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जल उपभोका सिमितयो के अधयको का केतीय सममेलन ( 25-26 अगसत 2015, पंजाब कृ िष िवशिवदालय , लुिधयाना )
फणीश कु मार िसनहा
phanishsinha@gmail.com
िपम (PIM) क्या है ?
िसचाई प्रबनध के प्रत्येक आयाम तथा िसचाई प्रणाली के प्रत्येक सतर में
िकसानो की भागीदारी को िपम का नाम िदया गया है.
प्रत्येक आयाम का अथर्थ है
(b) पहले से बनी पिरयोजनाओ में सुधार .
(c) िडजाईन
(f) फाइनेंिसग
(h) नीित समबनधी मामले
प्रत्येक सतर का अथर्थ है :
(a) िसचाई पिरयाजनाओ की पलािनग .
(d) िनमार्थण
(e) रख रखाव एवं संचालन
(g) मोिनटिरग तथा मूलयांकन
फीलड चैनल , अिलपका, राजबहा, बांच , मुखय नहर , पिरयोजना तथा संपूणर्थ जल केत
भागीदारी का अथर्थ है :
सामान उदेशय की िलए िमलजुल कर िनणर्थय लेना तथा उतरदाियत्व बाँट कर कायर्थ करना
3
P पलािनग में
I िकयानवयन में
M मॉिनटिरग में
िपम का अथर्थ है : िकसानो को िसचाई प्रबंधन से जोड़ें ...
कौिटलय की रचनाओ में ईसा से 200 वषर्थ पूवर्थ िकसान संगठनो दारा
आपस में िसचाई जल बंटवारे का उललेख िमलता है.
दिकण भारत में िवजयानगर सामाजय के राजा कृ षण देव राय / चोल
सामाजय के समाट काितके य के समय भी कृ षक समूहो के मधय िसचाई
जल बंटवारे का उललेख इितहासकारो दारा िकया गया है.
िपम भारत की प्राचीन परमपरा
है
नेदरलैड , सपेन, नेपाल और अफ़ग़ािनसतान में सिदयो से
िसचाई प्रबंध का काम काज िकसान संगठन करते रहे है.
कई अनय देशो में भी िपम एक
प्राचीन परमपरा है
1950 1960 1970 1980-90
अमेिरका फांस ताइवान भारत, शीलंका , बांगलादेश , लाओस
,िवयतनाम , चीन, इंडोनेिशया, िफ़लीपीनस ,
पािकसतान , तुकी, डोिमिनकन गणराजय ,
मॉिरटािनया , सेनेगल , नाइजीिरया , नाइजर
, िज़मबाबवे , तंज़ािनया , सूडान , सोमािलया ,
मेडागासकर , हैती, मेिक्सको, िचली, पेर,
बाज़ील तथा अनय
सहभागी िसचाई प्रबंध (िपम) कै से िविभन देशो में फै लता
गया ?
हाल के वषो में सेंटल एिशया के देशो ताजीिकसतान, कजाखसतान, िकरिगहसतान,
उजबेिखसतान और तुकर्थ मेिनसतान में तथा इिथयोिपया, अलबािनया, रोमािनया में
िपम अपनाया गया है.
वषर 1960 से 1990 - पूरे िवश मे 10 करोड़ हेकटेयर नए केत को िसचाई
सुिवधा िमली, इसमे से 7 करोड़ हेकटेयर केत एिशया मे है.
अससी के दशक से पूंजी िनवेश के अनुपात मे िसचाई पिरयोजनाओ
के लाभ पाप न होने पर असंतोष तथा चचार पारंभ हई.
िदसमबर 1974 मे भारत मे कमान केत िवकास कायरकम (काडा) पारंभ
िकया गया परनतु िसचन कमता के पूणर उपभोग का लकय नही पाप
हआ.
कृ षको से संवाद की कमी तथा नहर पणाली की अिवशसनीय जल
आपूित को काडा की असफलता का कारण माना गया.
1) भारत के अिधकांश कृ षक छोटी जोतो वाले है िजन के
िलए , समुदाय के सहयोग के िबना , अके ले खेती करना
लाभकारी नही है.
2) िपम कृ षको मे नहर पणाली के पित आतमीयता की
भावना जगाता है, िजस कारण वे नहर पणाली के
संरकण हेतु बनाये गए िनयमो के पालन करने हेतु सचेष
रहते है.
