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गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका भार्ा-2020
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र्ैि नलयाि त्रलळेऴ
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गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक
ई-ऩत्रिका भें रेखन शेतु
फ्रीराॊव (स्लतॊि) रेखकों का
स्लागत शैं...
गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई ऩत्रिका
भें आऩके द्राया सरखे गमे भॊि,
मॊि, तॊि, ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ,
लास्तु, पें गळुई, टैयों, येकी एलॊ
अन्म आध्मात्त्भक सान लधाक
रेख को प्रकासळत कयने शेतु बेज
वकते शैं।
असधक जानकायी शेतु वॊऩका कयें।
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गुरुत्ल ज्मोसतऴ
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गुरुत्ल कामाारम
पोटो ग्राफपक्व
सर्ॊतन जोळी,
गुरुत्ल कामाारम
अनुक्रभ
र्ैि नलयात्रि घट स्थाऩना भुशूता, त्रलसध-त्रलधान 25 भार्ा 7 वद्ऱ श्र्रोकी दुगाा 66
नलयाि त्रलळेऴ घट स्थाऩना त्रलसध 9 दुगाा आयती 66
त्रलक्रभ वॊलत 2077 औय 9 ग्रशों का भॊिी भॊड़र 13 ॥दुगाा र्ारीवा॥ 67
प्रथभ ळैरऩुिी 15 श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 68
फद्रतीमॊ ब्रह्मर्ारयणी 16 ऋग्लेदोक्त देली वूक्तभ ् 68
तृतीमॊ र्न्रघण्टा 17 ॥ सवद्धकुॊ त्जकास्तोिभ ्॥ 69
र्तुथा कू ष्भाण्डा 18 दुगााद्शकभ ् 69
ऩॊर्भ स्कॊ दभाता 19 ॥ बलान्मद्शकभ ्॥ 70
ऴद्षभ् कात्मामनी 20 षभा-प्राथाना 70
वद्ऱभ कारयात्रि 21 दुगााद्शोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ् 71
अद्शभ भशागौयी 22 दुलाा ऩूजन भें यखे वालधासनमाॊ 71
नलभ् सवत्रद्धदािी 23 त्रलद्वॊबयी स्तुसत 72
र्ैि नलयाि भें देली आयाधना त्रलळेऴ परदामी शोती शै। 24 भफशऴावुयभफदासनस्तोिभ ् 73
र्ैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शैं। 25 ळाऩ त्रलभोर्न भॊि 75
क्मा फकवी के ळयीय भें देली-देलता आ वकते शैं ? 28 श्रीदुगााअद्शोत्तय ळतनाभ ऩूजन 76
ऩूजा भें करळ स्थाऩन का भशत्ल 30 ऩयळुयाभ कृ त श्रीदुगाास्तोि 79
ळुब कामों भें श्रीपर र्ढ़ाने का भशत्ल? 31 श्री दुगाा कलर्भ ् (रुरमाभरोक्त) 83
नलयाि व्रत की वयर त्रलसध? 32 श्री भाका ण्डेम कृ त रघु दुगाा वद्ऱळती स्तोिभ ् 85
कु भायी ऩूजन वे वकर भनोयथ सवद्ध शोते शैं। 33 नल दुगाा स्तुसत 86
॥दुगााद्शोत्तयळतनाभस्तोिॊ (त्रलद्ववायतन्ि )॥ 35 नलदुगाा यषाभॊि 86
नलयाि भें राबदामक कन्मा ऩूजन 36 देव्ऩयाधषभाऩनस्तोिभ ् 87
भाॊ के र्यणों सनलाव कयते वभस्त शैं तीथा 39 गुद्ऱ वद्ऱळती 89
देली उऩावना भें उऩमुक्त एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ 40 भाॉ दुगाा के र्भत्कायी भन्ि 92
भनोकाभना ऩूसता शेतु देली को कै वे अऩाण कयें … 41 बायसतम ऩॊर्ाॊग का भूर आधाय? 95
नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय 43 बायतीम ऩॊर्ाॊग गणना की लैसासनक ऩद्धसत क्मा शैं? 96
नलयाि भें दव भशात्रलद्या की उऩावना त्रलळेऴ राबप्रद 44 कै रेण्डय मुग की उत्ऩत्रत्त कफ शुई ? 101
नलाणा भॊि जऩ वे दूय कये नलग्रशों की ऩीड़ा 47 ऩौयात्णक कार भें ऩॊर्ाॊग गणना कै वे शोती थी? 103
नलयािी भें कये ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम 49 लैफदक ऩॊर्ाॊग का इसतशाव? 106
त्रलसबन्न काभनाऩूसता शेतु नलाणा भॊि वाधना 51 कै रेंडय ल ऩॊर्ाॊग भें क्मा अॊतय शैं? 109
नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शैं… 53 ज्मोसतऴ के अनुळाय ळुब-अळुब भुशूता का प्रबाल? 111
आद्यळत्रक्त के तीन र्भत्कायी मॊि 55 बरा त्रलर्ाय 113
देली कलर् दुबााग्म को वौबाग्म भें फदर वकते शै… 57 फदळाळूर त्रलर्ाय 116
भाॉ दुगाा की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ 60 फदळाळूर भशत्लऩूणा मा कताव्म भशत्लऩूणा शै? 117
नलयाि व्रतकथा 63
स्थामी औय अन्म रेख
वॊऩादकीम 4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका 146
भार्ा 2020 भासवक ऩॊर्ाॊग 137 फदन के र्ौघफडमे 147
भार्ा 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 139 फदन फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक 148
भार्ा 2020 -त्रलळेऴ मोग 146
त्रप्रम आत्त्भम,
फॊधु/ फफशन
जम गुरुदेल
वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावासधके ।
ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामत्ण नभोऽस्तुते॥
वृत्रद्शत्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रक्तबूते वनातसन।
गुणाश्रमे गुणभमे नायामत्ण नभोऽस्तुते॥
अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथों
को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिों लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शैं। आऩ वृत्रद्श का ऩारन औय वॊशाय कयने
लारी ळत्रक्तबूता वनातनी देली, आऩ गुणों का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शें नभस्काय शै।
इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शैं। त्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩों का नाळ शोता शै। भाॊ
जननी वृत्रद्श फक आफद, अॊत औय भध्म शैं।
देली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsत्खरस्म।
ऩवीद त्रलद्वेतरय ऩाफश त्रलद्वॊ त्लभीद्ळयी देली र्यार्यस्म।
अथाात: ळयणागत फक ऩीड़ा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शों। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शों। त्रलद्वेद्वयी देली त्रलद्व
फक यषा कयो। देली आऩ फश एक भाि र्यार्य जगत फक असधद्वयी शो।
नलयाि के नौ फदनों भें तीन देत्रलमों क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩों का कभळ्
ळैरऩुिी, ब्रह्मार्ारयणी, र्ॊरघण्टा, कू ष्भाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा
जाता शैं। नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी
के स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं औय आत्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩों की ऩूजा की जाती शैं।
उवी प्रकाय नौ देलीमों को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मार्ारयणी, तृतीम फदन र्न्रघण्टा, र्तुथा फदन
कु ष्भाण्डा, ऩॊर्भ् फदन स्कन्द भाता, ऴद्षभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन कारयात्रि, अद्शभ् फदन भशागौयी औय नौलें फदन
सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शैं।
नलयाि अथाात भाॉ दुगाा की उऩावना भें वभत्रऩात नौ यात। दुगाा का अथा शैं, दुगासत नासळनी शैं, जगत ्की
उत्ऩत्रत्त, ऩारन एलॊ वॊर्ारन तीनों व्मलस्थाएॊ त्जव ळत्रक्त के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ
आफदळत्रक्त बगलती शैं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शैं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩों भें नलदुगाा के नाभ वे जाना जाता
शैं। आफद ळत्रक्त भाॉ दुगाा वभग्र रोक भें अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बक्तों भें वद्द गुणों का
त्रलकाव कयके उनभें अऩनी ळत्रक्त का वॊर्ाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रात्णमों का वॊर्ारन कयती शै।
आज बौसतकता भें यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन की ळाॊसत नशीॊ
सभरती। ऐवे भें शय तयश वे सनयाळ औय शाया र्ुका भनुष्म मफद भाॊ दुगाा की ळयण रेता शै जो सनत्द्ळत शी भाॉ दुगाा
उवकी दुगासत का सनलायण कयती शी शै।
क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रक्त की कृ ऩा वे भनुष्म भें आत्भफर, द्दढ़ त्रलद्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रक्त जैवे वद्गुणों का त्रलकाव
शोता शैं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मों को वभझ कय भनुष्म जीलन भें वच्र्ा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता
शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल
कय फदखाने की ळत्रक्त देली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शैं।
भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भें वलाासधक रोकत्रप्रम शैं मशीॊ कायण शैं की वैकड़ों लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन
छोटे-फड़े वबी प्रादेसळक षेिों भें वलाासधक प्रर्सरत यशा शैं। देली दुगाा को आद्य ळत्रक्त बगलती का वाषात स्लरुऩ
भाना जाता शैं। देली दुगाा की भफशभा अऩयॊऩाय शैं, जो अऩने बक्तों के दु्खों का नाळ कयने लारी, दुद्शों वे यषा कयने
लारी एलॊ अऩने बक्तों के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शैं।
नलयाि के दौयान दव भशात्रलद्या का ऩूजन बी त्रलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शैं क्मोकी इन को देली दुगाा के
शी दव रूऩ भाने जाते शैं। दवों भशात्रलद्या भें शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम ळत्रक्त वे भनुष्म के वभस्त वॊकटों को
दूय कयने लारी शैं। इन दव भशात्रलद्याओॊ के भशत्ल को त्रलसबन्न धभाळास्त्रों भें अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना
गमा शैं।
नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दूय कय
वकता शैं। नलयाि का वभम ग्रशों को ळाॊत कयने शेतु वलोत्तभ वभम भाना जाता शैं। क्मोफक नलयािी के दौयान प्रकृ सत भें शोने
लारे ऩरयलतान एलॊ वाभात्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म की आध्मात्त्भक ळत्रक्त एलॊ उवकी वॊमभ ळत्रक्त का अत्मासधक उच्र्
स्तय की शोती शैं। मफश कायण शैं की इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद अत्मासधक राबप्रद भानी
गई शैं। मफद भनुष्म फकवी ग्रशों वे ऩीफड़त शो, तो लश इन नौ फदनों भें देली दुगाा के ऩूजन के वाथ भें मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो
को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शैं, नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै।
त्रलद्रानों का कथन शैं की देली दुगाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शैं। धभा ळास्त्रों भें वभस्त भॊि,
मॊि औय तॊि का उद्गभ देली आद्यळत्रक्त बगलती वे भाना गमा शैं। मफद जन्भ कुॊ डरी (जातक/ जन्भ ऩिी) भें कोई ग्रश कभजोय शै
मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को देख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत
कयना आलश्मक शोता शैं त्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकू र प्रबाल के स्थान ऩय अनुकू र प्रबाल प्रदान कयें।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को
अनुकू र फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शैं, नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत
वयरता वे कभ फकमा जा वकता शैं।
इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमों के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं, मफद
दळाामे गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामों मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने,
वॊऩादन भें, फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी
मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी
अनुबल त्रलसबन्न भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालों का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रद्ध शेतु फक
जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालों भें सबन्नता वॊबल शैं।
आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती की कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय
फनी यशे। भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शैं… सर्ॊतन जोळी
6 भार्ा 2020
***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊसधत वूर्ना *****
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायों के वाथ शी आयत्षत शैं।
 ई-ऩत्रिका भें लत्णात रेखों को नात्स्तक/अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत
फकमा गमा शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी
प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं
