SlideShare uma empresa Scribd logo
1 de 31
Baixar para ler offline
1 पोवारी साहित्य सररता
पोवारी साहित्य अना साांस्क
ृ हतक उत्कर्ष द्वारा आयोहित
पोवारी साहित्य सररता भाग ६२
आयोिक
डॉ. िरगोहवांद टेंभरे
मागषदर्षक
श्री. व्ही. बी.देर्मुख
2 पोवारी साहित्य सररता
1.
छत्तीस क
ु ल पोवारी की उत्पहत्त
---------------🌹💢🌹--------------
छत्तीस क
ु ल को होतो सैनिक- संघ
रिश्तेदािी मा येव बंध गयेव l
समाि भाषा- संस्क
ृ नत को कािण
जानत-समुदाय मा बदल गयेव ll
गौतम,नबसेि,पटले,िाहांगडाले
ठाक
ू ि,शिणागत,बोपचे,टेंभिे
तुिकि, रििाईत, येडे,हरिणखेडे
इिको एक इनतहास बि गयेव ll
छत्तीस क
ु ल को होतो...
भगत,चौधिी, चौहाि,कटिे l
हिवत, परिहाि ,पुंड,अंबुले l
िाणे, क्षीिसागि,पािधी, ,बघेले l
इिको एक इनतहास बि गयेव ll
छत्तीस क
ु ल को होतो...
भैिम, कोल्हे, सोिवािे l
जैतवाि, भोयि, सहािे l
छत्तीस क
ु ल की से पोवािी l
इिको एक इनतहास बि गयेव ll
छत्तीस क
ु ल को होतो...
िणमत, िाऊत , िाजहंस l
फिीदाले, डाला ,िणनदवा l
ये सय क
ु ल आता िाहात हयात l
इिको एक इनतहास बि गयेव ll
छत्तीस क
ु ल को होतो...
3 पोवारी साहित्य सररता
(एक सैनिक- संघ (Troop of warriors) लक पोवाि िामक जानत-
समुदाय की उत्पनत्त भयी)
इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले
प्रकार्न - र्ुभ मुहूतष "कािल हति"
मांग.३०/०८/२०२२.
-----------------🔷🔶🔷-----------------
4 पोवारी साहित्य सररता
2.
|| िब लक से स्वास ||
जब लक से स्वास किले पुिी आस
निकल जाये हंस अधुिी िहे प्यास ||टेक||
मािव ति चोला नमलीसे एक बाि |
जीवि अिमोल सत कमम आधाि |
आिंद को जीवि यहा किले पास ||१||
खिो को आधाि बुिो को होसे अिादि |
पापी िावण जसा नमट गया भुनमपि |
घमंडी अनभमािी को यहा होसे िाश ||२||
बुिा कमम वाला चली गया िक
म द्वाि |
भला कििेवाला जासेती स्वगम द्वाि |
सोच समजकि जीवि किो पास ||३||
नवकाि रुपी िाक्षस ला भगावो दूि |
चांगला गुण धिो होसे सबको उद्धाि |
प्रार्मिा हेमंत की मीटे सब की आस ||४||
*********
पोवारी साहित्य सररता भाग ६२
हदनाांक:३:८:२०२२
िेमांत पी पटले
धामणगाव (आमगाव)
९२७२११६५०१
*******************************
5 पोवारी साहित्य सररता
3.
सोच को असर
या सच बात से नक आमी जसो खुदको बािामा नबचाि
किसेजि तसोच बि जासेजि ।
आमिी सोच को अिुसाि आमिो आचिण, बतामव होि लगसे । जबअ
सोच को असि आमिो आचिण मा चोव्हि लगसे तब दू सिा बी आमला
आमिो बतामव को नहसाबलक च देखिो शुरू किसेत । श्रेष्ठता की सोच
आमला श्रेष्ठ बिाये । कमजोि अिा नपछडी मािनसकता आमला हि
प्रकािलक नपछडाच बिाय देये । आमला सोचिो पडे की आमिोलाइ
का अच्छो से । एक तिफ दुनिया शक्तिशालीला िमि किसे त् दुसिो
तिफ येि संसाि मा कमजोि लोगइिला क
ु चल देयव जासे , या बात
हि दम याद िाखि लायक से ।
आमी सब वीि व महाि पूवमजइिका उत्तिानधकािी आजि। पि आब
यको दशमि बी आमिो सोच , कमम अिा आचिण लक अवश्य होिला
होिा ।
पूवमजइिकी आदशमवानदता आमिोलाइ वा प्रेिणा से, जो आमला
नसखावसे की आमी ज्ञाि अिा कमम लक श्रेष्ठता को उदाहिण प्रस्तुत
कििो मा सक्षम सेजि ।
आमिो मा वा बात अवश्य से जो आमला सबला अलग पहचाि देसे ।
......〽️ahen Patle
**************************
6 पोवारी साहित्य सररता
4.सकार
******
डोिा मा खुलकि उठी
भोि िमणीय सकाि
नवशाल आिंदी
होतो हृदय स्पशी आकाि
शुक्र तािा नबंदी
उगवता सोिेिी बाल
शांत सुगंधी होती
मटकती चाल
दवनबंदू मा लोटत
खेलत होती र्ंडो वािा संग
असी होती मृदुभाषीणी
िव्हतो कित कोणी तंग
नकलनबल कित पाखरु
लगावत होता सूि
माि उची किकि नक्षतीज
देखत होतो दूि
नहिवी चुडी निली साडी
रुणझुण पायमा पैंजण
मिमोहीत मि किकण
धन्य फलेव फ
ु लेव आंगण
र्ेर्राव वासुदेव येळे कर
हसांदीपार हिल्हा भांडारा
*********************
7 पोवारी साहित्य सररता
5.
मोरी पोवारी तल्लख
(अष्टाक्षरी हवधा)
बोहू जुिी मायबोली
मोिी पोवािी अडािी
हि बोल मा बसी से
सिसोतीकीच बािी -१-
माय बाप को रूपमा
बोल उचाििो सुरू
कसो जगमा निभिो
नसकाईस असी गुरू -२-
तपिमा सावोली को
ठं डी तुफाि मा स्याल
बिसाद मा मोिोली
वोको पल्लू को खयाल -३-
नदसं नदगि बोली मा
वोको बोल की झलक
आडीजात बी बोलं से
मोिी पोवािी तल्लख -४-
अक्षिमा पोवािी को
आय बसी से देवता
िंगू जीभपिा वोका
बोल ठे वता ठे वता -५-
डॉ. प्रल्हाद िररणखेडे 'प्रिरी'
डोांगरगाांव/ उलवे, नवी मुांबई
मो. ९८६९९९३९०७
***************************
8 पोवारी साहित्य सररता
6.
सरी
---------------------
मोिो जीदंगी की बहि तू
हिीभिी खुशी की लहि तू
बिस असी धिा पि सिी
जीवि सविि की आस तू...
जीवि सौंदयम की कली तू
खूशी झुमी आयी घि् तू
जीवि नशखि पि िाच की
नकसाि की हिदा आस तू...
ददम को नहसाब की नकताब
जीवि जगि की नमसाल तू
तोिो नसवा िा कोिी दाता िे
जग की जीविदायी आस तू...
मोिो िोविो मोिो हासिो की
सखी एक िाज िाज तू
मोिो नदल मि धडकि की
मधुि िस को आवाज आस तू...
नबि तोिो मी आब् एकटो सेव
सूिो सो जीवि धिा मा मोिो
मोिो जीवि मा संगीत की
हनसि ताल साज आस तू...
----------------------------------------
श्री छगनलाल रिाांगडाले
खापरखेडा
*********************
9 पोवारी साहित्य सररता
7.
पोवारी को दाखला
*******
आता िोकों कोिी ला बीचािो,
काजक से सही िाव आमिो ll
देख लेवो जूिा घि का दाखला,
पोवाि/पँवाि िाव भेटे सबला ll
जाती प्रमाण पत्र बिाओ जब,
दाखला सही काम आयेत तब ll
पी 1 पी 2 देखों, आपिी टी सी,
वायदा की पुस्तक सब घि सेती ll
पोवाि/पँवाि जाती भेटे सबला,
टू रु पोटू पोवािी बोलो सबला ll
सही िाव आये जी काम सबला,
पोवािी बोली मिभाये सबला ll
समाज जि की आय मातृभाषा,
जगाये आशा या पोवािी भाषा ll
िही िहविकी समाज नििाशा,
साबूत ठे वो पोवािी मातृभाषा ll
डॉ िरगोहवांद हचखलु टेंभरे
मु.पो.दासगााँव ता.हि. गोांहदया
मो ९६७३१७८४२४🙏🙏
**************************
10 पोवारी साहित्य सररता
8.
तुम्हि कायका पोवार
*******
जिा किो तो नवचाि, तुक्ति कायका पोवाि।
िा तो नमल: सेती नवचाि, िा आवडसेती काही व्यवहाि।।
तुिी घि घि मा भी िहीं बोलो पोवािी,
तो कसो पता चले आि तुिािी।। जिा किो ...….
तौि बदल्यो तिीका बदल्यो ,छोड देयात चौिी।
साईं बाबा घि मा आन्यत, भुल गयात अम्बे गौिी।जिा किो ....
जाती गवम को तमगा आय,
जाती पि हि कोई इतिाय।
पोवािी शाि ला कसो देयात भुलाय।। जिा किो .…..
नम पोवाि मोिो ठाठ पोवािी,
भुलाय देहों तुिीं,तो काजक कहे संताि तुिािी।।जिा किो....
पोवािी बोलि मा आिा नलखि मा,
काहे शमम कि:सेव रिवाज लक चलि मा। जिा किो...
तुिािो हार् मा से समाज की िाडी,
िाेे को नबगडि देअव तुिी तासीि पोवािी।।जिा किो....
जब तक चल िही से, आचाि नवचाि मा पोवािी।
सब लक ऊपि से प्रर्ा पोवािी।। जिा किो...
यर्वन्त कटरे
िबलपुर ०७/०९/२०२२
*********************
11 पोवारी साहित्य सररता
9.
मायबोली ला बचावनो को पररक्षेप्य मा
*********
आपिी जन्मजात मायबोली ला बचाविो अत्यंत आवश्यक से;काहे नक
मायबोली आपिी आधािभूत आधािस्तम्भ आधािनशला आय!माय
आपिी मायबोली बोलकि च आमला सबला दुनिया देखायकि बोलिो
नसखाईसेस।मंग येि बाहृय जगत मा आमला नशक्षा को प्रभाव लक
अिेकों बोली भाषा बोलिो को अवसि भेटेव।मायबोली को समाि
मधूिता कोन्ही भाषा मा िाहाय;आपिी मायबोली मा समस्त व्याकिण
को सहज सिल समावेश से;मायबोली लक नहंदी भाषा बोलिला नसख्या
सेजि;मायबोली को बाद मा सब बोली को सम्पक
म मा आयकि नवकास
भयी से यािे मायबोली जड आय बाकी तिा शाखाएं ;पािा फल फ
ू ल!
अर्ामत मायबोली च आय जड मूल।
प्रस्ताविा:--- सप्रसंग सन्दभम:----अत: नववेचिा असी से नक सब