3) पणाली का पबनध , सञालन एवं रख रखाव समय से ,
ज़ररत के अनुसार और िकफ़ायत से होता है.
4) जल उपभोका सिमित का काम काज सरकारी
लालफीता शाही से मुक होता है.
5) सिमित छोटे िकसानो के िहत का धयान रखेगी तथा
उनका पितिनिधतव सुगमता से होगा.
6) अनेक िवभागो दारा जो योजनाये िकसानो के िहताथर
चलायी जाती है , उनका पचार, पसार तथा पारदशी
िकयानवयन होगा तथा उसमे िकसानो का सहभाग
होगा.
िपम कृ षको को समानता और सामथयर पदान करता है.
1) एकीकृ त जल संसाधन पबंध (IWRM) , जो उतम जल
पबंध लागू करने की वैजािनक पदित है, िपम के िबना
संभव नही है.
2) जल उतपादकता तथा भूिम उतपादकता बढाने के िलए
िपम सबसे अिधक िकफायती और िटकाऊ साधन है..
3) कृ िष केत मे जल का उपयोग तथा दुरपयोग सबसे
अिधक है. िपम दारा जल उपयोग दकता बढाने का
कायर पभावी ढंग से हो सकता है.
4) िपम कृ िष िवकास के साथ साथ सामािजक िवकास को
भी बढाता है.
5) कृ िष के सथानीय तंत को िपम पादेिशक, अंतदेशीय तथा
अंतरारषीय मंच पदान करता है.
िपम के अनय लाभ....
मुखय किठनाई सिमित दारा समाधान
आउटलेट के नीचे असमान जल
िवतरण ; नष अथवा अिनिमत गूले ;
पानी की बबारदी / बहाव के दौरान
करण ; पानी के बटवारे को लेकर
झगडे
सिमित पानी बाँटने के िलये कमरचारी
िनयुक करेगी जैसा गुजरात , महाराष मे
है.; गूल पणाली का िनमारण िकसानो के
परामशर दारा होने पर लोग उनको नष
नही करेगे.
मुखय नहर दारा ठीक सेवा न होने के
कारण िदकत हो (िसचाई िवभाग के
सतर पर लंिबत )
सिमित समुदाय के पितिनिध के रप मे
अिधक पभावशाली होगी समसया
समाधान की समभावना अिधक रहेगी
केत आधािरत िसचाई दरो के कारण
जल बचत के िलए पोतसाहन नही.
सिमित दारा आयतन आधािरत दरे लागू
के जा सकती है.
पणाली अपयारप रख रखाव से जजरर ज़ररी, समय पर , िकफायती रख रखाव
गैर कानूनी जल दोहन, पानी के
िनयंतण के िलए गेट नही , ख़राब
पड़े गेट अथवा लीक करते हए गेट
एक बार आयतन आधािरत माप लागू हो
गयी तो िवभाग को गेट ठीक रखने और
सिमित को उसके रख रखाव मे रिच होगी.
िवभाग दारा तैयार रोसटर फसल की
जल आवशयकता के अनुसार नही.
सिमित दारा जल आवशयकता के अनुरप
मांग करने की दशा मे रोसटर बेहतर बनेगा
कया िपम दारा िसचाई पबनध की किठनाइयो को कम िकया जा सकता
है -1
मुखय किठनाई सिमित दारा समाधान
ज़मीनी सतर पर तकनीकी
पचार पसार और पिशकण
सुिवधाओ का अभाव
िकसान खेती मे कोई खतरा उठाने को
तैयार नही होगे जब तक डेमो अथवा सवयं
करके आशसत न हो . सिमित सथानीय सतर
पर डेमो तथा उसके पचार पसार का कायर
बेहतर करेगी
सतही पानी और भूगभर जल के
िमले जुले पयोग के अवसर नही
सरकारी िवभाग अलग अलग होने से
सरकार के सतर पर यह काम मुिशकल है
परनतु सिमित के सतर पर सुगमता से होगा.
िवशसनीय फीलड डाटा का
अभाव
वाटर टेबल का सतर, वषार तथा वाषपीकरण
के सही डाटा उपलबध न होने से सही
पलािनग असंभव है. सिमित के सतर पर
डाटा इकठा करने से बेहतर पलािनग /
बिढ़या काम होगा.