औय ना शीॊ प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी देने शेतु कामाारम मा वॊऩादक फकवी
बी प्रकाय वे फाध्म शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव शोना आलश्मक शैं। फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय की आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शैं। शभ फकवी बी
व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी
नफशॊ रेते शैं। मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी।
 क्मोफक इन त्रलऴमो भें नैसतक भानदॊडों, वाभात्जक, कानूनी सनमभों के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा
ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शैं।
 ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब की शानी मा
शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं।
 शभाये द्राया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ
अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कलर्, भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत
वपरता प्राद्ऱ शुई शैं।
 ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रकासळत वबी उत्ऩादों को के लर ऩाठको की जानकायी शेतु फदमा गमा शैं,
कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादों का क्रम कयने शेतु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म नशीॊ कयता शैं। ऩाठक
इन उत्ऩादों को कशीॊ वे बी क्रम कयने शेतु ऩूणात् स्लतॊि शैं।
असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं।
(वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
7 भार्ा 2020
र्ैि नलयात्रि घट स्थाऩना भुशूता, त्रलसध-त्रलधान 25 भार्ा 2020
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
र्ैि ळुक्र प्रसतऩदा अथाात र्ैि नलयािी का
ऩशरा फदन। इवी फदन वे शी लावॊसतक अथला र्ैि
अथला र्ैिी नलयाि का प्रायॊब शोता शैं। जो र्ैि ळुक्र
नलभी को वभाद्ऱ शोते शैं, इन नौ फदनों देत्रल दुगाा की
त्रलळेऴ आयाधना कयने का त्रलधान शभाये ळास्त्रो भें
फतामा गमा शैं।
"प्रसतऩदा सतसथ 24 भार्ा 2020, भॊगरलाय को
अऩयाश 3 फजकय 00 सभनट वे ळुरू शो यशी शै।" जो
कारलेरा के दोयान शो यशी शैं, कारलेरा जो दोऩशय
01:58 वे 03:29 तक यशेगी, एलॊ नषि
उत्तयाबारऩद जो देय यािी 04:18 तक
यशेगा ऩद्ळमात येलसत नषि यशेगा।
एलॊ मोग ब्रह्म औय कयण
फकस्तुघ्न यशेगा।
घटस्थाऩना शेतु ळुब
भुशूता 25 भार्ा 2020, फुधलाय के
फदन ऩूलााह्न 06:23 वे 07:17
तक (अलसध 00 घण्टा 54 सभनट)
, त्रलक्रभ वॊलत ् 2077, ळक वॊलत ्
1942, नषि येलती, मोग ब्रह्म, कयण
फल, ऋतु फवॊत, अमन, उत्तयामण, यशेगा,
प्रसतऩदा सतथी वभासद्ऱ वाॊम 05:31फजे शोगी।
इव सरए घट स्थाऩना वुफश 06:23 वे 07:17
तक भें कयना ळुब यशेगा।, इव दौयान फद्र-स्लबाल भीन
रग्न की वभासद्ऱ 07:17 शोगी।
ऩायॊऩरयक ऩद्धसत के अनुळाव नलयात्रि के ऩशरे
फदन घट अथाात करळ की स्थाऩना कयने का त्रलधान
शैं। इव करळ भें ज्लाये (अथाात जौ औय गेशूॊ) फोमा
जाता शै।
घट स्थाऩनकी ळास्त्रोक्त त्रलसध इव प्रकाय शैं।
घट स्थाऩना आत्द्वन प्रसतऩदा के फदन फक जाती शैं।
घट स्थाऩना शेतु वफवे ळुब असबत्जत भुशुता भाना गमा
शैं। जो 25 भार्ा 2020 को दोऩशय 12:002 वे दोऩशय
12:51 फजे के फीर् शै।
इव लऴा प्रसतऩदा सतसथ प्रायम्ब 24 भार्ा 2020
को अऩयाश 3 फजकय 00 सभनट वे 25 भार्ा 2020
वॊध्मा वाॊम 05:31फजे शोगी।
इव सरए 25 भार्ा 2020 के ळुब
भुशूता उत्तभ यशेंगे।
घट स्थाऩना के अन्म ळुब भुशूता
वुफश 06:23 वे वुफश 07:54 तक
राब, वुफश 07:54 वे वुफश
09:25 तक अभृत, फदन 10:56 वे
दोऩशय 12:27 तक ळुब
र्ौघफडमा, असबत्जत भुशुता दोऩशय
12:002 वे दोऩशय 12:51 फजे के
फीर् यशेगा।
कु छ जानकाय त्रलद्रानो का भत शैं की
नलयाि स्लमॊ अऩने आऩ भें स्लमॊ सवद्ध भुशुता शोने के
कायण इव सतसथ भें व्माद्ऱ वभस्त दोऴ स्लत् नद्श शो
जाते शैं इव सरए घट स्थाऩना प्रसतऩदा के फदन फकवी
बी वभम कय वकते शैं।
मफद ऐवे मोग फन यशे शो, तो घट स्थाऩना
दोऩशय भें असबत्जत भुशूता मा अन्म ळुब भुशूता भें
कयना उत्तभ यशता शैं।
8 भार्ा 2020
करळ स्थाऩना शेतु अन्म ळुब भुशूता
 राब र्ौघफडमा वुफश 06:23 वे वुफश 07:54 तक,
 अभृत र्ौघफडमा वुफश 07:54 वे वुफश 09:25 तक,
 ळुब र्ौघफडमा फदन 10:56 वे दोऩशय 12:27 तक,
 असबत्जत भुशुता दोऩशय 12:002 वे दोऩशय 12:51 फजे
तक के भुशूता घट स्थाऩना का श्रेद्ष भुशूता यशेंगे।
घट स्थाऩना शेतु वलाप्रथभ स्नान इत्माफद के
ऩद्ळमात गाम के गोफय वे ऩूजा स्थर का रेऩन कयना
र्ाफशए। घट स्थाऩना शेतु ळुद्ध सभट्टी वे लेदी का
सनभााण कयना र्ाफशए, फपय उवभें जौ औय गेशूॊ फोएॊ
तथा उव ऩय अऩनी इच्छा के अनुवाय सभट्टी, ताॊफे,
र्ाॊदी मा वोने का करळ स्थात्रऩत कयना र्ाफशए।
मफद ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे घट स्थाऩना कयना शो
तो ऩॊर्ाॊग ऩूजन (अथाात गणेळ-अॊत्रफका, लरुण,
ऴोडळभातृका, वद्ऱघृतभातृका, नलग्रश आफद देलों का
ऩूजन) तथा ऩुण्माशलार्न (भॊिोंच्र्ाय) त्रलद्रान ब्राह्मण द्राया
कयाएॊ अथला अभथाता शो, तो स्लमॊ कयें।
ऩद्ळमात देली की भूसता स्थात्रऩत कयें तथा देली
प्रसतभाका ऴोडळोऩर्ायऩूलाक ऩूजन कयें। इवके फाद
श्रीदुगाावद्ऱळती का वॊऩुट अथला वाधायण ऩाठ कयना
र्ाफशए। ऩाठ की ऩूणााशुसत के फदन दळाॊळ शलन अथला
दळाॊळ ऩाठ कयना र्ाफशए।
घट स्थाऩना के वाथ दीऩक की स्थाऩना बी की
जाती शै। ऩूजा के वभम घी का दीऩक जराएॊ तथा
उवका गॊध, र्ालर, ल ऩुष्ऩ वे ऩूजन कयना र्ाफशए।
ऩूजन के वभम इव भॊि का जऩ कयें-
बो दीऩ ब्रह्मरूऩस्त्लॊ ह्यन्धकायसनलायक।
इभाॊ भमा कृ ताॊ ऩूजाॊ गृह्रॊस्तेज: प्रलधाम।।
नोट: उऩयोक्त लत्णात भुशूता को वूमोदम कासरन सतसथ मा
वभम का सनयधायण नई फदल्री के अषाॊळ येखाॊळ के
अनुळाय आधुसनक ऩद्धसत वे फकमा गमा शैं। इव त्रलऴम
भें त्रलसबन्न भत एलॊ वूमोदम सात कयने का तयीका
सबन्न शोने के कायण वूमोदम वभम का सनयधायण
सबन्न शो वकता शैं। वूमोदम वभम का सनयधायण
स्थासनम वूमोदम के अनुळाय फश कयना उसर्त शोगा।
इव सरए फकवी बी भुशूता का र्मन कयने वे ऩूला फकवी
त्रलद्रान ल जानकाय वे इव त्रलऴम भें वराश त्रलभळा
कयना उसर्त यशेगा।
शभाये त्रलळेऴस ज्मोसतऴी वे ऩूछें अऩने प्रद्ल
वम्ऩूणा ज्मोसतऴ ऩयाभळा, जन्भ कु ण्डरी सनभााण, प्रद्ल कु ण्डरी, गुण
सभरान, भुशूता, यत्न औय रुराष ऩयाभळा, लास्तु ऩयाभळा एलॊ अन्म फकवी बी
वभस्मा का वभाधान ज्मोसतऴ, मॊि, भॊि एलॊ अन्म वयर घयेरु उऩामो
द्राया सनदान शेतु वॊऩका कये। शभायी वेलाएॊ न्मूनतभ ळुल्क ऩय उप्रब्ध शै।
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9 भार्ा 2020
नलयाि त्रलळेऴ घट स्थाऩना त्रलसध
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
दुगाा ऩूजन वाभग्री-
कराला (भौरी, यषा वूि), योरी, सवॊदूय, १ श्रीपर
(नारयमर), अषत (त्रफना टूटे र्ालर), रार लस्त्र, वगॊसधत
पू र- भारा, 5 ऩान के ऩत्ते , 5 वुऩायी, रौंग, करळ,
करळ शेतु आभ के ऩल्रल, रकडीी़ की र्ौकी, वसभधा,
शलन कु ण्ड, शलन वाभग्री, कभर गट्टे, ऩॊर्ाभृत ( दूध,
दशी, घी, ळशद, ळका या(र्ीनी) ), पर, सभठाई, ऊन का
आवन, वाफूत शल्दी, अगयफत्ती, इि, घी, दीऩक, आयती की
थारी, कु ळा, यक्त र्ॊदन, द्ळेत र्ॊदन (श्रीखॊड र्ॊदन), जौ,
सतर, वुलणा गणेळ ल दुगाा की प्रसतभा 2 (वुलणा उप्रब्ध
न शो तो ऩीतर, कई रोग सभट्टी की प्रसतभा वे ऩूजन
कयते शैं।), आबूऴण ल श्रृॊगाय वाभग्री, ऩॊर्भेला, ऩॊर्
सभठाई, रूई इत्माफद,
दुगाा ऩूजन वे ऩूला र्ौकी को ळुद्ध कयके श्रृॊगाय कयके
र्ौकी वजारें।
तत ऩद्ळमात रार कऩडे का आवन त्रफछाकय गणऩसत
एलॊ दुगाा भाता की प्रसतभाके वम्भुख फैठ जाए।
तत ऩद्ळमात आवन को इव भॊि वे ळुत्रद्ध कयण कयें:
ॐ अऩत्रलि : ऩत्रलिोला वलाालस्थाॊ गतोऽत्रऩला।
म: स्भयेत् ऩुण्डयीकाषॊ व फाह्याभ्मन्तय: ळुसर्:॥
इन भॊिों का उच्र्ायण कयते शुए अऩने ऊऩय तथा
आवन ऩय 3-3 फाय कु ळा मा ऩुष्ऩाफद वे छ ॊटें रगामें।
तत ऩद्ळमात आर्भन कयें:
ॐ के ळलाम नभ:
ॐ नायामण नभ:
ॐ भध्लामे नभ:
ॐ गोत्रलन्दाम नभ्
तत ऩद्ळमात शाथ धोकय, ऩुन: आवन ळुत्रद्ध भॊि का
उच्र्ायण कयें:-
ॐ ऩृथ्ली त्लमाधृता रोका देत्रल त्मलॊ त्रलष्णुनाधृता।
त्लॊ र् धायमभाॊ देत्रल ऩत्रलिॊ कु रु र्ावनभ्॥
ळुत्रद्ध कयण औय आर्भन के ऩद्ळमात र्ॊदन रगाना
र्ाफशए।
अनासभका उॊगरी वे श्रीखॊड र्ॊदन रगाते शुए इव भॊि
का उच्र्ायण कयें:-
र्न्दनस्म भशत्ऩुण्मभ् ऩत्रलिॊ ऩाऩनाळनभ्,
आऩदाॊ शयते सनत्मभ् रक्ष्भी सतद्षतु वलादा।
ऩॊर्ोऩर्ाय ऩूजन कयने के ऩद्ळमात वॊकल्ऩ कयना
र्ाफशएॊ।
वॊकल्ऩ भें ऩुष्ऩ, पर, वुऩायी, ऩान, र्ाॊदी का सवक्का,
श्रीपर (नारयमर), सभठाई, भेला, आफद वबी वाभग्री थोड़ी-
थोड़ी भािा भें रेकय वॊकल्ऩ भॊि का उच्र्ायण कयें:-
॥ वॊकल्ऩ लाक्म॥
शरय ॐ तत्वत l नभ् ऩयभात्भने श्री ऩुयाण ऩुरुऴोत्तभाम
श्री भद बगलते भशा ऩुरुऴस्म त्रलष्णो यासामा प्रलता भान
स्माद्य ब्राह्मणों फद्रतीम प्रशयाद्रे श्रीद्वेत्लायाश कारे लै
लस्तल -भन्लन्तये अत्श्त्लत्श्तत्भे कल्मुगे कसर प्रथभ
र्यणे जम्फू द्रीऩे बयत खण्ड बायत लऴे आमाा
लताांन्तगात देळैक ऩुण्म षेि ऴत्रद्श वम्लस्तायाणाॊ भध्मे
'अभुक ' नासभन वॊलत्वये 'अभुक ' अमने 'अभुक 'िुतौ
.अभुक भावे 'अभुक ऩषे .अभुक सतथौ अभुक नषिे
,अभुक मोग 'अभुक 'लावये 'अभुक यासळस्मे वूमे, बौभें,
फुधे, गुयौ, ळुक्रे , ळनौ, याशौ, के तौ एलॊ गुण त्रलसळद्शामा सतथौ
'अभुक' गोिोत्ऩन्ने 'अभुक 'नात्म्न ळभाा (लभाा इत्माफद )
वकरऩाऩषमऩूलाकॊ वलाारयद्श ळाॊसतसनसभत्तॊ
वलाभॊगरकाभनमा श्रुसतस्भृत्मोक्तपरप्राप्त्मथां भनेत्प्वत
कामा सवद्धमथां श्री दुगाा ऩूजनॊ र् अशॊ करयष्मे।
तत्ऩूलाागॊत्लेन सनत्रलाघ्नताऩूलाक कामा सवद्धमथां मथा
सभसरतोऩर्ाये गणऩसत ऩूजनॊ करयष्मे।
10 भार्ा 2020
त्रलळेऴ वुझाल: उक्त वॊकल्ऩ लाक्म भें जशाॉ-जशाॉ 'अभुक'
ळब्द आमा शै, लशाॉ क्रभळ: लताभान वॊलत्वय, अमन, रुतु,
भॉव, ऩष, सतसथ, नषि, मोग, वूमााफद की याळी तथा
अऩने गोि, अऩनी याळी एलॊ अऩने नाभ का उच्र्ायण
कयना र्ाफशए।
गणऩसत ऩूजन:-
बायतीम ळास्त्रोक्त ऩयॊऩया के अनुळाय फकवी बी ऩूजा भें
वलाप्रथभ गणेळ जी की ऩूजा की जाती शैं।
शाथ भें ऩुष्ऩ रेकय बगलान गणेळ का ध्मान कयें।
गजाननम्बूतगणाफदवेत्रलतॊ कत्रऩत्थ जम्फू
परर्ारुबषणभ्।
उभावुतॊ ळोक त्रलनाळकायकॊ नभासभ
त्रलघ्नेद्वयऩादऩॊकजभ्।
तत ऩद्ळमात आलाशन कयें: आह्लान शेतु शाथ भें अषत
रेकय इव भॊि का उच्र्ायण कयें:-
आगच्छ देल देलेळ, गौयीऩुि त्रलनामक।
तलऩूजा कयोभद्य, अिसतद्ष ऩयभेद्वय॥
ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् इशागच्छ इश सतद्ष
उच्र्ायण कयते शुए अषत को गणेळ जी ऩय र्ढाी़ दें।
सनम्न भॊिो का उच्र्ायण कयते शुले वॊफॊसधत लस्तु श्री
गणेळ जी को अत्रऩात कयें।
शाथ भें पू र रेकय ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् आवनॊ
वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात अघाा भें जर रेकय फोरें ॐ श्री सवत्रद्ध
त्रलनामकाम नभ् अघ्मां वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात आर्भनीम-स्नानीमॊ ॐ श्री सवत्रद्ध
त्रलनामकाम नभ् आर्भनीमॊ वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात लस्त्र रेकय ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्
लस्त्रॊ वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात मसोऩलीत-ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्
मसोऩलीतॊ वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात ऩुनयार्भनीमभ्, ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम
नभ् यक्त र्ॊदन रगाएॊ: इदभ यक्त र्ॊदनभ् रेऩनभ् ॐ
श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्,
तत ऩद्ळमात प्रकाय श्रीखॊड र्ॊदन फोरकय श्रीखॊड र्ॊदन
रगाएॊ,
तत ऩद्ळमात सवन्दूय र्ढ़ाएॊ "इदॊ सवन्दूयाबयणॊ रेऩनभ्
ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्,
तत ऩद्ळमात दूलाा औय त्रलल्फऩि बी गणेळ जी को
र्ढ़ाएॊ।
ऩूजन के ऩद्ळमात गणेळ जी को बोग अत्रऩात कयें: ॐ
श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् इदॊ नानात्रलसध नैलेद्यासन
वभऩामासभ, सभद्शान अत्रऩात कयने के सरए भॊि- ळका या
खण्ड खाद्यासन दसध षीय घृतासन र्, आशायो बक्ष्म बोज्मॊ
गृह्यताॊ गणनामक।
