अनु-विजय - इश्क़ बाकी है by शिव खरे "रवि" किताब के बारे में... मेरे एक करीबी दोस्त द्वारा सुनाई गई अवनी और विजय की बेमिसाल प्रेम कहानी जिसमें प्रेम के सारे रंग हैं। दो कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स कब बहुत करीब आ गए उन्हें खुद पता नहीं चला। दोनों ने टूटकर एक दूसरे से प्यार किया। एक साधारण भोलेभाले व्यक्तित्व वाली लड़की प्यार में बदलकर एक चंचल लड़की में परिवर्तित हो गई। उसने प्यार के हर पल को खुलकर जिया। एक दूसरे के प्यार में डूबे उन दोनों को अहसास भी नहीं था कि कभी कोई ऐसा पल भी आ सकता है जब उन्हें जुदा होना पड़े। उनके इस अटूट प्यार से रश्क रखने वालों ने किस तरह की चालें चली ? क्या ये इश्क़ मुकम्मल हुआ ? पढ़ें इस बेमिसाल प्रेम कहानी में। यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/anu-vijay-ishka-baki-hai-shiv-khare-ravi-quot/book/10082874 https://shabd.in/
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