कया िपम दारा िसचाई पबनध की किठनाइयो को कम िकया जा सकता
है- 2
1. िसचाई पिरयोजनाओ मे भारी पूंजी िनवेश होने के कारण सरकारे ही िसचाई
पिरयोजनाओ के िनमारण के िलए उपयुक संसथा है , परनतु िसचाई पबंधन के सभी कायर
तथा पिरयोजनाओ के रख रखाव के कायर के िलए कृ षक संगठन ही उपयुक है.
2. िसचाई पबंधन मे सरकार की भूिमका एक सहजकतार (Facilitator) तथा एक
िनयामक (Regulator) के रप मे रहनी चािहए.
3. िवश के अनेक भागो मे जल उपभोका संसथाओ के अधययन से यह बात
पमािणत हो चुकी है िक जल पयोग मे अनुशासन सथािपत करने, सथानीय िववादो के
सुलझाने और जलकर वसूली के िलए जल उपभोका संसथाये सरकारी िवभागो से
अिधक पभावी होती है.
4. अधययन से इस बात की पुिष भी हई है िक नहर पणाली दारा िवशसनीय
तथा पयारप आपूित की दशा मे कृ षक बढ़ी हई जल दर चुकाने को राज़ी हो जाते है
( धारोई पिरयोजना , गुजरात तथा वाघाद पिरयोजना , महाराष )
आइये ज़रा िपम का राष सतर पर िवसतार देखे
….
25 पदेशो मे िपम लागू है
सिमितयो दारा
अचछािदत केत
148 लाख हेकटेयर
अब तक गिठत जल
उपभोका सिमितयो
की संखया 84779
M - Motivation या पेरणा
P - Purpose या उदेशय
I - Initiative या पहल
(िपम का उदेशय िकसानो की कृ िष उतपादकता मे सुधार
कर उनकी सामथयर बढ़ाना है.)
(कृ षक संगठनो की सथापना तथा िवकास के िलए सरकार
को पहल करनी होगी )
(सहभागी िसचाई पबनध की सफलता के िलए यह आवशयक
है िक सभी पक , कृ षक एवं सरकारी जन, मानिसक एवं
भावनातमक रप से उदेशय से जुड़े हो. )
िपम की सफलता के िलए मनोवृित तथा ववहार पिरवतरन
आवशयक है इसिलए िपम के िवकास मे समय लगता है
िपम कायरकम की सफलता के िलए चार शते ज़ररी है :
1.उच सतरीय राजनैितक पितबदता (मेिकसको , आंधपदेश )
2.िपम के िलए अनुकू ल वातावरण , पिरिसथितयो का िवकास
3.कायरकम को वविसथत रप से लागू करना
4.पिशकण तथा कमता वधरन
उच सतरीय राजनैितक पितबदता
1. मेिकसको मे कायरकम की शुरआत वहां के राषपित ने
सवयं अनेक सावरजािनक घोषणाओ दारा की.
2. आंध पदेश मे ततकालीन मुखयमंती ने सवयं कायरकम
की कमान संभाली.
3. िफ़लीपीनस मे भी कायरकम उच सतरीय राजनैितक
पितबदता से नेशनल इरीगेशन एजेसी के मुिखया
दारा पारंभ िकया गया.
िपम के िलए अनुकू ल वातावरण तथा पिरिसथितयो का िवकास
1. नीित िनधाररण, िवधायन , क़ायदा-कानून बनाना
तथा उनकी अनुपालना का अनुशवन (मेिकसको ,
कोलंिबया, िचली , गुजरात, महाराष, उतर पदेश )
2. नौकरशाही के तौर तरीको मे बदलाव
3. कृ षको की जागरकता तथा उतपेरण के िलए ववसथा
(पेर, मेिकसको, िफ़लीपीनस )
4. कृ षक संगठनो को उतरदाियतव के अनुरप अिधकार
5. कृ षक संगठनो की आय के सोत तथा आतमिनभररता
(मेिकसको ,के रल, आंधपदेश, कनारटक, महाराष की
कु लाबा सिमितयां ; उ०प० की जल पबंध सिमितयां )
िपम कायरकम को वविसथत रप से लागू करना
1. पिरवतरन पबंध (change management) के िसदांतो
का पालन
2. ‘ ’पायलट पोजेकट (िफ़लीपीनस, गुजरात, महाराष) अथवा
‘ ‘एक झटके मे (टकी , मेिकसको, आनध पदेश)
3. सपष लाभ की पबल समभावना (मोरको)
4. कायरकम की मोिनटिरग तथा पिरणामो का आकलन
(मेिकसको, महाराष , उतर पदेश)
िपम के िलए पिशकण तथा कमता वधरन
1. पिशकण आवशयकता का आकलन (मेिकसको)
2. पौढ़ िशका के िसदांतो का पालन
3. कायर के दौरान पिशकण (सपेन)
4. सफल पयोगो का भमण
1) जल आपूित िसथित मे सुधार ( डोिमिनकन गणराजय मे 40%)
2) नहर के शीषर तथा टेल रीच के बीच जल िवतरण मे सामयता बढ़ी.