कनव;सब लेखक गण मायबोली ला बचाविो अन्तममि लक या आय
आपिी मायबोली की अक्तिता की झलक।
अतः धन्य सेती सब समूह संगठि संस्र्ा संस्र्ाि सनमती का पदानधकािी
अिा सनक्रय सदस्य गण जे सब बहुमूल्य समय देयकि पल्लनवत पुक्तित
कि ियासेती।
मायबोली को सािांश:---जगत जििी माय गढ़काली भवािी की सुवाच्य
बाचा ला बचाविो सबको कमम अिा धमम से;येव पिम कतमव्य से अनभप्राय
व्यि से:-----
संक्षेपण साि मा अवलोकि गणिा िनचत से:----
रचनाकार -रामचरण िरचांद पटले मिाकाली नगर नागपुर
मोबाइल नां.९८२३९३४६५६/८२०८४८८०२८
मु.पोष्ट:-कटेरा ; तिसील -कटांगी हिला बालाघाट (म.प्र.)
*********************************************
12 पोवारी साहित्य सररता
10.
पोवार सांघ का छत्तीस क
ु ल
--------------💙♥️💚---------------
छत्तीस क
ु ल की पोवािी,येवच आमिो समुदाय l
रिश्तों -िातो जोडि साती, ठे ओ सबजि याद ll
गौतम, नबसेि, पटले, िाहांगडाले l
ठाक
ू ि, शिणागत,बोपचे, टेंभिे l
तुिकि, रििाईत, येडे, हरिणखेडे l
छत्तीस क
ु ल की से पोवािी l
तीस क
ु ल की या नगिती , ठे ओ सबजि याद ll
रिश्तों िातों जोडि साती...
भगत,चौधिी, चौहाि,कटिे l
हिवत, परिहाि ,पुंड,अंबुले l
िाणे, क्षीिसागि,पािधी, ,बघेले l
छत्तीस क
ु ल की से पोवािी l
तीस क
ु ल की या नगिती , ठे ओ सबजि याद ll
रिश्तों िातों जोडि साती...
भैिम, कोल्हे, सोिवािे l
जैतवाि, भोयि, सहािे l
छत्तीस क
ु ल की से पोवािी l
तीस क
ु ल की या नगिती, ठे ओ सबजि याद ll
रिश्तों िातों जोडि साती...
िणमत, िाऊत , िाजहंस l
फिीदाले, डाला ,िणनदवा l
ये सय क
ु ल आता िाहात हयात l
छत्तीस क
ु ल की से पोवािी l
तीस क
ु ल की या नगिती ,ठे ओ सबजि याद ll
13 पोवारी साहित्य सररता
रिश्तों िातों जोडि साती...
इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले
प्रकार्न - र्ुभ मुहूतष "पोला"
र्हन.२७/०८/२०२२.
-----------------🔷🔶🔷---------------
14 पोवारी साहित्य सररता
11.
एक अनुत्तररत ऐहतिाहसक प्रश्न अना वोको हवश्वसनीय उत्तर
----------------------💢--------------------
१.एक ऐनतहानसक प्रश्न
-----------------------------------
पोवाि जानत को संबध
अनिवंश सीि सब जोड गया l
लेनकि पोवाि जानत की उत्पनत्त
कसी भयी? कोिीच िहीं सांग गया ll
२. बाबूलाल भाट की पोर्ी अिा उिकी उपेक्षा
------------------------------------------------
बाबुलाल भाट आपली पोनर्यों मा
पोवािों की वंशावली नलख गयेव l
पोवािों ला छत्तीस क
ु ल को
एक सैनिक संघ कह गयेव ll
पोवािों की उत्पनत्त को नवषय
इनतहास मा अिुत्तरित िय गयेव l
बाबूलाल भाट को कर्ि
अंग्रेजों को सम्मुख उपेनक्षत भय गयेव ll
समाज को बुक्तद्धजीनवयों को ध्याि
पोनर्यों कि आकनषमत भय गयेव l
शिै: शिै: उत्पनत्त को इनतहास
संशोधि को नवषय बि गयेव ll
३.पोवािों की उत्पनत्त पि संशोधि
-------------------------------------------
जानत उत्पनत्त की प्रनक्रया को
सूक्ष्म अध्ययि किेव गयेव l
15 पोवारी साहित्य सररता
बाबूलाल भाट को कर्ि ला
नवश्वसिीय पायेव गयेव ll
पोवािों की उत्पनत्त को
इनतहास आता परिभानषत भय गयेव l
पोवािों को लुप्त इनतहास
कनवता को सुंदि छं द मा बंध गयेव ll
४. सुंदि छं द मा अध्ययि निष्कषम
------------------------------------------
छत्तीस क
ु ल को होतो सैनिक-संघ
रिश्तेदािी मा बंध गयेव l
समाि भाषा -संस्क
ृ नत को कािण
जानत समुदाय मा बदल गयेव ll
पोवाि जानत की उत्पनत्त को
इनतहास आता प्रकाशमाि भय गयेव l
छत्तीस क
ु ल को सैनिक संघ लक
छत्तीस क
ु ल की पोवािी को उदय भयेव ll
इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले
ऋहर्पांचमी, गुरु.01/09/2022.
-------------------💢--------------------------
16 पोवारी साहित्य सररता
12.
समाि की ढाल बनो, तारणिार बनो
----------------------💢---------------------
समाज की ढाल बिो, तािणहाि बिो l
पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll
कािों मा गूंज िहीं से पूवमजों की ध्वनि l
पहचाि को िक्षण की आयी से घडी l
तुिीं स्वयं आता ध्विी की प्रनतध्वनि बिो l
पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll
चिाचि मा व्याप्त से पूवमजों की वाणी l
कािों मा पड िहीं सेती स्वि लहिी l
पूवमजों की इच्छा पि तुिीं अमंल किो l
पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll
छोडो आता स्वार्म िा गलतफहमी l
बि जाओ जिनहत मा पुण्य का भागी l
निभमयता लक समाज का प्रहिी बिो l
पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll
इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले
श्री गणेर् चतुर्थी,बुध.३१/०८/२०२२.
------------------💐💐-----------------
17 पोवारी साहित्य सररता
13.
उगन न देव पिचान पर दाबदुबारी
-------------------💐💐-----------------
नमट गयी अिेक सभ्यता
उग गयी दाबदुबािी l
बचाय लेव छत्तीस क
ु ल की पोवािी l
उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll
मायबोली को कि लो जति,
बच जाये पोवािी l
संस्क
ृ नत को कि लो जति,
बच जाये पोवािी l
उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll
नववेकशील कि लो नचंति ,
बच जाये पोवािी l
पहचाि को कि लो जति l
बच जाये पोवािी l
उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll
समाज नहत की बात सोचो,
बच जाये पोवािी l
छत्तीस क
ु ल को नहत सोचो,
बच जाये पोवािी l
उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll
इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले
रहव.२८/०८/२०२२.
--------------------🌹🌹-------------------
18 पोवारी साहित्य सररता
14.
हवर्य:- बाप्पा को रुप
हर्र्षक:- र्ून्य
बाप्पा सुंदि मिोहि
वोका रुप अिंत
पिे भिी भाव मा
मि जागृती को संत
नवघ्नहताम, सुखकताम
मि वांच्छीत फल दाता
मिुष्य कमम फल को
नियती निभावसे िाता
दुःख बाद सुख
या सुख बाद दुःख
अंनतम सत्य मा समायी
भवभूत पांढिी िाख
हषम आिंद तृषा या दुःख
िहात काहीच शाश्वत
बाप्पा को समत्व भाव
किे जीव शाश्वत
किो मि भाव भिी
नवश्वास मा से शिी
शून्य लका उत्पत्ती
सबकी शून्य मा मुिी
िाजा िहे या िंक
दोन्ही का भाग्य एक
19 पोवारी साहित्य सररता
निकल्या समाया शून्य मा
बस कमम किो िेक
र्ेर्राव येळे कर
हसांदीपार हिल्हा भांडारा
हद. ०४/०९/२२
***************************
20 पोवारी साहित्य सररता
15.
उपवास
(वणष सांख्या ११)
*******
प्रभू नमलि को एकच ध्यास
मािव किले िे उपवास
त्याग किले िे एक नदवस
तोड तू तहाि भूक को भास
िोजमिाम नदवसमा एकदा
भिी लका अनपमत कि श्र्वास
मिमंनदिमा एक नदवस
प्रभू नमलि को ठे य ले ध्यास
पुिी होये सब मिोकामिा
खुद्द प्रभू नमटाये तोिी प्यास
उपवास मा से बहु ताकद
तोिो मा से प्रभू को सहवास
र्ेर्राव येळे कर
हद ०४/०९/२२
*****************
21 पोवारी साहित्य सररता
16.
गौराई
******
जेष्ठा कनिष्ठा माता गौिाई
माहेिला आयी सोिपावली
सुख संपदा धि धान्य
धिकि आयी गडद सावली
गंगा-पाबमती रुप
क
े ि पाि मा पंचपकवाि
जग कल्यािी माता
मिलका किसू माि पाि
सडा सािवि िंगीत िंगोली
तोिो रुपमा सजेव आंगण
खूटपि ढोि ढोली मा धाि
भिकि ठे व घिमा धि
िव वात को नदवा लगायोव
िव िंग मा भिे संसाि
जबविी जगू येण घिमा
मोिं हातभि बंगडी भिे कसाि
महालक्ष्मी करु आव्हाि
सुख संपदा की कि बौच्छाि
मोिो पूिो जीवि को
टाक
े व माता तोिो पि भाि
र्ेर्राव वासुदेव येळे कर
हद.०४/०९/२२
***********************
22 पोवारी साहित्य सररता
17.
सोला श्रृांगार मा उभी से पोवारी
----------------🔆✴️🔆-------------
पोवािी से जि-जि ला प्यािी l
पोवािी या से पोवािों की बोली l