प्रवाद अत्रऩात कयने के ऩद्ळमात आर्भन कयामें, इदॊ
आर्भनीमॊ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्, तत ऩद्ळमात
ऩान वुऩायी र्ढ़ामें- ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्
ताम्फूरॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात पर रेकय गणऩसत ऩय
र्ढ़ाएॊ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् परॊ वभऩामासभ,
तत ऩद्ळमात दत्षणा यखते शुले इव भॊि का उच्र्ायण
कयें ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् रव्म दत्षणाॊ वभऩामा
सभ, तत ऩद्ळमात त्रलऴभ वॊख्मा (1,3,5,7,9,11,21 आफद)
भें दीऩक जराकय सनयाजन अथाात आयसत कयें औय
बगलान की आयती गामें। तत ऩद्ळमात शाथ भें पू र
रेकय गणेळ जी को अत्रऩात कयें, तत ऩद्ळमात तीन प्रद
त्षणा कयें।
इवी प्रकाय वे अन्म वबी देलताओॊ का ऩूजन कयें।
गणेळ के स्थान त्जव देलता की ऩूजा कयनी शो ऩय उव
देलता के नाभ का उच्र्ायण कयें।
करळ ऩूजन:-
घड़े अथला रोटे ऩय कराला (भौसर) फाॊधकय करळ के
ऊऩय आभ का ऩल्रल यखें। करळ भें वुऩायी, अषत, भुरा
यखें, दूलाा, नारयमर ऩय लस्त्र रऩेट कय करळ ऩय
स्थात्रऩत कयें,शाथ भें अषत औय ऩुष्ऩ रेकय लरूण देलता
का करळ भें आलाशन कयें।
11 भार्ा 2020
ॐ त्तत्लामासभ ब्रह्मणा लन्दभानस्तदाळास्ते
मजभानोशत्रलासब:। अशेडभानोलरुणेश फोध्मुरुळॊ
वभानऽआमु: प्रभोऴी:। अत्स्भन करळे लरुणॊ वाॊगॊ
वऩरयलायॊ वामुध वळत्रक्तकभालाशमासभ, ॐ बूबुाल: स्ल: बो
लरुण इशागच्छ इशसतद्ष। स्थाऩमासभ ऩूजमासभ।
तत ऩद्ळमात त्जव प्रकाय गणेळ जी की ऩूजा की शै उवी
प्रकाय लरूण देलता की त्रलसधलत ऩूजा कयें।
दुगाा ऩूजन:
दुगाा ऩूजन शेतु वफवे ऩशरे भाता दुगाा का ध्मान कयें:
वला भॊगर भागॊल्मे सळले वलााथा वासधके ।
ळयण्मेिमत्म्फके गौयी नायामणी नभोस्तुते ॥
तत ऩद्ळमात आलाशन कयें:
श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
दुगाादेलीभालाशमासभ॥
तत ऩद्ळमात पू र अत्रऩात कयते शुए उच्र्ायण कयें।
श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। आवानाथे ऩुष्ऩात्ण
वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात अघ्मा दें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
शस्तमो: अघ्मां वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात आर्भन अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। आर्भनॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। स्नानाथां जरॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात स्नानाॊग आर्भन- स्नानान्ते ऩुनयार्भनीमॊ
जरॊ वभऩामासभ।
तत ऩद्ळमात ऩॊर्ाभृत स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। ऩॊर्ाभृतस्नानॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात गन्धोदक-स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। गन्धोदकस्नानॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात ळुद्धोदक स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। ळुद्धोदकस्नानॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात आर्भन दें- ळुद्धोदकस्नानान्ते आर्भनीमॊ
जरॊ वभऩामासभ।
तत ऩद्ळमात लस्त्र अत्रऩात कयें-- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। लस्त्रॊ वभऩामासभ ॥ लस्त्रान्ते आर्भनीमॊ जरॊ
वभऩामासभ।
तत ऩद्ळमात वौबाग्म वूी़ि अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। वौबाग्म वूिॊ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात र्न्दन अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। र्न्दनॊ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात शरयरार्ूणा अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। शरयराॊ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात कुॊ कु भ अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। कुॊ कु भ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात सवन्दूय अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। सवन्दूयॊ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात कज्जर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। कज्जरॊ वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात दूलााकुॊ य अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। दूलााकुॊ यासन वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात आबूऴण अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। आबूऴणासन वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात ऩुष्ऩभारा अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै
दुगाादेव्मै नभ:। ऩुष्ऩभारा वभऩामासभ ॥
तत ऩद्ळमात धूऩ रगाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
धूऩभाघ्राऩमासभ॥
तत ऩद्ळमात दीऩ जराएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
दीऩॊ दळामासभ॥
तत ऩद्ळमात नैलेद्य अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। नैलेद्यॊ सनलेदमासभ॥
तत ऩद्ळमात जर अत्रऩात कयें- नैलेद्यान्ते त्रिफायॊ
आर्भनीम जरॊ वभऩामासभ।
तत ऩद्ळमात पर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। परासन वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात ताम्फूर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै
नभ:। ताम्फूरॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात दत्षणा दें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
दत्षणाॊ वभऩामासभ॥
तत ऩद्ळमात आयती कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:।
आयासताकॊ वभऩामासभ॥
12 भार्ा 2020
श्री भशारक्ष्भी मॊि
धन फक देली रक्ष्भी शैं जो भनुष्म को धन, वभृत्रद्ध एलॊ ऐद्वमा प्रदान कयती शैं। अथा(धन) के त्रफना भनुष्म जीलन दु्ख, दरयरता,
योग, अबालों वे ऩीफडत शोता शैं, औय अथा(धन) वे मुक्त भनुष्म जीलन भें वभस्त वुख-वुत्रलधाएॊ बोगता शैं। श्री भशारक्ष्भी मॊि के
ऩूजन वे भनुष्म की जन्भों जन्भ की दरयरता का नाळ शोकय, धन प्रासद्ऱ के प्रफर मोग फनने रगते शैं, उवे धन-धान्म औय
रक्ष्भी की लृत्रद्ध शोती शैं। श्री भशारक्ष्भी मॊि के सनमसभत ऩूजन एलॊ दळान वे धन की प्रासद्ऱ शोती शै औय मॊि जी सनमसभत
उऩावना वे देली रक्ष्भी का स्थाई सनलाव शोता शै। श्री भशारक्ष्भी मॊि भनुष्म फक वबी बौसतक काभनाओॊ को ऩूणा कय धन
ऐद्वमा प्रदान कयने भें वभथा शैं। अषम तृतीमा, धनतेयव, दीलालरी, गुरु ऩुष्माभृत मोग यत्रलऩुष्म इत्माफद ळुब भुशूता भें मॊि की
स्थाऩना एलॊ ऩूजन का त्रलळेऴ भशत्ल शैं।
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ऩूजन भें शुई िुफट के सनलायण शेतु षभा प्राथना कयें।
षभा प्राथाना
न भॊिॊ नोमॊिॊ तदत्रऩ र् न जाने स्तुसतभशो
न र्ाह्लानॊ ध्मानॊ तदत्रऩ र् न जाने स्तुसतकथा्।
न जाने भुरास्ते तदत्रऩ र् न जाने त्रलरऩनॊ
ऩयॊ जाने भातस्त्लदनुवयणॊ क्रेळशयणभ्॥1॥
त्रलधेयसानेन रत्रलणत्रलयशेणारवतमा
त्रलधेमाळक्मत्लात्तल र्यणमोमाा च्मुसतयबूत ् ।
तदेतत्षतव्मॊ जनसन वकरोद्धारयत्ण सळले
कु ऩुिो जामेत क्लसर्दत्रऩ कु भाता न बलसत ॥2॥
ऩृसथव्माॊ ऩुिास्ते जनसन फशल् वत्न्त वयरा्
ऩयॊ तेऴाॊ भध्मे त्रलयरतयरोऽशॊ तल वुत् ।
भदीमोऽमॊत्माग् वभुसर्तसभदॊ नो तल सळले
कु ऩुिो जामेत ् क्लसर्दत्रऩ कु भाता न बलसत ॥3॥
जगन्भातभाातस्तल र्यणवेला न यसर्ता
न ला दत्तॊ देत्रल रत्रलणभत्रऩ बूमस्तल भमा ।
तथात्रऩत्लॊ स्नेशॊ भसम सनरुऩभॊ मत्प्रकु रुऴे
कु ऩुिो जामेत क्लसर्दऩ कु भाता न बलसत ॥4॥
ऩरयत्मक्तादेला त्रलत्रलधत्रलसधवेलाकु रतमा
भमा ऩॊर्ाळीतेयसधकभऩनीते तु लमसव ।
इदानीॊ र्ेन्भातस्तल कृ ऩा नात्रऩ बत्रलता
सनयारम्फो रम्फोदय जनसन कॊ मासभ ळयण्॥5॥
द्वऩाको जल्ऩाको बलसत भधुऩाकोऩभसगया
सनयातॊको यॊको त्रलशयसत सर्यॊ कोफटकनकै ् ।
तलाऩणे कणे त्रलळसत भनुलणे परसभदॊ
जन् को जानीते जनसन जऩनीमॊ जऩत्रलधौ ॥6॥
सर्ताबस्भारेऩो गयरभळनॊ फदक्ऩटधयो
जटाधायी कण्ठे बुजगऩतशायी ऩळुऩसत् ।
कऩारी बूतेळो बजसत जगदीळैकऩदलीॊ
बलासन त्लत्ऩात्णग्रशणऩरयऩाटीपरसभदभ ् ॥7॥
न भोषस्माकाॊषा बलत्रलबल लाॊछात्रऩर्नभे
न त्रलसानाऩेषा ळसळभुत्ख वुखेच्छात्रऩ न ऩुन् ।
अतस्त्लाॊ वॊमार्े जनसन जननॊ मातु भभ लै
भृडाणी रुराणी सळलसळल बलानीसत
जऩत् ॥8॥
नायासधतासव त्रलसधना त्रलत्रलधोऩर्ायै्
फकॊ रूषसर्ॊतन ऩयैनाकृ तॊ लर्ोसब् ।
श्माभे त्लभेल मफद फकॊ र्न भय्मनाथे
धत्वे कृ ऩाभुसर्तभम्फ ऩयॊ तलैल ॥9॥
आऩत्वु भग्न् स्भयणॊ त्लदीमॊ कयोसभ दुगे
करुणाणालेसळ ।
नैतच्छठत्लॊ भभ बालमेथा् षुधातृऴाताा
जननीॊ स्भयत्न्त॥10॥
जगदॊफ त्रलसर्िभि फकॊ ऩरयऩूणा करुणात्स्त सर्न्भसम ।
अऩयाधऩयॊऩयालृतॊ नफश भातावभुऩेषते वुतभ् ॥11 ॥
भत्वभ् ऩातकी नात्स्तऩाऩघ्नी त्लत्वभा नफश ।
एलॊ सात्ला भशादेत्रलमथामोग्मॊ तथा कु रु ॥12॥
***
13 भार्ा 2020
त्रलक्रभ वॊलत 2077 औय 9 ग्रशों का भॊिी भॊड़र
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
फशन्दू धभा के अनुवाय ब्रह्माजी ने वृत्रद्श का
आयम्ब र्ैि भाश भें ळुक्र ऩष की प्रसतऩदा सतसथ वे
फकमा था, इव सरए फशन्दू वॊस्कृ सत भें नल वॊलत का
प्रायम्ब बी र्ैि ळुक्र प्रसतऩदा फकमा जाता शै।
फशन्दू ऩयॊऩया भें वबी प्रकाय के ळुब कामों मा
त्रलसध-त्रलधान का ळुबायॊब का वॊकल्ऩ कयते वभम उव
वभम के वॊलत्वय का उच्र्ायण फकमा जाता शै। कु र
वॊलत्वय 60 प्रकाय के शैं। ज्मोसतऴ सवद्धाॊत के अनुवाय
जफ 60 वॊलत्वय ऩूये शो जाते शैं तो फपय ऩशरे वे
वॊलत्वय का प्रायॊब शो जाता शै।
इव लऴा फशन्दू नलवॊलत्वय त्रलक्रभ वॊलत 2077
के नए वार की ळुरुआत फुधलाय के फदन शो यशी शै।
ज्मोसतऴ के अनुवाय शय नलवॊलत्वय के दौयान 9 ग्रशों
के फीर् फनने लारे भॊत्रि-भॊडर भें याजा का र्मन र्ैि
भाश के ळुक्र ऩष की प्रसतऩदा सतथी के लाय के
अनुवाय शोता शै, उव फदन जो लाय शोता शै उव लाय के
स्लाभी को वॊलत का याजा भाना जाता शै। इव लऴा के
याजा फुध शोंगे औय भॊिी र्ॊरभा शोंगे। इव सरए
त्रलक्रभ वॊलत 2077 के ऩूये लऴा तक फुध देल का
असधऩत्म यशेगा।
फुध का वॊफॊध ऩमाालयण वे शोने के कायण
ऩमाालयण के भें वकायात्भक ऩरयलतान राने के प्रमावों
भें लृत्रद्ध शोगी। ज्मोसतऴ के अनुवाय इव वॊलत के प्रबाल
वे कृ ऴी के षेि भें त्रलळेऴ फदराल एलॊ त्रलकाव देखने को
सभरेगा। अनाज का उत्ऩादन अच्छा शो वकता शै।
कु छ खाद्य ऩदाथों के भूल्मों भें अकस्भात रुऩ वे
लृत्रद्ध देखने को सभरेगी। फुध एलॊ र्ॊर के फीर् भें सभिता
की कभी शोने वे वयकाय की तयप वे कु छ त्रलळेऴ कड़े
सनमभ-कानून फन वकते शैं। इववे प्रजा भें कु छ वभम
के सरए अवॊतोऴ फढ़ वकता शै।
इव वॊलत्वय लऴा के याजा फुध शोंगे। फुध के ळुब
प्रबाल वे त्रलसबन्न ळुब एलॊ भाॊगसरक कामों को वॊऩन्न
कयने अलवय सभरते यशेंगे। रेफकन अळुब प्रबाल भें
फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ के द्राया फकवी कायण ऩयेळानी शो
वकती शैं। त्रप्रमजनो के वाथ त्रलयोध यश वकता शै। धन
वॊऩत्रत्त औय वुख वुत्रलधा की ऩूसता शेतु अत्मासधक
ऩरयश्रभ कयना ऩड़ वकता शै।
त्रलद्रानो के भत वे इव दौयान कई रोगों भें झूठ,
छर, कऩट तथा प्रऩॊर् आफद की लृत्रद्ध शो वकती शै।
नौकयी, कायोफाय वे जुड़े रोगों को ऩरयश्रभ के अनुरुऩ शी
पर प्राद्ऱ शोगें।
वॊलत्वय के भॊिी र्ॊरभा
नल वॊलत्वय के भॊिी र्ॊरभा शोगें। र्ॊर के ळुब प्रबाल
वे जीलन भें बौसतक वुख वुत्रलधाओॊ लृत्रद्ध शोगी। लऴाा शोने
की वॊबालनाएॊ अच्छ शो वकती शै। त्रलसबन्न लस्तुओॊ के
भूल्मों भें रगाताय अत्स्थयता नज़य आवकती शै।
वाधायणत् रोगों भें अवॊतोऴ औय सर्ॊता
अत्मासधक शो वकती शै। वाधायण रुऩ वे स्त्री लगा एल
नौकयी ऩैवा की आसथाक त्स्थसत भें वुधाय देखा जा
वकता शै।
धनेळ फुध का प्रबाल
फुध के प्रबाल वे धन का वॊग्रश अच्छे वे शो वकता शै।
रोगों को व्माऩाय वे राब शोगा। एलॊ धासभाक कामों भें
जुड़े रोगों को धन राब शो वकता शै।
धान्मेळ भॊगर का प्रबाल
भॊगर के प्रबाल वे अनाज़ के भूल्म भें लृत्रद्ध देखने को
सभर वकती शै। तेर, रव्म आफद ऩदाथों भशॊगे शो
वकते शै।
भेघळ वूमा का प्रबाल
वूमा के प्रबाल वे कई स्थानों ऩय लऴाा उत्तभ शोने वे कई
अनाज की ऩैदालाय अच्छ शो वकती शै। ऩानी के स्त्रोत
जल्द वूख वकते शै एलॊ कई स्थानों ऩय कभ लऴाा शो
वकती शै।
14 भार्ा 2020
परेळ वूमा का प्रबाल