3) रख रखाव की गुणवता मे सुधार हआ िजस कारण जलापूित की
समयशीलता तथा माता मे काफी सुधार हआ.
4) उतपादन मे वृिद हई
5) कृ षक की आय बढ़ी
6) राजसव वसूली मे काफी सुधार हआ.
अनेक सामानय कृ षको और सरकारी जनो दारा
अपनी अपनी जगहो िकये गए छोटे छोटे पयास
पूरी दुिनया को बदलने की शिक रखते है l
अपना बहमूलय समय देने के िलए धनयवाद
phanishsinha@gmail.com
कया आप तैयार है ?

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पिम के देश विदेश के अनुभव

  • 1. जल उपभोका सिमितयो के अधयको का केतीय सममेलन ( 25-26 अगसत 2015, पंजाब कृ िष िवशिवदालय , लुिधयाना ) फणीश कु मार िसनहा phanishsinha@gmail.com
  • 2. िपम (PIM) क्या है ? िसचाई प्रबनध के प्रत्येक आयाम तथा िसचाई प्रणाली के प्रत्येक सतर में िकसानो की भागीदारी को िपम का नाम िदया गया है. प्रत्येक आयाम का अथर्थ है (b) पहले से बनी पिरयोजनाओ में सुधार . (c) िडजाईन (f) फाइनेंिसग (h) नीित समबनधी मामले प्रत्येक सतर का अथर्थ है : (a) िसचाई पिरयाजनाओ की पलािनग . (d) िनमार्थण (e) रख रखाव एवं संचालन (g) मोिनटिरग तथा मूलयांकन फीलड चैनल , अिलपका, राजबहा, बांच , मुखय नहर , पिरयोजना तथा संपूणर्थ जल केत भागीदारी का अथर्थ है : सामान उदेशय की िलए िमलजुल कर िनणर्थय लेना तथा उतरदाियत्व बाँट कर कायर्थ करना
  • 3. 3 P पलािनग में I िकयानवयन में M मॉिनटिरग में िपम का अथर्थ है : िकसानो को िसचाई प्रबंधन से जोड़ें ...
  • 4. कौिटलय की रचनाओ में ईसा से 200 वषर्थ पूवर्थ िकसान संगठनो दारा आपस में िसचाई जल बंटवारे का उललेख िमलता है. दिकण भारत में िवजयानगर सामाजय के राजा कृ षण देव राय / चोल सामाजय के समाट काितके य के समय भी कृ षक समूहो के मधय िसचाई जल बंटवारे का उललेख इितहासकारो दारा िकया गया है. िपम भारत की प्राचीन परमपरा है
  • 5. नेदरलैड , सपेन, नेपाल और अफ़ग़ािनसतान में सिदयो से िसचाई प्रबंध का काम काज िकसान संगठन करते रहे है. कई अनय देशो में भी िपम एक प्राचीन परमपरा है
  • 6. 1950 1960 1970 1980-90 अमेिरका फांस ताइवान भारत, शीलंका , बांगलादेश , लाओस ,िवयतनाम , चीन, इंडोनेिशया, िफ़लीपीनस , पािकसतान , तुकी, डोिमिनकन गणराजय , मॉिरटािनया , सेनेगल , नाइजीिरया , नाइजर , िज़मबाबवे , तंज़ािनया , सूडान , सोमािलया , मेडागासकर , हैती, मेिक्सको, िचली, पेर, बाज़ील तथा अनय सहभागी िसचाई प्रबंध (िपम) कै से िविभन देशो में फै लता गया ? हाल के वषो में सेंटल एिशया के देशो ताजीिकसतान, कजाखसतान, िकरिगहसतान, उजबेिखसतान और तुकर्थ मेिनसतान में तथा इिथयोिपया, अलबािनया, रोमािनया में िपम अपनाया गया है.
