2. • आन ह(constipation)-
“आमां शकृ द्व ननचितां क्रमेण भूयो ववबद्धां ववगुण ननेेन
प्रवततम नां न यथ स्वमेनां ववक रम न हमुद हरन्तत ||”
(सु.उ.56/20)
व यु की ववगुणत से आम शय मे अपक्व अतन रस क ननन्रक्रय
सांिय होन
ववगुणणत व यु से अवरुद्ध होकर पुरीष क नहीां ननकेन
उद्ग र एवां अधोव यु क
े रूप में व यु क न ननके प न
अथ तत् अप नव यु द्व र उद्ग र एवां मे प्रवृवि क अवरोध ही
आन ह है |
3. • ननरुन्क्त/ व्युत्पवि-
“आ समतत त ् नहृते ब ध्यते अवरूध्यते व मेस्य
व योश्िम गों यन्स्मन ् रोगे स आन ह: |”
( मधुकोश )
मे एवां व यु क व त की ववगुणत से स्वम गों से न
ननके प न |
4. • ननद न
1. 13 प्रक र क
े वेगों क ध रण करन
2. कटु- नतक्त- कष य रस प्रध न द्रव्यों क सेवन
3. रुक्ष तन सेवन
4. श रीररक श्रम नहीां करन , ननरांतर बैठे रहन
5. • सांप्र न्तत –
ननद न सेवन
व त प्रकोप
पक्व शय में पुरीष तथ ऊध्वतव यु व अधोव यु क व त
द्व र अवरोध
पुरीष, उद्ग र व अधोव यु की अप्रवृवि
आन ह
6. • सांप्र न्तत घटक –
दोष - व त( अप न व त )
दूरय - अपक्व अतन, रस, पुरीष
स्रोतस् – अतनवह, पुरीषवह
अचधरठ न – आम शय, पक्व शय
स्रोतोंदुन्रट – ववम गतमन, सांग
अन्नन – मांद
स्वभ व – आशुकरी
स ध्यस ध्यत – स ध्य
12. • सांशमन चिककत्स –
रस, भस्म, वपरटी इर्च् भेदी रस
शांख भस्म
न र ि रस
125-250 mg
कोरण जे/ मधु
वटी ेशुन टद वटी
टहांगव दी वटी
आरोनयवचधतनी वटी
गांधक वटी
अक
त वटी
250-500 mg
कोरण जे से
िूणत पांिसक र
हररतक्य दी
त्ररफे
सुखववरेिन
3-6 gm
उरण जे
घृत/ तैे एरांड तैे 15-20ml
दूध/ उरण जे