1. एक परिचय
को प्रस्तुत : विकास सि तथा
संजीि सि
द्िािा पेश ककया गया : विशान्त बासंल
तािीख : 08-11-2016
2.
3. िािी नदी के ककनािे िाय भोई की तलिंडी में 15
अप्रैल,
1469 में कार्तिकी पूर्णिमा एक खत्रीकु ल में ुु
ितिमान ननकाना साहुब, पंजाब, पाककस्तान
वपता का नाम : कल्यानचंद या मेुता कालू
माता का नाम : तृप्ता देिी
बुन का नाम : नानकी
4. बचपन से प्रखि बुद्धि के लक्षण
सांसारिक विषयों से उदासीन
पढ़ने ललखने में मन नुीं लगा
७-८ साल की उम्र में स्कू ल छू ट गया
इनके प्रश्नों के गे अध्यापक ने ुाि मान ली
सािा समय सत्संग में व्यतीत किने लगे
बचपन के समय चमत्कारिक घटनाएं घटी इन्ुें हदव्य
ऴ्यक्ततत्ि मानने लगे
5.
6. सोलु िषि की यु में गुिदासपुि क्जले के लाखौकी स्थान
के िुनेिाले मूला की कन्या सुलतखनी से
३२ िषि की यु में प्रथम पुत्र श्रीचंद का जन्म
चाि िषि पीछे दूसिे पुत्र लखमीदास का जन्म
१५०७ में नानक अपने परििाि का भाि छोड़कि मिदाना,
लुना, बाला औि िामदास को लेकि तीथियात्रा के ललये
र्नकल पडे
े़
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8.
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10. गुरु नानाक देव जी की यात्राएं =
ये चािों हदशाओं घूमकि उपदेश किने लगे १५२१ तक इन्ुोंने तीन
यात्राचक्र पूिे ककए, क्जनमें भाित, अफगार्नस्तान, फािस औि अिब
के मुख्य
मुख्य स्थानों का भ्रमण ककया इन यात्राओं को पंजाबी में
"उदालसयााँ" कुा
जाता ुै
11. भाई गुिदास जी ललखते ुैं :
ििी र्नशानी कौस दी मतके अंदि पूज किाई ||
क्जथे जाए जगत विच बाबे बाझ न खाली जाई ||
12. गुरु ग्रन्थ साहुब में शालमल 974 शबद(19 िागों में), गुिबाणी में
शालमल ुै- जपजी, सोहुला, दखनी ओंकाि, सा दी िाि, बािु माु
13. मृत्यु से पुले अपने लशष्य भाई लुना को उत्तिाधिकािी
घोवषत ककया जो बाद में गुरु अंगद देि के नाम से जाने
गए
जीिन के अंर्तम हदनों कितािपुि नामक नगि बसाया
जो कक अब पाककस्तान में ुै औि एक बड़ी िमिशाला
उसमें बनिाई इसी स्थान पि 22 लसतंबि 1539 ई को इनका
पिलोकिास ुु