वाणी पि सुशोनभत होसे पोवािी l
आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll
पोवािों की संस्क
ृ नत पोवािी l
पोवािों का संस्काि पोवािी l
पोवािों की जीविशैली से पोवािी l
आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll
पोवािी बोलि की ऋतु आयी l
पोवािी नलखि की ऋतु आयी l
बाचि की ऋतु आयी से पोवािी l
आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll
पोवािी ला नहिावि का नदि गया l
पोवािी ला शमामि का नदि गया l
िवो जोश लक उभी से पोवािी l
आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll
ओ सी पटले
पोवारी भार्ाहवश्व नवी क्ाांहत अहभयान, भारतवर्ष.
हर्क्षक हदन,05 /09/2022.
------------------🔷🔶🔷----------------
23 पोवारी साहित्य सररता
18.
बरखा
----------------------------------------
जब् आव मोला याद सखी तोिी
रुप की पिी डोिा मा बसी यािी
उवमशी की िखिेवाली प्यािी
रुतु की सिी पडी से नदल भािी...
तोिी बाट मा िात गम की कटी
मोिी नकताब िही से सािी कोिी
धिा नहविी किि की होती तयािी
डोिाका आसू डोिामा गयी सािी...
मंनदि मा बजी नदि िात घंटी
डप डप ि आयी बिखा की धािी
तोिी इंतजाि की घडी सािी
पड गयी गिोमा फांदी मािी...
मोला खबि से वा कठीण गल्ली
हवा तुफाि नबजली की वा सिी
प्रयल की समय मा भागी सी
जीवि उजाड आंसू होती तोिी...
सिल िस्ता सपि को नदसेव
प्रेम वषाम लक
् मि झूलेिी
हि मािुस ला याद आव सखी
बिस जीवि मा दे खुशी भािी...
----------------------------------------
श्री छगनलाल रिाांगडाले
खापरखेडा
----------------------------------------
24 पोवारी साहित्य सररता
19.
हचांतन
*******
नीहतर्तकम मा योगी श्री भृतिररनार्थ पांवार कसेत ,
र्क्यो वारहयतुां िलेन हुतभुक्छत्रेण सूयाषतपो नागेन्द्रो
हनहर्ताङ् क
ु र्ेन समदो दण्डेन गोगदषभौ।
व्याहधभेर्िसङ् रिैश्च हवहवधैमषन्त्रप्रयोगैहवषर्ां सवषस्यौर्धमम्हि
र्ास्त्रहवहितां मूखषस्य नास्त्यौर्धम्।।११।।
पािीलक आग बुझाई जाय सकसे, सूयम को ताप छतिी लक िोकता
आवसे , मतवालो हनत्तला सुव्वा लक वश मा किता आवसे , पशुला
दण्ड लक वश मा किता आवसे, औषनध को उपयोग किखि िोग बी
शान्त होय जासे , जहिबी अिेक मन्त्रको उपाय लक शान्त किता
आवसे - येि प्रकाि लक सब उपद्रवइिकी औषनध शास्त्र मा नमल
जासे , पिन्तु मूखमता की काई औषनध िहाय।।११।।
तसोच जेको पति भय गयी से, जो भ्रनमत भय गयी से, असो
दुष्ट भटकयव व्यक्ति ला बी सुधाििो बडो कनठि से ।
यकोलायी सज्जिइिि दुष्ट , पनतत , भ्रनमत अिा मूखम व्यक्ति लक
सदा दूि िव्हिो जरूिी से ।
**********
सृनष्ट को जन्म को पहले, द्वैत को अक्तस्तत्त्व लक िनहत, िाम अिा रूप
लक िनहत, एक मात्र सत्य-स्वरूप, अनद्वतीय 'ब्रह्म' च होतो । वुच ब्रह्म
अज बी नवद्यमाि से । ओि ब्रह्मला 'तत्त्वमनस' कहैव गयी से ।
असो मा कोणीको अलग व नवशेष अक्तस्तत्व को भला का अर्म िह जासे
।
या दुनिया त् एक िंगमंच आय । बस पात्र निभाविो आपलो काम से ।
Mahen Patle
*****************
25 पोवारी साहित्य सररता
20
🌻 कमष उम्मीद को दीवो 🌻
जीवि कमम से जेको साजिो,
भूलि को िही समाज आपिो ll
ठे येती संस्काि आदशम उिको,
कमम से आदशम महाि जेको ll
िा पद की लालसा िाव आशा,
जेला से समाज कायम की आशा ll
दूसिो को कमम पि जो िाज किे,
समाज एक नदि बनहष्काि किे ll
जो समाज की आशा साकाि किे,
समाज एक नदवस सत्काि किे ll
समाज को भेदी की लंका बी जिे,
अगि समय पि सुधाि िही किे ll
देखाये समाज जागा वोला आता,
जेला िहाय समाज नहत आता ll
बहुत भयव सत्ता को ढोंग आता,
काही किो समाज नहतमा आता ll
बची से नजंदगी की डोि आता,
किो सत्कमम तुमी तिी आता ll
डॉ िरगोहवांद हचखलु टेंभरे
मु.पो. दासगााँव ता.हि.गोांहदया
26 पोवारी साहित्य सररता
21.
अनुभूती
*****
मोलाच मोिी "मी" पण की
भयी जब अिुभूती
काया मा बदलाव आयकि
बदल गयी क
ृ ती
मुलाधाि मा जागेव
मोिो अंदि गणपती
पिमात्मा शिी प्रकाश
फलेव अवती भवती
वक्रतुंड की उठी
अष्ठचक्रमा सोंड
षढ़रिपू को दंत तुडेव
एक सदमागम को तोंड
लंबोदि मा जागेव
योगमागम का मोदक
मुषक अष्ठचक्र छे दकि
जगावसे सादक
रिद्धी नसद्धी किसे सेवा
असो अिुभूती को जागि
मि मा सब समायोव
पूिो नवश्र्व को सागि
सुखकताम नवघ्नहताम
"मी" पूिो नवश्व मा समायोव
अहं पिब्रह्म
27 पोवारी साहित्य सररता
िणूिच मी सांगेव
***********************
मि सवम शिीमाि से
मग आत्मा की शिी क
े तिीक िहे
अिा वू पिमात्मा क
े तिो नवशाल िहे
ओि पिमात्मा का स्वरुप आमी सवमजि...
आमिी नक
ं मत क
े तिी िहे.
बडो गहि नवचाि किि को अभ्यास नवषय से.
**********
आमिी गीता, िामायण या आपिा अवतािी पुरुष, युगपुरुष सब आमला
नसकायकि चला गया. कमम किो फल की आशा िोको ठे वो.
मी, ला जािो अहंभाव त्याकि खुदको अहंभाव संभालो.
खुदपि,वंश,समाज देश धमम पि अहंकाि ठे ये पायजे पि अहंकािी िही
बिे पायजे.
आमला युगपुरुष बििो से.युगप्रवतमक बििो से ओकोसाठी खुदला
ओिखिो जरुिी से.
र्ेर्राव वासुदेव येळे कर
हसांदीपार हिल्हा भांडारा
हद. ०८/०९/२२
*****************
28 पोवारी साहित्य सररता
22.
🌻 श्री गणेर् िुहत🌻
श्री गजािंद हे गजवंदि,
कि सेजि आिी तुमिो वंदि ll
नवघ्न नविाशक िाम तुिािो,
संकट हिो पोवािी का हमािो ll
सब जग गाये तुिािी गार्ा,
सब िामावसेती तुमला मार्ा ll
रिक्तद्ध नसक्तद्ध का प्रभु सेव दाता,
भि गण का भाग्यनवधाता ll
शुभ कायम मा पयले िमावो जी,
गणपनत बप्पा की मनहमा गावो ll
गणपती आयव अज सबको द्वाि,
सब पिेशािी लगाये बेडा पाि ll
मनहमा से इिकी अपिम्पाि,
सब मिावो गणपती को त्यौहाि ll
********
डॉ.िरगोहवांद हचखलु टेंभरे
मु.पो.दासगााँव ता.हि.गोांहदया
मो.९६७३१७८४२४
*****************
29 पोवारी साहित्य सररता
23.
पर तुमना काय लाई सोड्यत पोवारी.....
नशक्षा लेयत, बेस से !
आधुनिक भया, साजिो से!
पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी....
खेती सोड्यत, बेस से !
शहि मा बस्यो, साजिो से !!
पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी.....
वेशभूषा बदली, बेस से !
अंग्रेजी नशख्यत, साजिो से !!
पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी....
दस्तूि कम भया, बेस से !
रूनढ़वाद सोड्यत, साजिो से !!
पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी....
एकल परिवाि बिीि, बेस से
कमावि लाई बाहि गयत, साजिो से
पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी....
ऋहर् हबसेन, बालाघाट
********************************
30 पोवारी साहित्य सररता
24.
पोवारी भार्ा साहित्य
***********
आििी पोवािी भाषा सानहत्य रूप मा बी समृद्ध होय िही से। पनहले
यव मािता होय गयी होती की पोवािी बोलेती त लोग हाससेती, गंवाि
समझेती पिा यव हासि को नवषय िही गवम की बात से की आमी पोवाि
जि की आपिी भाषा से।
हमिो समाज की अिधी लक बी अनदक की आबादी यि भाषा बोलसेती
अिा लगभग पूिीच आबादी ला यव आपिी भाषा उमजसे। सबला अिा
सामानजक संगठिा इिला आता येको प्रचाि-प्रसाि मा पुिो मि लक
जुटिो पढ़ें। पोवािी भाषा यक भाषाच िहाय अनपतु आपिो ऐिा आपिो
मा छत्तीस क
ु ि पंवाि समाज का इनतहास औि संस्क
ृ नत ला आपिो मा
समानहत करिसेस। येको महत्त्व समझिों पढ़ें अिा येको माि भी िाखिे
पढ़ें। िही त कहािी मा यव िह जाहे की एक होती पोवािी अिा यव
कोिी जमािा मा हाम्रो समाज की मायबोली मातृभाषा होती, आता
जीनवत िहाय। अज भी हमी जागबीि त यि भाषाला आपिो पंवािी
समाज की कामकाज की भाषा बिायनसक सेजि। जिा जिा सो प्रयास
अिा लेखि लक या संभव से।
ऋहर् हबसेन, बालाघाट
********************************
31 पोवारी साहित्य सररता

