2. परिचय
2
यह भाितीय शिक्षा क
े इशतहास में अशितीय स्थान िखता है।
शिशिि पाशलायामेंि क
े चािाि एक्ट को हि बीस साल में नवीनीकिण
अनेक समस्याओं से जूझना पडा
क
ं पनी ने भाित में शिक्षा क
े शलए एक शनशित नीशत तैयाि की।
सि चार्ल्ा वुड बोडा ऑफ क
ं िर ोल क
े अध्यक्ष थे।
3. सशिशत ने िुद्दीं का गहन अध्ययन शकया और ररपदर्ट दी शक भारतीय
शिक्षा क
े शवकास कद नजरअींदाज नहीीं शकया जा सकता है।
शनदेिक िींडल ने सशिशत क
े सुझावदीं पर अनुक
ू ल रूप से शवचार
शकया।
इसशलए 19 जुलाई, 1854 कद जारी की गई घदषणा कद वुड्स शडस्पैच
क
े नाि से जाना गया।
उस सिय क
ीं पनी क
े एक क्लक
ट , प्रशसद्ध शवचारक जॉन स्टुअर्ट शिल ने
शडस्पैच शलखा था।
शडस्पैच द्वारा दी गई शसफाररिदीं क
े आधार पर नई िैशक्षक नीशतयदीं का
शनिाटण शकया गया।
3
परिचय
4. लक्ष्य और उद्ेश्य
4
• इसने भारतीय शिक्षा और अन्य की शजम्मेदारी कद सवोच्च प्राथशिकता दी क
ीं पनी
की शजम्मेदाररयाीं।
5. िुख्य शविेषताएीं
5
• प्रिासन क
े शलए अलग शवभाग का गठन
• शिक्षा शवश्वशवद्यालयों की स्थापना
• शिक्षा का माध्यम- अंग्रेजी औि वनााक्यूलि
• जन शिक्षा का शवस्ताि
• शिक्षक प्रशिक्षण पि जोि दें
• स्त्री शिक्षा
• सहायता प्रणाली में अनुदान
• नवीन मध्य शवद्यालयों की स्थापना की
• छात्र छात्रवृशि, वजीफा औि योग्यता का इनाम
• सिकािी शनिीक्षकों की समय-समय पि रिपोिा मांगी
6. शसफारििों
Dr. Sushma N Jogan
6
शिक्षा शवभाग:
पांच प्रमुख में लोक शिक्षण शवभाग की स्थापना
प्रांत: बंगाल, बंबई, मद्रास, पंजाब औि उिि पशिमी प्रांत।
मुखखया को शनदेिक कहा जाएगा।
उन्हें कई शनिीक्षकों िािा सहायता प्रदान की जानी थी।
डीपीआई को िैशक्षक प्रगशत क
े बािे में सिकाि को वाशषाक
रिपोिा प्रस्तुत किनी थी।
7. शसफारििों
जन शिक्षा का शवस्तार:
आम जनता शिक्षा क
े अवसिों से वंशचत थी।
इसशलए, प्राथशमक, मध्य औि उच्च शवद्यालयों की स्थापना में वृखि पि
अशिक बल शदया जाता है।
डाउनवडा शफल्ट्रेिन थ्योिी को खारिज कि शदया गया था।
प्राथशमक शिक्षा को शिक्षा व्यवस्था का मूल आिाि माना जाता था।
7
8. शवश्वशवद्यालयों की स्थापना:
3 प्रेसीडेंसी िाउन में
शवश्वशवद्यालयों को लंदन शवश्वशवद्यालय की तजा पि बनाया जाना
था
शवश्वशवद्यालय में चांसलि औि एक वाइस चांसलि होना चाशहए
यह उिीणा होने क
े बाद सफल उम्मीदवािों को शडग्री प्रदान
किेगा
पिीक्षा।
न क
े वल अंग्रेजी बखि अिबी, संस्क
ृ त औि फािसी क
े साथ-साथ
कानून औि शसशवल इंजीशनयरिंग क
े शवभागों को व्यवखस्थत किें।
शसफारििों
Dr. Sushma N Jogan
8
9. सहायता प्रणाली में अनुदान:
बडी सींख्या िें भारतीयदीं कद शिशक्षत करना एक कशिन कायट था, इसशलए