वूमा के प्रबाल वे कई प्रकाय के पर-पू र का उत्ऩादन
अऩेषा वे फेशतय शो वकता शै एलॊ कई प्रकाय के पर-
पू र अऩेषा वे कभ शोंगे।
दुगेळ वूमा का प्रबाल
वूमा के प्रबाल वे वयकाय के यषा षेि के कामों भें तेजी
आ वकती शै।
यवेळ ळसन का प्रबाल
ळसन के प्रबाल वे कई स्थानों ऩय बूभीगत जर के
स्त्रोत बी कभ शो वकते शै। लऴाा के उऩयाॊत बी कई
स्थानों ऩय जर कभी शो वकती शै। फेभौवभ की लऴाा वे
त्रलसबन्न ऩयेळानी मा शो वकती शैं। कई जल्द ठ क न
शोने लारे योग बी ऩयेळान कय वकते शै।
वस्मेळ का स्लाभी गुरु
गुरु के प्रबाल वे दूध का उत्ऩादन औय परों के उत्ऩादन भें
लृत्रद्ध शो वकती शै। धासभाक कामा वे जुड़े रोगों के सरए
वभम ळुब यशेगा। त्रलयोध ऩष द्राया शोने लारे अनालश्मक
शो यशे लाद-त्रललाद, ऴड्मॊि दूय शो वकते शै। मथोसर्त
उऩर्ाय वे ऩुयाने योगों वे भुत्रक्त सभर वकती शै।
नीयवेळ गुरु का प्रबाल
गुरु के प्रबाल वे वोना, ऩीत्तर, ताॊफा आफद ऩीरे यॊग की
धातुओॊ भें रोगों की रुसर् फढ़ वकती शै। कृ त्रऴ उत्ऩाद, ऩळु
ऩारन आफद वे जुड़े रोगो को राब शो वकता शै।
भॊि सवद्ध मॊि
रक्ष्भी-गणेळ (सर्िमुक्त) कभरा मॊि वलातोबर मॊि
रक्ष्भी त्रलनामक मॊि बुलनेद्वयी मॊि कासताके म मॊि
लास्तुदोऴ सनलायण (ऩुरुऴाकृ सत मुक्त) वुमा (भुखाकृ तीमुक्त) लवुधया त्रलवा मॊि
लास्तु मॊि (सर्िमुक्त) शीॊगराज मॊि कल्माणकायी सवद्ध त्रलवा मॊि
गृशलास्तु मॊि ब्रह्माणी मॊि कोटा कर्ेयी मॊि
लास्तु ळान्ती मॊि भेरडी भाता का मॊि जैन मॊि
भशाकारी मॊि कात्मामनी मॊि वयस्लती मॊि (सर्िमुक्त)
उत्च्छद्श गणऩती मॊि ऩॊदयीमा मॊि (ऩॊर्दळी मॊि) फालनलीय मॊि
भशा गणऩती मॊि भशावुदळान मॊि ऩॊर्गुरी मॊि
ळिु दभनालणा मॊि काभाख्मा मॊि वूयी भॊि
ऋणभुत्रक्त मॊि रक्ष्भी वॊऩुट मॊि सतजमऩशुत वलातोबर मॊि
रक्ष्भीधाया मॊि लीवा मॊि 16 त्रलद्यादेली मुक्त वलातोबर
रक्ष्भी प्राद्ऱी औय व्माऩायलधाक सछन्नभस्ता (सर्ि + मॊि) गौतभस्लाभी मॊि
सवद्ध भशारक्ष्भी मॊि घुभालती (सर्ि + मॊि) अनॊतरब्धीसनधान गौतभ स्लाभी
कनकधाया मॊि (कृ भऩृद्श) कारी (सर्ि + मॊि) बक्ताम्फय (1 वे 48) फदगम्फय
दुगाा मॊि (अॊकात्भक) श्री भातृका मॊि ऩद्मालती देली मॊि
भातॊगी मॊि वलातोबर मॊि (गणेळ) त्रलजम ऩताका मॊि
GURUTVA KARYALAY
92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA,
BHUBNESWAR-751018, (ODISHA), Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785
New Arrival
15 भार्ा 2020
प्रथभ ळैरऩुिी
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि के प्रथभ फदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के
मशाॊ ऩालाती रुऩ भें जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा जाता शैं।
बगलती नॊदी नाभ के लृऴब ऩय वलाय शैं। भाता ळैरऩुिी के दाफशने शाथ भें त्रिळूर औय फाएॊ शाथ भें कभर
ऩुष्ऩ वुळोसबत शैं।
भाॊ ळैरऩुिी को ळास्रों भें तीनो रोक के वभस्त लन्म जील-
जॊतुओॊ का यषक भाना गमा शैं। इवी कायण वे लन्म जीलन जीने
लारी वभ्मताओॊ भें वफवे ऩशरे ळैरऩुिी के भॊफदय की स्थाऩना
की जाती शैं त्जव वें उनका सनलाव स्थान एलॊ उनके आव-ऩाव
के स्थान वुयत्षत यशे।
भूर भॊि:-
लन्दे लाॊसछतराबाम र्न्दाधाकृ तळेखयाभ्।
लृऴारूढाॊ ळूरधयाॊ ळैरऩुिीॊ मळत्स्लनीभ्।।
ध्मान भॊि:-
लन्दे लाॊसछतराबामार्न्राघाकृ तळेखयाभ्।
लृऴारूढाॊळूरधयाॊळैरऩुिीमळत्स्लनीभ्।
ऩूणेन्दुसनबाॊगौयी भूराधाय त्स्थताॊप्रथभ दुगाा त्रिनेिा।
ऩटाम्फयऩरयधानाॊयत्नफकयीठाॊनानारॊकायबूत्रऴता।
प्रपु ल्र लॊदना ऩल्रलाधॊयाकातॊकऩोराॊतुगकु र्ाभ्।
कभनीमाॊरालण्माॊस्भेयभुखीषीणभध्माॊसनतम्फनीभ्।
स्तोि:-
प्रथभ दुगाा त्लॊफशबलवागय तायणीभ्। धन ऐद्वमा दामनीॊळैरऩुिीप्रणभाम्शभ्।
र्यार्येद्वयीत्लॊफशभशाभोश त्रलनासळन। बुत्रक्त भुत्रक्त दामनी,ळैरऩुिीप्रणभाम्मशभ्।
कलर्:-
ओभकाय: भेसळय: ऩातुभूराधाय सनलासवनी। शीॊकायऩातुरराटेफीजरूऩाभशेद्वयी। श्रीॊकायऩातुलदनेरज्जारूऩाभशेद्वयी। शुॊकाय
ऩातुरृदमेतारयणी ळत्रक्त स्लघृत। पट्काय:ऩातुवलाागेवला सवत्रद्ध परप्रदा।
भाॊ ळैरऩुिी का भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त को वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न
यशता शैं। अथाात उवे त्जलन भें धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ।
नलयाि के प्रथभ फदन की उऩावना वे मोग वाधना को प्रायॊब कयने लारे मोगी अऩने भन वे 'भूराधाय' र्क्र को जाग्रत
कयअऩनीउजााळत्रक्त को कें फरत कयते शैं, त्जववे उन्शें अनेक प्रकाय फक सवत्रद्धमाॊ एलॊ उऩरत्ब्धमाॊ प्राद्ऱ शोती शैं।
***
16 भार्ा 2020
द्वितीमॊ ब्रह्मर्ारयणी
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि के दूवये फदन भाॊ के ब्रह्मर्ारयणी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। क्मोफक ब्रह्म का अथा शैं तऩ।
भाॊ ब्रह्मर्ारयणी तऩ का आर्यण कयने लारी बगलती शैं इवी कायण उन्शें ब्रह्मर्ारयणी कशा गमा।
ळास्त्रो भें भाॊ ब्रह्मर्ारयणी को वभस्त त्रलद्याओॊ की साता भाना गमा शैं। ळास्त्रो भें ब्रह्मर्ारयणी देली के स्लरूऩ का
लणान ऩूणा ज्मोसतभाम एलॊ अत्मॊत फदव्म दळाामा गमा शैं।
भाॊ ब्रह्मर्ारयणी द्वेत लस्त्र ऩशने उनके दाफशने शाथ भें अद्शदर फक जऩ भारा एलॊ फामें शाथ भें कभॊडर
वुळोसबत यशता शैं। ळत्रक्त स्लरुऩा देली ने बगलान सळल को प्राद्ऱ कयने के
सरए 1000 वार तक सवपा पर खाकय तऩस्मा यत यशीॊ औय 3000 वार
तक सळल फक तऩस्मा सवपा ऩेड़ों वे सगयी ऩत्रत्तमाॊ खाकय फक, उनकी
इवी कफठन तऩस्मा के कायण उन्शें ब्रह्मर्ारयणी नाभ वे जाना गमा।
भॊि:
दधानाऩयऩद्माभ्माभषभाराककभण्डरभ्।
देली प्रवीदतु भसम ब्रह्मर्ारयण्मनुत्तभा।।
ध्मान:-
लन्दे लाॊसछत राबामर्न्राघाकृ तळेखयाभ्।
जऩभाराकभण्डरुधयाॊब्रह्मर्ारयणी ळुबाभ्।
गौयलणाास्लासधद्षानत्स्थताॊफद्रतीम दुगाा त्रिनेिाभ्।
धलर ऩरयधानाॊब्रह्मरूऩाॊऩुष्ऩारॊकायबूत्रऴताभ्।
ऩदभलॊदनाॊऩल्रलाधयाॊकातॊकऩोराॊऩीन ऩमोधयाभ्।
कभनीमाॊरालण्माॊस्भेयभुखीॊसनम्न नासबॊसनतम्फनीभ्।।
स्तोि:-
तऩद्ळारयणीत्लॊफशताऩिमसनलायणीभ्। ब्रह्मरूऩधयाब्रह्मर्ारयणीॊप्रणभाम्मशभ्।।
नलर्ग्रबेदनी त्लॊफशनलऐद्वमाप्रदामनीभ्।
धनदावुखदा ब्रह्मर्ारयणी प्रणभाम्मशभ्॥
ळॊकयत्रप्रमात्लॊफशबुत्रक्त-भुत्रक्त दासमनी ळाॊसतदाभानदाब्रह्मर्ारयणी प्रणभाम्मशभ्।
कलर्:-
त्रिऩुया भेशदमेऩातुरराटेऩातुळॊकयबासभनी। अऩाणावदाऩातुनेिोअधयोर्कऩोरो॥ ऩॊर्दळीकण्ठेऩातुभध्मदेळेऩातुभाशेद्वयी
ऴोडळीवदाऩातुनाबोगृशोर्ऩादमो। अॊग प्रत्मॊग वतत ऩातुब्रह्मर्ारयणी॥
भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ शोती शैं। व्मत्रक्त भें तऩ,
त्माग, वदार्ाय, वॊमभ जैवे वद् गुणों फक लृत्रद्ध शोती शैं।
***
17 भार्ा 2020
तृतीमॊ र्न्रघण्टा
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि के तीवये फदन भाॊ के र्न्रघण्टा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। र्न्रघण्टा का स्लरूऩ
ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शैं। र्न्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधार्न्र ळोसबत यशता शैं ।
इव सरमे भाॊ को र्न्रघण्टा देली कशा जाता शैं। र्न्रघण्टा के देश का यॊग स्लणा के वभान र्भकीरा शैं औय देत्रल
उऩत्स्थसत भें र्ायों तयप अद्भुत तेज फदखाई देता शैं।
भाॊ तीन नेि एलॊ दव बुजाए शैं, त्जवभें कभर, धनुऴ-फाण, खड्ग, कभॊडर, तरलाय, त्रिळूर औय गदा आफद
अस्त्र-ळस्त्र, फाण आफद वुळोसबत यशते शैं। भाॊ के कॊ ठ भें वपे द ऩुष्ऩों फक भारा औय ळीऴा ऩय यत्नजत्ी़डत भुकु ट
ळोबामभान शैं। र्न्रघण्टा का लाशन सवॊश शैं, इनकी भुरा मुद्ध के सरए
तैमाय यशने की शोती शैं। इनके घण्टे वी बमानक प्रर्ॊड ध्लसन वे
अत्मार्ायी दैत्म, दानल, याषव ल दैल बमसबत यशते शैं।
भॊि:
त्रऩण्डज प्रलयारूढ़ा र्ण्डकोऩास्त्रकै मुाता।
प्रवादॊ तनुते भशमॊ र्न्दघण्टेसत त्रलश्रुता।।
ध्मान:-
लन्दे लाॊसछत राबामर्न्राघाकृ तळेखयाभ ्।
सवॊशारूढादळबुजाॊर्न्रघण्टामळस्लनीभ ्॥
कॊ र्नाबाॊभत्णऩुय त्स्थताॊतृतीम दुगाा त्रिनेिाभ ्।
खॊग गदा त्रिळूर र्ाऩशयॊऩदभकभण्डरु भारा लयाबीतकयाभ ्।
ऩटाम्फयऩरयधाॊनाभृदुशास्माॊनानारॊकायबूत्रऴताभ ्।
भॊजीय, शाय, के मूय फकॊ फकत्णयत्नकु ण्डरभत्ण्डताभ ्॥
प्रपु ल्र लॊदना त्रफफाधायाकातॊकऩोराॊतुॊग कु र्ाभ ्।
कभनीमाॊरालण्माॊषीणकॊ फटसनतम्फनीभ ्॥
स्त्रोत:-
आऩदुद्रारयणी स्लॊफशआघाळत्रक्त: ळुबा ऩयाभ ्।
भत्णभाफदसवफदधदािीर्न्रघण्टेप्रणबाम्मशभ ्॥
र्न्रभुखीइद्शदािी इद्श भॊि स्लरूऩणीभ ्। धनदािीआनॊददािीर्न्रघण्टेप्रणभाम्मशभ ्॥
नानारूऩधारयणीइच्छाभमीऐद्वमादामनीभ ्। वौबाग्मायोग्मदामनीर्न्रघण्टेप्रणभाम्मशभ ्॥
कलर्:-
यशस्मॊ श्रुणुलक्ष्मासभळैलेळीकभरानने। श्री र्न्रघण्टास्मकलर्ॊवलासवत्रद्ध दामकभ ्॥ त्रफना न्मावॊत्रफना त्रलसनमोगॊत्रफना ळाऩोद्धायत्रफना
शोभॊ। स्नानॊळौर्ाफदकॊ नात्स्तश्रद्धाभािेणसवत्रद्धदभ ्॥ कु सळष्माभकु फटरामलॊर्कामसनन्दाकामर्। न दातव्मॊन दातव्मॊऩदातव्मॊकदासर्तभ ्॥
भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने वे व्मत्रक्त का भत्णऩुय र्क्र जाग्रत शो जाता शैं। उऩावना वे व्मत्रक्त
को वबी ऩाऩों वे भुत्रक्त सभरती शैं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-व्मासध वे भुत्रक्त सभरती शैं। इवके उऩयाॊत व्मत्रक्त को
सर्यामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शैं। व्मत्रक्त के वाशव एल त्रलयता भें लृत्रद्ध शोती शैं। व्मत्रक्त स्लय भें
सभठाव आती शैं उवके आकऴाण भें बी लृत्रद्ध शोती शैं। र्न्रघण्टा को सान की देली बी भाना गमा शै।
18 भार्ा 2020
र्तुथा कू ष्भाण्डा
 वॊकरन गुरुत्ल कामाारम
नलयाि के र्तुथा फदन भाॊ के कू ष्भाण्डा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड
को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा देली यखा गमा।
ळास्त्रोक्त उल्रेख शैं, फक जफ वृत्रद्श का अत्स्तत्ल नशीॊ था, तो र्ायों तयप सवपा अॊधकाय फश था। उव वभम
कू ष्भाण्डा देली ने अऩने भॊद वी शास्म वे ब्रह्माॊड फक उत्ऩत्रत्त फक। कू ष्भाण्डा देली वूयज के घेये भें सनलाव कयती शैं।
इवसरमे कू ष्भाण्डा देली के अॊदय इतनी ळत्रक्त शैं, जो वूयज फक गयभी को वशन कय वकें । कू ष्भाण्डा देली को जीलन
फक ळत्रक्त प्रदान कयता भाना गमा शैं।
कू ष्भाण्डा देली का स्लरुऩ अऩने लाशन सवॊश ऩय वलाय शैं, भाॊ अद्श बुजा लारी शैं। उनके भस्तक ऩय यत्न
जत्ी़डत भुकु ट वुळोसबत शैं, त्जस्वे उनका स्लरूऩ अत्मॊम उज्जलर प्रसतत शोता शैं। उनके शाथभें शाथों भें क्रभळ:
कभण्डर, भारा, धनुऴ-फाण, कभर, ऩुष्ऩ, करळ, र्क्र तथा गदा वुळोसबत यशती शैं।
भॊि:
वुयावम्ऩूणाकरळॊ रूसधयाप्रुतभेल र्।
दधाना शस्तऩद्माभ्माॊ कु ष्भाॊडा ळुबदास्तुभे।।
ध्मान:-
लन्दे लाॊसछत काभथेर्न्राघाकृ तळेखयाभ्।
सवॊशरूढाअद्शबुजा कु ष्भाण्डामळस्लनीभ्॥
बास्लय बानु सनबाॊअनाशत त्स्थताॊर्तुथा दुगाा त्रिनेिाभ्।
कभण्डरु र्ाऩ, फाण, ऩदभवुधाकरळर्क्र गदा जऩलटीधयाभ्॥
ऩटाम्फयऩरयधानाॊकभनीमाकृ दुशगस्मानानारॊकायबूत्रऴताभ्।
भॊजीय शाय के मूय फकॊ फकणयत्नकु ण्डरभत्ण्डताभ्।
प्रपु ल्र लदनाॊनारू सर्कु काॊकाॊत कऩोराॊतुॊग कू र्ाभ्।
कोराॊगीस्भेयभुखीॊषीणकफटसनम्ननासबसनतम्फनीभ्॥
स्त्रोत:-
दुगासतनासळनी त्लॊफशदारयराफदत्रलनासळनीभ्। जमॊदाधनदाॊकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥
जगन्भाता जगतकिीजगदाधायरूऩणीभ्। र्यार्येद्वयीकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥
िैरोक्मवुॊदयीत्लॊफशदु:ख ळोक सनलारयणाभ्। ऩयभानॊदभमीकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥
कलर्:-
शवयै भेसळय: ऩातुकू ष्भाण्डेबलनासळनीभ्। शवरकयीॊनेिथ,शवयौद्ळरराटकभ्॥ कौभायी ऩातुवलागािेलायाशीउत्तयेतथा। ऩूले
ऩातुलैष्णली इन्राणी दत्षणेभभ। फदत्ग्दधवलािैलकूॊ फीजॊवलादालतु॥
भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त का अनाशत र्क्र जाग्रत शो शैं। भाॊ
कू ष्भाण्डाका के ऩूजन वे वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रक्त सभरती शैं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध
प्राद्ऱ शोती शैं।
***
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
GURUTVA JYOTISH MARCH-2020