  • 7. वषर 1960 से 1990 - पूरे िवश मे 10 करोड़ हेकटेयर नए केत को िसचाई सुिवधा िमली, इसमे से 7 करोड़ हेकटेयर केत एिशया मे है. अससी के दशक से पूंजी िनवेश के अनुपात मे िसचाई पिरयोजनाओ के लाभ पाप न होने पर असंतोष तथा चचार पारंभ हई. िदसमबर 1974 मे भारत मे कमान केत िवकास कायरकम (काडा) पारंभ िकया गया परनतु िसचन कमता के पूणर उपभोग का लकय नही पाप हआ. कृ षको से संवाद की कमी तथा नहर पणाली की अिवशसनीय जल आपूित को काडा की असफलता का कारण माना गया.
  • 8. 1) भारत के अिधकांश कृ षक छोटी जोतो वाले है िजन के िलए , समुदाय के सहयोग के िबना , अके ले खेती करना लाभकारी नही है. 2) िपम कृ षको मे नहर पणाली के पित आतमीयता की भावना जगाता है, िजस कारण वे नहर पणाली के संरकण हेतु बनाये गए िनयमो के पालन करने हेतु सचेष रहते है. 3) पणाली का पबनध , सञालन एवं रख रखाव समय से , ज़ररत के अनुसार और िकफ़ायत से होता है. 4) जल उपभोका सिमित का काम काज सरकारी लालफीता शाही से मुक होता है. 5) सिमित छोटे िकसानो के िहत का धयान रखेगी तथा उनका पितिनिधतव सुगमता से होगा. 6) अनेक िवभागो दारा जो योजनाये िकसानो के िहताथर चलायी जाती है , उनका पचार, पसार तथा पारदशी िकयानवयन होगा तथा उसमे िकसानो का सहभाग होगा. िपम कृ षको को समानता और सामथयर पदान करता है.
  • 9. 1) एकीकृ त जल संसाधन पबंध (IWRM) , जो उतम जल पबंध लागू करने की वैजािनक पदित है, िपम के िबना संभव नही है. 2) जल उतपादकता तथा भूिम उतपादकता बढाने के िलए िपम सबसे अिधक िकफायती और िटकाऊ साधन है.. 3) कृ िष केत मे जल का उपयोग तथा दुरपयोग सबसे अिधक है. िपम दारा जल उपयोग दकता बढाने का कायर पभावी ढंग से हो सकता है. 4) िपम कृ िष िवकास के साथ साथ सामािजक िवकास को भी बढाता है. 5) कृ िष के सथानीय तंत को िपम पादेिशक, अंतदेशीय तथा अंतरारषीय मंच पदान करता है. िपम के अनय लाभ....