Mais conteúdo relacionado

Semelhante a पोवारी साहित्य सरिता

Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom Swar
 
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdf
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdfVIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdf
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdfVibhom Swar
 
Vibhom swar april june 2022
Vibhom swar april june 2022Vibhom swar april june 2022
Vibhom swar april june 2022Vibhom Swar
 
Ashthabakra geeta in hindi kabya
Ashthabakra geeta in hindi kabyaAshthabakra geeta in hindi kabya
Ashthabakra geeta in hindi kabyaBhim Upadhyaya
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVibhom Swar
 
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfKshtriya Powar
 
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022Kshtriya Panwar
 
Vibhom swar oct dec 2020
Vibhom swar oct dec 2020Vibhom swar oct dec 2020
Vibhom swar oct dec 2020Vibhom Swar
 
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdfSHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdfShivna Prakashan
 
Bhagavat gita chapter 2
Bhagavat gita chapter 2Bhagavat gita chapter 2
Bhagavat gita chapter 2Balaji Sharma
 
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdf
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdfVIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdf
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdfVibhom Swar
 
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांराजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांGovernment of India
 
Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna Prakashan
 

Semelhante a पोवारी साहित्य सरिता (20)

Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022Vibhom swar january march 2022
Vibhom swar january march 2022
 
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdf
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdfVIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdf
VIBHOM SWAR APRIL JUNE 2023.pdf
 
Vibhom swar april june 2022
Vibhom swar april june 2022Vibhom swar april june 2022
Vibhom swar april june 2022
 
Ashthabakra geeta in hindi kabya
Ashthabakra geeta in hindi kabyaAshthabakra geeta in hindi kabya
Ashthabakra geeta in hindi kabya
 
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdfVIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
VIBHOM SWAR JULY SEPTEMBER 2022 WEB.pdf
 
SadhanaMeinSafalata
SadhanaMeinSafalataSadhanaMeinSafalata
SadhanaMeinSafalata
 
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक नोव्हेंबर 2022.pdf
 
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022
झुंझुरका बाल इ मासिक september 2022
 
Vibhom swar oct dec 2020
Vibhom swar oct dec 2020Vibhom swar oct dec 2020
Vibhom swar oct dec 2020
 
Arogyanidhi2
Arogyanidhi2Arogyanidhi2
Arogyanidhi2
 
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdfSHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdf
SHIVNA SAHITYIKI JULY SEPTEMBER 2022.pdf
 
Bhagavat gita chapter 2
Bhagavat gita chapter 2Bhagavat gita chapter 2
Bhagavat gita chapter 2
 
Hindi debates
Hindi debatesHindi debates
Hindi debates
 
Dogri - Testament of Judah.pdf
Dogri - Testament of Judah.pdfDogri - Testament of Judah.pdf
Dogri - Testament of Judah.pdf
 
BalSanskarKendraPathhykram
BalSanskarKendraPathhykramBalSanskarKendraPathhykram
BalSanskarKendraPathhykram
 
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdf
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdfVIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdf
VIBHOM SWAR JANUARY MARCH 2023.pdf
 
BJS e-Bulletin
BJS e-Bulletin BJS e-Bulletin
BJS e-Bulletin
 
Wo 49 din final
Wo 49 din finalWo 49 din final
Wo 49 din final
 
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियांराजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
राजभाषा हिन्दी पर महान व्यक्तियों की सूक्तियां
 
Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022Shivna sahityiki january march 2022
Shivna sahityiki january march 2022
 

Mais de Kshtriya Panwar

झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022Kshtriya Panwar
 
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह Kshtriya Panwar
 
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहगुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहKshtriya Panwar
 
पोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणपोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणKshtriya Panwar
 
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहस्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहKshtriya Panwar
 
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणअठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणKshtriya Panwar
 
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणदुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणKshtriya Panwar
 
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरपोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरKshtriya Panwar
 
माय गढ़काली
माय गढ़कालीमाय गढ़काली
माय गढ़कालीKshtriya Panwar
 
ओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीKshtriya Panwar
 
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfKshtriya Panwar
 
Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Kshtriya Panwar
 
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfझुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfKshtriya Panwar
 
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारमालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारKshtriya Panwar
 
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfपंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfKshtriya Panwar
 
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा Kshtriya Panwar
 
Panwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaPanwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaKshtriya Panwar
 
Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Kshtriya Panwar
 

Mais de Kshtriya Panwar (20)

झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
झुंझुरका पोवारी बाल इ मासिक डिसेंम्बर 2022
 
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
मयरी, पोवारी काव्यसंग्रह
 
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रहगुरुगंगा काव्यसंग्रह
गुरुगंगा काव्यसंग्रह
 
पोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरणपोवार समाज को जागरण
पोवार समाज को जागरण
 
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामहस्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
स्व. जयपाल सिंह पटले पोवारी साहित्य का पितामह
 
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरणअठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
अठारह पुराण को संक्षिप्तीकरण
 
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरणदुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
दुर्गा सप्तशती को संक्षिप्तीकरण
 
Powari Kavitaye
Powari KavitayePowari Kavitaye
Powari Kavitaye
 
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुरपोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
पोवार पंवार समाज के विवाह के दस्तुर
 
माय गढ़काली
माय गढ़कालीमाय गढ़काली
माय गढ़काली
 
ओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज कीओरख राजा भोज की
ओरख राजा भोज की
 
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdfझुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
झुंझुरका बाल इ मासिक जुलै 2022.pdf
 
Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar Siharpath Panwar Teerth Baihar
Siharpath Panwar Teerth Baihar
 
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdfझुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
झुंझुरका पोवारी बाल ई मासिक पत्रिका (1).pdf
 
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवारमालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
मालवा से आये वैनगंगा क्षेत्र में बसे पंवार
 
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdfपंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
पंवार(पोवार) समाज की प्रतिष्ठा और वैभव.pdf
 
Powar
PowarPowar
Powar
 
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
वैनगंगा क्षेत्र में बसे क्षत्रिय पंवार(पोवार) की गौरवगाथा
 
Panwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central IndiaPanwar(Powar) Community in Central India
Panwar(Powar) Community in Central India
 
Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language Powari(Panwari) Language
Powari(Panwari) Language
 

Último

अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रम
अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रमअखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रम
अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रमKshtriya Powar
 
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdf
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdfMains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdf
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdfkjagtap798
 
पारिभाषिक शब्दावली LATEST JOBS NEWS
पारिभाषिक शब्दावली      LATEST JOBS NEWSपारिभाषिक शब्दावली      LATEST JOBS NEWS
पारिभाषिक शब्दावली LATEST JOBS NEWSPRADEEP KUMAR
 
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammar
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammarPRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammar
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammarroydeepika180
 
कठपुतली कविता। का। सारांश।
कठपुतली        कविता।        का।     सारांश।कठपुतली        कविता।        का।     सारांश।
कठपुतली कविता। का। सारांश।sheksaminayasmin9531
 
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language Education
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language EducationCTET Hindi Pedagogy related to Hindi language Education
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language EducationSavitaShinde5
 

Último (6)

अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रम
अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रमअखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रम
अखिल भारतीय क्षत्रिय पोवार महासंघ द्वारा पोवारी दिवस कार्यक्रम
 
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdf
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdfMains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdf
Mains Checklist 34 by Aashish Arora (1).pdf
 
पारिभाषिक शब्दावली LATEST JOBS NEWS
पारिभाषिक शब्दावली      LATEST JOBS NEWSपारिभाषिक शब्दावली      LATEST JOBS NEWS
पारिभाषिक शब्दावली LATEST JOBS NEWS
 
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammar
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammarPRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammar
PRESENTED on upsarg aur pratya Hindi grammar
 
कठपुतली कविता। का। सारांश।
कठपुतली        कविता।        का।     सारांश।कठपुतली        कविता।        का।     सारांश।
कठपुतली कविता। का। सारांश।
 
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language Education
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language EducationCTET Hindi Pedagogy related to Hindi language Education
CTET Hindi Pedagogy related to Hindi language Education
 