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  • 1. Nonprofit Publications . गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रस्तुत भासवक ई-ऩत्रिका भार्ा-2020 Our Web Site: www.gurutvajyotish.com Shp Our Product Online www.gurutvakaryalay.com Join Us: fb.com/gurutva.karyalay | twitter.com/#!/GURUTVAKARYALAY | plus.google.com/u/0/+ChintanJoshi र्ैि नलयाि त्रलळेऴ
  • 2. FREE E CIRCULAR गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई-ऩत्रिका भें रेखन शेतु फ्रीराॊव (स्लतॊि) रेखकों का स्लागत शैं... गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई ऩत्रिका भें आऩके द्राया सरखे गमे भॊि, मॊि, तॊि, ज्मोसतऴ, अॊक ज्मोसतऴ, लास्तु, पें गळुई, टैयों, येकी एलॊ अन्म आध्मात्त्भक सान लधाक रेख को प्रकासळत कयने शेतु बेज वकते शैं। असधक जानकायी शेतु वॊऩका कयें। GURUTVA KARYALAY BHUBNESWAR-751018, (ODISHA) INDIA Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785 Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com गुरुत्ल ज्मोसतऴ भासवक ई-ऩत्रिका भार्ा 2020 वॊऩादक सर्ॊतन जोळी वॊऩका गुरुत्ल ज्मोसतऴ त्रलबाग गुरुत्ल कामाारम 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA) INDIA पोन 91+9338213418, 91+9238328785, ईभेर gurutva.karyalay@gmail.com, gurutva_karyalay@yahoo.in, लेफ www.gurutvakaryalay.com www.gurutvakaryalay.in http://gk.yolasite.com/ www.shrigems.com www.gurutvakaryalay.blogspot.com/ ऩत्रिका प्रस्तुसत सर्ॊतन जोळी, गुरुत्ल कामाारम पोटो ग्राफपक्व सर्ॊतन जोळी, गुरुत्ल कामाारम
  • 3. अनुक्रभ र्ैि नलयात्रि घट स्थाऩना भुशूता, त्रलसध-त्रलधान 25 भार्ा 7 वद्ऱ श्र्रोकी दुगाा 66 नलयाि त्रलळेऴ घट स्थाऩना त्रलसध 9 दुगाा आयती 66 त्रलक्रभ वॊलत 2077 औय 9 ग्रशों का भॊिी भॊड़र 13 ॥दुगाा र्ारीवा॥ 67 प्रथभ ळैरऩुिी 15 श्रीकृ ष्ण कृ त देली स्तुसत 68 फद्रतीमॊ ब्रह्मर्ारयणी 16 ऋग्लेदोक्त देली वूक्तभ ् 68 तृतीमॊ र्न्रघण्टा 17 ॥ सवद्धकुॊ त्जकास्तोिभ ्॥ 69 र्तुथा कू ष्भाण्डा 18 दुगााद्शकभ ् 69 ऩॊर्भ स्कॊ दभाता 19 ॥ बलान्मद्शकभ ्॥ 70 ऴद्षभ् कात्मामनी 20 षभा-प्राथाना 70 वद्ऱभ कारयात्रि 21 दुगााद्शोत्तय ळतनाभ स्तोिभ ् 71 अद्शभ भशागौयी 22 दुलाा ऩूजन भें यखे वालधासनमाॊ 71 नलभ् सवत्रद्धदािी 23 त्रलद्वॊबयी स्तुसत 72 र्ैि नलयाि भें देली आयाधना त्रलळेऴ परदामी शोती शै। 24 भफशऴावुयभफदासनस्तोिभ ् 73 र्ैि नलयाि व्रत त्रलळेऴ राबदामी शोता शैं। 25 ळाऩ त्रलभोर्न भॊि 75 क्मा फकवी के ळयीय भें देली-देलता आ वकते शैं ? 28 श्रीदुगााअद्शोत्तय ळतनाभ ऩूजन 76 ऩूजा भें करळ स्थाऩन का भशत्ल 30 ऩयळुयाभ कृ त श्रीदुगाास्तोि 79 ळुब कामों भें श्रीपर र्ढ़ाने का भशत्ल? 31 श्री दुगाा कलर्भ ् (रुरमाभरोक्त) 83 नलयाि व्रत की वयर त्रलसध? 32 श्री भाका ण्डेम कृ त रघु दुगाा वद्ऱळती स्तोिभ ् 85 कु भायी ऩूजन वे वकर भनोयथ सवद्ध शोते शैं। 33 नल दुगाा स्तुसत 86 ॥दुगााद्शोत्तयळतनाभस्तोिॊ (त्रलद्ववायतन्ि )॥ 35 नलदुगाा यषाभॊि 86 नलयाि भें राबदामक कन्मा ऩूजन 36 देव्ऩयाधषभाऩनस्तोिभ ् 87 भाॊ के र्यणों सनलाव कयते वभस्त शैं तीथा 39 गुद्ऱ वद्ऱळती 89 देली उऩावना भें उऩमुक्त एलॊ सनत्रऴद्ध ऩि ऩुष्ऩ 40 भाॉ दुगाा के र्भत्कायी भन्ि 92 भनोकाभना ऩूसता शेतु देली को कै वे अऩाण कयें … 41 बायसतम ऩॊर्ाॊग का भूर आधाय? 95 नलयािी भाॉ को प्रवन्न कयने का वुनशया अलवय 43 बायतीम ऩॊर्ाॊग गणना की लैसासनक ऩद्धसत क्मा शैं? 96 नलयाि भें दव भशात्रलद्या की उऩावना त्रलळेऴ राबप्रद 44 कै रेण्डय मुग की उत्ऩत्रत्त कफ शुई ? 101 नलाणा भॊि जऩ वे दूय कये नलग्रशों की ऩीड़ा 47 ऩौयात्णक कार भें ऩॊर्ाॊग गणना कै वे शोती थी? 103 नलयािी भें कये ग्रश ळाॊसत के वयर उऩाम 49 लैफदक ऩॊर्ाॊग का इसतशाव? 106 त्रलसबन्न काभनाऩूसता शेतु नलाणा भॊि वाधना 51 कै रेंडय ल ऩॊर्ाॊग भें क्मा अॊतय शैं? 109 नलदुगाा मॊि वला भॊगरकायी ल वौबाग्म दाम शैं… 53 ज्मोसतऴ के अनुळाय ळुब-अळुब भुशूता का प्रबाल? 111 आद्यळत्रक्त के तीन र्भत्कायी मॊि 55 बरा त्रलर्ाय 113 देली कलर् दुबााग्म को वौबाग्म भें फदर वकते शै… 57 फदळाळूर त्रलर्ाय 116 भाॉ दुगाा की कृ ऩा प्रासद्ऱ शेतु वयर वाधनाएॊ 60 फदळाळूर भशत्लऩूणा मा कताव्म भशत्लऩूणा शै? 117 नलयाि व्रतकथा 63 स्थामी औय अन्म रेख वॊऩादकीम 4 दैसनक ळुब एलॊ अळुब वभम सान तासरका 146 भार्ा 2020 भासवक ऩॊर्ाॊग 137 फदन के र्ौघफडमे 147 भार्ा 2020 भासवक व्रत-ऩला-त्मौशाय 139 फदन फक शोया - वूमोदम वे वूमाास्त तक 148 भार्ा 2020 -त्रलळेऴ मोग 146
  • 4. त्रप्रम आत्त्भम, फॊधु/ फफशन जम गुरुदेल वलाभॊगर-भाॊगल्मे सळलेवलााथावासधके । ळयण्मे िमम्फके गौरय नायामत्ण नभोऽस्तुते॥ वृत्रद्शत्स्थसत त्रलनाळानाॊ ळत्रक्तबूते वनातसन। गुणाश्रमे गुणभमे नायामत्ण नभोऽस्तुते॥ अथाात: शे देली नायामणी आऩ वफ प्रकाय का भॊगर प्रदान कयने लारी भॊगरभमी शो। कल्माण दासमनी सळला शो। वफ ऩुरूऴाथों को सवद्ध कयने लारी ळयणा गतलत्वरा तीन नेिों लारी गौयी शो, आऩको नभस्काय शैं। आऩ वृत्रद्श का ऩारन औय वॊशाय कयने लारी ळत्रक्तबूता वनातनी देली, आऩ गुणों का आधाय तथा वलागुणभमी शो। नायामणी देली तुम्शें नभस्काय शै। इव भॊि के जऩ वे भाॉ फक ळयणागती प्राद्ऱ शोती शैं। त्जस्वे भनुष्म के जन्भ-जन्भ के ऩाऩों का नाळ शोता शै। भाॊ जननी वृत्रद्श फक आफद, अॊत औय भध्म शैं। देली प्रऩन्नासताशये प्रवीद प्रवीद भातजागतोsत्खरस्म। ऩवीद त्रलद्वेतरय ऩाफश त्रलद्वॊ त्लभीद्ळयी देली र्यार्यस्म। अथाात: ळयणागत फक ऩीड़ा दूय कयने लारी देली आऩ शभ ऩय प्रवन्न शों। वॊऩूणा जगत भाता प्रवन्न शों। त्रलद्वेद्वयी देली त्रलद्व फक यषा कयो। देली आऩ फश एक भाि र्यार्य जगत फक असधद्वयी शो। नलयाि के नौ फदनों भें तीन देत्रलमों क्रभळ् ऩालाती, रक्ष्भी औय वयस्लती औय देली के नौ रुऩों का कभळ् ळैरऩुिी, ब्रह्मार्ारयणी, र्ॊरघण्टा, कू ष्भाण्डा, स्कॊ दभाता, कात्मामनी, कारयात्रि, भशागौयी औय सवत्रद्धदािी का ऩूजन फकमा जाता शैं। नलयािे के प्रथभ तीन फदन ऩालाती के तीन स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं, अगरे तीन फदन भाॉ रक्ष्भी के स्लरुऩों का ऩूजन फकमा जाता शैं औय आत्खयी के तीन फदन वयस्लती भाता के स्लरुऩों की ऩूजा की जाती शैं। उवी प्रकाय नौ देलीमों को क्रभळ् प्रथभ फदन ळैरऩुिी, फद्रतीम फदन ब्रह्मार्ारयणी, तृतीम फदन र्न्रघण्टा, र्तुथा फदन कु ष्भाण्डा, ऩॊर्भ् फदन स्कन्द भाता, ऴद्षभ् फदन कात्मासमनी, वाद्ऱभ् फदन कारयात्रि, अद्शभ् फदन भशागौयी औय नौलें फदन सवत्रद्धदािी के रुऩ का ऩूजन फकमा जाता शैं। नलयाि अथाात भाॉ दुगाा की उऩावना भें वभत्रऩात नौ यात। दुगाा का अथा शैं, दुगासत नासळनी शैं, जगत ्की उत्ऩत्रत्त, ऩारन एलॊ वॊर्ारन तीनों व्मलस्थाएॊ त्जव ळत्रक्त के आधीन वम्ऩाफदत शोती शै लश जगत जननी भाॉ आफदळत्रक्त बगलती शैं। भाॉ दुगाा के रुऩ अनॊत शैं, रेफकन देली को प्रधान नौ रूऩों भें नलदुगाा के नाभ वे जाना जाता शैं। आफद ळत्रक्त भाॉ दुगाा वभग्र रोक भें अऩनी कृ ऩा औय करूणा लऴााती शै, भाॉ दुगाा अऩने बक्तों भें वद्द गुणों का त्रलकाव कयके उनभें अऩनी ळत्रक्त का वॊर्ाय कयते शुले वॊवाय के वभग्र प्रात्णमों का वॊर्ारन कयती शै। आज बौसतकता भें यत भनुष्म को अवॊखम उऩाम, ऩूजन, शलन, जऩ-तऩ के फाद बी भन की ळाॊसत नशीॊ सभरती। ऐवे भें शय तयश वे सनयाळ औय शाया र्ुका भनुष्म मफद भाॊ दुगाा की ळयण रेता शै जो सनत्द्ळत शी भाॉ दुगाा उवकी दुगासत का सनलायण कयती शी शै। क्मोफक, भाॉ आद्यळत्रक्त की कृ ऩा वे भनुष्म भें आत्भफर, द्दढ़ त्रलद्वाव, दमा, प्रेभ, बत्रक्त जैवे वद्गुणों का त्रलकाव शोता शैं। जीलन के इन्शीॊ भूल्मों को वभझ कय भनुष्म जीलन भें वच्र्ा वुख-ळाॊसत, लैबल, धन वॊऩदा को प्राद्ऱ कयता
  • 5. शै। अन्मथा इव वॊवाय के दरदर वे सनकरना उवके सरए वॊबल नशीॊ शै। इवसरए भनुष्म को अवॊबल को बी वॊबल कय फदखाने की ळत्रक्त देली कृ ऩा वे शी प्राद्ऱ शोती शैं। भाॊ दुगाा का ऩूजन फशन्दू वॊस्कृ ती भें वलाासधक रोकत्रप्रम शैं मशीॊ कायण शैं की वैकड़ों लऴो वे देली दुगाा का ऩूजन छोटे-फड़े वबी प्रादेसळक षेिों भें वलाासधक प्रर्सरत यशा शैं। देली दुगाा को आद्य ळत्रक्त बगलती का वाषात स्लरुऩ भाना जाता शैं। देली दुगाा की भफशभा अऩयॊऩाय शैं, जो अऩने बक्तों के दु्खों का नाळ कयने लारी, दुद्शों वे यषा कयने लारी एलॊ अऩने बक्तों के वकर भनोयथ को सवद्ध कयने लारी वाषात देली शैं। नलयाि के दौयान दव भशात्रलद्या का ऩूजन बी त्रलळेऴ भशत्लऩूणा भाना गमा शैं क्मोकी इन को देली दुगाा के शी दव रूऩ भाने जाते शैं। दवों भशात्रलद्या भें शय भशात्रलद्या अऩनी अफद्रतीम ळत्रक्त वे भनुष्म के वभस्त वॊकटों को दूय कयने लारी शैं। इन दव भशात्रलद्याओॊ के भशत्ल को त्रलसबन्न धभाळास्त्रों भें अत्मॊत उऩमोगी औय भशत्लऩूणा भाना गमा शैं। नलयािी के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कय के भनुष्म वबी अळुब ग्रश जसनत फाधाऔ को वयरता वे दूय कय वकता शैं। नलयाि का वभम ग्रशों को ळाॊत कयने शेतु वलोत्तभ वभम भाना जाता शैं। क्मोफक नलयािी के दौयान प्रकृ सत भें शोने लारे ऩरयलतान एलॊ वाभात्जक ऩरयलेळ के कायण भनुष्म की आध्मात्त्भक ळत्रक्त एलॊ उवकी वॊमभ ळत्रक्त का अत्मासधक उच्र् स्तय की शोती शैं। मफश कायण शैं की इव दौयान फक जाने लारी वबी ऩूजा, उऩावना, वाधना आफद अत्मासधक राबप्रद भानी गई शैं। मफद भनुष्म फकवी ग्रशों वे ऩीफड़त शो, तो लश इन नौ फदनों भें देली दुगाा के ऩूजन के वाथ भें मफद ग्रश ळाॊसत के उऩामो को कयके ळीघ्र राब प्राद्ऱ कय वकते शैं, नलयाि ग्रश ळाॊसत के सरए बी उत्तभ वभम शोता शै। त्रलद्रानों का कथन शैं की देली दुगाा शी वबी प्रकाय के भॊि, मॊि औय तॊि का भुख्म आधाय शैं। धभा ळास्त्रों भें वभस्त भॊि, मॊि औय तॊि का उद्गभ देली आद्यळत्रक्त बगलती वे भाना गमा शैं। मफद जन्भ कुॊ डरी (जातक/ जन्भ ऩिी) भें कोई ग्रश कभजोय शै मा अळुब बाल का स्लाभी शो एलॊ अन्म बाल को देख कय अऩना अळुब प्रबाल दे यशा शो तो जातक के सरए उव ग्रश को ळाॊत कयना आलश्मक शोता शैं त्जस्वे ग्रश अऩना प्रसतकू र प्रबाल के स्थान ऩय अनुकू र प्रबाल प्रदान कयें।फकवी बी ग्रश के प्रबाल को अनुकू र फनाने का उत्तभ वभम नलयाि शैं, नलयाि के दौयान ग्रश ळाॊसत के उऩामो द्राया ग्रश के अळुब प्रबाल को ळीघ्र एलॊ असत वयरता वे कभ फकमा जा वकता शैं। इव भासवक ई-ऩत्रिका भें वॊफॊसधत जानकायीमों के त्रलऴम भें वाधक एलॊ त्रलद्रान ऩाठको वे अनुयोध शैं, मफद दळाामे गए भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना एलॊ उऩामों मा अन्म जानकायी के राब, प्रबाल इत्मादी के वॊकरन, प्रभाण ऩढ़ने, वॊऩादन भें, फडजाईन भें, टाईऩीॊग भें, त्रप्रॊफटॊग भें, प्रकाळन भें कोई िुफट यश गई शो, तो उवे स्लमॊ वुधाय रें मा फकवी मोग्म ज्मोसतऴी, गुरु मा त्रलद्रान वे वराश त्रलभळा कय रे । क्मोफक त्रलद्रान ज्मोसतऴी, गुरुजनो एलॊ वाधको के सनजी अनुबल त्रलसबन्न भॊि, द्ऴोक, मॊि, वाधना, उऩाम के प्रबालों का लणान कयने भें बेद शोने ऩय काभना सवत्रद्ध शेतु फक जाने लारी लारी ऩूजन त्रलसध एलॊ उवके प्रबालों भें सबन्नता वॊबल शैं। आऩका जीलन वुखभम, भॊगरभम शो भाॊ बगलती की कृ ऩा आऩके ऩरयलाय ऩय फनी यशे। भाॊ बगलती वे मशी प्राथना शैं… सर्ॊतन जोळी