  • 10. मुखय किठनाई सिमित दारा समाधान आउटलेट के नीचे असमान जल िवतरण ; नष अथवा अिनिमत गूले ; पानी की बबारदी / बहाव के दौरान करण ; पानी के बटवारे को लेकर झगडे सिमित पानी बाँटने के िलये कमरचारी िनयुक करेगी जैसा गुजरात , महाराष मे है.; गूल पणाली का िनमारण िकसानो के परामशर दारा होने पर लोग उनको नष नही करेगे. मुखय नहर दारा ठीक सेवा न होने के कारण िदकत हो (िसचाई िवभाग के सतर पर लंिबत ) सिमित समुदाय के पितिनिध के रप मे अिधक पभावशाली होगी समसया समाधान की समभावना अिधक रहेगी केत आधािरत िसचाई दरो के कारण जल बचत के िलए पोतसाहन नही. सिमित दारा आयतन आधािरत दरे लागू के जा सकती है. पणाली अपयारप रख रखाव से जजरर ज़ररी, समय पर , िकफायती रख रखाव गैर कानूनी जल दोहन, पानी के िनयंतण के िलए गेट नही , ख़राब पड़े गेट अथवा लीक करते हए गेट एक बार आयतन आधािरत माप लागू हो गयी तो िवभाग को गेट ठीक रखने और सिमित को उसके रख रखाव मे रिच होगी. िवभाग दारा तैयार रोसटर फसल की जल आवशयकता के अनुसार नही. सिमित दारा जल आवशयकता के अनुरप मांग करने की दशा मे रोसटर बेहतर बनेगा कया िपम दारा िसचाई पबनध की किठनाइयो को कम िकया जा सकता है -1
  • 11. मुखय किठनाई सिमित दारा समाधान ज़मीनी सतर पर तकनीकी पचार पसार और पिशकण सुिवधाओ का अभाव िकसान खेती मे कोई खतरा उठाने को तैयार नही होगे जब तक डेमो अथवा सवयं करके आशसत न हो . सिमित सथानीय सतर पर डेमो तथा उसके पचार पसार का कायर बेहतर करेगी सतही पानी और भूगभर जल के िमले जुले पयोग के अवसर नही सरकारी िवभाग अलग अलग होने से सरकार के सतर पर यह काम मुिशकल है परनतु सिमित के सतर पर सुगमता से होगा. िवशसनीय फीलड डाटा का अभाव वाटर टेबल का सतर, वषार तथा वाषपीकरण के सही डाटा उपलबध न होने से सही पलािनग असंभव है. सिमित के सतर पर डाटा इकठा करने से बेहतर पलािनग / बिढ़या काम होगा. कया िपम दारा िसचाई पबनध की किठनाइयो को कम िकया जा सकता है- 2
  • 12. 1. िसचाई पिरयोजनाओ मे भारी पूंजी िनवेश होने के कारण सरकारे ही िसचाई पिरयोजनाओ के िनमारण के िलए उपयुक संसथा है , परनतु िसचाई पबंधन के सभी कायर तथा पिरयोजनाओ के रख रखाव के कायर के िलए कृ षक संगठन ही उपयुक है. 2. िसचाई पबंधन मे सरकार की भूिमका एक सहजकतार (Facilitator) तथा एक िनयामक (Regulator) के रप मे रहनी चािहए. 3. िवश के अनेक भागो मे जल उपभोका संसथाओ के अधययन से यह बात पमािणत हो चुकी है िक जल पयोग मे अनुशासन सथािपत करने, सथानीय िववादो के सुलझाने और जलकर वसूली के िलए जल उपभोका संसथाये सरकारी िवभागो से अिधक पभावी होती है. 4. अधययन से इस बात की पुिष भी हई है िक नहर पणाली दारा िवशसनीय तथा पयारप आपूित की दशा मे कृ षक बढ़ी हई जल दर चुकाने को राज़ी हो जाते है ( धारोई पिरयोजना , गुजरात तथा वाघाद पिरयोजना , महाराष )
  • 13. आइये ज़रा िपम का राष सतर पर िवसतार देखे …. 25 पदेशो मे िपम लागू है सिमितयो दारा अचछािदत केत 148 लाख हेकटेयर अब तक गिठत जल उपभोका सिमितयो की संखया 84779
  • 14. M - Motivation या पेरणा P - Purpose या उदेशय I - Initiative या पहल (िपम का उदेशय िकसानो की कृ िष उतपादकता मे सुधार कर उनकी सामथयर बढ़ाना है.) (कृ षक संगठनो की सथापना तथा िवकास के िलए सरकार को पहल करनी होगी ) (सहभागी िसचाई पबनध की सफलता के िलए यह आवशयक है िक सभी पक , कृ षक एवं सरकारी जन, मानिसक एवं भावनातमक रप से उदेशय से जुड़े हो. )
  • 15. िपम की सफलता के िलए मनोवृित तथा ववहार पिरवतरन आवशयक है इसिलए िपम के िवकास मे समय लगता है िपम कायरकम की सफलता के िलए चार शते ज़ररी है : 1.उच सतरीय राजनैितक पितबदता (मेिकसको , आंधपदेश ) 2.िपम के िलए अनुकू ल वातावरण , पिरिसथितयो का िवकास 3.कायरकम को वविसथत रप से लागू करना 4.पिशकण तथा कमता वधरन
  • 16. उच सतरीय राजनैितक पितबदता 1. मेिकसको मे कायरकम की शुरआत वहां के राषपित ने सवयं अनेक सावरजािनक घोषणाओ दारा की. 2. आंध पदेश मे ततकालीन मुखयमंती ने सवयं कायरकम की कमान संभाली. 3. िफ़लीपीनस मे भी कायरकम उच सतरीय राजनैितक पितबदता से नेशनल इरीगेशन एजेसी के मुिखया दारा पारंभ िकया गया.
