की सिलिा क
े शलए, अल्प अवधि (एक वषक) और िीघक अवधि
(3 से 5 वषक) क
े शलए संसािन (ववत्तीय, मानव और भौतिक आदि) उपल्ि कराएंगें ।
• तनजी और सावकजतनक स्क
ू लों सदहि सभी स्क
ू लों क
े बीि परस्पर सहयोग और
सकारात्मक िालमेल बढाने क
े शलए िेि भर में एक तनजी और एक सावकजतनक
ववद्यालय को परस्पर सभबद्ि ककया जायेगा श्जससे ऐसे सभबद्ि स्क
ू ल एक-िूसरे से
शमल / सीख सक
ें और संभव हो िो एक-िूसरे क
े संसािनों से भी लाभाश्रवि हो सक
ें ।
• हर राज्य/श्जले को प्रोत्सादहि ककया जायेगा कक वह ‘बाल भवन’ स्िावपि करे जहां हर उम्र क
े बच्िे
सप्िाह में एक या अधिक बार (उिाहरण क
े शलए सप्िाहांि में) जा सक
ें और कला, खेल और कररयर
संबंिी गतिववधियों में भागीिारी कर सक
ें । ऐसे बाल भवन जहां संभव हो स्क
ू ल कॉॉ्मप्लेक्स/क्लस्टर क
े
दहस्से भी हो सकिे हैं।
50
RST
51. 8. स्क
ू ली सिक्ष क
े सलए म नक तनध ारण और प्रम णन
• स्क
ू ली शिक्षा तनयामक प्रणाली होगा श्जसका लक्ष्य िैक्षक्षक पररणामों में लगािार सुिार
करना होगा।
• राज्य में अकािशमक मानकों और पाठ्यिम सदहि िैक्षणणक मामले, एससीईआरटी (जो
एनसीईआरटी क
े साि परामिक और सहयोग क
े शलए नज़िीक से जुडा होगा) क
े नेिृत्व
में होंगे, जो कक एक संस्िान क
े रूप में सुदृढ ककया जाएगा।
• सीआरसी, बीआरसी और डीआईईटी जैसे संस्िानों को पुनजीववि करने क
े शलए
एससीईआरटी एक “पररविकन प्रबंिन प्रकिया” क
े िहि काम करेगा, जो कक 3 वषों क
े
अरिर तनश्विि रूप से इनकी क्षमिाओं और कायक-संस्कृ ति को बिल कर इरहें
उत्कृ ष्ट्िा क
े जीवंि संस्िान क
े रूप में स्िावपि करेगा।
51
RST