वीराना by आशीष जैन किताब के बारे में... घर हर किसी का एक घर होता है। चाहे वो घोंसला हो या किसी शेर की गुफा या किसी इंसान का मकान। हर किसी को अपने घर से लगाव हो ही जाता है कई बार इस हद तक की अपने इसी लगाव के कारन वो आपने घर को नहीं छोड़ पाते। पर अगर मर कर भी अपना घर न छूटे तो वहां छा जाता है एक शापित वीराना.. यदि आप इस पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए लिंक से इस पुस्तक को पढ़ें या नीचे दिए गए दूसरे लिंक से हमारी वेबसाइट पर जाएँ! https://hindi.shabd.in/virana-ashish-jain/book/10086417 https://shabd.in/