सरकार द्वारा अनुदान सहायता प्रणाली कद अपनाया गया था।
शनम्नशलखखत ितों क
े शलए अनुदान शदया गया था:
स्क
ू लदीं कद धिटशनरपेक्ष शिक्षा प्रदान करनी चाशहए।
स्क
ू ल प्रबींधन कद स्क
ू ल कद अच्छे से चलाना चाशहए।
स्क
ू लदीं कद सरकार द्वारा शनधाटररत शकसी भी शनयि का पालन करना चाशहए।
अनुदान क
े शनयिन क
े सींबींध िें।
स्क
ू ल कद छात्दीं से फीस लेनी चाशहए।
स्क
ू ल कद सिय-सिय पर राज्य शनरीक्षण क
े शलए सहित हदना चाशहए।
9
10. भाषा का शिक्षण:
अंग्रेजी क
े शिक्षण को महत्व शदया
स्थानीय भाषा पि भी बल शदया भाषाएँ ।
इसशलए शडस्पैच में स्पष्ट रूप से कहा गया है शक भाितीय भाषाओं क
े
साथ-साथ अंग्रेजी को भी शिक्षा क
े माध्यम क
े रूप में इस्तेमाल शकया
जाना चाशहए।
मशहलाओं की शिक्षा:
सिकाि को मशहलाओं की शिक्षा का समथान किना चाशहए।
मशहला शिक्षा को बढावा देने क
े शलए शनजी उद्यमों को प्रोत्साशहत शकया
गया।
सहायता अनुदान देने वालों में लडशकयों क
े स्क
ू ल को िाशमल शकया
जाना था
शदया जाएगा।
10
11. ग्रेडेड स्क
ू लों क
े नेिवक
ा का परिचय:
• पूिे देि में ग्रेडेड स्क
ू लों क
े शलए अनुिंशसत।
• स्क
ू ली शिक्षा क
े शवशभन्न स्तिों को पूिा किने क
े बाद
व्यखियों को उच्च शिक्षा प्राप्त किने में सक्षम बनाना।
िध्यि
प्राथशिक
उच्च
शवद्यालय
शवश्वशवद्यालयदीं
कालेजदीं
11
12. गुण
1. पशििी साशहत्य कद बढावा शदया
और
2. ज्ञान।
3. सािान्य शिक्षा की उपेक्षा
4. सहायता अनुदान की प्रणाली
उशचत अथों िें सींचाशलत नहीीं थी।
5. क
े प्रशत आींशिक रवैया
6. ईसाई शििनरी।
7. क
े वल शलशपकदीं और लेखाकारदीं
का एक वगट तैयार करने िें सफल
हुए।
8. लींदन शवश्वशवद्यालय पर क
े वल
तीन शवश्वशवद्यालयदीं का िॉडल
तैयार शकया गया था।
9. इस प्रकार, उच्च शिक्षा का
भारतीय पररखथथशतयदीं से कदई
सींबींध नहीीं था।
12 दोष
कहकर एक नए युग की िुरुआत
की
शिक्षा क
े उद्ेश्य स्पष्ट रूप से।
अलग से लदक शिक्षण शवभाग
बनाने की शसफाररि की।
कई शवद्यालय लाभाखित हुए
सहायता प्रणाली िें अनुदान।
शवश्वशवद्यालयदीं की थथापना क
े
साथ उच्च शिक्षा कद प्रदत्साशहत
शकया।
गरीबदीं क
े शलए छात्वृशि और
यदग्य छात्।
गुणविा िें सुधार क
े शलए शिक्षक
प्रशिक्षण पर ध्यान क
ें शित शकया।
भाषा शिक्षण कद भी प्रदत्साशहत
शकया।
पशििी साशहत्य कद बढावा शदया और
ज्ञान।
सािान्य शिक्षा की उपेक्षा
सहायता अनुदान की प्रणाली उशचत
अथों िें सींचाशलत नहीीं थी।
क
े प्रशत आींशिक रवैया
ईसाई शििनरी।
क
े वल शलशपकदीं और लेखाकारदीं का एक
वगट तैयार करने िें सफल हुए।
लींदन शवश्वशवद्यालय पर क
े वल तीन
शवश्वशवद्यालयदीं का िॉडल तैयार शकया
गया था।
इस प्रकार, उच्च शिक्षा का भारतीय
पररखथथशतयदीं से कदई सींबींध नहीीं था।