  • 6. 6 भार्ा 2020 ***** भासवक ई-ऩत्रिका वे वॊफॊसधत वूर्ना *****  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत वबी रेख गुरुत्ल कामाारम के असधकायों के वाथ शी आयत्षत शैं।  ई-ऩत्रिका भें लत्णात रेखों को नात्स्तक/अत्रलद्वावु व्मत्रक्त भाि ऩठन वाभग्री वभझ वकते शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख आध्मात्भ वे वॊफॊसधत शोने के कायण बायसतम धभा ळास्त्रों वे प्रेरयत शोकय प्रस्तुत फकमा गमा शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी त्रलऴमो फक वत्मता अथला प्राभात्णकता ऩय फकवी बी प्रकाय की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक फक नशीॊ शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत जानकायीकी प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं औय ना शीॊ प्राभात्णकता एलॊ प्रबाल की त्जन्भेदायी के फाये भें जानकायी देने शेतु कामाारम मा वॊऩादक फकवी बी प्रकाय वे फाध्म शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत रेखो भें ऩाठक का अऩना त्रलद्वाव शोना आलश्मक शैं। फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ को फकवी बी प्रकाय वे इन त्रलऴमो भें त्रलद्वाव कयने ना कयने का अॊसतभ सनणाम स्लमॊ का शोगा।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत फकवी बी प्रकाय की आऩत्ती स्लीकामा नशीॊ शोगी।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख शभाये लऴो के अनुबल एलॊ अनुळॊधान के आधाय ऩय फदए गमे शैं। शभ फकवी बी व्मत्रक्त त्रलळेऴ द्राया प्रमोग फकमे जाने लारे धासभाक, एलॊ भॊि- मॊि मा अन्म प्रमोग मा उऩामोकी त्जन्भेदायी नफशॊ रेते शैं। मश त्जन्भेदायी भॊि- मॊि मा अन्म उऩामोको कयने लारे व्मत्रक्त फक स्लमॊ फक शोगी।  क्मोफक इन त्रलऴमो भें नैसतक भानदॊडों, वाभात्जक, कानूनी सनमभों के त्खराप कोई व्मत्रक्त मफद नीजी स्लाथा ऩूसता शेतु प्रमोग कताा शैं अथला प्रमोग के कयने भे िुफट शोने ऩय प्रसतकू र ऩरयणाभ वॊबल शैं।  ई-ऩत्रिका भें प्रकासळत रेख वे वॊफॊसधत जानकायी को भाननने वे प्राद्ऱ शोने लारे राब, राब की शानी मा शानी की त्जन्भेदायी कामाारम मा वॊऩादक की नशीॊ शैं।  शभाये द्राया प्रकासळत फकमे गमे वबी रेख, जानकायी एलॊ भॊि-मॊि मा उऩाम शभने वैकडोफाय स्लमॊ ऩय एलॊ अन्म शभाये फॊधुगण ऩय प्रमोग फकमे शैं त्जस्वे शभे शय प्रमोग मा कलर्, भॊि-मॊि मा उऩामो द्राया सनत्द्ळत वपरता प्राद्ऱ शुई शैं।  ई-ऩत्रिका भें गुरुत्ल कामाारम द्राया प्रकासळत वबी उत्ऩादों को के लर ऩाठको की जानकायी शेतु फदमा गमा शैं, कामाारम फकवी बी ऩाठक को इन उत्ऩादों का क्रम कयने शेतु फकवी बी प्रकाय वे फाध्म नशीॊ कयता शैं। ऩाठक इन उत्ऩादों को कशीॊ वे बी क्रम कयने शेतु ऩूणात् स्लतॊि शैं। असधक जानकायी शेतु आऩ कामाारम भें वॊऩका कय वकते शैं। (वबी त्रललादो के सरमे के लर बुलनेद्वय न्मामारम शी भान्म शोगा।)
  • 7. 7 भार्ा 2020 र्ैि नलयात्रि घट स्थाऩना भुशूता, त्रलसध-त्रलधान 25 भार्ा 2020  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम र्ैि ळुक्र प्रसतऩदा अथाात र्ैि नलयािी का ऩशरा फदन। इवी फदन वे शी लावॊसतक अथला र्ैि अथला र्ैिी नलयाि का प्रायॊब शोता शैं। जो र्ैि ळुक्र नलभी को वभाद्ऱ शोते शैं, इन नौ फदनों देत्रल दुगाा की त्रलळेऴ आयाधना कयने का त्रलधान शभाये ळास्त्रो भें फतामा गमा शैं। "प्रसतऩदा सतसथ 24 भार्ा 2020, भॊगरलाय को अऩयाश 3 फजकय 00 सभनट वे ळुरू शो यशी शै।" जो कारलेरा के दोयान शो यशी शैं, कारलेरा जो दोऩशय 01:58 वे 03:29 तक यशेगी, एलॊ नषि उत्तयाबारऩद जो देय यािी 04:18 तक यशेगा ऩद्ळमात येलसत नषि यशेगा। एलॊ मोग ब्रह्म औय कयण फकस्तुघ्न यशेगा। घटस्थाऩना शेतु ळुब भुशूता 25 भार्ा 2020, फुधलाय के फदन ऩूलााह्न 06:23 वे 07:17 तक (अलसध 00 घण्टा 54 सभनट) , त्रलक्रभ वॊलत ् 2077, ळक वॊलत ् 1942, नषि येलती, मोग ब्रह्म, कयण फल, ऋतु फवॊत, अमन, उत्तयामण, यशेगा, प्रसतऩदा सतथी वभासद्ऱ वाॊम 05:31फजे शोगी। इव सरए घट स्थाऩना वुफश 06:23 वे 07:17 तक भें कयना ळुब यशेगा।, इव दौयान फद्र-स्लबाल भीन रग्न की वभासद्ऱ 07:17 शोगी। ऩायॊऩरयक ऩद्धसत के अनुळाव नलयात्रि के ऩशरे फदन घट अथाात करळ की स्थाऩना कयने का त्रलधान शैं। इव करळ भें ज्लाये (अथाात जौ औय गेशूॊ) फोमा जाता शै। घट स्थाऩनकी ळास्त्रोक्त त्रलसध इव प्रकाय शैं। घट स्थाऩना आत्द्वन प्रसतऩदा के फदन फक जाती शैं। घट स्थाऩना शेतु वफवे ळुब असबत्जत भुशुता भाना गमा शैं। जो 25 भार्ा 2020 को दोऩशय 12:002 वे दोऩशय 12:51 फजे के फीर् शै। इव लऴा प्रसतऩदा सतसथ प्रायम्ब 24 भार्ा 2020 को अऩयाश 3 फजकय 00 सभनट वे 25 भार्ा 2020 वॊध्मा वाॊम 05:31फजे शोगी। इव सरए 25 भार्ा 2020 के ळुब भुशूता उत्तभ यशेंगे। घट स्थाऩना के अन्म ळुब भुशूता वुफश 06:23 वे वुफश 07:54 तक राब, वुफश 07:54 वे वुफश 09:25 तक अभृत, फदन 10:56 वे दोऩशय 12:27 तक ळुब र्ौघफडमा, असबत्जत भुशुता दोऩशय 12:002 वे दोऩशय 12:51 फजे के फीर् यशेगा। कु छ जानकाय त्रलद्रानो का भत शैं की नलयाि स्लमॊ अऩने आऩ भें स्लमॊ सवद्ध भुशुता शोने के कायण इव सतसथ भें व्माद्ऱ वभस्त दोऴ स्लत् नद्श शो जाते शैं इव सरए घट स्थाऩना प्रसतऩदा के फदन फकवी बी वभम कय वकते शैं। मफद ऐवे मोग फन यशे शो, तो घट स्थाऩना दोऩशय भें असबत्जत भुशूता मा अन्म ळुब भुशूता भें कयना उत्तभ यशता शैं।
  • 8. 8 भार्ा 2020 करळ स्थाऩना शेतु अन्म ळुब भुशूता  राब र्ौघफडमा वुफश 06:23 वे वुफश 07:54 तक,  अभृत र्ौघफडमा वुफश 07:54 वे वुफश 09:25 तक,  ळुब र्ौघफडमा फदन 10:56 वे दोऩशय 12:27 तक,  असबत्जत भुशुता दोऩशय 12:002 वे दोऩशय 12:51 फजे तक के भुशूता घट स्थाऩना का श्रेद्ष भुशूता यशेंगे। घट स्थाऩना शेतु वलाप्रथभ स्नान इत्माफद के ऩद्ळमात गाम के गोफय वे ऩूजा स्थर का रेऩन कयना र्ाफशए। घट स्थाऩना शेतु ळुद्ध सभट्टी वे लेदी का सनभााण कयना र्ाफशए, फपय उवभें जौ औय गेशूॊ फोएॊ तथा उव ऩय अऩनी इच्छा के अनुवाय सभट्टी, ताॊफे, र्ाॊदी मा वोने का करळ स्थात्रऩत कयना र्ाफशए। मफद ऩूणा त्रलसध-त्रलधान वे घट स्थाऩना कयना शो तो ऩॊर्ाॊग ऩूजन (अथाात गणेळ-अॊत्रफका, लरुण, ऴोडळभातृका, वद्ऱघृतभातृका, नलग्रश आफद देलों का ऩूजन) तथा ऩुण्माशलार्न (भॊिोंच्र्ाय) त्रलद्रान ब्राह्मण द्राया कयाएॊ अथला अभथाता शो, तो स्लमॊ कयें। ऩद्ळमात देली की भूसता स्थात्रऩत कयें तथा देली प्रसतभाका ऴोडळोऩर्ायऩूलाक ऩूजन कयें। इवके फाद श्रीदुगाावद्ऱळती का वॊऩुट अथला वाधायण ऩाठ कयना र्ाफशए। ऩाठ की ऩूणााशुसत के फदन दळाॊळ शलन अथला दळाॊळ ऩाठ कयना र्ाफशए। घट स्थाऩना के वाथ दीऩक की स्थाऩना बी की जाती शै। ऩूजा के वभम घी का दीऩक जराएॊ तथा उवका गॊध, र्ालर, ल ऩुष्ऩ वे ऩूजन कयना र्ाफशए। ऩूजन के वभम इव भॊि का जऩ कयें- बो दीऩ ब्रह्मरूऩस्त्लॊ ह्यन्धकायसनलायक। इभाॊ भमा कृ ताॊ ऩूजाॊ गृह्रॊस्तेज: प्रलधाम।। नोट: उऩयोक्त लत्णात भुशूता को वूमोदम कासरन सतसथ मा वभम का सनयधायण नई फदल्री के अषाॊळ येखाॊळ के अनुळाय आधुसनक ऩद्धसत वे फकमा गमा शैं। इव त्रलऴम भें त्रलसबन्न भत एलॊ वूमोदम सात कयने का तयीका सबन्न शोने के कायण वूमोदम वभम का सनयधायण सबन्न शो वकता शैं। वूमोदम वभम का सनयधायण स्थासनम वूमोदम के अनुळाय फश कयना उसर्त शोगा। इव सरए फकवी बी भुशूता का र्मन कयने वे ऩूला फकवी त्रलद्रान ल जानकाय वे इव त्रलऴम भें वराश त्रलभळा कयना उसर्त यशेगा। शभाये त्रलळेऴस ज्मोसतऴी वे ऩूछें अऩने प्रद्ल वम्ऩूणा ज्मोसतऴ ऩयाभळा, जन्भ कु ण्डरी सनभााण, प्रद्ल कु ण्डरी, गुण सभरान, भुशूता, यत्न औय रुराष ऩयाभळा, लास्तु ऩयाभळा एलॊ अन्म फकवी बी वभस्मा का वभाधान ज्मोसतऴ, मॊि, भॊि एलॊ अन्म वयर घयेरु उऩामो द्राया सनदान शेतु वॊऩका कये। शभायी वेलाएॊ न्मूनतभ ळुल्क ऩय उप्रब्ध शै। GURUTVA KARYALAY Call Us: 91 + 9338213418, 91 + 9238328785, Email Us:- gurutva_karyalay@yahoo.in, gurutva.karyalay@gmail.com Our Website : www.gurutvakaryalay.com | www.gurutvakaryalay.in
  • 9. 9 भार्ा 2020 नलयाि त्रलळेऴ घट स्थाऩना त्रलसध  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम दुगाा ऩूजन वाभग्री- कराला (भौरी, यषा वूि), योरी, सवॊदूय, १ श्रीपर (नारयमर), अषत (त्रफना टूटे र्ालर), रार लस्त्र, वगॊसधत पू र- भारा, 5 ऩान के ऩत्ते , 5 वुऩायी, रौंग, करळ, करळ शेतु आभ के ऩल्रल, रकडीी़ की र्ौकी, वसभधा, शलन कु ण्ड, शलन वाभग्री, कभर गट्टे, ऩॊर्ाभृत ( दूध, दशी, घी, ळशद, ळका या(र्ीनी) ), पर, सभठाई, ऊन का आवन, वाफूत शल्दी, अगयफत्ती, इि, घी, दीऩक, आयती की थारी, कु ळा, यक्त र्ॊदन, द्ळेत र्ॊदन (श्रीखॊड र्ॊदन), जौ, सतर, वुलणा गणेळ ल दुगाा की प्रसतभा 2 (वुलणा उप्रब्ध न शो तो ऩीतर, कई रोग सभट्टी की प्रसतभा वे ऩूजन कयते शैं।), आबूऴण ल श्रृॊगाय वाभग्री, ऩॊर्भेला, ऩॊर् सभठाई, रूई इत्माफद, दुगाा ऩूजन वे ऩूला र्ौकी को ळुद्ध कयके श्रृॊगाय कयके र्ौकी वजारें। तत ऩद्ळमात रार कऩडे का आवन त्रफछाकय गणऩसत एलॊ दुगाा भाता की प्रसतभाके वम्भुख फैठ जाए। तत ऩद्ळमात आवन को इव भॊि वे ळुत्रद्ध कयण कयें: ॐ अऩत्रलि : ऩत्रलिोला वलाालस्थाॊ गतोऽत्रऩला। म: स्भयेत् ऩुण्डयीकाषॊ व फाह्याभ्मन्तय: ळुसर्:॥ इन भॊिों का उच्र्ायण कयते शुए अऩने ऊऩय तथा आवन ऩय 3-3 फाय कु ळा मा ऩुष्ऩाफद वे छ ॊटें रगामें। तत ऩद्ळमात आर्भन कयें: ॐ के ळलाम नभ: ॐ नायामण नभ: ॐ भध्लामे नभ: ॐ गोत्रलन्दाम नभ् तत ऩद्ळमात शाथ धोकय, ऩुन: आवन ळुत्रद्ध भॊि का उच्र्ायण कयें:- ॐ ऩृथ्ली त्लमाधृता रोका देत्रल त्मलॊ त्रलष्णुनाधृता। त्लॊ र् धायमभाॊ देत्रल ऩत्रलिॊ कु रु र्ावनभ्॥ ळुत्रद्ध कयण औय आर्भन के ऩद्ळमात र्ॊदन रगाना र्ाफशए। अनासभका उॊगरी वे श्रीखॊड र्ॊदन रगाते शुए इव भॊि का उच्र्ायण कयें:- र्न्दनस्म भशत्ऩुण्मभ् ऩत्रलिॊ ऩाऩनाळनभ्, आऩदाॊ शयते सनत्मभ् रक्ष्भी सतद्षतु वलादा। ऩॊर्ोऩर्ाय ऩूजन कयने के ऩद्ळमात वॊकल्ऩ कयना र्ाफशएॊ। वॊकल्ऩ भें ऩुष्ऩ, पर, वुऩायी, ऩान, र्ाॊदी का सवक्का, श्रीपर (नारयमर), सभठाई, भेला, आफद वबी वाभग्री थोड़ी- थोड़ी भािा भें रेकय वॊकल्ऩ भॊि का उच्र्ायण कयें:- ॥ वॊकल्ऩ लाक्म॥ शरय ॐ तत्वत l नभ् ऩयभात्भने श्री ऩुयाण ऩुरुऴोत्तभाम श्री भद बगलते भशा ऩुरुऴस्म त्रलष्णो यासामा प्रलता भान स्माद्य ब्राह्मणों फद्रतीम प्रशयाद्रे श्रीद्वेत्लायाश कारे लै लस्तल -भन्लन्तये अत्श्त्लत्श्तत्भे कल्मुगे कसर प्रथभ र्यणे जम्फू द्रीऩे बयत खण्ड बायत लऴे आमाा लताांन्तगात देळैक ऩुण्म षेि ऴत्रद्श वम्लस्तायाणाॊ भध्मे 'अभुक ' नासभन वॊलत्वये 'अभुक ' अमने 'अभुक 'िुतौ .अभुक भावे 'अभुक ऩषे .अभुक सतथौ अभुक नषिे ,अभुक मोग 'अभुक 'लावये 'अभुक यासळस्मे वूमे, बौभें, फुधे, गुयौ, ळुक्रे , ळनौ, याशौ, के तौ एलॊ गुण त्रलसळद्शामा सतथौ 'अभुक' गोिोत्ऩन्ने 'अभुक 'नात्म्न ळभाा (लभाा इत्माफद ) वकरऩाऩषमऩूलाकॊ वलाारयद्श ळाॊसतसनसभत्तॊ वलाभॊगरकाभनमा श्रुसतस्भृत्मोक्तपरप्राप्त्मथां भनेत्प्वत कामा सवद्धमथां श्री दुगाा ऩूजनॊ र् अशॊ करयष्मे। तत्ऩूलाागॊत्लेन सनत्रलाघ्नताऩूलाक कामा सवद्धमथां मथा सभसरतोऩर्ाये गणऩसत ऩूजनॊ करयष्मे।
  • 10. 10 भार्ा 2020 त्रलळेऴ वुझाल: उक्त वॊकल्ऩ लाक्म भें जशाॉ-जशाॉ 'अभुक' ळब्द आमा शै, लशाॉ क्रभळ: लताभान वॊलत्वय, अमन, रुतु, भॉव, ऩष, सतसथ, नषि, मोग, वूमााफद की याळी तथा अऩने गोि, अऩनी याळी एलॊ अऩने नाभ का उच्र्ायण कयना र्ाफशए। गणऩसत ऩूजन:- बायतीम ळास्त्रोक्त ऩयॊऩया के अनुळाय फकवी बी ऩूजा भें वलाप्रथभ गणेळ जी की ऩूजा की जाती शैं। शाथ भें ऩुष्ऩ रेकय बगलान गणेळ का ध्मान कयें। गजाननम्बूतगणाफदवेत्रलतॊ कत्रऩत्थ जम्फू परर्ारुबषणभ्। उभावुतॊ ळोक त्रलनाळकायकॊ नभासभ त्रलघ्नेद्वयऩादऩॊकजभ्। तत ऩद्ळमात आलाशन कयें: आह्लान शेतु शाथ भें अषत रेकय इव भॊि का उच्र्ायण कयें:- आगच्छ देल देलेळ, गौयीऩुि त्रलनामक। तलऩूजा कयोभद्य, अिसतद्ष ऩयभेद्वय॥ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् इशागच्छ इश सतद्ष उच्र्ायण कयते शुए अषत को गणेळ जी ऩय र्ढाी़ दें। सनम्न भॊिो का उच्र्ायण कयते शुले वॊफॊसधत लस्तु श्री गणेळ जी को अत्रऩात कयें। शाथ भें पू र रेकय ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् आवनॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात अघाा भें जर रेकय फोरें ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् अघ्मां वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात आर्भनीम-स्नानीमॊ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् आर्भनीमॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात लस्त्र रेकय ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् लस्त्रॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात मसोऩलीत-ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् मसोऩलीतॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात ऩुनयार्भनीमभ्, ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् यक्त र्ॊदन रगाएॊ: इदभ यक्त र्ॊदनभ् रेऩनभ् ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्, तत ऩद्ळमात प्रकाय श्रीखॊड र्ॊदन फोरकय श्रीखॊड र्ॊदन रगाएॊ, तत ऩद्ळमात सवन्दूय र्ढ़ाएॊ "इदॊ सवन्दूयाबयणॊ रेऩनभ् ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्, तत ऩद्ळमात दूलाा औय त्रलल्फऩि बी गणेळ जी को र्ढ़ाएॊ। ऩूजन के ऩद्ळमात गणेळ जी को बोग अत्रऩात कयें: ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् इदॊ नानात्रलसध नैलेद्यासन वभऩामासभ, सभद्शान अत्रऩात कयने के सरए भॊि- ळका या खण्ड खाद्यासन दसध षीय घृतासन र्, आशायो बक्ष्म बोज्मॊ गृह्यताॊ गणनामक। प्रवाद अत्रऩात कयने के ऩद्ळमात आर्भन कयामें, इदॊ आर्भनीमॊ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ्, तत ऩद्ळमात ऩान वुऩायी र्ढ़ामें- ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् ताम्फूरॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात पर रेकय गणऩसत ऩय र्ढ़ाएॊ ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् परॊ वभऩामासभ, तत ऩद्ळमात दत्षणा यखते शुले इव भॊि का उच्र्ायण कयें ॐ श्री सवत्रद्ध त्रलनामकाम नभ् रव्म दत्षणाॊ वभऩामा सभ, तत ऩद्ळमात त्रलऴभ वॊख्मा (1,3,5,7,9,11,21 आफद) भें दीऩक जराकय सनयाजन अथाात आयसत कयें औय बगलान की आयती गामें। तत ऩद्ळमात शाथ भें पू र रेकय गणेळ जी को अत्रऩात कयें, तत ऩद्ळमात तीन प्रद त्षणा कयें। इवी प्रकाय वे अन्म वबी देलताओॊ का ऩूजन कयें। गणेळ के स्थान त्जव देलता की ऩूजा कयनी शो ऩय उव देलता के नाभ का उच्र्ायण कयें। करळ ऩूजन:- घड़े अथला रोटे ऩय कराला (भौसर) फाॊधकय करळ के ऊऩय आभ का ऩल्रल यखें। करळ भें वुऩायी, अषत, भुरा यखें, दूलाा, नारयमर ऩय लस्त्र रऩेट कय करळ ऩय स्थात्रऩत कयें,शाथ भें अषत औय ऩुष्ऩ रेकय लरूण देलता का करळ भें आलाशन कयें।