पोवारी साहित्य सरिता

  • 1. 1 पोवारी साहित्य सररता पोवारी साहित्य अना साांस्क ृ हतक उत्कर्ष द्वारा आयोहित पोवारी साहित्य सररता भाग ६२ आयोिक डॉ. िरगोहवांद टेंभरे मागषदर्षक श्री. व्ही. बी.देर्मुख
  • 2. 2 पोवारी साहित्य सररता 1. छत्तीस क ु ल पोवारी की उत्पहत्त ---------------🌹💢🌹-------------- छत्तीस क ु ल को होतो सैनिक- संघ रिश्तेदािी मा येव बंध गयेव l समाि भाषा- संस्क ृ नत को कािण जानत-समुदाय मा बदल गयेव ll गौतम,नबसेि,पटले,िाहांगडाले ठाक ू ि,शिणागत,बोपचे,टेंभिे तुिकि, रििाईत, येडे,हरिणखेडे इिको एक इनतहास बि गयेव ll छत्तीस क ु ल को होतो... भगत,चौधिी, चौहाि,कटिे l हिवत, परिहाि ,पुंड,अंबुले l िाणे, क्षीिसागि,पािधी, ,बघेले l इिको एक इनतहास बि गयेव ll छत्तीस क ु ल को होतो... भैिम, कोल्हे, सोिवािे l जैतवाि, भोयि, सहािे l छत्तीस क ु ल की से पोवािी l इिको एक इनतहास बि गयेव ll छत्तीस क ु ल को होतो... िणमत, िाऊत , िाजहंस l फिीदाले, डाला ,िणनदवा l ये सय क ु ल आता िाहात हयात l इिको एक इनतहास बि गयेव ll छत्तीस क ु ल को होतो...
  • 3. 3 पोवारी साहित्य सररता (एक सैनिक- संघ (Troop of warriors) लक पोवाि िामक जानत- समुदाय की उत्पनत्त भयी) इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले प्रकार्न - र्ुभ मुहूतष "कािल हति" मांग.३०/०८/२०२२. -----------------🔷🔶🔷-----------------
  • 4. 4 पोवारी साहित्य सररता 2. || िब लक से स्वास || जब लक से स्वास किले पुिी आस निकल जाये हंस अधुिी िहे प्यास ||टेक|| मािव ति चोला नमलीसे एक बाि | जीवि अिमोल सत कमम आधाि | आिंद को जीवि यहा किले पास ||१|| खिो को आधाि बुिो को होसे अिादि | पापी िावण जसा नमट गया भुनमपि | घमंडी अनभमािी को यहा होसे िाश ||२|| बुिा कमम वाला चली गया िक म द्वाि | भला कििेवाला जासेती स्वगम द्वाि | सोच समजकि जीवि किो पास ||३|| नवकाि रुपी िाक्षस ला भगावो दूि | चांगला गुण धिो होसे सबको उद्धाि | प्रार्मिा हेमंत की मीटे सब की आस ||४|| ********* पोवारी साहित्य सररता भाग ६२ हदनाांक:३:८:२०२२ िेमांत पी पटले धामणगाव (आमगाव) ९२७२११६५०१ *******************************
  • 5. 5 पोवारी साहित्य सररता 3. सोच को असर या सच बात से नक आमी जसो खुदको बािामा नबचाि किसेजि तसोच बि जासेजि । आमिी सोच को अिुसाि आमिो आचिण, बतामव होि लगसे । जबअ सोच को असि आमिो आचिण मा चोव्हि लगसे तब दू सिा बी आमला आमिो बतामव को नहसाबलक च देखिो शुरू किसेत । श्रेष्ठता की सोच आमला श्रेष्ठ बिाये । कमजोि अिा नपछडी मािनसकता आमला हि प्रकािलक नपछडाच बिाय देये । आमला सोचिो पडे की आमिोलाइ का अच्छो से । एक तिफ दुनिया शक्तिशालीला िमि किसे त् दुसिो तिफ येि संसाि मा कमजोि लोगइिला क ु चल देयव जासे , या बात हि दम याद िाखि लायक से । आमी सब वीि व महाि पूवमजइिका उत्तिानधकािी आजि। पि आब यको दशमि बी आमिो सोच , कमम अिा आचिण लक अवश्य होिला होिा । पूवमजइिकी आदशमवानदता आमिोलाइ वा प्रेिणा से, जो आमला नसखावसे की आमी ज्ञाि अिा कमम लक श्रेष्ठता को उदाहिण प्रस्तुत कििो मा सक्षम सेजि । आमिो मा वा बात अवश्य से जो आमला सबला अलग पहचाि देसे । ......〽️ahen Patle **************************
  • 6. 6 पोवारी साहित्य सररता 4.सकार ****** डोिा मा खुलकि उठी भोि िमणीय सकाि नवशाल आिंदी होतो हृदय स्पशी आकाि शुक्र तािा नबंदी उगवता सोिेिी बाल शांत सुगंधी होती मटकती चाल दवनबंदू मा लोटत खेलत होती र्ंडो वािा संग असी होती मृदुभाषीणी िव्हतो कित कोणी तंग नकलनबल कित पाखरु लगावत होता सूि माि उची किकि नक्षतीज देखत होतो दूि नहिवी चुडी निली साडी रुणझुण पायमा पैंजण मिमोहीत मि किकण धन्य फलेव फ ु लेव आंगण र्ेर्राव वासुदेव येळे कर हसांदीपार हिल्हा भांडारा *********************
  • 7. 7 पोवारी साहित्य सररता 5. मोरी पोवारी तल्लख (अष्टाक्षरी हवधा) बोहू जुिी मायबोली मोिी पोवािी अडािी हि बोल मा बसी से सिसोतीकीच बािी -१- माय बाप को रूपमा बोल उचाििो सुरू कसो जगमा निभिो नसकाईस असी गुरू -२- तपिमा सावोली को ठं डी तुफाि मा स्याल बिसाद मा मोिोली वोको पल्लू को खयाल -३- नदसं नदगि बोली मा वोको बोल की झलक आडीजात बी बोलं से मोिी पोवािी तल्लख -४- अक्षिमा पोवािी को आय बसी से देवता िंगू जीभपिा वोका बोल ठे वता ठे वता -५- डॉ. प्रल्हाद िररणखेडे 'प्रिरी' डोांगरगाांव/ उलवे, नवी मुांबई मो. ९८६९९९३९०७ ***************************
  • 8. 8 पोवारी साहित्य सररता 6. सरी --------------------- मोिो जीदंगी की बहि तू हिीभिी खुशी की लहि तू बिस असी धिा पि सिी जीवि सविि की आस तू... जीवि सौंदयम की कली तू खूशी झुमी आयी घि् तू जीवि नशखि पि िाच की नकसाि की हिदा आस तू... ददम को नहसाब की नकताब जीवि जगि की नमसाल तू तोिो नसवा िा कोिी दाता िे जग की जीविदायी आस तू... मोिो िोविो मोिो हासिो की सखी एक िाज िाज तू मोिो नदल मि धडकि की मधुि िस को आवाज आस तू... नबि तोिो मी आब् एकटो सेव सूिो सो जीवि धिा मा मोिो मोिो जीवि मा संगीत की हनसि ताल साज आस तू... ---------------------------------------- श्री छगनलाल रिाांगडाले खापरखेडा *********************
  • 9. 9 पोवारी साहित्य सररता 7. पोवारी को दाखला ******* आता िोकों कोिी ला बीचािो, काजक से सही िाव आमिो ll देख लेवो जूिा घि का दाखला, पोवाि/पँवाि िाव भेटे सबला ll जाती प्रमाण पत्र बिाओ जब, दाखला सही काम आयेत तब ll पी 1 पी 2 देखों, आपिी टी सी, वायदा की पुस्तक सब घि सेती ll पोवाि/पँवाि जाती भेटे सबला, टू रु पोटू पोवािी बोलो सबला ll सही िाव आये जी काम सबला, पोवािी बोली मिभाये सबला ll समाज जि की आय मातृभाषा, जगाये आशा या पोवािी भाषा ll िही िहविकी समाज नििाशा, साबूत ठे वो पोवािी मातृभाषा ll डॉ िरगोहवांद हचखलु टेंभरे मु.पो.दासगााँव ता.हि. गोांहदया मो ९६७३१७८४२४🙏🙏 **************************
  • 10. 10 पोवारी साहित्य सररता 8. तुम्हि कायका पोवार ******* जिा किो तो नवचाि, तुक्ति कायका पोवाि। िा तो नमल: सेती नवचाि, िा आवडसेती काही व्यवहाि।। तुिी घि घि मा भी िहीं बोलो पोवािी, तो कसो पता चले आि तुिािी।। जिा किो ...…. तौि बदल्यो तिीका बदल्यो ,छोड देयात चौिी। साईं बाबा घि मा आन्यत, भुल गयात अम्बे गौिी।जिा किो .... जाती गवम को तमगा आय, जाती पि हि कोई इतिाय। पोवािी शाि ला कसो देयात भुलाय।। जिा किो .….. नम पोवाि मोिो ठाठ पोवािी, भुलाय देहों तुिीं,तो काजक कहे संताि तुिािी।।जिा किो.... पोवािी बोलि मा आिा नलखि मा, काहे शमम कि:सेव रिवाज लक चलि मा। जिा किो... तुिािो हार् मा से समाज की िाडी, िाेे को नबगडि देअव तुिी तासीि पोवािी।।जिा किो.... जब तक चल िही से, आचाि नवचाि मा पोवािी। सब लक ऊपि से प्रर्ा पोवािी।। जिा किो... यर्वन्त कटरे िबलपुर ०७/०९/२०२२ *********************
  • 11. 11 पोवारी साहित्य सररता 9. मायबोली ला बचावनो को पररक्षेप्य मा ********* आपिी जन्मजात मायबोली ला बचाविो अत्यंत आवश्यक से;काहे नक मायबोली आपिी आधािभूत आधािस्तम्भ आधािनशला आय!माय आपिी मायबोली बोलकि च आमला सबला दुनिया देखायकि बोलिो नसखाईसेस।मंग येि बाहृय जगत मा आमला नशक्षा को प्रभाव लक अिेकों बोली भाषा बोलिो को अवसि भेटेव।मायबोली को समाि मधूिता कोन्ही भाषा मा िाहाय;आपिी मायबोली मा समस्त व्याकिण को सहज सिल समावेश से;मायबोली लक नहंदी भाषा बोलिला नसख्या सेजि;मायबोली को बाद मा सब बोली को सम्पक म मा आयकि नवकास भयी से यािे मायबोली जड आय बाकी तिा शाखाएं ;पािा फल फ ू ल! अर्ामत मायबोली च आय जड मूल। प्रस्ताविा:--- सप्रसंग सन्दभम:----अत: नववेचिा असी से नक सब कनव;सब लेखक गण मायबोली ला बचाविो अन्तममि लक या आय आपिी मायबोली की अक्तिता की झलक। अतः धन्य सेती सब समूह संगठि संस्र्ा संस्र्ाि सनमती का पदानधकािी अिा सनक्रय सदस्य गण जे सब बहुमूल्य समय देयकि पल्लनवत पुक्तित कि ियासेती। मायबोली को सािांश:---जगत जििी माय गढ़काली भवािी की सुवाच्य बाचा ला बचाविो सबको कमम अिा धमम से;येव पिम कतमव्य से अनभप्राय व्यि से:----- संक्षेपण साि मा अवलोकि गणिा िनचत से:---- रचनाकार -रामचरण िरचांद पटले मिाकाली नगर नागपुर मोबाइल नां.९८२३९३४६५६/८२०८४८८०२८ मु.पोष्ट:-कटेरा ; तिसील -कटांगी हिला बालाघाट (म.प्र.) *********************************************
