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यात्रा वृतांत.pptx

  1. यात्रा वृत्ाांत (यात्राओां की कहानी, आपक े अपनी जुबानी)
  2. 1. प्रस्तावना 2. जाने से पूवव तैयारी 3. गंतव्य स्थान तक पहुँचना 4. वहाुँ का वातावरण 5. दर्वनीय स्थल 6. अन्य मनोरंजन 7. बाजार से खरीददारी 8. उपसंहार। यात्रा वृताांत क े आवश्यक बिन्दु -
  3. प्रस्तावना - मुझे यात्रा करना बहुत अच्छा लगता है। मैंने आज तक कई यात्राएँ की हैं। पपछली छु पिय ां में मैं माथेरान गया था। यह यात्रा मेरे पलए यादगार बन गई है। बाररश क े मौसम में मैंने अपने क ु छ पमत्र ां क े साथ माथेरान जाने का पनश्चय पकया था। हम मुांबई क े छत्रपपत पशवाजी टपमिनस से टरैन में बैठे । ढाई घांटे क े सफर क े बाद हम नेरल पहुँचें।
  4. दर्वनीय स्थल - वहाँ से हम छ टी टरैन पजसे 'पमनी टरेन' कहते है उसमें बैठकर माथेरान की ओर चल पडे। चार ां ओर फ ै ली हररयाली, हरे भरे पेड और गहरी घापटय ां की श भा का आनांद लेते हुए हम माथेरान पहुँचे। वहाँ हम ह टल में ठहरे। माथेरान का वातावरण म हक और स्फ ू पतिदायक था। लाल-लाल मटमैले रास्ते और घने जांगल मन क म ह लेते थे। द पहर क े समय भी वहाँ की हवा में ठां डक थी। माथेरान में देखने लायक कई स्थल हैं। सुबह और शाम क े समय हमने घूम-घूमकर इनमें से अनेक स्थल देखे।
  5. यहाँ क े हर स्थल की अपनी अलग सुांदरता और पवशेषता है। पर क ु छ स्थल त सचमुच अद् भुत हैं। एक (प्रपतध्वपन) प्वाइांट पर हमने कई बार पचल्लाकर अपनी ही प्रपतध्वपनयाँ सुनीां। दू सरे पदन शाम क हमने सनसेट (सूयािस्त) प्वाइांट पर ड ू बते हुए सूयि क े दशिन पकए। पैन रमा (पचत्रावली) प्वाइांट ने त हमारा पदल ही जीत पलया। शारल ट तालाब की श भा पनराली थी। हमने घुडसवारी की और हाथ-ररक्शे पर बैठने का आनांद पलया। हमने अपने क ै मर ां से वहाँ क े कई स्थान ां की तस्वीरें खीची। वहाँ हम र ज घांट ां पैदल चलते थे, पर जरा भी थकान नहीां लगती थी। मनोरांजन और िाजार -
  6. उपसांहार - माथेरान क े छोटे-से िाजार में बदनभर याबत्रयोां का मेला-सा लगा रहता था। जूते- चप्पल, शहद, बचक्की, रांगबिरांगी छब़ियााँ, सुांदर-सुांदर फ ू लोां क े गुलदस्ते आबद चीजें यहााँ खूि बिकती हैं। हमने भी क ु छ कप़िे, छ़िी, बचक्की और शहद खरीदे। माथेरान में चार बदन चार पल की तरह िीत गए और हम घर लौट आए। वहााँ क े मनोहर दृश्य आज भी मेरी आाँखोां क े सामने तैर रहे हैं।
  7. यात्रा वृताांत बवषय पर आधाररत महत्त्वपूर्ण वेिबलांक्स - 1. मेरे मजेदार और सजीव और सच्चे यात्रा वृत्ाांत 2. यात्रा वृताांत - मेरी पहली झारखण्ड यात्रा 3. यात्रा वृताांत - क ुां जापुरी शक्तिपीठ 4. यात्रा वृत्ाांत - मेरी पहली नेपाल यात्रा 5. यात्रा वृत्ाांत - क ु ल्लू से नेहरुक ुां ड-वबशष्ठ वाया मानाली लेफ्ट िैंक 6. यात्रा डायरी - बशमला क े िीह़ि वनोां में एकाकी सफर का रोमाांच 7. यात्रा वृत्ाांत क ै से बलखें 8. बहांदी क े 10 श्रेष्ठ यात्रा सांस्मरर् 9. बहांदी में यात्रा लेखन का महत्व और इसकी परांपरा 10. बहांदी यात्रा साबहत्य एवां यात्रा वृताांत का स्वरूप और बवकास । (Theory of travelling)
  8. अपनी ककसी यादगार सफर का यात्रा वृत्ांत 150 से 200 र्ब्ों में कलखखए। गृहकायव -
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