  • 11. 11 भार्ा 2020 ॐ त्तत्लामासभ ब्रह्मणा लन्दभानस्तदाळास्ते मजभानोशत्रलासब:। अशेडभानोलरुणेश फोध्मुरुळॊ वभानऽआमु: प्रभोऴी:। अत्स्भन करळे लरुणॊ वाॊगॊ वऩरयलायॊ वामुध वळत्रक्तकभालाशमासभ, ॐ बूबुाल: स्ल: बो लरुण इशागच्छ इशसतद्ष। स्थाऩमासभ ऩूजमासभ। तत ऩद्ळमात त्जव प्रकाय गणेळ जी की ऩूजा की शै उवी प्रकाय लरूण देलता की त्रलसधलत ऩूजा कयें। दुगाा ऩूजन: दुगाा ऩूजन शेतु वफवे ऩशरे भाता दुगाा का ध्मान कयें: वला भॊगर भागॊल्मे सळले वलााथा वासधके । ळयण्मेिमत्म्फके गौयी नायामणी नभोस्तुते ॥ तत ऩद्ळमात आलाशन कयें: श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। दुगाादेलीभालाशमासभ॥ तत ऩद्ळमात पू र अत्रऩात कयते शुए उच्र्ायण कयें। श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। आवानाथे ऩुष्ऩात्ण वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात अघ्मा दें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। शस्तमो: अघ्मां वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात आर्भन अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। आर्भनॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। स्नानाथां जरॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात स्नानाॊग आर्भन- स्नानान्ते ऩुनयार्भनीमॊ जरॊ वभऩामासभ। तत ऩद्ळमात ऩॊर्ाभृत स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। ऩॊर्ाभृतस्नानॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात गन्धोदक-स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। गन्धोदकस्नानॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात ळुद्धोदक स्नान कयाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। ळुद्धोदकस्नानॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात आर्भन दें- ळुद्धोदकस्नानान्ते आर्भनीमॊ जरॊ वभऩामासभ। तत ऩद्ळमात लस्त्र अत्रऩात कयें-- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। लस्त्रॊ वभऩामासभ ॥ लस्त्रान्ते आर्भनीमॊ जरॊ वभऩामासभ। तत ऩद्ळमात वौबाग्म वूी़ि अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। वौबाग्म वूिॊ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात र्न्दन अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। र्न्दनॊ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात शरयरार्ूणा अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। शरयराॊ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात कुॊ कु भ अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। कुॊ कु भ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात सवन्दूय अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। सवन्दूयॊ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात कज्जर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। कज्जरॊ वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात दूलााकुॊ य अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। दूलााकुॊ यासन वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात आबूऴण अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। आबूऴणासन वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात ऩुष्ऩभारा अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। ऩुष्ऩभारा वभऩामासभ ॥ तत ऩद्ळमात धूऩ रगाएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। धूऩभाघ्राऩमासभ॥ तत ऩद्ळमात दीऩ जराएॊ- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। दीऩॊ दळामासभ॥ तत ऩद्ळमात नैलेद्य अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। नैलेद्यॊ सनलेदमासभ॥ तत ऩद्ळमात जर अत्रऩात कयें- नैलेद्यान्ते त्रिफायॊ आर्भनीम जरॊ वभऩामासभ। तत ऩद्ळमात पर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। परासन वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात ताम्फूर अत्रऩात कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। ताम्फूरॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात दत्षणा दें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। दत्षणाॊ वभऩामासभ॥ तत ऩद्ळमात आयती कयें- श्रीजगदम्फामै दुगाादेव्मै नभ:। आयासताकॊ वभऩामासभ॥
  • 12. 12 भार्ा 2020 श्री भशारक्ष्भी मॊि धन फक देली रक्ष्भी शैं जो भनुष्म को धन, वभृत्रद्ध एलॊ ऐद्वमा प्रदान कयती शैं। अथा(धन) के त्रफना भनुष्म जीलन दु्ख, दरयरता, योग, अबालों वे ऩीफडत शोता शैं, औय अथा(धन) वे मुक्त भनुष्म जीलन भें वभस्त वुख-वुत्रलधाएॊ बोगता शैं। श्री भशारक्ष्भी मॊि के ऩूजन वे भनुष्म की जन्भों जन्भ की दरयरता का नाळ शोकय, धन प्रासद्ऱ के प्रफर मोग फनने रगते शैं, उवे धन-धान्म औय रक्ष्भी की लृत्रद्ध शोती शैं। श्री भशारक्ष्भी मॊि के सनमसभत ऩूजन एलॊ दळान वे धन की प्रासद्ऱ शोती शै औय मॊि जी सनमसभत उऩावना वे देली रक्ष्भी का स्थाई सनलाव शोता शै। श्री भशारक्ष्भी मॊि भनुष्म फक वबी बौसतक काभनाओॊ को ऩूणा कय धन ऐद्वमा प्रदान कयने भें वभथा शैं। अषम तृतीमा, धनतेयव, दीलालरी, गुरु ऩुष्माभृत मोग यत्रलऩुष्म इत्माफद ळुब भुशूता भें मॊि की स्थाऩना एलॊ ऩूजन का त्रलळेऴ भशत्ल शैं। >> Shop Online | Order Now GURUTVA KARYALAY Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 ऩूजन भें शुई िुफट के सनलायण शेतु षभा प्राथना कयें। षभा प्राथाना न भॊिॊ नोमॊिॊ तदत्रऩ र् न जाने स्तुसतभशो न र्ाह्लानॊ ध्मानॊ तदत्रऩ र् न जाने स्तुसतकथा्। न जाने भुरास्ते तदत्रऩ र् न जाने त्रलरऩनॊ ऩयॊ जाने भातस्त्लदनुवयणॊ क्रेळशयणभ्॥1॥ त्रलधेयसानेन रत्रलणत्रलयशेणारवतमा त्रलधेमाळक्मत्लात्तल र्यणमोमाा च्मुसतयबूत ् । तदेतत्षतव्मॊ जनसन वकरोद्धारयत्ण सळले कु ऩुिो जामेत क्लसर्दत्रऩ कु भाता न बलसत ॥2॥ ऩृसथव्माॊ ऩुिास्ते जनसन फशल् वत्न्त वयरा् ऩयॊ तेऴाॊ भध्मे त्रलयरतयरोऽशॊ तल वुत् । भदीमोऽमॊत्माग् वभुसर्तसभदॊ नो तल सळले कु ऩुिो जामेत ् क्लसर्दत्रऩ कु भाता न बलसत ॥3॥ जगन्भातभाातस्तल र्यणवेला न यसर्ता न ला दत्तॊ देत्रल रत्रलणभत्रऩ बूमस्तल भमा । तथात्रऩत्लॊ स्नेशॊ भसम सनरुऩभॊ मत्प्रकु रुऴे कु ऩुिो जामेत क्लसर्दऩ कु भाता न बलसत ॥4॥ ऩरयत्मक्तादेला त्रलत्रलधत्रलसधवेलाकु रतमा भमा ऩॊर्ाळीतेयसधकभऩनीते तु लमसव । इदानीॊ र्ेन्भातस्तल कृ ऩा नात्रऩ बत्रलता सनयारम्फो रम्फोदय जनसन कॊ मासभ ळयण्॥5॥ द्वऩाको जल्ऩाको बलसत भधुऩाकोऩभसगया सनयातॊको यॊको त्रलशयसत सर्यॊ कोफटकनकै ् । तलाऩणे कणे त्रलळसत भनुलणे परसभदॊ जन् को जानीते जनसन जऩनीमॊ जऩत्रलधौ ॥6॥ सर्ताबस्भारेऩो गयरभळनॊ फदक्ऩटधयो जटाधायी कण्ठे बुजगऩतशायी ऩळुऩसत् । कऩारी बूतेळो बजसत जगदीळैकऩदलीॊ बलासन त्लत्ऩात्णग्रशणऩरयऩाटीपरसभदभ ् ॥7॥ न भोषस्माकाॊषा बलत्रलबल लाॊछात्रऩर्नभे न त्रलसानाऩेषा ळसळभुत्ख वुखेच्छात्रऩ न ऩुन् । अतस्त्लाॊ वॊमार्े जनसन जननॊ मातु भभ लै भृडाणी रुराणी सळलसळल बलानीसत जऩत् ॥8॥ नायासधतासव त्रलसधना त्रलत्रलधोऩर्ायै् फकॊ रूषसर्ॊतन ऩयैनाकृ तॊ लर्ोसब् । श्माभे त्लभेल मफद फकॊ र्न भय्मनाथे धत्वे कृ ऩाभुसर्तभम्फ ऩयॊ तलैल ॥9॥ आऩत्वु भग्न् स्भयणॊ त्लदीमॊ कयोसभ दुगे करुणाणालेसळ । नैतच्छठत्लॊ भभ बालमेथा् षुधातृऴाताा जननीॊ स्भयत्न्त॥10॥ जगदॊफ त्रलसर्िभि फकॊ ऩरयऩूणा करुणात्स्त सर्न्भसम । अऩयाधऩयॊऩयालृतॊ नफश भातावभुऩेषते वुतभ् ॥11 ॥ भत्वभ् ऩातकी नात्स्तऩाऩघ्नी त्लत्वभा नफश । एलॊ सात्ला भशादेत्रलमथामोग्मॊ तथा कु रु ॥12॥ ***
  • 13. 13 भार्ा 2020 त्रलक्रभ वॊलत 2077 औय 9 ग्रशों का भॊिी भॊड़र  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम फशन्दू धभा के अनुवाय ब्रह्माजी ने वृत्रद्श का आयम्ब र्ैि भाश भें ळुक्र ऩष की प्रसतऩदा सतसथ वे फकमा था, इव सरए फशन्दू वॊस्कृ सत भें नल वॊलत का प्रायम्ब बी र्ैि ळुक्र प्रसतऩदा फकमा जाता शै। फशन्दू ऩयॊऩया भें वबी प्रकाय के ळुब कामों मा त्रलसध-त्रलधान का ळुबायॊब का वॊकल्ऩ कयते वभम उव वभम के वॊलत्वय का उच्र्ायण फकमा जाता शै। कु र वॊलत्वय 60 प्रकाय के शैं। ज्मोसतऴ सवद्धाॊत के अनुवाय जफ 60 वॊलत्वय ऩूये शो जाते शैं तो फपय ऩशरे वे वॊलत्वय का प्रायॊब शो जाता शै। इव लऴा फशन्दू नलवॊलत्वय त्रलक्रभ वॊलत 2077 के नए वार की ळुरुआत फुधलाय के फदन शो यशी शै। ज्मोसतऴ के अनुवाय शय नलवॊलत्वय के दौयान 9 ग्रशों के फीर् फनने लारे भॊत्रि-भॊडर भें याजा का र्मन र्ैि भाश के ळुक्र ऩष की प्रसतऩदा सतथी के लाय के अनुवाय शोता शै, उव फदन जो लाय शोता शै उव लाय के स्लाभी को वॊलत का याजा भाना जाता शै। इव लऴा के याजा फुध शोंगे औय भॊिी र्ॊरभा शोंगे। इव सरए त्रलक्रभ वॊलत 2077 के ऩूये लऴा तक फुध देल का असधऩत्म यशेगा। फुध का वॊफॊध ऩमाालयण वे शोने के कायण ऩमाालयण के भें वकायात्भक ऩरयलतान राने के प्रमावों भें लृत्रद्ध शोगी। ज्मोसतऴ के अनुवाय इव वॊलत के प्रबाल वे कृ ऴी के षेि भें त्रलळेऴ फदराल एलॊ त्रलकाव देखने को सभरेगा। अनाज का उत्ऩादन अच्छा शो वकता शै। कु छ खाद्य ऩदाथों के भूल्मों भें अकस्भात रुऩ वे लृत्रद्ध देखने को सभरेगी। फुध एलॊ र्ॊर के फीर् भें सभिता की कभी शोने वे वयकाय की तयप वे कु छ त्रलळेऴ कड़े सनमभ-कानून फन वकते शैं। इववे प्रजा भें कु छ वभम के सरए अवॊतोऴ फढ़ वकता शै। इव वॊलत्वय लऴा के याजा फुध शोंगे। फुध के ळुब प्रबाल वे त्रलसबन्न ळुब एलॊ भाॊगसरक कामों को वॊऩन्न कयने अलवय सभरते यशेंगे। रेफकन अळुब प्रबाल भें फकवी व्मत्रक्त त्रलळेऴ के द्राया फकवी कायण ऩयेळानी शो वकती शैं। त्रप्रमजनो के वाथ त्रलयोध यश वकता शै। धन वॊऩत्रत्त औय वुख वुत्रलधा की ऩूसता शेतु अत्मासधक ऩरयश्रभ कयना ऩड़ वकता शै। त्रलद्रानो के भत वे इव दौयान कई रोगों भें झूठ, छर, कऩट तथा प्रऩॊर् आफद की लृत्रद्ध शो वकती शै। नौकयी, कायोफाय वे जुड़े रोगों को ऩरयश्रभ के अनुरुऩ शी पर प्राद्ऱ शोगें। वॊलत्वय के भॊिी र्ॊरभा नल वॊलत्वय के भॊिी र्ॊरभा शोगें। र्ॊर के ळुब प्रबाल वे जीलन भें बौसतक वुख वुत्रलधाओॊ लृत्रद्ध शोगी। लऴाा शोने की वॊबालनाएॊ अच्छ शो वकती शै। त्रलसबन्न लस्तुओॊ के भूल्मों भें रगाताय अत्स्थयता नज़य आवकती शै। वाधायणत् रोगों भें अवॊतोऴ औय सर्ॊता अत्मासधक शो वकती शै। वाधायण रुऩ वे स्त्री लगा एल नौकयी ऩैवा की आसथाक त्स्थसत भें वुधाय देखा जा वकता शै। धनेळ फुध का प्रबाल फुध के प्रबाल वे धन का वॊग्रश अच्छे वे शो वकता शै। रोगों को व्माऩाय वे राब शोगा। एलॊ धासभाक कामों भें जुड़े रोगों को धन राब शो वकता शै। धान्मेळ भॊगर का प्रबाल भॊगर के प्रबाल वे अनाज़ के भूल्म भें लृत्रद्ध देखने को सभर वकती शै। तेर, रव्म आफद ऩदाथों भशॊगे शो वकते शै। भेघळ वूमा का प्रबाल वूमा के प्रबाल वे कई स्थानों ऩय लऴाा उत्तभ शोने वे कई अनाज की ऩैदालाय अच्छ शो वकती शै। ऩानी के स्त्रोत जल्द वूख वकते शै एलॊ कई स्थानों ऩय कभ लऴाा शो वकती शै।