  • 12. 12 पोवारी साहित्य सररता 10. पोवार सांघ का छत्तीस क ु ल --------------💙♥️💚--------------- छत्तीस क ु ल की पोवािी,येवच आमिो समुदाय l रिश्तों -िातो जोडि साती, ठे ओ सबजि याद ll गौतम, नबसेि, पटले, िाहांगडाले l ठाक ू ि, शिणागत,बोपचे, टेंभिे l तुिकि, रििाईत, येडे, हरिणखेडे l छत्तीस क ु ल की से पोवािी l तीस क ु ल की या नगिती , ठे ओ सबजि याद ll रिश्तों िातों जोडि साती... भगत,चौधिी, चौहाि,कटिे l हिवत, परिहाि ,पुंड,अंबुले l िाणे, क्षीिसागि,पािधी, ,बघेले l छत्तीस क ु ल की से पोवािी l तीस क ु ल की या नगिती , ठे ओ सबजि याद ll रिश्तों िातों जोडि साती... भैिम, कोल्हे, सोिवािे l जैतवाि, भोयि, सहािे l छत्तीस क ु ल की से पोवािी l तीस क ु ल की या नगिती, ठे ओ सबजि याद ll रिश्तों िातों जोडि साती... िणमत, िाऊत , िाजहंस l फिीदाले, डाला ,िणनदवा l ये सय क ु ल आता िाहात हयात l छत्तीस क ु ल की से पोवािी l तीस क ु ल की या नगिती ,ठे ओ सबजि याद ll
  • 13. 13 पोवारी साहित्य सररता रिश्तों िातों जोडि साती... इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले प्रकार्न - र्ुभ मुहूतष "पोला" र्हन.२७/०८/२०२२. -----------------🔷🔶🔷---------------
  • 14. 14 पोवारी साहित्य सररता 11. एक अनुत्तररत ऐहतिाहसक प्रश्न अना वोको हवश्वसनीय उत्तर ----------------------💢-------------------- १.एक ऐनतहानसक प्रश्न ----------------------------------- पोवाि जानत को संबध अनिवंश सीि सब जोड गया l लेनकि पोवाि जानत की उत्पनत्त कसी भयी? कोिीच िहीं सांग गया ll २. बाबूलाल भाट की पोर्ी अिा उिकी उपेक्षा ------------------------------------------------ बाबुलाल भाट आपली पोनर्यों मा पोवािों की वंशावली नलख गयेव l पोवािों ला छत्तीस क ु ल को एक सैनिक संघ कह गयेव ll पोवािों की उत्पनत्त को नवषय इनतहास मा अिुत्तरित िय गयेव l बाबूलाल भाट को कर्ि अंग्रेजों को सम्मुख उपेनक्षत भय गयेव ll समाज को बुक्तद्धजीनवयों को ध्याि पोनर्यों कि आकनषमत भय गयेव l शिै: शिै: उत्पनत्त को इनतहास संशोधि को नवषय बि गयेव ll ३.पोवािों की उत्पनत्त पि संशोधि ------------------------------------------- जानत उत्पनत्त की प्रनक्रया को सूक्ष्म अध्ययि किेव गयेव l
  • 15. 15 पोवारी साहित्य सररता बाबूलाल भाट को कर्ि ला नवश्वसिीय पायेव गयेव ll पोवािों की उत्पनत्त को इनतहास आता परिभानषत भय गयेव l पोवािों को लुप्त इनतहास कनवता को सुंदि छं द मा बंध गयेव ll ४. सुंदि छं द मा अध्ययि निष्कषम ------------------------------------------ छत्तीस क ु ल को होतो सैनिक-संघ रिश्तेदािी मा बंध गयेव l समाि भाषा -संस्क ृ नत को कािण जानत समुदाय मा बदल गयेव ll पोवाि जानत की उत्पनत्त को इनतहास आता प्रकाशमाि भय गयेव l छत्तीस क ु ल को सैनिक संघ लक छत्तीस क ु ल की पोवािी को उदय भयेव ll इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले ऋहर्पांचमी, गुरु.01/09/2022. -------------------💢--------------------------
  • 16. 16 पोवारी साहित्य सररता 12. समाि की ढाल बनो, तारणिार बनो ----------------------💢--------------------- समाज की ढाल बिो, तािणहाि बिो l पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll कािों मा गूंज िहीं से पूवमजों की ध्वनि l पहचाि को िक्षण की आयी से घडी l तुिीं स्वयं आता ध्विी की प्रनतध्वनि बिो l पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll चिाचि मा व्याप्त से पूवमजों की वाणी l कािों मा पड िहीं सेती स्वि लहिी l पूवमजों की इच्छा पि तुिीं अमंल किो l पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll छोडो आता स्वार्म िा गलतफहमी l बि जाओ जिनहत मा पुण्य का भागी l निभमयता लक समाज का प्रहिी बिो l पूवमजों की पहचाि को संकट दूि किो ll इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले श्री गणेर् चतुर्थी,बुध.३१/०८/२०२२. ------------------💐💐-----------------
  • 17. 17 पोवारी साहित्य सररता 13. उगन न देव पिचान पर दाबदुबारी -------------------💐💐----------------- नमट गयी अिेक सभ्यता उग गयी दाबदुबािी l बचाय लेव छत्तीस क ु ल की पोवािी l उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll मायबोली को कि लो जति, बच जाये पोवािी l संस्क ृ नत को कि लो जति, बच जाये पोवािी l उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll नववेकशील कि लो नचंति , बच जाये पोवािी l पहचाि को कि लो जति l बच जाये पोवािी l उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll समाज नहत की बात सोचो, बच जाये पोवािी l छत्तीस क ु ल को नहत सोचो, बच जाये पोवािी l उगि ि देव पहचाि पि दाबदुबािी ll इहतिासकार प्राचायष ओ सी पटले रहव.२८/०८/२०२२. --------------------🌹🌹-------------------
  • 18. 18 पोवारी साहित्य सररता 14. हवर्य:- बाप्पा को रुप हर्र्षक:- र्ून्य बाप्पा सुंदि मिोहि वोका रुप अिंत पिे भिी भाव मा मि जागृती को संत नवघ्नहताम, सुखकताम मि वांच्छीत फल दाता मिुष्य कमम फल को नियती निभावसे िाता दुःख बाद सुख या सुख बाद दुःख अंनतम सत्य मा समायी भवभूत पांढिी िाख हषम आिंद तृषा या दुःख िहात काहीच शाश्वत बाप्पा को समत्व भाव किे जीव शाश्वत किो मि भाव भिी नवश्वास मा से शिी शून्य लका उत्पत्ती सबकी शून्य मा मुिी िाजा िहे या िंक दोन्ही का भाग्य एक
  • 19. 19 पोवारी साहित्य सररता निकल्या समाया शून्य मा बस कमम किो िेक र्ेर्राव येळे कर हसांदीपार हिल्हा भांडारा हद. ०४/०९/२२ ***************************
  • 20. 20 पोवारी साहित्य सररता 15. उपवास (वणष सांख्या ११) ******* प्रभू नमलि को एकच ध्यास मािव किले िे उपवास त्याग किले िे एक नदवस तोड तू तहाि भूक को भास िोजमिाम नदवसमा एकदा भिी लका अनपमत कि श्र्वास मिमंनदिमा एक नदवस प्रभू नमलि को ठे य ले ध्यास पुिी होये सब मिोकामिा खुद्द प्रभू नमटाये तोिी प्यास उपवास मा से बहु ताकद तोिो मा से प्रभू को सहवास र्ेर्राव येळे कर हद ०४/०९/२२ *****************
  • 21. 21 पोवारी साहित्य सररता 16. गौराई ****** जेष्ठा कनिष्ठा माता गौिाई माहेिला आयी सोिपावली सुख संपदा धि धान्य धिकि आयी गडद सावली गंगा-पाबमती रुप क े ि पाि मा पंचपकवाि जग कल्यािी माता मिलका किसू माि पाि सडा सािवि िंगीत िंगोली तोिो रुपमा सजेव आंगण खूटपि ढोि ढोली मा धाि भिकि ठे व घिमा धि िव वात को नदवा लगायोव िव िंग मा भिे संसाि जबविी जगू येण घिमा मोिं हातभि बंगडी भिे कसाि महालक्ष्मी करु आव्हाि सुख संपदा की कि बौच्छाि मोिो पूिो जीवि को टाक े व माता तोिो पि भाि र्ेर्राव वासुदेव येळे कर हद.०४/०९/२२ ***********************