  • 17. िपम के िलए अनुकू ल वातावरण तथा पिरिसथितयो का िवकास 1. नीित िनधाररण, िवधायन , क़ायदा-कानून बनाना तथा उनकी अनुपालना का अनुशवन (मेिकसको , कोलंिबया, िचली , गुजरात, महाराष, उतर पदेश ) 2. नौकरशाही के तौर तरीको मे बदलाव 3. कृ षको की जागरकता तथा उतपेरण के िलए ववसथा (पेर, मेिकसको, िफ़लीपीनस ) 4. कृ षक संगठनो को उतरदाियतव के अनुरप अिधकार 5. कृ षक संगठनो की आय के सोत तथा आतमिनभररता (मेिकसको ,के रल, आंधपदेश, कनारटक, महाराष की कु लाबा सिमितयां ; उ०प० की जल पबंध सिमितयां )
  • 18. िपम कायरकम को वविसथत रप से लागू करना 1. पिरवतरन पबंध (change management) के िसदांतो का पालन 2. ‘ ’पायलट पोजेकट (िफ़लीपीनस, गुजरात, महाराष) अथवा ‘ ‘एक झटके मे (टकी , मेिकसको, आनध पदेश) 3. सपष लाभ की पबल समभावना (मोरको) 4. कायरकम की मोिनटिरग तथा पिरणामो का आकलन (मेिकसको, महाराष , उतर पदेश)
  • 19. िपम के िलए पिशकण तथा कमता वधरन 1. पिशकण आवशयकता का आकलन (मेिकसको) 2. पौढ़ िशका के िसदांतो का पालन 3. कायर के दौरान पिशकण (सपेन) 4. सफल पयोगो का भमण
  • 20. 1) जल आपूित िसथित मे सुधार ( डोिमिनकन गणराजय मे 40%) 2) नहर के शीषर तथा टेल रीच के बीच जल िवतरण मे सामयता बढ़ी. 3) रख रखाव की गुणवता मे सुधार हआ िजस कारण जलापूित की समयशीलता तथा माता मे काफी सुधार हआ. 4) उतपादन मे वृिद हई 5) कृ षक की आय बढ़ी 6) राजसव वसूली मे काफी सुधार हआ.
  • 21. अनेक सामानय कृ षको और सरकारी जनो दारा अपनी अपनी जगहो िकये गए छोटे छोटे पयास पूरी दुिनया को बदलने की शिक रखते है l अपना बहमूलय समय देने के िलए धनयवाद phanishsinha@gmail.com कया आप तैयार है ?

Notas do Editor

  1. Good Morning to every one, Hon’ble Chairman of the Session………, distinguished luminaries on dais. I am grateful to DG WALMI and Social Sciences faculty who gave me an opportunity to talk about status of PIM in India before this galaxy of knowledgeable persons, PIM activists and experts who have come from all parts of the country. Let us start with posing a simple question . Why PIM is important. I have asked the views from my many colleagues in irrigation department/ WRD/ CAD across the country. Most of them feel that all hype about PIM is because the World Bank or other project funding agencies are pushing it. Or because GoI has decided not to clear any M & M project which does not contain provision for PIM . They also say, WUAs will not succeed in India and will not be able to manage their responsibilities and ‘business as usual’ with some more funds, more powers to irrigation departments will be a better option. We will explore these opinions also . But before we do it lets have a look at importance of irrigated agriculture sector and major problems in irrigated agriculture sector . We will also discuss why PIM is the best strategy for improved efficiency and productivity of water and how it can be made sucessful
  2. Hon’ble chairperson, Rapporteur and distinguished professionals and experts , I feel honoured and indeed very privileged to present before you , the country paper for india. The paper discusses the linkage of main system management with irrigators through formation of Water User Associations. The paper also discusses the strategies for formation of successful and sustainable WUA's , in the light of past experiences of IMT in India.