  • 14. 14 भार्ा 2020 परेळ वूमा का प्रबाल वूमा के प्रबाल वे कई प्रकाय के पर-पू र का उत्ऩादन अऩेषा वे फेशतय शो वकता शै एलॊ कई प्रकाय के पर- पू र अऩेषा वे कभ शोंगे। दुगेळ वूमा का प्रबाल वूमा के प्रबाल वे वयकाय के यषा षेि के कामों भें तेजी आ वकती शै। यवेळ ळसन का प्रबाल ळसन के प्रबाल वे कई स्थानों ऩय बूभीगत जर के स्त्रोत बी कभ शो वकते शै। लऴाा के उऩयाॊत बी कई स्थानों ऩय जर कभी शो वकती शै। फेभौवभ की लऴाा वे त्रलसबन्न ऩयेळानी मा शो वकती शैं। कई जल्द ठ क न शोने लारे योग बी ऩयेळान कय वकते शै। वस्मेळ का स्लाभी गुरु गुरु के प्रबाल वे दूध का उत्ऩादन औय परों के उत्ऩादन भें लृत्रद्ध शो वकती शै। धासभाक कामा वे जुड़े रोगों के सरए वभम ळुब यशेगा। त्रलयोध ऩष द्राया शोने लारे अनालश्मक शो यशे लाद-त्रललाद, ऴड्मॊि दूय शो वकते शै। मथोसर्त उऩर्ाय वे ऩुयाने योगों वे भुत्रक्त सभर वकती शै। नीयवेळ गुरु का प्रबाल गुरु के प्रबाल वे वोना, ऩीत्तर, ताॊफा आफद ऩीरे यॊग की धातुओॊ भें रोगों की रुसर् फढ़ वकती शै। कृ त्रऴ उत्ऩाद, ऩळु ऩारन आफद वे जुड़े रोगो को राब शो वकता शै। भॊि सवद्ध मॊि रक्ष्भी-गणेळ (सर्िमुक्त) कभरा मॊि वलातोबर मॊि रक्ष्भी त्रलनामक मॊि बुलनेद्वयी मॊि कासताके म मॊि लास्तुदोऴ सनलायण (ऩुरुऴाकृ सत मुक्त) वुमा (भुखाकृ तीमुक्त) लवुधया त्रलवा मॊि लास्तु मॊि (सर्िमुक्त) शीॊगराज मॊि कल्माणकायी सवद्ध त्रलवा मॊि गृशलास्तु मॊि ब्रह्माणी मॊि कोटा कर्ेयी मॊि लास्तु ळान्ती मॊि भेरडी भाता का मॊि जैन मॊि भशाकारी मॊि कात्मामनी मॊि वयस्लती मॊि (सर्िमुक्त) उत्च्छद्श गणऩती मॊि ऩॊदयीमा मॊि (ऩॊर्दळी मॊि) फालनलीय मॊि भशा गणऩती मॊि भशावुदळान मॊि ऩॊर्गुरी मॊि ळिु दभनालणा मॊि काभाख्मा मॊि वूयी भॊि ऋणभुत्रक्त मॊि रक्ष्भी वॊऩुट मॊि सतजमऩशुत वलातोबर मॊि रक्ष्भीधाया मॊि लीवा मॊि 16 त्रलद्यादेली मुक्त वलातोबर रक्ष्भी प्राद्ऱी औय व्माऩायलधाक सछन्नभस्ता (सर्ि + मॊि) गौतभस्लाभी मॊि सवद्ध भशारक्ष्भी मॊि घुभालती (सर्ि + मॊि) अनॊतरब्धीसनधान गौतभ स्लाभी कनकधाया मॊि (कृ भऩृद्श) कारी (सर्ि + मॊि) बक्ताम्फय (1 वे 48) फदगम्फय दुगाा मॊि (अॊकात्भक) श्री भातृका मॊि ऩद्मालती देली मॊि भातॊगी मॊि वलातोबर मॊि (गणेळ) त्रलजम ऩताका मॊि GURUTVA KARYALAY 92/3. BANK COLONY, BRAHMESHWAR PATNA, BHUBNESWAR-751018, (ODISHA), Call us: 91 + 9338213418, 91+ 9238328785 New Arrival
  • 15. 15 भार्ा 2020 प्रथभ ळैरऩुिी  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम नलयाि के प्रथभ फदन भाॊ के ळैरऩुिी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। ऩलातयाज (ळैरयाज) फशभारम के मशाॊ ऩालाती रुऩ भें जन्भ रेने वे बगलती को ळैरऩुिी कशा जाता शैं। बगलती नॊदी नाभ के लृऴब ऩय वलाय शैं। भाता ळैरऩुिी के दाफशने शाथ भें त्रिळूर औय फाएॊ शाथ भें कभर ऩुष्ऩ वुळोसबत शैं। भाॊ ळैरऩुिी को ळास्रों भें तीनो रोक के वभस्त लन्म जील- जॊतुओॊ का यषक भाना गमा शैं। इवी कायण वे लन्म जीलन जीने लारी वभ्मताओॊ भें वफवे ऩशरे ळैरऩुिी के भॊफदय की स्थाऩना की जाती शैं त्जव वें उनका सनलाव स्थान एलॊ उनके आव-ऩाव के स्थान वुयत्षत यशे। भूर भॊि:- लन्दे लाॊसछतराबाम र्न्दाधाकृ तळेखयाभ्। लृऴारूढाॊ ळूरधयाॊ ळैरऩुिीॊ मळत्स्लनीभ्।। ध्मान भॊि:- लन्दे लाॊसछतराबामार्न्राघाकृ तळेखयाभ्। लृऴारूढाॊळूरधयाॊळैरऩुिीमळत्स्लनीभ्। ऩूणेन्दुसनबाॊगौयी भूराधाय त्स्थताॊप्रथभ दुगाा त्रिनेिा। ऩटाम्फयऩरयधानाॊयत्नफकयीठाॊनानारॊकायबूत्रऴता। प्रपु ल्र लॊदना ऩल्रलाधॊयाकातॊकऩोराॊतुगकु र्ाभ्। कभनीमाॊरालण्माॊस्भेयभुखीषीणभध्माॊसनतम्फनीभ्। स्तोि:- प्रथभ दुगाा त्लॊफशबलवागय तायणीभ्। धन ऐद्वमा दामनीॊळैरऩुिीप्रणभाम्शभ्। र्यार्येद्वयीत्लॊफशभशाभोश त्रलनासळन। बुत्रक्त भुत्रक्त दामनी,ळैरऩुिीप्रणभाम्मशभ्। कलर्:- ओभकाय: भेसळय: ऩातुभूराधाय सनलासवनी। शीॊकायऩातुरराटेफीजरूऩाभशेद्वयी। श्रीॊकायऩातुलदनेरज्जारूऩाभशेद्वयी। शुॊकाय ऩातुरृदमेतारयणी ळत्रक्त स्लघृत। पट्काय:ऩातुवलाागेवला सवत्रद्ध परप्रदा। भाॊ ळैरऩुिी का भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त को वदा धन-धान्म वे वॊऩन्न यशता शैं। अथाात उवे त्जलन भें धन एलॊ अन्म वुख वाधनो को कभी भशवुव नशीॊ शोतीॊ। नलयाि के प्रथभ फदन की उऩावना वे मोग वाधना को प्रायॊब कयने लारे मोगी अऩने भन वे 'भूराधाय' र्क्र को जाग्रत कयअऩनीउजााळत्रक्त को कें फरत कयते शैं, त्जववे उन्शें अनेक प्रकाय फक सवत्रद्धमाॊ एलॊ उऩरत्ब्धमाॊ प्राद्ऱ शोती शैं। ***
  • 16. 16 भार्ा 2020 द्वितीमॊ ब्रह्मर्ारयणी  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम नलयाि के दूवये फदन भाॊ के ब्रह्मर्ारयणी स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। क्मोफक ब्रह्म का अथा शैं तऩ। भाॊ ब्रह्मर्ारयणी तऩ का आर्यण कयने लारी बगलती शैं इवी कायण उन्शें ब्रह्मर्ारयणी कशा गमा। ळास्त्रो भें भाॊ ब्रह्मर्ारयणी को वभस्त त्रलद्याओॊ की साता भाना गमा शैं। ळास्त्रो भें ब्रह्मर्ारयणी देली के स्लरूऩ का लणान ऩूणा ज्मोसतभाम एलॊ अत्मॊत फदव्म दळाामा गमा शैं। भाॊ ब्रह्मर्ारयणी द्वेत लस्त्र ऩशने उनके दाफशने शाथ भें अद्शदर फक जऩ भारा एलॊ फामें शाथ भें कभॊडर वुळोसबत यशता शैं। ळत्रक्त स्लरुऩा देली ने बगलान सळल को प्राद्ऱ कयने के सरए 1000 वार तक सवपा पर खाकय तऩस्मा यत यशीॊ औय 3000 वार तक सळल फक तऩस्मा सवपा ऩेड़ों वे सगयी ऩत्रत्तमाॊ खाकय फक, उनकी इवी कफठन तऩस्मा के कायण उन्शें ब्रह्मर्ारयणी नाभ वे जाना गमा। भॊि: दधानाऩयऩद्माभ्माभषभाराककभण्डरभ्। देली प्रवीदतु भसम ब्रह्मर्ारयण्मनुत्तभा।। ध्मान:- लन्दे लाॊसछत राबामर्न्राघाकृ तळेखयाभ्। जऩभाराकभण्डरुधयाॊब्रह्मर्ारयणी ळुबाभ्। गौयलणाास्लासधद्षानत्स्थताॊफद्रतीम दुगाा त्रिनेिाभ्। धलर ऩरयधानाॊब्रह्मरूऩाॊऩुष्ऩारॊकायबूत्रऴताभ्। ऩदभलॊदनाॊऩल्रलाधयाॊकातॊकऩोराॊऩीन ऩमोधयाभ्। कभनीमाॊरालण्माॊस्भेयभुखीॊसनम्न नासबॊसनतम्फनीभ्।। स्तोि:- तऩद्ळारयणीत्लॊफशताऩिमसनलायणीभ्। ब्रह्मरूऩधयाब्रह्मर्ारयणीॊप्रणभाम्मशभ्।। नलर्ग्रबेदनी त्लॊफशनलऐद्वमाप्रदामनीभ्। धनदावुखदा ब्रह्मर्ारयणी प्रणभाम्मशभ्॥ ळॊकयत्रप्रमात्लॊफशबुत्रक्त-भुत्रक्त दासमनी ळाॊसतदाभानदाब्रह्मर्ारयणी प्रणभाम्मशभ्। कलर्:- त्रिऩुया भेशदमेऩातुरराटेऩातुळॊकयबासभनी। अऩाणावदाऩातुनेिोअधयोर्कऩोरो॥ ऩॊर्दळीकण्ठेऩातुभध्मदेळेऩातुभाशेद्वयी ऴोडळीवदाऩातुनाबोगृशोर्ऩादमो। अॊग प्रत्मॊग वतत ऩातुब्रह्मर्ारयणी॥ भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त को अनॊत पर फक प्रासद्ऱ शोती शैं। व्मत्रक्त भें तऩ, त्माग, वदार्ाय, वॊमभ जैवे वद् गुणों फक लृत्रद्ध शोती शैं। ***
  • 17. 17 भार्ा 2020 तृतीमॊ र्न्रघण्टा  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम नलयाि के तीवये फदन भाॊ के र्न्रघण्टा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। र्न्रघण्टा का स्लरूऩ ळाॊसतदामक औय ऩयभ कल्माणकायी शैं। र्न्रघण्टा के भस्तक ऩय घण्टे के आकाय का अधार्न्र ळोसबत यशता शैं । इव सरमे भाॊ को र्न्रघण्टा देली कशा जाता शैं। र्न्रघण्टा के देश का यॊग स्लणा के वभान र्भकीरा शैं औय देत्रल उऩत्स्थसत भें र्ायों तयप अद्भुत तेज फदखाई देता शैं। भाॊ तीन नेि एलॊ दव बुजाए शैं, त्जवभें कभर, धनुऴ-फाण, खड्ग, कभॊडर, तरलाय, त्रिळूर औय गदा आफद अस्त्र-ळस्त्र, फाण आफद वुळोसबत यशते शैं। भाॊ के कॊ ठ भें वपे द ऩुष्ऩों फक भारा औय ळीऴा ऩय यत्नजत्ी़डत भुकु ट ळोबामभान शैं। र्न्रघण्टा का लाशन सवॊश शैं, इनकी भुरा मुद्ध के सरए तैमाय यशने की शोती शैं। इनके घण्टे वी बमानक प्रर्ॊड ध्लसन वे अत्मार्ायी दैत्म, दानल, याषव ल दैल बमसबत यशते शैं। भॊि: त्रऩण्डज प्रलयारूढ़ा र्ण्डकोऩास्त्रकै मुाता। प्रवादॊ तनुते भशमॊ र्न्दघण्टेसत त्रलश्रुता।। ध्मान:- लन्दे लाॊसछत राबामर्न्राघाकृ तळेखयाभ ्। सवॊशारूढादळबुजाॊर्न्रघण्टामळस्लनीभ ्॥ कॊ र्नाबाॊभत्णऩुय त्स्थताॊतृतीम दुगाा त्रिनेिाभ ्। खॊग गदा त्रिळूर र्ाऩशयॊऩदभकभण्डरु भारा लयाबीतकयाभ ्। ऩटाम्फयऩरयधाॊनाभृदुशास्माॊनानारॊकायबूत्रऴताभ ्। भॊजीय, शाय, के मूय फकॊ फकत्णयत्नकु ण्डरभत्ण्डताभ ्॥ प्रपु ल्र लॊदना त्रफफाधायाकातॊकऩोराॊतुॊग कु र्ाभ ्। कभनीमाॊरालण्माॊषीणकॊ फटसनतम्फनीभ ्॥ स्त्रोत:- आऩदुद्रारयणी स्लॊफशआघाळत्रक्त: ळुबा ऩयाभ ्। भत्णभाफदसवफदधदािीर्न्रघण्टेप्रणबाम्मशभ ्॥ र्न्रभुखीइद्शदािी इद्श भॊि स्लरूऩणीभ ्। धनदािीआनॊददािीर्न्रघण्टेप्रणभाम्मशभ ्॥ नानारूऩधारयणीइच्छाभमीऐद्वमादामनीभ ्। वौबाग्मायोग्मदामनीर्न्रघण्टेप्रणभाम्मशभ ्॥ कलर्:- यशस्मॊ श्रुणुलक्ष्मासभळैलेळीकभरानने। श्री र्न्रघण्टास्मकलर्ॊवलासवत्रद्ध दामकभ ्॥ त्रफना न्मावॊत्रफना त्रलसनमोगॊत्रफना ळाऩोद्धायत्रफना शोभॊ। स्नानॊळौर्ाफदकॊ नात्स्तश्रद्धाभािेणसवत्रद्धदभ ्॥ कु सळष्माभकु फटरामलॊर्कामसनन्दाकामर्। न दातव्मॊन दातव्मॊऩदातव्मॊकदासर्तभ ्॥ भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने वे व्मत्रक्त का भत्णऩुय र्क्र जाग्रत शो जाता शैं। उऩावना वे व्मत्रक्त को वबी ऩाऩों वे भुत्रक्त सभरती शैं उवे वभस्त वाॊवारयक आसध-व्मासध वे भुत्रक्त सभरती शैं। इवके उऩयाॊत व्मत्रक्त को सर्यामु, आयोग्म, वुखी औय वॊऩन्न शोनता प्राद्ऱ शोती शैं। व्मत्रक्त के वाशव एल त्रलयता भें लृत्रद्ध शोती शैं। व्मत्रक्त स्लय भें सभठाव आती शैं उवके आकऴाण भें बी लृत्रद्ध शोती शैं। र्न्रघण्टा को सान की देली बी भाना गमा शै।
  • 18. 18 भार्ा 2020 र्तुथा कू ष्भाण्डा  वॊकरन गुरुत्ल कामाारम नलयाि के र्तुथा फदन भाॊ के कू ष्भाण्डा स्लरूऩ का ऩूजन कयने का त्रलधान शैं। अऩनी भॊद शॊवी द्राया ब्रह्माण्ड को उत्ऩन्न फकमा था इवीके कायण इनका नाभ कू ष्भाण्डा देली यखा गमा। ळास्त्रोक्त उल्रेख शैं, फक जफ वृत्रद्श का अत्स्तत्ल नशीॊ था, तो र्ायों तयप सवपा अॊधकाय फश था। उव वभम कू ष्भाण्डा देली ने अऩने भॊद वी शास्म वे ब्रह्माॊड फक उत्ऩत्रत्त फक। कू ष्भाण्डा देली वूयज के घेये भें सनलाव कयती शैं। इवसरमे कू ष्भाण्डा देली के अॊदय इतनी ळत्रक्त शैं, जो वूयज फक गयभी को वशन कय वकें । कू ष्भाण्डा देली को जीलन फक ळत्रक्त प्रदान कयता भाना गमा शैं। कू ष्भाण्डा देली का स्लरुऩ अऩने लाशन सवॊश ऩय वलाय शैं, भाॊ अद्श बुजा लारी शैं। उनके भस्तक ऩय यत्न जत्ी़डत भुकु ट वुळोसबत शैं, त्जस्वे उनका स्लरूऩ अत्मॊम उज्जलर प्रसतत शोता शैं। उनके शाथभें शाथों भें क्रभळ: कभण्डर, भारा, धनुऴ-फाण, कभर, ऩुष्ऩ, करळ, र्क्र तथा गदा वुळोसबत यशती शैं। भॊि: वुयावम्ऩूणाकरळॊ रूसधयाप्रुतभेल र्। दधाना शस्तऩद्माभ्माॊ कु ष्भाॊडा ळुबदास्तुभे।। ध्मान:- लन्दे लाॊसछत काभथेर्न्राघाकृ तळेखयाभ्। सवॊशरूढाअद्शबुजा कु ष्भाण्डामळस्लनीभ्॥ बास्लय बानु सनबाॊअनाशत त्स्थताॊर्तुथा दुगाा त्रिनेिाभ्। कभण्डरु र्ाऩ, फाण, ऩदभवुधाकरळर्क्र गदा जऩलटीधयाभ्॥ ऩटाम्फयऩरयधानाॊकभनीमाकृ दुशगस्मानानारॊकायबूत्रऴताभ्। भॊजीय शाय के मूय फकॊ फकणयत्नकु ण्डरभत्ण्डताभ्। प्रपु ल्र लदनाॊनारू सर्कु काॊकाॊत कऩोराॊतुॊग कू र्ाभ्। कोराॊगीस्भेयभुखीॊषीणकफटसनम्ननासबसनतम्फनीभ्॥ स्त्रोत:- दुगासतनासळनी त्लॊफशदारयराफदत्रलनासळनीभ्। जमॊदाधनदाॊकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥ जगन्भाता जगतकिीजगदाधायरूऩणीभ्। र्यार्येद्वयीकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥ िैरोक्मवुॊदयीत्लॊफशदु:ख ळोक सनलारयणाभ्। ऩयभानॊदभमीकू ष्भाण्डेप्रणभाम्मशभ्॥ कलर्:- शवयै भेसळय: ऩातुकू ष्भाण्डेबलनासळनीभ्। शवरकयीॊनेिथ,शवयौद्ळरराटकभ्॥ कौभायी ऩातुवलागािेलायाशीउत्तयेतथा। ऩूले ऩातुलैष्णली इन्राणी दत्षणेभभ। फदत्ग्दधवलािैलकूॊ फीजॊवलादालतु॥ भॊि-ध्मान-कलर्- का त्रलसध-त्रलधान वे ऩूजन कयने लारे व्मत्रक्त का अनाशत र्क्र जाग्रत शो शैं। भाॊ कू ष्भाण्डाका के ऩूजन वे वबी प्रकाय के योग, ळोक औय क्रेळ वे भुत्रक्त सभरती शैं, उवे आमुष्म, मळ, फर औय फुत्रद्ध प्राद्ऱ शोती शैं। ***