  • 22. 22 पोवारी साहित्य सररता 17. सोला श्रृांगार मा उभी से पोवारी ----------------🔆✴️🔆------------- पोवािी से जि-जि ला प्यािी l पोवािी या से पोवािों की बोली l वाणी पि सुशोनभत होसे पोवािी l आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll पोवािों की संस्क ृ नत पोवािी l पोवािों का संस्काि पोवािी l पोवािों की जीविशैली से पोवािी l आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll पोवािी बोलि की ऋतु आयी l पोवािी नलखि की ऋतु आयी l बाचि की ऋतु आयी से पोवािी l आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll पोवािी ला नहिावि का नदि गया l पोवािी ला शमामि का नदि गया l िवो जोश लक उभी से पोवािी l आता सोला श्रृंगाि मा उभी से पोवािी ll ओ सी पटले पोवारी भार्ाहवश्व नवी क्ाांहत अहभयान, भारतवर्ष. हर्क्षक हदन,05 /09/2022. ------------------🔷🔶🔷----------------
  • 23. 23 पोवारी साहित्य सररता 18. बरखा ---------------------------------------- जब् आव मोला याद सखी तोिी रुप की पिी डोिा मा बसी यािी उवमशी की िखिेवाली प्यािी रुतु की सिी पडी से नदल भािी... तोिी बाट मा िात गम की कटी मोिी नकताब िही से सािी कोिी धिा नहविी किि की होती तयािी डोिाका आसू डोिामा गयी सािी... मंनदि मा बजी नदि िात घंटी डप डप ि आयी बिखा की धािी तोिी इंतजाि की घडी सािी पड गयी गिोमा फांदी मािी... मोला खबि से वा कठीण गल्ली हवा तुफाि नबजली की वा सिी प्रयल की समय मा भागी सी जीवि उजाड आंसू होती तोिी... सिल िस्ता सपि को नदसेव प्रेम वषाम लक ् मि झूलेिी हि मािुस ला याद आव सखी बिस जीवि मा दे खुशी भािी... ---------------------------------------- श्री छगनलाल रिाांगडाले खापरखेडा ----------------------------------------
  • 24. 24 पोवारी साहित्य सररता 19. हचांतन ******* नीहतर्तकम मा योगी श्री भृतिररनार्थ पांवार कसेत , र्क्यो वारहयतुां िलेन हुतभुक्छत्रेण सूयाषतपो नागेन्द्रो हनहर्ताङ् क ु र्ेन समदो दण्डेन गोगदषभौ। व्याहधभेर्िसङ् रिैश्च हवहवधैमषन्त्रप्रयोगैहवषर्ां सवषस्यौर्धमम्हि र्ास्त्रहवहितां मूखषस्य नास्त्यौर्धम्।।११।। पािीलक आग बुझाई जाय सकसे, सूयम को ताप छतिी लक िोकता आवसे , मतवालो हनत्तला सुव्वा लक वश मा किता आवसे , पशुला दण्ड लक वश मा किता आवसे, औषनध को उपयोग किखि िोग बी शान्त होय जासे , जहिबी अिेक मन्त्रको उपाय लक शान्त किता आवसे - येि प्रकाि लक सब उपद्रवइिकी औषनध शास्त्र मा नमल जासे , पिन्तु मूखमता की काई औषनध िहाय।।११।। तसोच जेको पति भय गयी से, जो भ्रनमत भय गयी से, असो दुष्ट भटकयव व्यक्ति ला बी सुधाििो बडो कनठि से । यकोलायी सज्जिइिि दुष्ट , पनतत , भ्रनमत अिा मूखम व्यक्ति लक सदा दूि िव्हिो जरूिी से । ********** सृनष्ट को जन्म को पहले, द्वैत को अक्तस्तत्त्व लक िनहत, िाम अिा रूप लक िनहत, एक मात्र सत्य-स्वरूप, अनद्वतीय 'ब्रह्म' च होतो । वुच ब्रह्म अज बी नवद्यमाि से । ओि ब्रह्मला 'तत्त्वमनस' कहैव गयी से । असो मा कोणीको अलग व नवशेष अक्तस्तत्व को भला का अर्म िह जासे । या दुनिया त् एक िंगमंच आय । बस पात्र निभाविो आपलो काम से । Mahen Patle *****************
  • 25. 25 पोवारी साहित्य सररता 20 🌻 कमष उम्मीद को दीवो 🌻 जीवि कमम से जेको साजिो, भूलि को िही समाज आपिो ll ठे येती संस्काि आदशम उिको, कमम से आदशम महाि जेको ll िा पद की लालसा िाव आशा, जेला से समाज कायम की आशा ll दूसिो को कमम पि जो िाज किे, समाज एक नदि बनहष्काि किे ll जो समाज की आशा साकाि किे, समाज एक नदवस सत्काि किे ll समाज को भेदी की लंका बी जिे, अगि समय पि सुधाि िही किे ll देखाये समाज जागा वोला आता, जेला िहाय समाज नहत आता ll बहुत भयव सत्ता को ढोंग आता, काही किो समाज नहतमा आता ll बची से नजंदगी की डोि आता, किो सत्कमम तुमी तिी आता ll डॉ िरगोहवांद हचखलु टेंभरे मु.पो. दासगााँव ता.हि.गोांहदया
  • 26. 26 पोवारी साहित्य सररता 21. अनुभूती ***** मोलाच मोिी "मी" पण की भयी जब अिुभूती काया मा बदलाव आयकि बदल गयी क ृ ती मुलाधाि मा जागेव मोिो अंदि गणपती पिमात्मा शिी प्रकाश फलेव अवती भवती वक्रतुंड की उठी अष्ठचक्रमा सोंड षढ़रिपू को दंत तुडेव एक सदमागम को तोंड लंबोदि मा जागेव योगमागम का मोदक मुषक अष्ठचक्र छे दकि जगावसे सादक रिद्धी नसद्धी किसे सेवा असो अिुभूती को जागि मि मा सब समायोव पूिो नवश्र्व को सागि सुखकताम नवघ्नहताम "मी" पूिो नवश्व मा समायोव अहं पिब्रह्म
  • 27. 27 पोवारी साहित्य सररता िणूिच मी सांगेव *********************** मि सवम शिीमाि से मग आत्मा की शिी क े तिीक िहे अिा वू पिमात्मा क े तिो नवशाल िहे ओि पिमात्मा का स्वरुप आमी सवमजि... आमिी नक ं मत क े तिी िहे. बडो गहि नवचाि किि को अभ्यास नवषय से. ********** आमिी गीता, िामायण या आपिा अवतािी पुरुष, युगपुरुष सब आमला नसकायकि चला गया. कमम किो फल की आशा िोको ठे वो. मी, ला जािो अहंभाव त्याकि खुदको अहंभाव संभालो. खुदपि,वंश,समाज देश धमम पि अहंकाि ठे ये पायजे पि अहंकािी िही बिे पायजे. आमला युगपुरुष बििो से.युगप्रवतमक बििो से ओकोसाठी खुदला ओिखिो जरुिी से. र्ेर्राव वासुदेव येळे कर हसांदीपार हिल्हा भांडारा हद. ०८/०९/२२ *****************
  • 28. 28 पोवारी साहित्य सररता 22. 🌻 श्री गणेर् िुहत🌻 श्री गजािंद हे गजवंदि, कि सेजि आिी तुमिो वंदि ll नवघ्न नविाशक िाम तुिािो, संकट हिो पोवािी का हमािो ll सब जग गाये तुिािी गार्ा, सब िामावसेती तुमला मार्ा ll रिक्तद्ध नसक्तद्ध का प्रभु सेव दाता, भि गण का भाग्यनवधाता ll शुभ कायम मा पयले िमावो जी, गणपनत बप्पा की मनहमा गावो ll गणपती आयव अज सबको द्वाि, सब पिेशािी लगाये बेडा पाि ll मनहमा से इिकी अपिम्पाि, सब मिावो गणपती को त्यौहाि ll ******** डॉ.िरगोहवांद हचखलु टेंभरे मु.पो.दासगााँव ता.हि.गोांहदया मो.९६७३१७८४२४ *****************
  • 29. 29 पोवारी साहित्य सररता 23. पर तुमना काय लाई सोड्यत पोवारी..... नशक्षा लेयत, बेस से ! आधुनिक भया, साजिो से! पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी.... खेती सोड्यत, बेस से ! शहि मा बस्यो, साजिो से !! पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी..... वेशभूषा बदली, बेस से ! अंग्रेजी नशख्यत, साजिो से !! पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी.... दस्तूि कम भया, बेस से ! रूनढ़वाद सोड्यत, साजिो से !! पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी.... एकल परिवाि बिीि, बेस से कमावि लाई बाहि गयत, साजिो से पि तुमिा काय लाई सोड्यत पोवािी.... ऋहर् हबसेन, बालाघाट ********************************
  • 30. 30 पोवारी साहित्य सररता 24. पोवारी भार्ा साहित्य *********** आििी पोवािी भाषा सानहत्य रूप मा बी समृद्ध होय िही से। पनहले यव मािता होय गयी होती की पोवािी बोलेती त लोग हाससेती, गंवाि समझेती पिा यव हासि को नवषय िही गवम की बात से की आमी पोवाि जि की आपिी भाषा से। हमिो समाज की अिधी लक बी अनदक की आबादी यि भाषा बोलसेती अिा लगभग पूिीच आबादी ला यव आपिी भाषा उमजसे। सबला अिा सामानजक संगठिा इिला आता येको प्रचाि-प्रसाि मा पुिो मि लक जुटिो पढ़ें। पोवािी भाषा यक भाषाच िहाय अनपतु आपिो ऐिा आपिो मा छत्तीस क ु ि पंवाि समाज का इनतहास औि संस्क ृ नत ला आपिो मा समानहत करिसेस। येको महत्त्व समझिों पढ़ें अिा येको माि भी िाखिे पढ़ें। िही त कहािी मा यव िह जाहे की एक होती पोवािी अिा यव कोिी जमािा मा हाम्रो समाज की मायबोली मातृभाषा होती, आता जीनवत िहाय। अज भी हमी जागबीि त यि भाषाला आपिो पंवािी समाज की कामकाज की भाषा बिायनसक सेजि। जिा जिा सो प्रयास अिा लेखि लक या संभव से। ऋहर् हबसेन, बालाघाट ********************************