4. पर्यावरण क
े ककसी भी
तत्व में होने वयलय अवयांछनीर्
पररवतान, किससे िीव िगत
पर प्रकतक
ू ल प्रभयव पड़तय है,
प्रदू षण कहलयतय है
14. जल प्रदू षण
•इससे मनुष्य, पशु तथय पकिर्ोां क
े स्वयस्थ्य को खतरय उत्पन्न होतय है। इससे टयईफयइड,
पीकलर्य, हैिय, गैस्ट्रि क आकद बीमयररर्यां पैदय होती हैं।
•इससे कवकभन्न िीव तथय वयनस्पकतक प्रियकतर्ोां को नुकसयन पहुँचतय है।
•इससे पीने क
े पयनी की कमी बढ़ती है, क्ोांकक नकदर्ोां, नहरोां र्हयुँ तक कक िमीन क
े भीतर
कय पयनी भी प्रदू कषत हो ियतय है।
भूमि प्रदू षण
•क
ृ कष र्ोग्य भूकम की कमी
•भोज्य पदयथों क
े स्रोतोां को दू कषत करने क
े कयरण स्वयस्थ्य क
े कलए हयकनकयरक
•भूस्खलन से होने वयली हयकनर्युँ
िल तथय वयर्ु प्रदू षण में वृस्ट्ि
वायु प्रदू षण
•हवय में अवयांकछत गैसोां की उपस्ट्थथकत से मनुष्य, पशुओां तथय पांकिर्ोां को गांभीर समस्ययओां कय
सयमनय करनय पड़तय है।
•इससे दमय, सदी-खयुँसी, अुँधयपन, श्रवण शस्ट्ि कय कमिोर होनय, त्वचय रोग िैसी बीमयररर्युँ पैदय
होती हैं। लां
•बे समर् क
े बयद इससे िनकनक कवक
ृ कतर्युँ उत्पन्न हो ियती हैं और अपनी चरमसीमय पर र्ह
घयतक भी हो सकती है।
वयर्ु प्रदू षण से सकदार्ोां में कोहरय छयर्य रहतय है, किसकय कयरण धूएुँ तथय कमट्टी क
े कणोां कय कोहरे
में कमलय होनय है।
15. मिष्कषष
प्रदू षण आि की दुकनर्य की एक गांभीर समस्यय है । प्रक
ृ कत और
पर्यावरण क
े प्रेकमर्ोां क
े कलए र्ह भयरी कचांतय कय कवषर् बन गर्य है ।
इसकी चपेट में मयनव-समुदयर् ही नहीां, समस्त िीव-समुदयर् आ
गर्य है । इसक
े दुष्प्रभयव चयरोां ओर कदखयई दे रहे हैं ।
प्रदू षण कय शयस्ट्िक अथा है-गांदगी । वह गांदगी िो हमयरे
चयरोां ओर फ
ै ल गई है और किसकी कगरफ्त में पृथ्वी क
े सभी कनवयसी
हैं उसे प्रदू षण कहय ियतय है । प्रदू षण को मोटे तौर पर तीन श्रेकणर्ोां
में कवभि ककर्य िय सकतय है-वयर्ु प्रदू षण, िल प्रदू षण और ध्वकन
प्रदू षण । र्े तीनोां ही प्रकयर क
े प्रदू षण मयनव क
े स्वयस्थ्य क
े कलए
हयकनकयरक कसि हो रहे हैं।